“सà¥à¤¨à¥‹ जी! उदयपà¥à¤° घूमने चलने का मूड है कà¥à¤¯à¤¾?â€
“कमाल है! à¤à¥‚त के मà¥à¤‚ह से राम-राम! आज तà¥à¤® घूमने की बात कर रही हो! सब खैरियत तो है?â€
“हवाई जहाज से चलेंगे!â€
“अब मà¥à¤à¥‡ चिंता होने लगी। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी के माथे पर हाथ रख कर देखा कि कहीं बà¥à¤–ार वगैरा तो नहीं है, पर माथा à¤à¥€ सामानà¥à¤¯ लग रहा था ! “आखिर चकà¥à¤•र कà¥à¤¯à¤¾ है? आज तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ हो गया है? मà¥à¤‚गेरीलाल के à¤à¤¸à¥‡ हसीन सपने कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दिखा रही हो?
“कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? हवाई जहाज से जाने में कà¥à¤¯à¤¾ दिकà¥à¤•त है अगर सिरà¥à¤« à¤à¤• रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ टिकट हो?â€
तà¥à¤®à¤¨à¥‡ आज कहीं à¤à¤¾à¤‚ग-वांग तो नहीं पी ली है गलती से? तà¥à¤® तो बिलà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤•ल जीवन जीने में यकीन रखती हो! फिर à¤à¤¸à¥€ बातें कैसे करने लगी हो?â€
अरे, आप à¤à¥€ बस! असल में बड़ी दीदी का फोन आया था। वह कह रही हैं कि उदयपà¥à¤° घूमने चलते हैं ’बाई à¤à¤¯à¤°â€™! उनके बेटे ने कहा होगा कि à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤‚स à¤à¤• – à¤à¤• रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ के टिकट दे रही हैं। सिरà¥à¤« टैकà¥à¤¸ देना होता है जो करीब 1200 बैठता है। à¤à¤• टिकट 1201 का पड़ता है! टà¥à¤°à¥‡à¤¨ के टिकट से à¤à¥€ ससà¥à¤¤à¤¾! आपको तो घूमने जाने में कोई दिकà¥à¤•त है ही नहीं!  मैने तो हां कह दी है, मारà¥à¤š à¤à¤‚ड में चलेंगे अगर टिकट कंफरà¥à¤® हो गये तो!â€
“अरे, ये à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤‚स वाले तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ जीजी के समधी हैं कà¥à¤¯à¤¾? 1 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ में दिलà¥à¤²à¥€ से उदयपà¥à¤° कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लेकर जायेंगे?  और फिर, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ दीदी-जीजाजी के साथ घूमने जाना पड़ेगा?â€
“कà¥à¤¯à¥‚ं? उनमें कà¥à¤¯à¤¾ खराबी है? जब उनको आपके साथ जाने में कोई तकलीफ नहीं है तो आपको कà¥à¤¯à¤¾ तकलीफ है? शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी को रà¥à¤·à¥à¤Ÿ हो गया देखकर मैने अपने माथे पर हाथ मारा ! अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¤²à¤¾ घूमने का पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® बन रहा है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ चौपट करे दे रहा हूं?Â
“नहीं, à¤à¤¸à¥€ कोई खराबी à¤à¥€ नही है !â€Â चलो, ठीक है, चलेंगे ! पर सिरà¥à¤« उदयपà¥à¤° नहीं, माउंट आबू à¤à¥€! बड़ी गज़ब जगह है, देख कर पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो जाओगी !â€
“कà¥à¤² पांच दिन का टूर रखेंगे ! अगर उसमें माउंट आबू à¤à¥€ शामिल हो सकता है तो ठीक है, आप जीजाजी से बात कर लेना।“
हमारी ये बातचीत वरà¥à¤· 2007 की जनवरी की है। जब तीन दिन बाद मà¥à¤à¥‡ पता चला कि गाज़ियाबाद सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हमारे रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से हम चारों के आने-जाने के à¤à¤¯à¤° – टिकट कंफरà¥à¤® हो गये हैं तो मैंने सपने में ही हवाई यातà¥à¤°à¤¾ करनी चालू कर दी। दरअसल, हम कà¥à¤› वरà¥à¤· पहले तक तो रेल में à¤à¥€ à¤.सी. यातà¥à¤°à¤¾ को फालतू का खरà¥à¤šà¤¾ मान कर सà¥à¤²à¥€à¤ªà¤° कà¥à¤²à¤¾à¤¸ में खà¥à¤¶à¥€ खà¥à¤¶à¥€ यातà¥à¤°à¤¾ करते रहे हैं। अतः हवाई जहाज से यातà¥à¤°à¤¾ करने की दिशा में हमने कà¤à¥€ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ ही नहीं की। बेटा à¤à¤²à¥‡ ही इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड के कई चकà¥à¤•र लगा आया हो पर हम मियां-बीवी थोड़ा आलसी किसà¥à¤® के हैं!  उसके बार-बार कहने के बावजूद हमने आज तक पासपोरà¥à¤Ÿ à¤à¥€ नहीं बनवाया है। à¤à¤• बार ऑनलाइन पासपोरà¥à¤Ÿ की अरà¥à¤œà¤¼à¥€ दी थीं। उस आवेदन पतà¥à¤° में à¤à¤• कॉलम यह à¤à¥€ था कि साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार के लिये गाज़ियाबाद सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पासपोरà¥à¤Ÿ ऑफिस में कब पधारेंगे। हमने जो तिथि आवेदन पतà¥à¤° में सूचित की थी उस दिन हम गये ही नहीं ! पता नहीं, उस पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤ªà¤¤à¥à¤° की आज कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है! पर चलो, विदेश यातà¥à¤°à¤¾ न सही, सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶ में ही à¤à¤¯à¤° टà¥à¤°à¥‡à¤µà¤² कर के देख लिया जाये।
