ईशà¥à¤µà¤° की बनायीं हà¥à¤ˆ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ में कà¥à¤¯à¤¾ सिरà¥à¤« मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ का ही अधिकार है या अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ à¤à¥€ यहाठअपनी इचà¥à¤›à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° रहने में सकà¥à¤·à¤® है? कà¥à¤¯à¤¾ हम पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सिरà¥à¤« मनà¥à¤·à¥à¤¯ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ Zoo में ही देख सकते है ? या उनका अपना à¤à¥€ कोई संसार है जिसमे वो मà¥à¤•à¥à¤¤ विचरण करते है ? सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ अपने पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक जगत में किस तरह विचरण करते है यह जानने की उतà¥à¤¸à¥à¤•ता ने जंगल की ओर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दी .à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹Â (जिम कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ या गिर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ या बांधवगढ़ ) में घूमना बहà¥à¤¤ अधिक बंधनकारी है à¤à¤µà¤‚ आपको वनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से आमना सामना à¤à¥€ बहà¥à¤¤ कम ही होता है .ये कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° चारो ओर से मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के रहवास से à¤à¥€ घिरे हà¥à¤ है ,अतः पूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जगत देखने से हम वंचित रह जाते है। हटारी, अफà¥à¤°à¥€à¤•न सफारी , बोरà¥à¤¨ फà¥à¤°à¥€,या सेवेज हारà¥à¤µà¥‡à¤¸à¥à¤Ÿ जैसी उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ हॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤®à¥‡ देख कर à¤à¤• उतà¥à¤¸à¥à¤•ता जागी थी कि कà¥à¤¯à¤¾ सच में अफà¥à¤°à¥€à¤•ा में इतने अधिक पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ है की मनà¥à¤·à¥à¤¯ उनके साथ रहने में असहज महसूस करे । सोचा चल कर देखा जाà¤...अब कहा जाया जाठ? सवाना...कालाहारी...सेरेंगेटी या मसाईमारा ?? पता चला सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ केनà¥à¤¯à¤¾ ही है जहा Big 5 ( सिंह,चीता,राइनो,हाथी,à¤à¤µà¤‚ जंगली à¤à¥ˆà¤¸à¤¾ या cape Buffalo) की बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है । केनà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को 90 दिनों के लिठवीसा ऑन अराइवल की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ उपलबà¥à¤§ है मातà¥à¤° $ 50 में । किनà¥à¤¤à¥ इसके लिठà¤à¥€ पहले पीत जà¥à¤µà¤°(yellow fever) व पोलियो का टीकाकरण आवशà¥à¤¯à¤• है जो हर पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में à¤à¤• या दो शहरों में ही उपलबà¥à¤§ है । (म.पà¥à¤°.व छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ के लिठसिरà¥à¤« AIIMS BHOPAL)
पहला दिन (9/4/2019)
सà¤à¥€ औपचारिकताये पूरी कर केनà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤°à¤µà¥‡à¤œ की मà¥à¤‚बई नैरोबी फà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ बà¥à¤• की à¤à¤µà¤‚ तय दिन हम चारो à¤à¤¾à¤ˆ बहन और बहनोई à¤à¤¸à¥‡ पांच लोग सà¥à¤¬à¤¹ आठबजे निकल पड़े । लगà¤à¤— 7 घंटे की हवाई यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¥‚मधà¥à¤¯ रेखा (Equator) पार कर पूरà¥à¤£ हà¥à¤ˆà¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ से ढाई घंटा पीछे है ये देश। यहाठहमारे टà¥à¤°à¥‡à¤µà¤² à¤à¤œà¥‡à¤‚सी की गाडी तैयार थी। यदि बिन बाधा के यातà¥à¤°à¤¾ पूरà¥à¤£ हो तो यातà¥à¤°à¤¾ अधूरी ही कही जाà¤à¤—ी ...तो नैरोबी ( jomo kenyatta intl.airport) पहà¥à¤š कर पता चला हमारा लगेज मà¥à¤‚बई में ही छोड़ दिया विमान कंपनी ने ....कहा गया अगले दिन आà¤à¤—ा..(केनà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤°à¤µà¥‡à¤œ में लगेज की ये समसà¥à¤¯à¤¾ सामानà¥à¤¯ है à¤à¤µà¤‚ ये अकà¥à¤¸à¤° होता है) उस दिन नैरोबी शहर घà¥à¤®à¤¨à¥‡ का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ था...à¤à¤• सामानà¥à¤¯ महानगर (जिसमे नैरोबी नेशनल पारà¥à¤• à¤à¥€ है ) किसी à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नगर जैसा जिसमे अफà¥à¤°à¥€à¤•ी मूल के लोगो का ही निवास है à¤à¤µà¤‚ साथ ही गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ समाज à¤à¥€ बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ में है।वरà¥à¤£à¤¨ जैसा विशेष कà¥à¤› नही सिरà¥à¤« आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• बात ये कि यहाठहोटलों में सीलिंग फैन या à¤à¤¸à¥€ की कोई वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नही होती और ये बात अगले आठदिनों में अलग अलग शहरों के सà¤à¥€ होटलों में दिखाई दी। फिर à¤à¥€ गरà¥à¤®à¥€ कही महसूस नही होती,हवा बेहद ठंडी होती है। दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ गोलारà¥à¤§ का ये हमारा पहला अनà¥à¤à¤µ रहा। रात काफी ठंडी हो गयी थी। अफ़à¥à¤°à¥€à¤•ी डिनर (जिसमे नॉन वेज की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° थी)में वेज खाना व खूब तरह के फल खा के थके हà¥à¤ हम सो गये।
दूसरा दिन (10/4/2019)
सà¥à¤¬à¤¹ नितà¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹ से निवृत हो नाशà¥à¤¤à¤¾ करने पहà¥à¤šà¥‡ जिसमे बà¥à¤°à¥‡à¤¡ के साथ मकà¥à¤–न जैम अंडे और ऑमलेट देख मन पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो गया ...पेट à¤à¤° नाशà¥à¤¤à¤¾ किया (इसके अलावा बीफ पोरà¥à¤• आदि à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ थे) और अब हमारी 4×4लैंड कà¥à¤°à¥à¤œà¤¼à¤° à¤à¥€ आ गयी थी | जिसमे छोटा फà¥à¤°à¤¿à¤œ था और उसमे पानी की बोतले थी।( हमें 2 लीटर पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ पानी मिलना था,यहाठपानी बहà¥à¤¤ महंगा और अनà¥à¤ªà¤²à¤¬à¥à¤§ है $ 2 में à¤à¤• लीटर)।साथ ही इसमें रेडियो टà¥à¤°à¤¾à¤‚समीटर à¤à¥€ लगा था और बाहर खूब ऊà¤à¤šà¤¾ à¤à¤¨à¥à¤Ÿà¥€à¤¨à¤¾ à¤à¥€à¥¤

