मारà¥à¤š के महीने में ऑफिस में बैठा कही घूमने जाने का सोच रहा था, तà¤à¥€ मेरी निगाह होली और उसके अगले दिन गà¥à¤¡ फà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¡à¥‡ की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर पड़ी। मैंने सोचा कि कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ना इस छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का कही घूमने जाने में उपयोग किया जाये। मेरा घूमने जाने का विचार सà¥à¤¨ के, à¤à¤• सहकरà¥à¤®à¥€ विनोद गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ साथ जाने के लिठतैयार हो गया।
23 मारà¥à¤š 2016 को ऑफिस का काम निपटा कर हम दोनों मेरी पलà¥à¤¸à¤° 150CC पर शाम के 7 बजे मोहन à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ मथà¥à¤°à¤¾ रोड दिलà¥à¤²à¥€ से निकले।
लमà¥à¤¬à¤¾ सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤‚त होने के कारण à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था कि हर कोई दिलà¥à¤²à¥€ छोड़ के जा रहा है, चारो तरफ जाम लगा हà¥à¤† था। हम लोग à¤à¥€ किसी तरह, जाम में बचते-बचाते मà¥à¤•रबा चौक बाईपास पर पहà¥à¤šà¥‡à¥¤
रात के 8 बज रहे थे और हम अà¤à¥€ à¤à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ में ही थे, मà¥à¤•रबा चौक पर थोड़ी देर रà¥à¤•ने के बाद हमने अमà¥à¤¬à¤¾à¤²à¤¾ के लिठअपनी यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ किया जहाठविनोद का à¤à¤• दोसà¥à¤¤ रहता था। दिलà¥à¤²à¥€ और हरियाणा में पेटà¥à¤°à¥‹à¤²-डीजल के कीमत में अंतर होने के कारण दिलà¥à¤²à¥€-हरियाणा बॉरà¥à¤¡à¤° पर कई सारे पेटà¥à¤°à¥‹à¤² पंप है। हमने à¤à¥€ उसी में से à¤à¤• पेटà¥à¤°à¥‹à¤² पंप पर बाइक की टंकी फà¥à¤² करवायी और अमà¥à¤¬à¤¾à¤²à¤¾ के लिठचल दिये।
दिलà¥à¤²à¥€ से चंडीगढ़ की सड़क बहà¥à¤à¤¤ ही अचà¥à¤›à¥€ अवसà¥à¤¥à¤¾ में है, रात का समय होने के बावजूद बाइक बड़े आराम से 70-80Kmph की रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° पर चल रही थी। हालांकि मैं बाइक बहà¥à¤¤ तेज़ नहीं चलता और रात में तो 60Kmph से तेज तो बिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¥€ नहीं लेकिन à¤à¤• तो देर हो रही थी और दूसरा सड़क à¤à¥€ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥€ अवसà¥à¤¥à¤¾ में थी इसलिठकोई दिकà¥à¤•त नहीं हो रही थी।
थोड़ी देर चलने के बाद हमलोग पानीपत टोल पà¥à¤²à¤¾à¤œà¤¾ पर पहà¥à¤šà¥‡, टोल पà¥à¤²à¤¾à¤œà¤¾ पार करते ही कई सारी छोटी -छोटी खाने की दà¥à¤•ानें है। वही पर हमने चाय-नमकीन खाया और थोड़ी देर विशà¥à¤°à¤¾à¤® किया।
विनोद के दोसà¥à¤¤ ने अपनी लोकेशन पहले ही हमे à¤à¥‡à¤œ दिया था इसलिठहमे वहां पहà¥à¤šà¤¨à¥‡ में कोई परेशानी नहीं हà¥à¤ˆà¥¤
रात के 11:30 हो रहे थे जब हम उसके घर पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ उसके दोसà¥à¤¤ ने हमलोगों के आने की ख़à¥à¤¶à¥€ में चिकेन करी और चावल बनाया हà¥à¤† था। हमलोग à¤à¥€ बाइक चलाने की वजह से थोड़ा थके हà¥à¤ थे इसलिठपहले नहाà¤à¤‚ और उसके बाद खाना खाने के लिठबैठे। खाना बहà¥à¤à¤¤ ही सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ बना हà¥à¤† था और खाने के बाद तो मन यही कह रहा था कि बस अब सो जाà¤à¤‚ लेकिन विनोद अपने दोसà¥à¤¤ से काफी समय बाद मिला था इसलिठआपस में घर-समाज और देश-दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की बातचीत होने लगी.
हमारी ये बातचीत रात के दो बजे तक चलती रही और अंत में ये निषà¥à¤•रà¥à¤· निकला कि अब हमलोग यहाठसे शिमला जायà¤à¤—े।
पहाड़ी रासà¥à¤¤à¥‹ पर बाइक चलाने का मà¥à¤à¥‡ कोई अनà¥à¤à¤µ तो नहीं था, मैं इससे पहले सिरà¥à¤« 2-3 बार हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° और ऋषिकेश तक गया था लेकिन ये विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ था कि थोड़ी दूर चलाने के बाद दिकà¥à¤•त नहीं होगी।
अगले दिन सà¥à¤¬à¤¹ की 7 बजे हमलोग अंबाला से निकले। सà¥à¤¬à¤¹-सà¥à¤¬à¤¹ बाइक चलाने में बहà¥à¤à¤¤ आननà¥à¤¦ आ रहा था। हमारा अगला सà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª सोलन था, यहाठहमलोग थोड़ी देर के लिठरà¥à¤•े और कà¥à¤› चाय-नाशà¥à¤¤à¤¾ किया, फिर आगे बढे।