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी की बड़ी बहिन गाज़ियाबाद में रहती हैं अतः यह तय हà¥à¤† था कि हम अपनी कार से गाज़ियाबाद जायेंगे और वहां से पांच दिन के टूर पर उन लोगों के साथ – साथ उदयपà¥à¤° और माउंट आबू घूमेंगे और हवाई जहाज से ही वापस आयेंगे। हमारी शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी अपनी सबसे बड़ी बहिन से  लगà¤à¤— २० वरà¥à¤· छोटी हैं और इस कारण उन दोनों में मां-बेटी जैसी ही à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है। पर यह बात जाने से पहले ही सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कर ली गई थी कि सारे खरà¥à¤š à¤à¤• ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ करता चलेगा और बाद में दोनों परिवार आधा – आधा खरà¥à¤š बांट लेंगे।
28 मारà¥à¤š की सà¥à¤¬à¤¹ पांच बजे हमने अपनी कार में सामान लादा और गाज़ियाबाद के लिये निकल पड़े! दिन में 2.30 बजे के आस-पास फà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ का टाइम था जिसके लिये हमें दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ के देसी टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² पर दोपहर à¤à¤• बजे तक पहà¥à¤‚च जाना चाहिये था। रासà¥à¤¤à¥‡ à¤à¤° हवाई किले बनाते हà¥à¤ हम दोनों दस बजे शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र, गाज़ियाबाद पहà¥à¤‚च गये। जो – जो बातें फोन पर नहीं हो पाई थीं, वह सब तय कर ली गईं। इतने दिनों में मैने à¤à¥€ उदयपà¥à¤° और माउंट आबू की खाक इंटरनेट पर जम कर छान ली थी। सारे होटलों और दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के नाम रट चà¥à¤•ा था। आमेट हवेली के बारे में बड़े अचà¥à¤›à¥‡ अचà¥à¤›à¥‡ रिवà¥à¤¯à¥‚ पढ़े थे, फोटो à¤à¥€ देखे थे, अतः दिमाग में बस यही छाया हà¥à¤† था कि अगर जेब ने साथ दिया तो आमेट हवेली में जाकर ही टिकेंगे। जहां तक माउंट आबू का पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ था तो मैं पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के तà¥à¤°à¤¿-दिवसीय शिविरों में पहले à¤à¥€ दो बार हो कर आ चà¥à¤•ा था और उस संसà¥à¤¥à¤¾ के अदà¥â€Œà¤à¥à¤¤ परिसर, शांत à¤à¤µà¤‚ पवितà¥à¤° वातावरण, कà¥à¤¶à¤² पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन और वहां के संचालकों के सà¥à¤¨à¥‡à¤¹à¤ªà¥‚रà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के कारण वहां के बारे में बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥€ धारणा मेरे मन में थी। सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से मेरी इचà¥à¤›à¤¾ थी कि हम वहीं पर रà¥à¤•ें। पर बाकी तीनों लोगों का उस संसà¥à¤¥à¤¾ से पूरà¥à¤£ अपरिचय होने के कारण उन को शंका थी कि घूमने फिरने के लिये जाना है तो किसी धारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ में जाकर रà¥à¤•ना पता नहीं रà¥à¤šà¤¿à¤•र रहेगा या नहीं! पर चलो, ये सब तो उदयपà¥à¤° पहà¥à¤‚च कर देखा जायेगा।
अपनी कार तो हमने गाज़ियाबाद में घर पर ही खड़ी कर दी थी। घर से à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ तक पहà¥à¤‚चाने के लिये शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी के à¤à¤¾à¤¨à¤œà¥‡ ने अपने डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° को गाड़ी सहित à¤à¥‡à¤œ दिया था जिसने हमें समय से à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पहà¥à¤‚चा दिया। हम दोनों के लिये वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से यातà¥à¤°à¤¾ का ही नहीं, बलà¥à¤•ि à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ का यह पहला अवसर था अतः रोमांच बहà¥à¤¤ था। à¤à¤• – à¤à¤• मिनट à¤à¤• – à¤à¤• घंटे जैसा अनà¥à¤à¤µ हो रहा था। टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करके अपने बैग – अटैची à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ अधिकारियों को सौंपे गये बदले में हमें बोरà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग पास मिले! वहां से अनà¥à¤¦à¤° गये तो कैफेटेरिया-कम-वेटिंग हॉल दिखाई दिया। खाली सीट देख कर हम चारों बैठगये। मà¥à¤à¥‡ लगा कि अब समय आ गया है कि अपने कैमरे को बैग से बाहर निकाल लिया जाये। दीदी ने पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤µà¤¾à¤šà¤• निगाहें मेरी ओर उठाईं “अà¤à¥€ से कैमरा?†तो हमारी शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी ने उनके कान में फà¥à¤¸à¤«à¥à¤¸à¤¾ कर कह दिया कि इनको कैमरे के लिये कà¤à¥€ कोई कमेंट मत करना वरना à¤à¥ˆà¤‚स पानी में चली जायेगी! पूरे टूर में ये मà¥à¤‚ह फà¥à¤²à¤¾à¤¯à¥‡ घूमते रहेंगे!â€