पहला काम था à¤à¤…रपोरà¥à¤Ÿ से लगेज पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना...अब à¤à¥€ आया होगा की नही.. शंकित मन से पहà¥à¤šà¥‡...तसलà¥à¤²à¥€ मिली जानकर कि रात को आ चूका है...औपचारिकताये पूरà¥à¤£ कर सामान लिया और निकल पड़े डà¥à¤°à¥€à¤® डेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤¶à¤¨ मसाईमारा के लिà¤...बेहद साफ़ सà¥à¤¥à¤°à¥€ सड़के..अतà¥à¤¯à¤‚त वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ टà¥à¤°à¤¾à¤«à¤¿à¤•...बीच बीच में अफ़à¥à¤°à¥€à¤•ी गाà¤à¤µ...वहा के लोग...उनकी रोजमरà¥à¤°à¤¾ की जीवनशैली का जायजा लेते आगे बढ़ते रहे...à¤à¤• जगह लंच लिया जिसमे चावल और मैदे की रोटी(पारंपरिक रोटी या सबà¥à¤œà¥€ की अपेकà¥à¤·à¤¾ ना करे) उबले आलू की सबà¥à¤œà¥€ व फल सेब केला नारंगी उपलबà¥à¤§ थे।लगà¤à¤— 330 किमी की यातà¥à¤°à¤¾ कर 4 बजे मसाईमारा पहà¥à¤šà¥‡à¥¤ औपचारिकता पूरà¥à¤£ कर पारà¥à¤• में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया । ये अंतिम जगह थी जहा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯ नाम का पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ दिखा...आगे टूरिसà¥à¤Ÿ के अलावा कही कोई नही रहता। 1510 वरà¥à¤— किमी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में फैले हà¥à¤ इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में सिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जगत का सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ है। गाडी की छत खोल दी गयी