Road condition on the way to Shimla
रासà¥à¤¤à¥‡ के नज़ारे मनमोहक थे और ऊपर से पहाड़ी रासà¥à¤¤à¥‹ पर बाइक चलाने का अपना अलग ही मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर के बाद हमलोग कणà¥à¤¡à¤¾à¤˜à¤¾à¤Ÿ पहà¥à¤à¤šà¥‡ और दोपहर के खाने के लिठà¤à¤• ढाबे पर रà¥à¤•े। होली का दिन होने के कारण चारो तरफ लोग रंगों में सराबोर होकर à¤à¤•-दूसरे के साथ होली खेलने में लगे हà¥à¤ थे।
हमने ढाबेवाले को परांठे और चाय के लिठबोला और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगो की होली खेलते हà¥à¤ देखने लगे। थोड़ी देर बाद जब परांठे तैयार हो गठतब हम ढाबे में वापस आà¤à¤‚ और जम के गरमा-गरम परांठा, दही, और आचार का मजा उठाया।
खाना खाने के बाद हम बाहर आये और धीरे-धीरे अपनी बाइक की तरफ जा रहे थे कि कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लड़कियों और बचà¥à¤šà¥‹ ने हमे अपने साथ होली खेलने के लिया रोक लिया।
उनके साथ थोड़ी देर होली खेलने के बाद, हमलोग शिमला की तरफ चल दिà¤à¥¤ रासà¥à¤¤à¥‡ में जगह-जगह लोग आपस में होली खेल रहे थे और हमलोग उनसे बचते-बचाते शिमला पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤
सà¥à¤¬à¤¹ को जब हमने शिमला जाने के लिये सोचा, उसी समय इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ से à¤à¤• होटल बà¥à¤• कर लिया था। होटल शिमला के ऊपरी हिसà¥à¤¸à¥‡ में था जहाठपर जाखू मंदिर वाली सड़क से होते हà¥à¤ जाने का रासà¥à¤¤à¤¾ था। अतः हमलोग सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगो से पूछते हà¥à¤ सीधे होटल पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤

Shimla city
होटल का कमरा साफ-सà¥à¤¥à¤°à¤¾ और आरामदायक था। हमने होटल में जाकर नहाया और थोड़ी देर आराम किया फिर शिमला घूमने के लिठनिकल पड़े।

