जैसा कि मैने अपनी बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ यातà¥à¤°à¤¾ मे इस बात का जिकà¥à¤° à¤à¥€ किया था कि à¤à¤—वान अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹ को सà¥à¤µà¤¯à¤®à¥ ही दरà¥à¤¶à¤¨ देने के लिये बà¥à¤²à¤¾ लेते हैं. मै तो समà¤à¤¤à¤¾ हूठजिसने à¤à¥€ यह कहा है सच ही कहा है. यहाठमै à¤à¤¸à¥€ ही à¤à¤• घटना के बारे मे लिख रहा हूà¤.
करीब 3-4 वरà¥à¤· पहले की बात है मै अपने à¤à¤• chartered accountant मितà¥à¤° जो कि राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से हैं, उनसे राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के चà¥à¤°à¥‚ जिले मे बिदासरॠके बारे मे जानकारी चाह रहा था , मà¥à¤à¥‡ वहां पर कà¥à¤› काम था और अनजान जगह पर जाने से पहले जानकारी इकटà¥à¤ ी कर लेना चाहता था. इसलिठमैने सोंचा शायद उनà¥à¤¹à¥‡ कà¥à¤› जानकारी हो. पूछने पर पता लगा कि उनà¥à¤¹à¥‡ à¤à¥€ कोई विशेष जानकारी तो नही थी पर बताने लगे कि चà¥à¤°à¥‚ डिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤•à¥à¤Ÿ मे ही à¤à¤• जगह सालासर है. जहां पर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का बहà¥à¤¤ ही पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित, पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मंदिर है. वह à¤à¥€ वहां हो कर आये थे . लोग बहà¥à¤¤ दूर -दूर से बालाजी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिये आते हैं, बोले अगर बीदासर जाओ तो सालासर à¤à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨ के लिये चले जाना. हमारे यह मितà¥à¤° काफी धारà¥à¤®à¤¿à¤• विचारो के हैं और जब कà¤à¥€ à¤à¥€ आडिट के लिये जाते हैं तो अगर उस जगह के आस-पास कोई विशेष धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² या मंदिर होता है तो वहां अवशà¥à¤¯ जाते हैं. पता लगा, बीदासर से सलासर करीब 35 किलोमीटर दूर है. मन मे विचार आया कौन जायेगा इतनी दूर. à¤à¤• तो बीदासर तक पहà¥à¤‚चना ही टेढ़ी खीर हो रहा है और हमारे वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ जी मà¥à¤à¥‡ 35 किलोमीटर दूर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के लिये जाने को कह रहे हैं. उनसे तो नही कहा कि नही जा सकूंगा पर मन ही मन सोंचा कौन जायेगा. काम à¤à¥€ इतना अतà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¶à¥à¤¯à¤• नही था जाने का पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® नही बन सका. समय गà¥à¤œà¤°à¤¤à¤¾ गया, अचानक कà¥à¤› दिन पहले हमारे à¤à¤• बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ मितà¥à¤° पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ ननà¥à¤¦ किशोर शरà¥à¤®à¤¾ से मà¥à¤²à¤¾à¤•ात हà¥à¤ˆ. 30 वरà¥à¤· पहले हम दोनो à¤à¤• ही कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ मे सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ किया करते थे. मà¥à¤à¥‡ यह तो मालूम था कि यह राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के रहने वाले है पर राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मे किस जगह के, इस बारे मे ना तो मैने पहले कà¤à¥€ पूछा था और ना ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ बताया. काफी अरà¥à¤¸à¥‡ बाद मà¥à¤²à¤¾à¤•ात हà¥à¤ˆ थी ढेरो बाते होने लगी. बातो ही बातो मे मैने उनà¥à¤¹à¥‡ अपने बीदासर के काम के बारे मे बताया. कहने लगे अरे तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ मालूम नही , वहीं पर तो मेरा गॉà¤à¤µ है. गॉà¤à¤µ के मकान मे अब तो कोई रहता नही है पर मेरी ससà¥à¤°à¤¾à¤² सालासर मे है , शादी-बरातो मे तो जाना-आना लगा ही रहता है. जब कà¤à¥€ जाऊंगा तो बता दूंगा , साथ चले चलना या अलग से सालासर पहà¥à¤‚च जाना, अब मà¥à¤à¥‡ अपने मितà¥à¤° वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ जी की बात याद आई, मैने पूछा सà¥à¤¨à¤¾ है वहां हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤§ मंदिर है तब वह हंस कर बोले वहीं तो हम जाते हैं. मैने कहा मतलब, तब बताने लगे कि मंदिर के पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी की कनà¥à¤¯à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‡ बà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥€ हà¥à¤ˆ है. मै चकित हो कर बोला इसके मतलब मà¥à¤à¥‡ तो तà¥à¤® विशेष दरà¥à¤¶à¤¨ करवा दोगे. कहने लगे कà¥à¤¯à¥‹ नही, तà¥à¤® आओ तो सही.
