You can read here Part I and Part II of Malacca .
मल्ल्क्का के चाइना टाउन के बीच में है Cheng Hoon Teng मंदिर (The Cheng Hoon Teng Temple). 1645 में बनाया गया |
यह मंदिर मलयेशिया का सबसे पुराना चीनी मंदिर है जो अभी तक समय के थपेड़ों को झेलता चला आ रहा है | मंदिर काफी बड़ा है और सुन्दर भी |
मैंने यह पाया कि यहाँ किसी भी मंदिर में जूते-चप्पल उतारकर अन्दर जाना अनिवार्य नहीं है | आपको बस कुछ ही लोग नंगे पैर दिखेंगे | अधिकतर लोग मोमबत्ती और अगरबत्ती जलाकर ईश्वर को नमन करते हैं | अगरबत्ती की राख को समेटने के लिए बड़े बर्तन (urn ) हैं और कहीं कहीं तो अगरबत्ती ७ फूट से भी लम्बी होती है ! यकीन नहीं होता? मेरे पास सबूत है जो मैं यहाँ तो नहीं दिखा सकती | :)
मल्ल्क्का जाने पर सबसे पहले जिस पर नज़र जाती है, वो है लाल इमारतें | और साथ ही नज़र जाती है त्रिषा पर | जी हाँ त्रिषा | बहुत सारे रंग बिरंगे त्रिषा |
नहीं नहीं | मेरे नाम से इनका कोई रिश्ता नहीं है और न ही मैंने इन्हें यह नाम दिया है |
मुझे तो लगता है कि (Tricycle + Rickshaw) से मिलकर इस नाम का जन्म हुआ है |
त्रिषा | संछेप्त में कहा जाये तो अदभुत, आकर्षक और रंगीन | प्लास्टिक के फूलों, गुडियों, सॉफ्ट खिलोनों और इसी प्रकार की अन्य वस्तुओं से सजे धजे ये त्रिशे बड़े ही मन भावक लगते हैं | यह देखने में बिलकुल हमारे रिक्शे जैसा होता है, थोड़ा नीचा और बस २ व्यक्तियों के बैठने की जगह होती है |
हर त्रिषा में संगीत बड़ी ही ऊंची आवाज़ में लगाया जाता है जैसे पूरी कालोनी को गाना सुनाना हो | अधिकतर अंग्रेजी के प्रचलित गाने होते हैं और कभी-२ अगर आपकी किस्मत अच्छी हुई तो बॉलीवुड के मशहूर गानों का भी लुत्फ़ मिल जाता है |
पीछे की ओर एक बड़ी बैटरी, (जैसी कार में अक्सर देखने को मिलती है), लगी होती है | बैटरी का काम है उस म्यूजिक सिस्टम को चलाये रखना और रात में त्रिषा को छोटी-२ बत्तियों से दुल्हन की तरह जगमगाते रखना | पीछे ही एक छोटा सा लकड़ी का बक्सा होता है जो त्रिषा चालक की निजी वस्तुओं जैसे टोपी, पानी इत्यादि रखने के काम आता है |
इन त्रिषा पर सैर करने का किराया RM 40-60 (Ringgit Malaysian) प्रति घंटा है और संगीत मुफ्त ! त्रिषा चालक अधिकतर किसी फिल्मी धुन को बजाते हुए एक साथ समूह में चलना पसंद करते हैं |
तो है ना मल्ल्क्का देखने की जगह ? फिर कब जा रहे हैं आप?
Lot of questions for readers :-)
1. The name does sound familiar to someone’s name.
2. Trisha, of course. Well to be more honest, Ladkiyan :-)
3. Indeed Mast.
I am guessing that Trisha is more like a take-a-ride for tourists than as one of regular mode of transport for locals (like here). I am sure people know this but Rickshaws in our country vary from place to place, while you find these really low-height ones in HYD, the ones in Patna are really high with a lot of paraphernalia, even the horn is governed from a break-wire contraption. The ones in Delhi probably are practical/frugal (designed by IIT) light weight utility vahans.
Where do we go next Nisha ?
Nandan,
:-)
Must say, your answers are honest. :-)
Yes, they are to lure the tourists. Otherwise, they have cars & powerful motorbikes (plenty of them) and local buses.
One more thing I must mention here that the drivers never blow horn even if you are walking on the middle of the road. They are very disciplined to let the pedestrian cross the road unlike in India where he has to literally save his life from getting run over !
Next? Let me see my map. :P
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Hi Manish,
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Right now I am in the midst of a backpacking trip of 2 countries. I am doing it solo. :)
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Bravo !!
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