View from the hotel
सबसे पहले हम जाखू मंदिर गà¤à¥¤ हमने अपनी बाइक को मंदिर की तरफ जाने वाले रासà¥à¤¤à¥‡ पर खड़ा किया और पैदल ही मंदिर की तरफ चल दिà¤à¥¤ रासà¥à¤¤à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ चौड़ा नहीं था और चढ़ाई à¤à¥€ थोड़ी तेज़ थी, लोग अपनी या किराये की कार से à¤à¥€ जा रहे थे लेकिन मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‹ पर बाइक चलाने का कोई अनà¥à¤à¤µ नहीं था इसलिठपैदल ही जाना ठीक समà¤à¤¾à¥¤
जाखू मंदिर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है जहाठपर à¤à¤• बहà¥à¤¤ ऊà¤à¤šà¥€ सी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की मूरà¥à¤¤à¤¿ लगी है और साथ में मंदिर है।
जाखू मंदिर की चढ़ाई वैसे तो जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मà¥à¤¶à¥à¤•िल नहीं है लेकिन पहाड़ो पर चढ़ाई का कोई अनà¥à¤à¤µ नहीं होने के कारण मंदिर तक पहà¥à¤šà¤¨à¥‡ में हमे à¤à¤• घंटे का समय लग गया।

Jakhu Temple
मंदिर के आस-पास बहà¥à¤à¤¤ सारे बनà¥à¤¦à¤° उछल-कूद मचा रहे थे और कà¤à¥€-कà¤à¥€ तो वे लोगो के हाथ से मोबाइल/कैमरा à¤à¥€ छीनने की कोशिश कर रहे थे, इसलिठहमने à¤à¥€ अपने फ़ोन और कैमरे अपनी जेब में रख लिया और मंदिर में दरà¥à¤¶à¤¨ करने के लिठआगे बढे।
मंदिर में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¥€à¤¡à¤¼ नहीं थी इसलिठहमलोगों ने आराम से दरà¥à¤¶à¤¨ किया और थोड़ा समय वह पर आस-पास घूमने में बिताया। करीब आधे घंटे बाद हम शिमला के और परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• जगहों पर जाने के लिठनिकले। बाइक पर होने के कारण हमें कही दिकà¥à¤•त का सामना नहीं करना पड़ रहा था और आराम से जिधर चाहते उधर की तरफ निकल लेते।
शाम होते-होते हमने शिमला की सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ जगहों को देख लिया जैसे शिमला रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨, समर हिल, à¤à¤• अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ की बनाई हà¥à¤ˆ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सी ईमारत आदि। इसके अलावा कà¥à¤› और जगहों पर à¤à¥€ गठलेकिन नाम याद नहीं आ रहा है।
शिमला घूमने के बाद हमलोग वापस होटल आये और चाय के लिठबोलकर थोड़ा आराम करने लगे। थोड़ी देर बाद जब वेटर ने दरवाजा खटखटाया तब जाकर हमारी नींद खà¥à¤²à¥€à¥¤ वेटर ने चाय दिया और खाने के बारे में पूछा तो हमने मना कर दिया की खाना हम बाहर खाà¤à¤‚गे। रात के 8 बजे हम माल रोड पर जाने के लिठनिकले। होटल से माल रोड का रासà¥à¤¤à¤¾ मà¥à¤¶à¥à¤•िल से 10 मिनट की पैदल दà¥à¤°à¥€ पर था। हमलोग टहलते हà¥à¤ माल रोड पहà¥à¤šà¥‡à¥¤ माल रोड पर खूब रौनक थी नव-विवाहित जोड़े हाथों में हाथ डाल कर घूम रहे थे।