अब देखे कि कहाठतो मै सालासर जाने की सोंच à¤à¥€ नही रहा था पर अब पहले मà¥à¤à¥‡ वहीं जाना पड रहा था.
तीन महीने पहले की बात है, शरà¥à¤®à¤¾ जी का फोन आ गया कि ससà¥à¤°à¤¾à¤² मे शादी है , सपरिवार वहां
जा रहे हैं. मà¥à¤à¤¸à¥‡ बोले दो दिन बाद पहà¥à¤‚च जाओ तब तक शादी निपट जायेगी फिर दोनो साथ चले चलेंगे.
तीन महीने पहले गरà¥à¤®à¥€ तो उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ मे अपने चरम सीमा पर पड रही थी. इस गरà¥à¤®à¥€ मे राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जाने की कà¤à¥€ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नही की थी. पर कà¥à¤¯à¤¾ करे काम तो काम ही होता है,
जाना तो था ही. मैने उनसे पूछा कोई A.C. बस जाती है, कहने लगे अरे रात का सफर है कोई जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दिकà¥à¤•त नही होगी. मैने का ना मै इतनी गरà¥à¤®à¥€ मे साधारण बस से नही जाऊंगा, तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ à¤à¤•-दो टà¥à¤°à¥…वेल à¤à¤œà¥‡à¤‚ट के नाम फोन नंबर दिये कहने लगे इनसे पता कर लो. टà¥à¤°à¥…वेल à¤à¤œà¥‡à¤‚ट से बात करने पर पता लगा , शà¥à¤°à¥€ नाथ जी टà¥à¤°à¥…वेल की बीकानेर जाने वाली A.C. बस है पर वह सालासर होकर तो नही जाती है, पर वह लकà¥à¤·à¥à¤®à¤¨à¤—ढ उतार देगी. लकà¥à¤·à¥à¤®à¤¨ गढ से सालासर 30-35 किलोमीटर दूर है. मैने सोंचा चलो कम से कम 30-35 किलोमीटर का सफर ही साधारण बस से करना पड़ेगा , अधिकतर सफर तो आराम से कट जायेगा.
पता लगा रात मे 8.30 बजे बस पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ से जायेगी. मैने अपनी पतà¥à¤¨à¥€ से पूछा कि चलोगी, इतना अचà¥à¤›à¤¾ मौका मिल रहा है, पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की गरà¥à¤®à¥€ का हवाला दे कर मना कर दिया. à¤à¤• दिन पहले ही टिकट बà¥à¤• करा ली . गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹ मे A.C टà¥à¤°à¥‡à¤¨ हो या बस इनमे जलà¥à¤¦à¥€ जगह नही मिलती है.इस रासà¥à¤¤à¥‡ पर जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ टूर आपरेटर की बसे चलती हैं. उनकी बसे काफी आरामदेह होती हैं.इनमे से कà¥à¤› फà¥à¤² सà¥à¤²à¥€à¤ªà¤° बस हैं. और कà¥à¤› की सेमी- सà¥à¤²à¥€à¤ªà¤° बसे हैं. बैठने के लिये नीचे 2×1 की आरामदेह सीटे होती हैं, और उसके उपर सà¥à¤²à¥€à¤ªà¤° होता है.