इस सखà¥à¤¤ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ के साथ कि कोई à¤à¥€ नीचे नही उतरेगा और खà¥à¤²à¥€ छत से ही दृशà¥à¤¯ देखे जाठअनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ किसी हिंसक पशॠका शिकार बन जाने की पूरी समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है। और शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हमेशा की तरह हिरनों के साथ हà¥à¤ˆ..सैकड़ो की संखà¥à¤¯à¤¾ में...फिर जेबà¥à¤°à¤¾...वो à¤à¥€ अनगिनत...ना उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गाडी की परवाह थी न हमारी...वो अपने à¤à¥‹à¤œà¤¨ में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ थे या आपस में खेलने में....दूर दूर तक फैलाव गà¥à¤°à¤¾à¤¸ लैंडà¥à¤¸ का...à¤à¤•à¥à¤•ा दà¥à¤•à¥à¤•ा पेड़...3 से 4 फà¥à¤Ÿ ऊà¤à¤šà¥€ घास जिनमे सिंह à¤à¥€ छà¥à¤ª कर शिकार करते है।
इसके बाद विलà¥à¤¡à¥‡à¤¬à¥€à¤¸à¥à¤Ÿ का à¤à¤• विशाल समूह दिखा ...(ये 15 लाख से अधिक संखà¥à¤¯à¤¾ में मसाईमारा से सेरेंगेटी और वापसी की सैकड़ो किमी की यातà¥à¤°à¤¾ करते है जून जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ में जिसे यहाठका पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ माइगà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ कहते है जिसमे पूरी तरह पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ मारा नदी पार करते समय मगरमचà¥à¤› इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ में शिकार बनाते है। साथ ही सिंहो के लिठà¤à¥€ इनका शिकार आसान होता है) आगे जिराफ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ आकार व रंगों के दिखाई देना शà¥à¤°à¥‚ हो गये...इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक वातावरण में विचरण करते देखना अदà¤à¥à¤¤ था।

दूर कही कही हाथी à¤à¥€ दिखाई दे रहे थे। हम इनके संसार में खो से गये थे तà¤à¥€ हमारे डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° कम गाइड को दूर "कà¥à¤›" दिखाई दिया और उस तरफ गाडी à¤à¤—ाई और रेडियो पर सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ करने लगा..कà¥à¤› मिनिटो में पहà¥à¤š के देखा जंगल के राजा सिंह को...बेहद पास ले जाकर जब गाडी रोकी तब तक हम रोमांचित हो गये थे..दà¥à¤¸à¤°à¥‡ ही घंटे में सिंह दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ की अपेकà¥à¤·à¤¾ नही की थी।

तà¤à¥€ पांच छः गाडिया और आ गयी । वहा से हटने की हमारी इचà¥à¤›à¤¾ नही थी पर सिंह ही हमसे बोर हो गया और घास के अनà¥à¤¦à¤° लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो गया। उसके बाद बिग 5 का तीसरा सदसà¥à¤¯ जंगली à¤à¥ˆà¤¸à¤¾(cape Buffalo) का समूह दिखाई दिया। सिरà¥à¤« 2 ही घंटे में हमें अंदाज़ हो गया था की हमने सफारी à¤à¥à¤°à¤®à¤£ के लिठसही सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ चà¥à¤¨à¤¾ है।
शाम छः बजे हम अपने रहने की जगह Explore mara resort पहà¥à¤šà¥‡ जहा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ आदिवासी नृतà¥à¤¯ के साथ हमारा सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया गया और वेलकम डà¥à¤°à¤¿à¤‚क उपलबà¥à¤§ कराया। जंगल के बीचोबीच अतà¥à¤¯à¤‚त सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° 46 कोटेजेस का यह इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित रिसोरà¥à¤Ÿ है और हमारी कॉटेज में à¤à¥€ फैन नही था।