हमलोग à¤à¥€ वहाठसीमेंट के चबूतरों पर बैठगठऔर आपस में बातचीत करने लगे। हमारे बगल में à¤à¤• टैकà¥à¤¸à¥€à¤µà¤¾à¤²à¤¾ बैठा हà¥à¤† था और हमारी बातचीत सà¥à¤¨ कर, वह हमारे पास चला आया। उससे बातचीत करने के बाद हमे हाटॠपीक नारकंडा के बारे में पता चला जो की शिमला से करीब 70 किलोमीटर दूर रामपà¥à¤° वाले रोड पर था। उसने हमें बताया की इस समय à¤à¥€ वहाठपर बरà¥à¤« पड़ी हà¥à¤ˆ है और टैकà¥à¤¸à¥€ से वहाठजाने और आने के 2000 रूपये लगेंगे। हमने उसे बताया कि हम बाइक पर है तो उसने कहा कि फिर तो आपलोग आराम से चले जाओ, रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ ठीक है और शिमला से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अचà¥à¤›à¤¾ है। उससे रासà¥à¤¤à¥‡ की जानकारी लेकर, हम खाना खाने के लिठà¤à¤• रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट में गà¤, लेकिन रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट में बहà¥à¤¤ à¤à¥€à¤¡à¤¼ थी तो हमने खाना पैक करवा लिठऔर होटल की तरफ चले।
होटल से नीचे उतरते समय तो रासà¥à¤¤à¥‡ का पता नहीं चला लेकिन चढ़ाई में हमारी सांस फूलने लगी। होटल में आने के बाद हमने खाना खाया और नारकंडा के बारे में कà¥à¤› जानकारी इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ के माधà¥à¤¯à¤® से इकठà¥à¤ ा किया फिर सो गà¤à¥¤
सà¥à¤¬à¤¹ के 7 बजे हम तैयार होकर नारकंडा के लिठनिकले। सà¥à¤¬à¤¹-सà¥à¤¬à¤¹ दà¥à¤•ाने बंद थी इसलिठनाशà¥à¤¤à¤¾ रासà¥à¤¤à¥‡ में करने को सोचकर आगे बढे। थोड़ी देर बाद हम कà¥à¤«à¤°à¥€ पहà¥à¤à¤šà¥‡ और सड़क के किनारे à¤à¤• जगह परांठे, अचार और चाय का नाशà¥à¤¤à¤¾ किया।
जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे थे दृशà¥à¤¯ बहà¥à¤¤ ही मनमोहक होते जा रहा थे, कदम-कदम पर नज़ारे बदल रहे थे।
जब हमने यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ किया तब हमारा पà¥à¤²à¤¾à¤¨ सिरà¥à¤« अमà¥à¤¬à¤¾à¤²à¤¾ तक था, फिर शिमला हो गया, और अब हम नारकंडा जा रहे थे। बाइक अपनी à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° पर चल रही थी और जैसे -जैसे नारकंडा पास आ रहा था, हमारी आतà¥à¤°à¤¤à¤¾ बढ़ती ही जा रही थी। नारकंडा जाने के लिठहम इसलिठà¤à¥€ तà¥à¤°à¤‚त तैयार हो गठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम दोनों ने अबतक बरà¥à¤« से ढà¤à¤•े पहाड़ नहीं देखे थे, या यूठकहे तो बरà¥à¤« ही नहीं देखा था (फà¥à¤°à¥€à¤œ वाला छोड़ कर).