रात करीब 10.30 , 11.00 बजे के बीच बस जब गà¥à¤¡à¤¼à¤—ाà¤à¤µ पहà¥à¤‚ची , देख कर लग ही नही रहा था कि हम उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के किसी शहर मे हैं. उà¤à¤šà¥€ – उà¤à¤šà¥€ बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚गो मे चमकती हà¥à¤ˆ लाइटे तो हांग कांग , सिंगापà¥à¤° का आà¤à¤¾à¤¸ दिला रही थी. मà¥à¤à¥‡ लगता है, उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ मे गà¥à¤¡à¤¼à¤—ाà¤à¤µ ने जितनी तरकà¥à¤•ी की है वैसी किसी à¤à¥€ शहर ने नही की.
बस ने सà¥à¤¬à¤¹ 5 बजे से कà¥à¤› पहले ही लकà¥à¤·à¥à¤®à¤¨à¤—ढ के टी पॉइंट पर उतार दिया. यहाठसे à¤à¤• रासà¥à¤¤à¤¾ सालासर को जाता था. नà¥à¤•à¥à¤•ड पर चार – पांच छोटी – छोटी दà¥à¤•ाने चाय – पानी की थी जिनमे
लाइटे जल रही थी बाकी दूर-दूर तक गहरा अंधकार छाया हà¥à¤† था. 2-3 लोग और à¤à¥€ सालासर जाने के लिये बस का इंतजार कर रहे थे. मै à¤à¥€ वहीं बैठकर बस का इंतजार करने लगा पर सालासर जाने वाली बस का दूर-दूर तक कोई पता नही था. धीरे-धीरे रात की कालिमा छटने लगी, वातावरण मे हलà¥à¤•ी सी रोशनी फैलने लगी. इस समय हवा à¤à¥€ मंद- मंद चलने लगी. मौसम खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ लग रहा था. रात की सफर की थकान à¤à¥‚ल कर इस खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ मौसम का आनंद लेने लगा. राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मे पहली बार सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ सड़क के किनारे बैठे हà¥à¤ देख रहा था. यहाठपर दूर तक रेतीले मिटà¥à¤Ÿà¥€ के मैदान और à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¥€ दार पेड़ दिख रहे थे. काफी इंतजार के बाद à¤à¥€ बस नही आई तà¤à¥€ à¤à¤• टà¥à¤°à¤• आकर रà¥à¤•ा. कà¥à¤› लोग दौड़ कर उसके पास पहà¥à¤‚चे पर उसने सबको मना कर केवल à¤à¤• आदमी को बैठजाने दिया. मैने कहा मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ सालासर छोड़ दो . उसने मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ बैठा लिया. टà¥à¤°à¤• मे बैठने के बाद थोड़ा सा डर à¤à¥€ लगा कि इस डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° ने खाली मà¥à¤à¥‡ ही बैठाया है अगर यह दूसरा आदमी इसी से मिला हà¥à¤† हो तब कà¥à¤¯à¤¾ करेंगे. खैर कई बार इस तरह के विचार à¤à¤¸à¥‡ मौके पर आ ही जाते हैं.