अंततः वह कà¥à¤·à¤£ à¤à¥€ आया जब उस पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾à¤²à¤¯ की दीवारों पर लगे हà¥à¤ इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• डिसà¥à¤ªà¥à¤²à¥‡ बोरà¥à¤¡ पर हमारी फà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ का ज़िकà¥à¤° आया और सà¤à¥€ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बस में बैठने हेतॠउदà¥â€Œà¤˜à¥‹à¤·à¤£à¤¾ की गई। पतà¥à¤¨à¥€ ने कहा कि बस की कà¥à¤¯à¤¾ जरूरत है, पैदल ही चलते हैं तो उसके जीजाजी ने कहा कि चिंता ना करै ! टिकट नहीं लगता। मैं à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ की बस में बैठते ही कैमरा लेकर ठीक à¤à¤¸à¥‡ ही à¤à¤²à¤°à¥à¤Ÿ हो गया जैसे बॉरà¥à¤¡à¤° पर हमारे वीर जवान सनà¥à¤¨à¤¦à¥à¤§ रहते हैं। दो – तीन मिनट की उस यातà¥à¤°à¤¾ में वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ तक पहà¥à¤‚चने तक à¤à¥€ बीस-तीस फोटो खींच डालीं!
जब अपने वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के आगे पहà¥à¤‚चे तो बड़ी निराशा हà¥à¤ˆ! बहà¥à¤¤ छोटा सा (सिरà¥à¤« 38 सीटर) जहाज था वह à¤à¥€ सफेद पà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¤†à¥¤Â मà¥à¤à¥‡ लगा कि मैं छः फà¥à¤Ÿà¤¾ जवान इसमें कैसे खड़ा हो पाउंगा ! सिर à¤à¥à¤•ा कर बैठना पड़ेगा!  à¤à¤¯à¤° डैकà¥à¤•न à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤‚स के इस विमान में, जिसका दिलà¥à¤²à¥€ से उदयपà¥à¤° तक का हमने सिरà¥à¤« 1201 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ किराया अदा किया था, हम अनà¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿ हà¥à¤ तो à¤à¤¸à¤¾ नहीं लगा कि सिर à¤à¥à¤•ा कर चलना पड़ रहा है। सिरà¥à¤« बाहर से ही à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था कि जहाज में घà¥à¤¸ नहीं पाउंगा। खैर अनà¥à¤¦à¤° पहà¥à¤‚च कर अपनी सीटें संà¤à¤¾à¤² लीं।  मà¥à¤à¥‡ खिड़की वाली सीट चाहिये थी सो किसी ने कोई आपतà¥à¤¤à¤¿ दरà¥à¤œà¤¼ नहीं की। अनà¥à¤¦à¤° सब कà¥à¤› साफ-सà¥à¤¥à¤°à¤¾ था। à¤à¤¯à¤°à¤¹à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤¸ à¤à¥€ ठीक-ठाक थी। यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ इंतज़ामों का परिचय देने की औपचारिकता का उसने à¤à¤• मिनट से à¤à¥€ कम समय में निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ कर दिया। सच तो यह है कि कोई à¤à¥€ à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤‚स, यातà¥à¤°à¤¾ के शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठके समय दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾, à¤à¤®à¤°à¤œà¥‡à¤‚सी, अगà¥à¤¨à¤¿ शमन जैसे विषय पर बात करके यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को आतंकित नहीं करना चाहती हैं पर चूंकि emergency procedures के बारे में यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बताना कानूनन जरूरी है, अतः इसे मातà¥à¤° à¤à¤• औपचारिकता के रूप में फटाफट निबटा दिया जाता है। यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समठकà¥à¤› à¤à¥€ नहीं आता कि किस बटन को दबाने से ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¼à¤¨ मासà¥à¤• रिलीज़ होगा और उसे कैसे अपने नाक पर फिट करना है। à¤à¤®à¤°à¤œà¥‡à¤‚सी लैंडिंग की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ करना है और कैसे – कैसे करना है। अगर कà¤à¥€ दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बनती है तो यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में हाहाकार मच जाता है, वह निसà¥à¤¸à¤¹à¤¾à¤¯, निरà¥à¤ªà¤¾à¤¯ रहते हैं, कà¥à¤› समठनहीं पाते कि कà¥à¤¯à¤¾ करें और कà¥à¤¯à¤¾ न करें! मेरे विचार से इसका कोई न कोई मधà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— निकाला जाना चाहिये। असà¥à¤¤à¥ !
