इस शà¥à¤°à¤‚खला के पहले à¤à¤¾à¤— में मैंने आपको परिचित कराया था महान संत शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज के पवितà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के विदरà¥à¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शेगांव से| आइये अब मैं आपको शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज से परिचय करवाता हूà¤|
शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज परिचय:
शेगांव के संत शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज को à¤à¤—वानॠदतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ के तीन अवतारों में से à¤à¤• माना
जाता है, अनà¥à¤¯ दो अवतार हैं शिरà¥à¤¡à¥€ के साईं बाबा तथा अकà¥à¤•लकोट के शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ समरà¥à¤¥| महाराज को सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® शेगांव में सन 1878 में देखा गया था और तब ही से उनके असीम जà¥à¤žà¤¾à¤¨, सादगी तथा अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ से समसà¥à¤¤ जनमानस तथा उनके à¤à¤•à¥à¤¤ लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ होते आये हैं|
शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज के जनà¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तथा जनà¥à¤® दिनांक के बारे में इतिहास में कोई साकà¥à¤·à¥à¤¯ उपलबà¥à¤§ नहीं है| उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 23 फरवरी 1878 को शेगांव के à¤à¤• जमींदार बंकटलाल अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² ने बरगद के पेड़ के निचे à¤à¤°à¥€ दोपहर की चिलचिलाती धà¥à¤ª में à¤à¥‚ठी पतà¥à¤¤à¤²à¥‹à¤‚ से चावल के दाने उठाकर खाते हà¥à¤ देखा था, उस समय महाराज ने नà¥à¤¯à¥‚नतम कपडे पहने हà¥à¤ थे तथा उनके हाव à¤à¤¾à¤µ विकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ के सामान दिखाई दे रहे थे लेकिन ये बंकटलाल की महानता थी की उसने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ नहीं समà¤à¤¾ अपितॠउनसे तरà¥à¤•पूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ किया की वे à¤à¥‚ठी पतà¥à¤¤à¤²à¥‹à¤‚ से à¤à¥‹à¤œà¤¨ उठा के कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ खा रहे हैं जबकि पास के ही à¤à¤• परिवार में पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में à¤à¥‹à¤œà¤¨ उपलबà¥à¤§ है जहाठबचà¥à¤šà¥‡ के जनà¥à¤® की ख़à¥à¤¶à¥€ में पà¥à¤°à¥‡ गाà¤à¤µ को à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराया जा रहा है| बंकटलाल के इस पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ पर महाराज ने उतà¥à¤¤à¤° दिया ”अनà¥à¤¨à¤‚ बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤¤à¤¿” यानि अनà¥à¤¨ बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª है और उसे वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ नषà¥à¤Ÿ नहीं करना चाहिठउसका सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करना चाहिà¤,
यही गजानन महाराज का पà¥à¤°à¤¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¨ था शेगांव में|
जनशà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ है की गजानन महाराज, à¤à¤—वान दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ के तीसरे तथा अंतिम अवतार थे| à¤à¤•à¥à¤¤ जन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ धन, दौलत, कपडा खाना आदि दिया करते थे पर वे किसी से कà¥à¤› नहीं लेते थे जहाठजैसा मिल जाता वैसा खा लà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥‡ और जहाठमन पड़ता सो जाते| गजानन महाराज पशॠपकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की बोली समà¤à¤¤à¥‡ थे और उनसे बातें किया करते थे, वे योगासन के आचारà¥à¤¯ थे| लोकमानà¥à¤¯ बाल
गंगाधर तिलक उनसे इतने पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ थे की उनके दरà¥à¤¶à¤¨ करने शेगांव आया करते थे|
गजानन महाराज सिदà¥à¤§ योगी थे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने जीवन में इतने चमतà¥à¤•ार किये की लोग उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤—वानॠकी तरह पूजने लगे|
वे खाली कà¥à¤“ं में पानी à¤à¤° देते थे, रोगियों को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ कर देते थे और अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का मन पॠलेते थे कहते हैं की विदरà¥à¤ में उस समय उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‹à¤— लगाये बिना लोग à¤à¥‹à¤œà¤¨ नहीं करते थे|

समाधी मंदिर के गरà¥à¤à¤—ृह में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ महाराज की मूरà¥à¤¤à¤¿