Road condition on the way to Narkanda

On the way to Narkanda
पहाड़ी जगह होने के बावजूद, शिमला से नारकंडा तक का रासà¥à¤¤à¤¾ बहà¥à¤¤ ही अचà¥à¤›à¤¾ था, हमलोग à¤à¥€ रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का मज़ा लेते हà¥à¤ और हर 4-6 किलोमीटर पर रà¥à¤•ते-रà¥à¤•ाते सà¥à¤¬à¤¹ के 10:30 हम नारकंडा पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ वहाठहमलोग थोड़ी देर रà¥à¤• कर चाय पीया और हाटॠपीक जाने के लिठरासà¥à¤¤à¥‡ की जानकारी लिया।

First Snow

My beat at Snow point
नारकंडा से हाटॠपीक करीब 7-8 किलोमीटर दूर है और नारकंडा से थोड़ा सा आगे जाने पर दांये हाथ को हाटॠपीक के लिठअलग रासà¥à¤¤à¤¾ कटता है। हाटॠपीक का रासà¥à¤¤à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ चौड़ा नहीं है, अगर आमने-सामने से à¤à¤• बाइक और à¤à¤• कार आ जाये तो साइड देने के लिठजगह देखनी पड़ती है। साथ ही à¤à¤•दम खड़ी चढ़ाई है जिसके à¤à¤• तरफ पहाड़ है और दूसरी तरफ खाई। रासà¥à¤¤à¥‡ à¤à¤° छोटी-छोटी बजरी गिरी हà¥à¤ˆ थी जिससे बाइक को फिसलने का à¤à¥€ डर लगा रहता था, और अगर बाइक फिसले तो फिर सीधे सैकड़ो फ़ीट गहरी खाई में।
मैंने विनोद से बोला कि इस रासà¥à¤¤à¥‡ का वीडियो बना ले, लेकिन उसकी हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं हो पा रही थी। वैसे थोड़ा सा डर मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ लग रहा था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मैंने à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर कà¤à¥€ बाइक नहीं चलाया था। बाइक à¤à¥€ अधिकतर पहले या दूसरे गियर में ही चल रही थी।
हाटॠपीक से करीब दो किलोमीटर पहले से ही सड़क पूरी तरह से बरà¥à¤« से ढकी हà¥à¤ˆ थी और जैसे ही हमने उसके ऊपर बाइक चलाने की कोशिश की, बाइक आगे जाने की बजाय पीछे की तरफ फिसलने लगी। हमारे पीछे कà¥à¤› फ़ीट पर खाई थी और रोकने के बावजूद बाइक पीछे की तरफ फिसल रही थी इसलिठमैंने बाइक को दाहिने हाथ के तरफ गिरा दिया जिससे बाइक का हैंडल बरà¥à¤« में धंस गया और बाइक रà¥à¤• गयी।
फिर हमने बाइक को वही खड़ा किया और पैदल ही आगे की तरफ चल दिà¤à¥¤ चारो तरफ बरà¥à¤« ही बरà¥à¤« फैली हà¥à¤ˆ थी और हमने à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€à¤‚ बरà¥à¤« पहली बार देखा तो हमलोग à¤à¥€ उसमे खेलते हà¥à¤ आगे बढ़ने लगे। थोड़ी देर बाद हमे महसूस हà¥à¤† कि हमारे जूतों में बरà¥à¤« का पानी जा रहा है लेकिन अब इतना आगे आने के बाद कà¥à¤› किया à¤à¥€ नहीं जा सकता था, वैसे रासà¥à¤¤à¥‡ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में ही बरà¥à¤« वाले जूतें या पनà¥à¤¨à¥€ किराये पर मिल रहा था लेकिन हमें कà¥à¤› पता ना होने के कारण हमने उसपर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं दिया था।

Way to Hatu Peak – Full of snow
à¤à¤• तो रासà¥à¤¤à¤¾ पूरा बरà¥à¤« से ढà¤à¤•ा हà¥à¤† था, दूसरा हमारे पैर के पंजे गीले होने लगे थे और हमारे जूते à¤à¥€ फिसल रहे थे, इसलिठडर à¤à¥€ लग रहा था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि दूसरी तरफ खाई थी और अगर फिसले तो सीधा नीचे गिरेंगे।

Hatu Peak – Snow everywhere

Hatu Peak Snow all around
खैर किसी तरह से हम हाटॠपीक पर पंहà¥à¤šà¥‡à¥¤ ऊपर ही à¤à¤• मंदिर à¤à¥€ बना हà¥à¤† है जहा मरमà¥à¤®à¤¤ का कारà¥à¤¯ चल रहा था इसलिठअंदर जाना मना था। हमने बाहर से ही पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® किया और फिर आस-पास घूमने लगे। वहाठसे हर तरफ का दृशà¥à¤¯ बहà¥à¤¤ ही लà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ था। जिधर निगाह डालो उधर à¤à¤• से बढ़कर à¤à¤• मनमोहक नज़ारे थे (कम से कम मेरे लिà¤) और सामने की तरफ शायद हिमालय शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ की बरà¥à¤« से ढà¤à¤•ी चोटिया दिख रही थी।