अफ़à¥à¤°à¥€à¤•ी वेज डिनर के बाद हम अपने कॉटेज में गये इस निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ के साथ की रात में अकेले बाहर नही निकले कà¥à¤¯à¥‹à¤•ि पास बहती नदी में तेंदà¥à¤ à¤à¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¥‡ सियार अकà¥à¤¸à¤° रिसोरà¥à¤Ÿ में आ जाते है...
तीसरा दिन 11/4/2019
खà¥à¤¬à¤¸à¥‚रत ठंडी सà¥à¤¬à¤¹ कॉटेज के बाहर निकले तो देखा दो जिराफ चहलकदमी कर रहे थे...दंग रह गये उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देख कर...नाशà¥à¤¤à¤¾ कर के लौट रहे थे तà¤à¥€ रिसोरà¥à¤Ÿ के मेनेजर ने दिखाया दूर à¤à¤• तेंदà¥à¤† हिरन का पीछा कर रहा था और दोनों à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¥‹ में गायब हो गये...सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¬à¤¹ जब की अà¤à¥€ सफारी शà¥à¤°à¥‚ à¤à¥€ नही हà¥à¤ˆ थी और à¤à¤¸à¥‡ दृशà¥à¤¯ दिखाई दिà¤..अचंà¤à¤¿à¤¤ रोमांचित हम लोग उनके रहवासी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को मेहमान से लगे। लंच पैकेटà¥à¤¸ ले के सफारी के लिठनिकले जिसे यहाठगेम डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ कहते है।
कल 2 घंटे थोड़े से कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में घà¥à¤®à¥‡ पर आज का पूरा दिन सारा जंगल हमारे लिठमà¥à¤•à¥à¤¤ था बिना किसी वन अधिकारीयो की रोक टोक या पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¨à¥à¤§ के। गाडी धीमी गति से चल रही थी और आसपास सैकड़ो हजारो की संखà¥à¤¯à¤¾ में पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जगत विराजमान था। हिरन, जेबà¥à¤°à¤¾, विलà¥à¤¡à¥‡à¤¬à¥€à¤¸à¥à¤Ÿ, केप बफेलो,जिराफ,हाथी,सियार,लकड़बगà¥à¤˜à¥‡, à¤à¥à¤£à¥à¤¡ के à¤à¥à¤£à¥à¤¡...इंसान के अलावा सब कà¥à¤›...मन à¤à¤°à¤¤à¤¾ ही नही था...
तà¤à¥€ रेडियो पे कोई सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ आया और डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° ने जोर से यॠटरà¥à¤¨ लिया और हमारे दिलो की धड़कन बढ़ गयी...कà¥à¤› तो अदà¤à¥à¤¤ अविसà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯ देखने को मिलने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ जागी और लगà¤à¤— 10 मि में ही जहा पहà¥à¤šà¥‡ उस जगह पांच यà¥à¤µà¤¾ चीतो का à¤à¤• समूह दिखाई दिया..वहा इनको फाइव बà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¸ कहते है..

ये सà¤à¥€ दूर à¤à¤• जेबà¥à¤°à¤¾ के à¤à¥à¤£à¥à¤¡ की तरफ शिकार की दृषà¥à¤Ÿà¥€ से नज़र गडाठहà¥à¤ थे और हमारी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से अविचलित थे। तà¤à¥€ à¤à¤• चीता मेरी खिड़की के करीब आया और मौका देख के मैंने उसके साथ à¤à¤• सेलà¥à¤«à¥€ ले ली