महाराज ने 8 सितमà¥à¤¬à¤° 1910 (ऋषि पंचमी) को शेगांव में महासमाधी ली| आज दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में शà¥à¤°à¥€ महाराज के 3 करोड़ से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ हैं और उनके दरà¥à¤¶à¤¨ करने के लिठसंपूरà¥à¤£ महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ तथा विदेशों से à¤à¥€ उनके à¤à¤•à¥à¤¤ शेगांव आते हैं| यही कारण है की शेगांव में वरà¥à¤· à¤à¤° मेले जैसा माहौल रहता है|
अब चलते है मेरे यातà¥à¤°à¤¾ वृतà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¤ की ओर, हम लोग दिनांक 22 की सà¥à¤¬à¤¹ अपने à¤à¤•à¥à¤¤ निवास के कमरे से नहा धो कर निकल पड़े थे समाधी मंदिर की ओर| à¤à¤•à¥à¤¤ निवास से मंदिर की दà¥à¤°à¥€ कà¥à¤› ही क़दमों की है जिसे पैदल ही पूरा किया जा सकता है|
शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज का मंदिर महाराज की समाधी के ऊपर ही बनाया गया है अतः इसे समाधी मंदिर कहा जाता है|
मंदिर का परिसर काफी बड़ा है जिसमें मà¥à¤–à¥à¤¯ समाधी मंदिर तथा अनà¥à¤¯ मंदिर जैसे शà¥à¤°à¥€ राम मंदिर, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिर तथा शिव मंदिर आदि सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हैं|
मंदिर परिसर में कà¥à¤› जगहों पर बड़े सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥€ महाराज के जीवन वृतà¥à¤¤ को सजीवता से दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है, ये चितà¥à¤° बड़े ही मनमोहक हैं|
यह मंदिर अपने आप में सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¤à¤¾ तथा à¤à¤µà¥à¤¯à¤¤à¤¾ की à¤à¤• मिसाल है|
यहाठका माहौल इतना अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• है की à¤à¤•à¥à¤¤ जन अपने जीवन के सरे सà¥à¤–-दà¥à¤ƒà¤– à¤à¥à¤² कर à¤à¤—वानॠकी à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में राम जाते हैं|
मंदिर की दैनिक पूजा की समय सारणी इस पà¥à¤°à¤•ार है:
काकड़ आरती – 5 .00 सà¥à¤¬à¤¹
मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ आरती – 11.00 सà¥à¤¬à¤¹
संà¤à¤¾ आरती – सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ पर
सेज (शयन) आरती – 9.00 रातà¥à¤°à¤¿
à¤à¤œà¤¨ – 8 .00 से 9.00 रातà¥à¤°à¤¿
मंदिर की आरती के समय 2 हाथी à¤à¥€ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होते हैं, इन हाथियों को मंदिर परिसर में घूमते हà¥à¤ देखा जा सकता है| पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को शेगांव में महाराज की शोà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ निकली जाती है तथा पूरा शेगांव महाराज की पालकी के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठउमड़ पड़ता है| संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की गतिविधियों पर à¤à¤• चलचितà¥à¤° à¤à¥€ फिलà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ जा चूका है|
चूà¤à¤•ि ये à¤à¤• सामानà¥à¤¯ दिन था और कोई उतà¥à¤¸à¤µ वगैरह à¤à¥€ नहीं था अतः हम लोगों को बहà¥à¤¤ ही कम समय में सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤œà¤¨à¤• रूप से महाराज शà¥à¤°à¥€ के दरà¥à¤¶à¤¨ हो गà¤|
परिसर में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ मंदिरों के दरà¥à¤¶à¤¨ कर लेने तथा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केंदà¥à¤° में कà¥à¤› देर बैठने के बाद हम लोग इस अदà¥à¤à¥à¤¤ मंदिर को अलविदा कहते हà¥à¤ बहार आ गà¤|
बारह बज चà¥à¤•े थे तथा हमने अब तक नाशà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ नहीं किया था अतः मंदिर से आकर हम सीधे संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ परिसर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯ में पहà¥à¤à¤š गठजहाठहमने à¤à¤°à¤ªà¥‡à¤Ÿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया तथा उसके बाद हम à¤à¤•à¥à¤¤ निवास सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अपने कमरे में कà¥à¤› देर आराम करने का मन बना कर आ गà¤|
शà¥à¤°à¤‚खला के इस à¤à¤¾à¤— को अब मैं यहीं विराम देते हà¥à¤ अलविदा लेता हूठतथा अगले तथा अंतिम à¤à¤¾à¤— में आपको लेकर चलूà¤à¤—ा शेगांव में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ गजानन संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ तथा संचालित ”आनंद सागर” उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की सैर पर तब तक के लिठबाय बाय|
समापà¥à¤¤























एक बार फ़िर दर्शन कराने का बहुत-बहुत आभार, मैं मानता हूँ कि यह अब तक की मेरी देखी हुई सुविधाओं के मामले में सर्वोतम जगह है। आगे की प्रतीक्षा है।
Reading your post is treat to the eyes.