टà¥à¤°à¤• वाले ने हम दोनो को सालासर के अंदर ना जा कर बाहरी रासà¥à¤¤à¥‡ पर उतार दिया और केवल 20 – 20 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ हम लोगो से लिये. दूसरे सजà¥à¤œà¤¨ जो कि पहले à¤à¥€ यहाठआ चà¥à¤•े थे , उनà¥à¤¹à¥‡ मंदिर जाने का रासà¥à¤¤à¤¾ मालूम था. वह à¤à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨ करने के लिये आये थे. मै à¤à¥€ उनके साथ हो लिया. यहाठठहरने के बारे मे मैने पूछा तो बताने लगे यहाठहोटेल- धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ बहà¥à¤¤ हैं पर मै तो यहाठपर मंदिर के साथ मे सीकर धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ है उसी मे ठहरता हूà¤. बताने लगे आपको à¤à¤¸à¥€ रूम 300 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ मे उसमे मिल जायेगा. मैने कहा ठीक है मै आपके साथ ही चल रहा हूठमà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ उसमे दिलवा देना. रासà¥à¤¤à¥‡ मे à¤à¤• बड़ा सा होटेल पड़ा, मैने उनसे रà¥à¤• कर इंतजार करने के लिये कहा , अंदर होटेल मे जा कर रूम किराये के बारे मे पता किया. होटेल वाले ने बताया 1000 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ मे à¤à¤¸à¥€ रूम है अà¤à¥€ 7 बजे हैं और 12 बजे के बाद दूसरे दिन का किराया लग जायेगा. मै तà¥à¤°à¤‚त बाहर आ कर बोला चलिये इस होटेल से धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ ही ठीक रहेगा. हाà¤à¤²à¤¾à¤•ि मेरे मितà¥à¤° ने à¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ यही सलाह दी थी कि यहाठबहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥€- अचà¥à¤›à¥€ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤¯à¥‡ बनी हà¥à¤ˆ हैं. होटेल के चकà¥à¤•र मे मत पड़ना.
सीकर धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ काफी बड़ी तीन मंजिला बनी हà¥à¤ˆ है, कमरे à¤à¥€ साफ – सà¥à¤¥à¤°à¥‡ थे. मैने केयर टेकर से à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ रूम देने के लिये कहा, पूछने लगा कितने लोग हैं. मेरे अकेला कहने पर पहले तो थोड़ा सा à¤à¤¿à¤à¤•ा पर कà¥à¤› सोंच कर रूम की चाबी मà¥à¤à¥‡ दे दी इसी बीच मैने उसे बता à¤à¥€ दिया कि पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी के यहाठआया हूà¤. साफ – सà¥à¤¥à¤°à¤¾ रूम था और उसमे 6-7 लोगो के सोने की वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी. नहा धो कर अपने मितà¥à¤° का इंतजार करने लगा, पता लगा शादी की à¤à¤¾à¤—-दौड़ मे रात देर से सोठथे इसलिये अà¤à¥€ सो रहे हैं.
करीब 11 बजे हमारे मितà¥à¤° मà¥à¤à¥‡ दरà¥à¤¶à¤¨ कराने के लिये आये, मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण मे कà¥à¤› à¤à¤• मंदिर और à¤à¥€ हैं पहले मà¥à¤à¥‡ वहां दरà¥à¤¶à¤¨ के लिये ले गये,
मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण मे मंदिर के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के à¤à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ मोहनदास जी की समाधि
मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण मे à¤à¤• मंदिर
वहीं पर मंदिर के साथ मे ही धà¥à¤¨à¥€ जल रही है उसकी परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करने के बाद मà¥à¤à¥‡ बालाजी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिये ले गये. यह à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ मंदिर है.