अतà¥à¤¯à¤‚त संयम से पांचो चीते धीरे धीरे अपने शिकार की तरफ बढ़ रहे थे à¤à¤µà¤‚ हम शिकार देखने के लिठअधीर हà¥à¤ जा रहे थे...लगà¤à¤— à¤à¤• घंटे तक सब लोग सांस थामे इंतज़ार कर रहे थे और फिर इंतज़ार ख़तà¥à¤® हà¥à¤† ...उनमे से à¤à¤• अपनी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ तेज़ रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° से जेबà¥à¤°à¤¾ की ओर लपका ...लगà¤à¤— 200 मीटर तक हमें दिखाई दिया और फिर घास में छà¥à¤ª गया और हमने देखा की जेबà¥à¤°à¤¾ समूह को उनकी à¤à¤¨à¤• मिल गयी थी तो वो à¤à¥€ पूरी रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° से à¤à¤¾à¤—े...फिर हमारी दृषà¥à¤Ÿà¥€ से सब ओà¤à¤² हो गये...पता नही चला सफल हà¥à¤ या नही ...पर हमें आजीवन à¤à¤• अविसà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯ दृशà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर गये।
सà¤à¥€ गाडीयो के लोग मनà¥à¤¤à¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ से काफी देर वही खड़े रहे फिर आगे बढ़ गये । à¤à¤• बजे लंच के लिठरà¥à¤•ने की जगह तलाशते जा रहे थे तà¤à¥€ à¤à¤•ाà¤à¤• बà¥à¤°à¥‡à¤• लगा ...गाडी से मà¥à¤¶à¥à¤•िल से 10 फीट की दà¥à¤°à¥€ पे दो सिंह पेड़ के नीचे आराम कर रहे थे

कितना देखे कितनी देर देखे..उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कही नही जाना था पर हमें आगे बढ़ना ही था....लंच के लिठसà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ जगह ढूंढ़ रहे थे की à¤à¤• à¤à¤¾à¤¡à¥€ में सरसराहट हà¥à¤ˆ...रà¥à¤• के देखा à¤à¤• तेंदà¥à¤† पेट à¤à¤° के छाà¤à¤µ में आराम फरà¥à¤®à¤¾ रहा था...पास ही ताजे खून के निशान इस बात की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ कर रहे थे।
अंततः नदी के किनारे पहà¥à¤šà¥‡ जहा सिरà¥à¤« हिरन और जेबà¥à¤°à¤¾ आसपास थे ...वही पैकà¥à¤¡ लंच खाया ....आधे घंटे बाद नदी की तरफ तांक à¤à¤¾à¤à¤• करने गये...कà¥à¤› मगरमचà¥à¤› किनारे कà¥à¤› तैरते हà¥à¤...हमारी तरफ किसी की तवजà¥à¤œà¥‹ नही...उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इतनी तरह का सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ उपलबà¥à¤§ है तो इंसान के मांस में उनकी कोई रूचि नही है à¤à¤¸à¤¾ लगा...थोड़ी ही दूर लगà¤à¤— 20/25 दरियाई घोड़े या हिपà¥à¤ªà¥‹à¤ªà¥‹à¤Ÿà¤®à¤¸ नदी के ठनà¥à¤¡à¥‡ पानी में पड़े थे...ये पहली बार था की हम पानी के पास थे और डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° ने (जो की गाइड à¤à¥€ था) बताया की जहा पानी मिलेगा वहा दस बीस हिपà¥à¤ªà¥‹ जरà¥à¤° दिखेंगे और आगे लगà¤à¤— सà¤à¥€ जगह ये बात सच साबित हà¥à¤ˆà¥¤