Very Informative post on unexplored place.
मुकेस जी ,
धन्यबाद , एक बेहेद धार्मिक यात्रा का ब्रतांत तथा गजाजन महाराज के आज एकादसी के दिन चित्र मिले देखने को
आपको और अन्य यात्राओ के लिए सुभकामनाये.
संदीप जी,
आपके द्वारा इन मधुर शब्दों में प्रशंसा के लिए धन्यवाद्. शीघ्र ही इस श्रंखला का अगला तथा अंतिम भाग आपके सामने उपस्थित होगा.
धन्यवाद.
Mahesh ji,
Thank you very much for liking my post. Next part of this series which is going to publish very soon is about a beautiful garden maintained by Shri Gajanan Maharaj Sansthan.
Thanks.
यग्नेश जी,
पोस्ट को पसंद करने तथा प्रशंसा के लिए धन्यवाद्.
धन्यवाद.
मुकेश जी …..
आपके लेख के माध्यम से श्री गजाजन महाराज जी के दर्शन का लाभ हमें भी हुआ ….. उसके के लिए धन्यबाद………
आपका लेख पढ़कर और सुन्दर फोटो देखकर अच्छा लगा……..
इस यात्रा के लिए आपको बहुत बहुत बधाई हो.
रितेश जी,
आपको पोस्ट पसंद आई यह मेरा सौभाग्य है. पोस्ट को पसंद करने तथा प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए ह्रदय से धन्यवाद.
धन्यवाद.
धयवाद मुकेश |
वास्तव में मंदिर प्रांगन और सभी जगहों में सफाई का समुचित ध्यान रखा गया है, वाकई में ये बात काफी काबिले तारीफ़ है क्योंके जैसा की आपने बताया , हर साल कितने ही लोग यहाँ आतें हैं | मुझे व्यतिगत तौर पर ऐसा लगा की इस अध्याय में शायद थोड़े और शब्द हो सकते थे, ऐसा प्रतीत हुआ मानो बहुत जल्दी ही ख़तम हो गया हो | फोटो बड़े अच्छे बन आये हैं |
अगले भाग की प्रतीक्षा में | – नंदन
God bless you.. I recalled my journey done in childhood… Will be there soon… Needless to mention well written once again…
mukesh
maharaj ke darshan kara kar apne abhibhut kar diya thanks a lot
इस पावन भूमि के दर्शन कराने के लिए आपका बहोत बहोत आभार . इस स्थान के बारे मे पहली बार आपके पोस्ट के माध्यम से ही जाना . इस स्थान को देखकर मुझे श्री सत्या साईं प्रशांति निलयाम ( पुत्तापर्थी ) की याद आ गयी . बहोत ही मनमोहक पोस्ट .
आशीष जी,
आपकी इस सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए आभार. मुझे अब तक प्रशांति निलयम के दर्शनों का सौभाग्य तो नहीं प्राप्त हुआ है, लेकिन इतना दावे से कह सकता हुं श्री गजानन महाराज संस्थान, प्रबंध के लिए अव्वल है .
धन्यवाद.
See some more pics, along with the information on Shegaon here http://www.parkhi.net/2012/01/shegaon-gajanan-maharaj-anand-sagar.html
God bless you
nice cocept sir
realy swami Gajanan maraj temple and and anand sagar is incridible of world recently i enjoyed shegaon shri gajanan mahraj darshan and anand sagar
Mukeshji.
Mujhe bhi shegaon jana hai. Aapki ye post bahut kam aayegi. Thx
mukesh, thank for visiting in shegaon, Gajanan Maharaj , and there so many photo, thanks .
परम पूज्यनीय श्री सदगुरु भगवान श्री गजानन महाराज के दर्शन से जीवन धन्य हो गया।
Uttam vichar
jay shree gajanan baba sabhi ki raksha kare sabko apna ashirwaad de jay shree gajanan