मंदिर के अंदर की दीवारे, खंबे, मेहराब , दरवाजे आदि सà¤à¥€ चाà¤à¤¦à¥€ से ढकी हà¥à¤ˆ हैं. जिन पर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी à¤à¤µà¤‚ सीता राम आदि बने हà¥à¤ हैं. आम तौर पर सà¤à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹ के लिये करीब 20 फिट दूर से हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है. गरà¥à¤ गà¥à¤°à¤¹ की आगे करीब 8 फिट का चबूतरा है जहां पर हर समय 3-4 पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ खड़े रहते हैं. इसके बाद करीब 4 फिट का गलियारा है यहाठसे विशिषà¥à¤Ÿ लोगो के दरà¥à¤¶à¤¨ की वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤¾ है. इसके आगे 8 फिट का à¤à¤• चबूतरा है यहाठपर लोगो को मंदिर के अनà¥à¤¯ पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ पूजा करवाते हैं. और इस चबूतरे के पीछे से लोग बालाजी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करते हैं. मंदिर का परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ सà¥à¤¥à¤² जो कि चार फिट चौड़ा है की दीवारे à¤à¥€ चाà¤à¤¦à¥€ की बड़ी –बड़ी पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¥‹ से जिनमे हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी , राम , सीता लकà¥à¤·à¥à¤®à¤¨ आदि बने हà¥à¤ हैं से ढकी हà¥à¤ˆ हैं. मंदिर मे हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की विगà¥à¤°à¤¹ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बड़ी नही है पर आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ कर लेती है. मà¥à¤à¥‡ तो अपने मितà¥à¤° के साथ होने के करण विशिषà¥à¤Ÿ लोगो की जगह पर खड़े होकर दरà¥à¤¶à¤¨ करने का मौका मिला. मै थोड़ी देर तक अपलक हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ को निहारता रहा, बहà¥à¤¤ ही आकरà¥à¤·à¤• लग रही थी. इस समय हमारे मितà¥à¤° के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤° जी मंदिर मे ही थे. मैने उनà¥à¤¹à¥‡ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® किया. उनके इशारा करने पर अनà¥à¤¯ छोटे पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ आदि देने लगे. हाà¤à¤²à¤¾à¤•ि मै à¤à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को चढ़ाने के लिये नारियल, पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ लेकर गया था परंतॠजितना मै लेकर गया था उससे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वापस लेकर आ गया.
दरà¥à¤¶à¤¨ के लिये जाते हà¥à¤ सामने हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का मंदिर
मेरे मितà¥à¤° बताने लगे कि मंदिर मे लगà¤à¤— 600 करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ सेवारत हैं. मंदिर मे लोग जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ जलाने के लिये इतना शà¥à¤¦à¥à¤§ घी दान कर जाते हैं कि उसे आस- पास के मंदिरो मे à¤à¥‡à¤œ दिया जाता है. उस घी को पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ लोग अपने घर मे इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² मे नही लेते हैं. मंदिर की आपनी गौशाला है. जहां करीब 2500 गाय रहती है. इस गौशाला मे कोई à¤à¥€ अपनी बीमार, बूढ़ी , दूध ना दे रही हो , गाय को छोड़ सकता
मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण की फोटो
मंदिर के साथ मे ही धà¥à¤¨à¥€ जल रही है
यहाठमंदिर मे फोटो खीचना मना था. फोटो खीचने की कोशिश कर रहा था तà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बांटने बाले ने मà¥à¤à¥‡
फोटो खीचते देख जोर आवाज लगाई ठकैमरा , यहाठफोटो खीचना मना है.
दोपहर हो गयी थी, सीकर धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ मे ही खाने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी. 30 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की थाली थी. खाना वगैर पà¥à¤¯à¤¾à¤œ-लहसà¥à¤¨ का बना हà¥à¤† था. साधारण पर सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ था. कई लोग जो कि दूसरी जगह ठहरे हà¥à¤ थे वह à¤à¥€ यहाठपर खाना खाने के लिये आ रहे थे.