जंगल में रासà¥à¤¤à¥‡ तो थे नही...गाडियों के टायर से बनी जगह इतनी उबड़ खाबड़ होती थी उस पर तेज़ चलना संà¤à¤µ नही था फिर दिन दिन à¤à¤° खà¥à¤²à¥€ छत से खड़े हà¥à¤ देखना आखिर थका देता है...कà¤à¥€ किसी पेड़ की डाल पे बैठा तेंदà¥à¤† तो कही à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¥‹ में शेरो का परिवार...अचानक कही से जिराफ या जेबà¥à¤°à¤¾ का दौड़ते हà¥à¤ निकल जाना....लग रहा था की कोई नेशनल जियोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¤¿à¤• या à¤à¤¨à¤¿à¤®à¤² पà¥à¤²à¥‡à¤¨à¥‡à¤Ÿ टीवी देख रहे है...विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नही हो रहा था की ये सब नज़रो के सामने घटित हो रहा है। शाम के समय सà¤à¥€ शिकारी बाहर निकलते है और रात में शिकार होता है...फिर दिन à¤à¤° आराम... अब हम रात के आराम के लिठनिकले...अगले दिन नैवाशा शहर जाना था।
चौथा व पांचवा दिन
इन दो दिनों में हमें नाकà¥à¤°à¥‚ और नैवाशा नाम के दो विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ शहरों में रहना था जहा 2 पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¥€à¤² है जो पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की लगà¤à¤— 300 विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करती है। मसाईमारा से लगà¤à¤— 290 किमी दूर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ नैवाशा à¤à¥€à¤² मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और हिपà¥à¤ªà¥‹ के निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठमशहूर है। यहाठलगà¤à¤— 2 घंटे की बोट राइड है जिसमें विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•ार के पकà¥à¤·à¥€ जगत का अवलोकन किया जाता है। नाकà¥à¤°à¥‚ का मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ à¤à¥€ यहाठकी à¤à¥€à¤² है जिसमे पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· 5 लाख तक फà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¿à¤‚गो का माइगà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ होता है और सारी à¤à¥€à¤² उनà¥à¤¹à¥€ का बसेरा बन जाती है। इसी जगह पहली बार राइनो(Rhinoceros) देखने को मिला। दोनों ही शहरो में तापमान अतà¥à¤¯à¤‚त कम था। दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ गोलारà¥à¤§ में यह शीत ऋतू का समय होता है तब उतà¥à¤¤à¤°à¥€ गोलारà¥à¤§ में गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ होने लगती है। नैवाशा में पैनोरमा पारà¥à¤• रिसोरà¥à¤Ÿ और नाकà¥à¤°à¥‚ में होटल रीजेंट में हमारा निवास था।
छठा दिन 14/4/2019

नैवाशा से लगà¤à¤— 330 किमी दूर अमà¥à¤¬à¥‹à¤¸à¤¿à¤²à¥€ नेशनल पारà¥à¤• है जहा का मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ जायंट अफà¥à¤°à¥€à¤•न à¤à¤²à¥€à¤«à¥ˆà¤‚ट है...दूसरा आकरà¥à¤·à¤£ माउंट किलिमंजारो है। लगà¤à¤— दिन à¤à¤° की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद शाम 4 बजे पहà¥à¤šà¥‡ । पहà¥à¤šà¤¤à¥‡ ही दरà¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤ किलिमंजारो के

माउंट किलिमंजारो
यह अफà¥à¤°à¥€à¤•ा महादà¥à¤µà¥€à¤ª का सब से ऊà¤à¤šà¤¾ परà¥à¤µà¤¤ है जिसकी समà¥à¤¦à¥à¤° सतह से ऊंचाई 19341 फीट या 5895 मीटर (लगà¤à¤— 6 किमी) है à¤à¤µà¤‚ à¤à¥‚मधà¥à¤¯ रेखा पर यह à¤à¤•लौता सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है जहा बरà¥à¤«à¤¼à¤¬à¤¾à¤°à¥€ होती है। बादलो के कारण पहले हमें इसका टॉप दिखाई नही दिया किनà¥à¤¤à¥ जैसे ही बदल छटे हम बरà¥à¤« से ढंका इसका टॉप देख कर à¤à¥‚म उठे। फिर तो अमà¥à¤¬à¥‹à¤¸à¤¿à¤²à¥€ में कही à¤à¥€ जाठतो ये साथ ही चलता है। वासà¥à¤¤à¤µ में ये परà¥à¤µà¤¤ तंज़ानिया का हिसà¥à¤¸à¤¾ है और केनà¥à¤¯à¤¾ की तरफ इसका सिरà¥à¤« तल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° है अतः हमें इसके दरà¥à¤¶à¤¨ कर के ही संतोष करना पड़ा। लगà¤à¤— à¤à¤• लाख साल पूरà¥à¤µ जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤®à¥à¤–ी के फटने से धीरे धीरे इसका निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हà¥à¤† था। अब जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤®à¥à¤–ी शांत हो चूका है और ये अब टà¥à¤°à¥‡à¤•ींग करने वाले यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का अतà¥à¤¯à¤‚त मशहूर आकरà¥à¤·à¤£ का केंदà¥à¤° है।
अमà¥à¤¬à¥‹à¤¸à¤¿à¤²à¥€ नेशनल पारà¥à¤•
यहाठपà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने के बाद à¤à¤• अलग ही संसार में आने का अहसास होता है। किलिमंजारो से बरà¥à¤« पिघल कर नीचे मैदान को दलदली जमीन के रूप में बदल देती है जो यहाठके विशाल हाथियों के लिठसà¥à¤µà¤°à¥à¤— का रूप हो जाती है। इन दलदल में ढेर सारी हरी घास उगती है जो हाथी का पà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¥‹à¤œà¤¨ है।