Snow capped mountains
हम थोड़ी देर वहाठपर बैठे, कà¥à¤› फोटो खिंचे और फिर नीचे उतरना शà¥à¤°à¥‚ किया। नीचे की तरफ आते हà¥à¤ हमें à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ आदमी मिला, हम उससे बातचीत करते हà¥à¤ और वहाठके बारे में और जानकारी लेते हà¥à¤¯à¥‡ धीमे-धीमे नीचे आ रहे थे की अचानक हमे कà¥à¤› लोगो की चीख-पà¥à¤•ार सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ दिया।
हम तेज़ी से आगे बढ़े और वहां पहà¥à¤à¤šà¤•र देखा कि 6-7 औरतें और बचà¥à¤šà¥‡ बरà¥à¤« में खेलने के लिये मà¥à¤–à¥à¤¯ रासà¥à¤¤à¥‡ से नीचे उतरे थे और अब वही फ़स गà¤à¥¤ जब à¤à¥€ वें ऊपर आने की कोशिश करते तब पीछे की तरफ फिसलने लगते और पीछे की तरफ हजारों फ़ीट गहरी खाई थी।
लोग वहां खड़े होकर तमाशा देख रहे थे लेकिन कोई बचाने के लिठआगे नहीं आ रहा था, फिर हमने रासà¥à¤¤à¥‡ में खड़ीं 3-4 महिलायों से सà¥à¤•ारà¥à¤«à¤¼/दà¥à¤ªà¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾/शाल आदि लिया और उनको à¤à¤• में बांध कर à¤à¤• लंबी रसà¥à¤¸à¥€ की तरह बनाया। फिर उससे à¤à¤•-à¤à¤• करके उन सबको बाहर खींच कर निकाला।
हमलोगों को अगले दिन ऑफिस जाना था और समय धीरे-धीरे बीत रहा था अतः हमलोग जलà¥à¤¦à¥€ से चलते हà¥à¤ बाइक के पास आये और अपनी दिलà¥à¤²à¥€ की वापसी यातà¥à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ किया।
दोपहर के 3 बजे हम शिमला वापस पंहà¥à¤šà¥‡ और à¤à¤• ढाबे पर रà¥à¤• कर खाना खाया। मैंने पहाड़ो में कà¤à¥€ रात में बाइक नहीं चलाया था इसलिठयही कोशिश कर रहा था कि सूरज छिपने से पहले पहाड़ी रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से बाहर आ जाये और हà¥à¤† à¤à¥€ यही, अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ होते-होते हम जीरकपà¥à¤° पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤
जीरकपà¥à¤° में थोड़ी दूर रà¥à¤• कर हमने आराम किया और फिर वहां से चले तो सीधे पानीपत के पास रात के खाने के लिठरà¥à¤•े।
रात के करीब 12 बजे हम दिलà¥à¤²à¥€ पहà¥à¤šà¥‡ और नहाने के बाद सीधे जाकर सो गà¤à¥¤
इस यातà¥à¤°à¤¾ में हम दोनों का दिलà¥à¤²à¥€ से दिलà¥à¤²à¥€ तक करीब 2-2 हजार रूपये का खरà¥à¤šà¤¾ आया।
I visited Narkanda around 30 years back. Thanks for reviving our fond memories of the place through your well written post.
Thank you so much Sir. Narkanda is best place to relax in the lap of the mountains if we want away from crowded hill station like Shimla.
Dear Sangam ji
Good to read that you and your friend tried to save some tourists who had ventured into the melting snow. It was really heartening. Regarding your post, it was good and it again emphasised your style of impromptu travelling.
Please keep travelling and sharing your posts.
Regards
Uday Jee, Thank you so much for your appreciation.
I must salute your will to travel and being able to start early. I think it is natural for anyone to laze around during a long weekend but you took the plunge and I guess it paid off really well.
I went to Narkanda in 2009 and we stayed there for a night. We didn’t venture towards Hatu Peak since we were to go Spiti, next day and it was a long drive. But everytime I read about Hatu and look at these white pics, I think of making it someday.
Thank you Sangam.
And Kudos for helping fellow tourists. Bravo.
Thank you Nandan Sir, it’s all about your passion for providing a platform where we can share our travel experience with each other. Ghumakkar.com is very helpful for us to plan our trip according to.
I follow a simple rule when traveling in the Mountains that start early & reach the destination before sunset.
Driving from Narkanda to Hatu Peak is full of adventure if drive safely within the limit.
सुन्दर यात्रा वर्णन पढ कर ही ऐसा लगा जैसे घूम आये हम।
Thank you Vikas, It’s good to know that you liked the travel story.