बस अडà¥à¤¡à¤¾ मंदिर से थोड़ी सी ही दूरी पर है , यहाठपर साइकल रिकà¥à¤¶à¤¾ नही चलते है. हम पैदल टहलते हà¥à¤ बस अडà¥à¤¡à¤¾ पहà¥à¤‚च गये. मà¥à¤à¥‡ बीदासर जाना था. मेरे मितà¥à¤° का गॉà¤à¤µ à¤à¥€ बीदासर से थोड़ा पहले पड़ता है. बोले मà¥à¤à¥‡ तो गॉà¤à¤µ मे थोड़ा सा काम है तो लौटते समय, रासà¥à¤¤à¥‡ मे अपने गॉà¤à¤µ पर उतर जाऊंगा तà¥à¤® वापस यहाठआ जाना. मैने पूछा कितनी देर का काम है कहने लगे बस यह पेपर à¤à¤• रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° को देना है. मैने कहा फिर तो मै à¤à¥€ साथ चलता हूठइस बहाने तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ गॉà¤à¤µ को देख लूà¤à¤—ा. रासà¥à¤¤à¥‡ मे हरे-à¤à¤°à¥‡ पेड़ तो à¤à¤•-दो जगह पर ही नजर आये वरà¥à¤¨à¤¾ तो हर तरफ रेतीले मिटà¥à¤Ÿà¥€ के मैदान और उनके बीच à¤à¤¾à¤¡à¤¨à¥à¤®à¤¾ पेड़ थे. पेडो मे इतनी कम पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ थी कि पेडो की छाया तो नाम मातà¥à¤° को जमीन पर पड रही थी और इस चिलचिलाती गरà¥à¤®à¥€ मे ठंडक की आस मे पशॠउनके नीचे खड़े थे. बीदासर से थोड़ा पहले सड़क के किनारे हिरनो को घास चरते हà¥à¤ देख कर आचरज हà¥à¤†. पूछने पर पता लगा यह इलाका हिरणो के लिये संरचà¥à¤›à¤¿à¤¤ है, यहाठपर उगने वाली घास की जड मे à¤à¤• तरह की दाल पैदा होती है जो कि बहà¥à¤¤ ही पौषà¥à¤Ÿà¤¿à¤• होती है. पहले बहà¥à¤¤ लोग उस दाल को खरीदने के लिये यहाठपर आते थे. पर अब सरकार ने इस घास को उखाड़ने पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध लगा दिया है. अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ हिरन के खाने के लिये कà¥à¤› नही बचता. मैने पूछा इस तरह से खà¥à¤²à¥‡ मे घूमते हà¥à¤ हिरणो को कोई डर तो नही. बताया कि यहाठपर कोई à¤à¥€ इन हिरणो का शिकार या हानि नही पहà¥à¤‚चता है.
बीदासर से लौटते समय हम छापर गाà¤à¤µ उतर गये . मैने पूछा कितना चलना पड़ेगा, बोले करीब 2-3 किलोमीटर सड़क से अंदर की तरफ है. मै मन ही मन सोंच रहा था कि खेतो के बीच से , मिटà¥à¤Ÿà¥€ की पगडंडी से होते इनके यहाठपहà¥à¤šà¤¨à¤¾ होगा. पर करीब à¤à¤•- दो किलोमीटर चलने के बाद à¤à¥€ खेत नजर नही आये. काफी बड़ी पकà¥à¤•ी सड़क थी और सड़क के दोनो तरफ पकà¥à¤•े सीमेंट के अचà¥à¤›à¥‡ – अचà¥à¤›à¥‡ मकान बने हà¥à¤ थे. मैने फिर पूछा अà¤à¥€ कितनी दूर तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ गॉà¤à¤µ है , वह बोले यह गाà¤à¤µ ही तो चल रहा है. मैने आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤šà¤•ित होकर कहा अगर यह गाà¤à¤µ है तो शहर कैसा होता है,
अरे à¤à¤ˆ यहाठइतनी साफ- सà¥à¤¥à¤°à¥€ सड़क और मकान देख कर कौन इसे गाà¤à¤µ कहेगा. à¤à¤¸à¥€ साफ- सà¥à¤¥à¤°à¥€ तो दिलà¥à¤²à¥€ की गलियाठà¤à¥€ नही है. दिलà¥à¤²à¥€ की AUTHORISED D.D.A. की कालोनी के पास à¤à¥€ गंदगी के ढेर और टूटी फूटी सड़के मिल जायेंगी . पर यहाठतो à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› à¤à¥€ नही है. चलते -चलते मैने देखा कि यहाठपर हर घर के बाहर, बाहरी दीवार पर बिजली के मीटर लगे हà¥à¤ थे. जहन मे सवाल उठा, शायद बिजली की चोरी को रोकने के लिये सरकार ने यहाठपर मीटर बाहर लगाये होंगे. मैने तà¥à¤°à¤‚त यह बात अपने मितà¥à¤° से कही तो वह बताने लगे à¤à¤¸à¤¾ नही है. हमारे राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ मे परà¥à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤¥à¤¾ है. आदमी लोग दिन मे काम करने चले जाते हैं , पीछे से बिजली की रीडिंग लेने वालो के लिये कोई à¤à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ घर के दरवाजे नही खोलती हैं, इस कारण से यहाठपर मीटर सà¤à¥€ के घर के बाहर लगे हà¥à¤ हैं. मैने कहा दिलà¥à¤²à¥€ , NCR मे लगा के देखो , अगले ही दिन सारे मीटर गायब मिलेंगे. à¤à¤• और बात कोई à¤à¥€ मीटर टूटा-फूटा नही था. नहीं तो यहाठके बचà¥à¤šà¥‡ ही पतà¥à¤¥à¤° मार कर तोड देंगे.