इसके बाद तो हाथियों के कई कई समूह देखने को मिले जिनमे 30 से 50 तक छोटे बड़े बचà¥à¤šà¥‡ सब मौजूद थे। बचà¥à¤šà¥‡ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के कारण समूह के बीचोबीच और बड़े बाहर की तरफ। यहाठलगà¤à¤— तीन हज़ार हाथी है जो इसी पà¥à¤°à¤•ार अपने समूह बना के रहते है और दलदल की हरी घास खाते है। à¤à¤• वयसà¥à¤• हाथी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ दो कà¥à¤µà¤¿à¤‚टल तक à¤à¥‹à¤œà¤¨ करता है। अगले दोनों दिनों में हमें बहà¥à¤¤ सारे हाथी समूह दिखे ... शाम को à¤à¤• बेहद खà¥à¤¬à¤¸à¥‚रत रिसोरà¥à¤Ÿ में रà¥à¤•ने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी जहा से माउंट किलिमंजारो पूरा दिखाई देता था

सांतवा दिन 15/4/2019
रोज ही हमारे गाइड शà¥à¤°à¥€ लेतलोइ हमें निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ देते है कि सà¥à¤¬à¤¹ 6 बजे बà¥à¤°à¥‡à¤•फासà¥à¤Ÿ मिल जायेगा और सात बजे हम जंगल की ओर निकलेंगे पर हम कà¤à¥€ à¤à¥€ समय के पाबंद नही रह पाठशायद इसीलिठअब तक हमें शिकार करते हà¥à¤ देखने को नही मिला।आज उमà¥à¤®à¥€à¤¦ का अंतिम दिन था। बिलà¥à¤•à¥à¤² देर न करते हà¥à¤ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ समय आठबजे निकल गये और सब से पहले शà¥à¤¤à¥à¤°à¤®à¥à¤°à¥à¤— ( ostrich)का à¤à¤• à¤à¥à¤£à¥à¤¡ अठखेलिया करता हà¥à¤† मिला...दो नरो को नृतà¥à¤¯ करते देखना अदà¤à¥à¤¤ था...पीछे मादाठआ रही थी...उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रिà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ था। शà¥à¤¤à¥à¤°à¤®à¥à¤°à¥à¤— मसाईमारा में à¤à¥€ दिखे किनà¥à¤¤à¥ यहाठबहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ में थे। छः से आठफà¥à¤Ÿ ऊंचाई के ये à¤à¤•लौते पकà¥à¤·à¥€ है जो उड़ नही सकते किनà¥à¤¤à¥ à¤à¤• आदमी को पीठपे बिठा कर चालीस किमी की रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° से दौड़ सकते है। पà¥à¤°à¤•ृति की अदà¤à¥à¤¤ रचना। आगे हर तरफ हर पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ तंज़ानिया सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सेरेंगति की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा था...पता चला वहा घास के मैदान अधिक है इसलिठउधर सारे जायेंगे और जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ में इस तरफ वापस आयेंगे। कौन इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ देता है ? कहा से दिशा जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मिलता है? कैसे जान जाते है कि कहा à¤à¥‹à¤œà¤¨ कम या अधिक है ? सब कà¥à¤› विसà¥à¤®à¤¯à¤•ारी !