छापर गाà¤à¤µ
हर घर के बाहर, बाहरी दीवार पर बिजली के मीटर लगे हà¥à¤
वैसे तो यह इतनी विशिषà¥à¤Ÿ यातà¥à¤°à¤¾ नही थी पर कà¥à¤› ना होकर à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ बहà¥à¤¤ कà¥à¤› था जिसके कारण मै लिखने के लिये विवश हà¥à¤†. आप लोगो को कैसी लगी …………..
बोलो हनुमान जी की जय।
हनुमान जी को देखते ही मुझे एक ही नाम याद आता है , राम राम राम राम राम राम ………
I am from Bhatinda, Punjab and many people from there go to Salasar on pilgrimage. First they go to Sri Ganganagar and then in the desert to this place. I was always tempted to visit there but unfortunately I never made it.
Your’s is the only post on Salasar and it tell about that place.
Thanks. Pl. keep up with good work.
Dear Mr. Praveen
It’s nice to know you are well aware about salasar balaji hanuman. I saw there few Panjabi and sardar family were staying in dharmshala to visit mandir. Last week I again visited there and saw few young boys at 5 A.M. going for darshan of balaji. My friend told me on Saturday, Tuesday and on purnima, here are huge rush of devotee of balaji hanuman and que reach about 2 to 3 kilomitar.
Very engaging narrative, Rastogi jee, about your pilgrimage to Salasar. It is said that everything happens for a reason and there are no co-incidences in life. The events during the run up to your trip seem to corroborate this fact. Thanks for making us aware of this holy place of which few people have heard of, other than Rajasthanis.
The temple itself seems to be of recent origin and I am sure there must be some fascinating stories about it like who built it, why he built it and the reason for his samadhi being inside the temple complex. Your story would have been even better had included these details.
Dear Mr. Narayan
I agree with you “everything happens for a reason and there are no co-incidences in life.”
after your nice comments i search in google mentioning salasar balaji hanuman and found lot of web page about salasar balaji and lot of infomation available there. see below few link.
http://in.jagran.yahoo.com/dharm/?page=article&articleid=4851&category=11
http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/660/4/135
http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%B0_%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%80
रत्सोगी जी….
बहुत अच्छा लगा आपके साथ सालासर हनुमान जी के मंदिर को घूमकर…..| मैंने काफी नाम सुना हैं इस मंदिर का …..पर आज आपके लेख से काफी कुछ हद रक जानने को मिला इस मंदिर के बारे में……| विवरण के साथ-साथ फोटो बहुत ही अच्छे लगे….|
आपने लिखा कि सालासर में बिजली के मीटर घर के बाहर लगे हुए….और उन्हें कोई नुकसान भी नहीं पहुचाता , तो आपको जानकारी के लिए मैं आपको बता दूँ….हमारे शहर आगरा में बिधुत का निजीकरण हो जाने के कारण यहाँ की विधुत व्यवस्था अंडरग्राउंड क्र डी गयी हैं और मीटर हर घर में बाहर ही लगा हुआ हैं….| यहाँ भी कोई मीटरो को कोई नुकसान नहीं पहुचाता हैं….खैर यह आपकी जानकारी के लिए था ….बाकी आपकी पोस्ट पढ़कर कर अच्छा लगा…..
जय सालासर हनुमान जी…..
धन्यवाद….. वन्देमातरम
रीतेश … आगरा से
माफ़ करना रस्तोगी जी….आपका नाम गलत लिख गया..कमेन्ट थोड़ा जल्दी में जो किया था…| धन्यवाद !
dear Ritesh
मैने पहली बार एक गाँव मे इस तरह से बिजली के मीटर लगे देखे थे और उसके पीछे के कारण , इसलिये यहाँ जिक्र किया था.
आपको यह लेख पसंद आया
धन्यवाद
jai hanuman…
churu is well connected via rails frm jaipur too…by meter gauge…
रस्तोगी जी,
नाम तो मैंने भी बहुत सुना है इस जगह एवं मंदिर का, आज आप की पोस्ट के द्वारा थोडा बहुत ही सही पर महसूस भी कर लिया. बड़े ही सुन्दर शब्दों में आपने इस सिद्ध स्थान का वर्णन किया, आपको बहुत बहुत धन्यवाद. जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय कपिश तिहूँ लोक उजागर………………
dear Mukesh
आप लोगो को पढ कर अच्छा लगा मेरे लिये यही खुशी की बात है.
रस्तोगी जी, मैने भी इस जगह के बारे में सुना हुआ है | पर मात्र इतना मालूम था की हनुमान जी का मंदिर है | करीब १२-१४ साल पहले दो दोस्तों के साथ (एक से मेरा निकाह हो गया है और दूसरा विदेश में है और कभी मिलता नहीं) शेखावाटी, सीकर,फतेहपुर में रेत फांक रहे थे और शायद हम सालासर के आस-पास से गुजरे | तब मेरे मित्र के पास “मारुती वेगन आर” होती थी और हम लोग लोनली प्लेनेट लेकर निकल लेते थे | आज आपके लेख के द्वारा उस जगह का पर्दा फाश हुआ, साधुवाद |
आपकी लेखन शैली में एक “Story Teller” वाली बात है | जय हिंद |
नंदन जी
मै समझता हूँ कि लिखते – लिखते ही परिपक्वता आती है. अभी तो मंजिल बहुत दूर है.
मैने आपके द्वारा लिये गये साच्छात्कार पढ़े हैं. पढ कर लगता है किसी मंजे हुए जर्नलिस्ट के द्वारा लिया गया है. जबकि प्रोफेशनली तो शायद आप जर्नलिस्ट नही हैं.
बहुत बढ़िया विवरण है. मैंने सालासर के बारे में पहले सुना था पर आज पूरी जानकारी आपसे मिल गयी.
dear deependra
जानकर यह अच्छा लगा कि घुमक्कड़ परिवार के काफी लोगो को सालासर बालाजी के बारे मे जानकारी है. और उससे बड़ी बात यह की सभी को पोस्ट पसंद आई.
ध्न्यावाद
रस्तोगी जी काफी अच्छी यात्रा विवरण दिया आपने दिल गद-गद हो गया मैं काफी समय से यात्रा विवरण पडता आ रह हु आप का विवरण पहले बार पड़ा क्या कहु बहुत अच्छा लगा मैं तो सालासर जाने का प्रोग्राम था तो नेट पर देख रहा था की कैसे जाये आपकी यात्रा विवरण खुल गया और फोटो से तो मन और भी खुश हो गया
उम्मीद करता हु की आप असी ही यात्रा विवरण करोगे जय श्री राम