यकायक पà¥à¤¨à¤ƒ गाडी की दिशा और गति परिवरà¥à¤¤à¤¨ हà¥à¤†...आगे दो या तीन किमी खूब तेज़ गाडी चली और फिर जो दृशà¥à¤¯ दिखाई दिया उसकी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ नही की थी। गाडी के बायीं तरफ सात सिंहो का समूह और दाई ओर 2 मादाठअपने तीन नवजात शिशॠसिंहो के साथ...सब सà¥à¤¤à¤¬à¥à¤§ खड़े थे...सà¤à¥€ दिशाओ से गाडिया इसी तरफ आ गयी थी...और अब बायीं तरफ से à¤à¤• à¤à¤• सिंह का गाडी की ओर आना शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤†...सब के कैमरे उनकी तरफ मà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ थे...पर वे हमें पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ नज़रअंदाज करते हà¥à¤ हम लोगो की गाडियों के बीच से निकल रहे थे। उनकी गरà¥à¤µà¥€à¤²à¥€ चाल देख कर यकीन हो गया की वे निरà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¦ जंगल के राजा है। इनकी मसà¥à¤¤ चाल को पांच मि के विडियो में कैद किया पर à¤à¤• à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤° चितà¥à¤° नही लिया गया है। सातो सिंह उस ओर बढे जहा शिशॠथे किनà¥à¤¤à¥ फिर वे दूसरी तरफ चले गये। यही सब लगà¤à¤— 2 घंटे देखते रहे। कब शाम हà¥à¤ˆ पता ही नही चला। आज à¤à¥€ किलिंग देखने को नही मिली। 2 बार मौका आया पर दोनों बार कà¥à¤› दिखाई नही दिया। शायद ईशà¥à¤µà¤° नही चाहता था की हम हतà¥à¤¯à¤¾ होते देखे।
अंतिम दिन 16/4/2019
आज अंतिम दिन था और कही जाने की जलà¥à¤¦à¥€ नही थी इसलिठआराम से उठे और रिसोरà¥à¤Ÿ के पूल में सà¥à¤µà¤¿à¤®à¤¿à¤‚ग का आनंद लिया। आसपास यहाठà¤à¥€ बबून बनà¥à¤¦à¤° और हिरनों की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° थी। रिसोरà¥à¤Ÿ के चारो ओर तार की बाउंडà¥à¤°à¥€ थी जिसमे हलà¥à¤•ा करंट पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ होता था। नाशà¥à¤¤à¤¾ कर के लंच पैक करा के 230 किमी दूर नैरोबी की ओर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया जहा से रात आठबजे मà¥à¤‚बई की फà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ थी। अफà¥à¤°à¥€à¤•ा की शान किलिमंजारो के साथ सब ने à¤à¤• फोटो खिचवाया।

सिंह/ चीता/ तेंदà¥à¤†/ हाईना/ जेकल/ हाथी/ हिपà¥à¤ªà¥‹/ गेंडा/ विलà¥à¤¡à¤¬à¥€à¤¸à¥à¤Ÿ/ जंगली à¤à¥ˆà¤¸à¤¾ /मगरमचà¥à¤› /शà¥à¤¤à¥à¤°à¤®à¥à¤°à¥à¤—/जिराफ/जेबà¥à¤°à¤¾/हिरन/बबून मंकी/फà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¿à¤‚गो/कà¥à¤°à¥‡à¤¨ कà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤¨/बरà¥à¤¡à¥à¤¸ 100 टाइप/बà¥à¤²à¥‚ बà¥à¤²/ हैरेकà¥à¤¸ (रोडेंट पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ का बड़ा सा चूहे जैसा) इतने इतने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ उनके पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक आवास में देख कर मन आनंद से सराबोर था। निरà¥à¤µà¤¿à¤˜à¥à¤¨ संपनà¥à¤¨ हà¥à¤ˆ ये डà¥à¤°à¥€à¤® टà¥à¤°à¤¿à¤ª और ढेर सारी यादे दे गयी। मन उदास था की अब शायद फिर से इन खà¥à¤¬à¤¸à¥‚रत पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का साथ मिले ना मिले यथा समय फà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ में सवार हà¥à¤ और सà¥à¤¬à¤¹ 5 बजे मà¥à¤‚बई उतरे। इस तरह समापà¥à¤¤ मेरा ये यातà¥à¤°à¤¾ वृतà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¤ आगे फिर किसी यातà¥à¤°à¤¾ वरà¥à¤£à¤¨ के साथ मिलता हà¥à¥¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ संजीव जोशी 8989405617