कà¥à¤› ही कà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में हमारे पायलट महोदय ने पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया और बिना हमारा अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ किये ही कॉकपिट में चले गये। उनके पीछे – पीछे à¤à¤¯à¤°à¤¹à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤¸ à¤à¥€ चली गई पर जलà¥à¤¦à¥€ ही वापस आ गई और हमें अपनी अपनी बैलà¥à¤Ÿ कसने के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिये। मैने अपनी पैंट की बैलà¥à¤Ÿ और कस ली तो शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी ने कहा कि सीट की बैलà¥à¤Ÿ कसो, पैंट की नहीं ! अपनी ही नहीं, मेरी सीट की à¤à¥€à¥¤Â मैने à¤à¤¯à¤°à¤¹à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤¸ को इशारा किया और कहा कि मेरी सीट की बैलà¥à¤Ÿ कस दे। (सिरà¥à¤« 1201 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ दिये हैं तो उससे कà¥à¤¯à¤¾? आखिर हैं तो हम वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के यातà¥à¤°à¥€ ही ! à¤à¤¯à¤°à¤¹à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤¸ पर इतना अधिकार तो बनता ही है!) अब मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ समठआ गया था कि सीट बैलà¥à¤Ÿ कैसे कसी जायेगी अतः पतà¥à¤¨à¥€ की सीट की à¤à¥€ बैलà¥à¤Ÿ मैने कस दी।  मà¥à¤à¥‡ खिड़की में से अपने जहाज की पंखड़िया घूमती हà¥à¤ˆ दिखाई दीं, दà¥à¤µà¤¾à¤° पहले ही बनà¥à¤¦ किये जा चà¥à¤•े थे। à¤à¤¯à¤° सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤ª पर निगाह पड़ी तो पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ चà¥à¤Ÿà¤•à¥à¤²à¤¾ याद आया। “जीतो ने संता से अपनी पहली हवाई यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान खिड़की से बाहर à¤à¤¾à¤‚कते हà¥à¤ कहा कि बंता ठीक कहता था कि हवाई जहाज की खिड़की से à¤à¤¾à¤‚क कर देखो तो जमीन पर चलते हà¥à¤ लोग बिलà¥à¤•à¥à¤² चींटियों जैसे लगते हैं! संता ने जीतो को à¤à¤¿à¤¡à¤¼à¤•ा, “अरी बà¥à¤¦à¥à¤§à¥‚ ! ये चींटियां ही हैं, अà¤à¥€ जहाज उड़ा ही कहां है!†चलो खैर !
जहाज ने रेंगना शà¥à¤°à¥ किया और काफी देर तक हवाई पटà¥à¤Ÿà¥€ पर ही रेंगता रहा और गति बढ़ती रही तो मà¥à¤à¥‡ शक होने लगा कि कहीं ये सड़क मारà¥à¤— से ही तो उदयपà¥à¤° तक लेकर नहीं जायेंगे? मà¥à¤à¥‡ टिकट पर बारीक – बारीक अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में कà¥à¤¯à¤¾ – कà¥à¤¯à¤¾ लिखा हà¥à¤† है, यह ठीक से पढ़ लेना चाहिये था।  मैने अपने संदेह की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के लिये पà¥à¤¨à¤ƒ à¤à¤¯à¤°à¤¹à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤¸ को बà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ चाहा तो पतà¥à¤¨à¥€ ने आंखें तरेरी! पर तà¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ लगा कि जहाज अब धरती छोड़ चà¥à¤•ा है और तेजी से आकाश की ओर उठता जा रहा है। दिलà¥à¤²à¥€ के बड़े – बड़े बहà¥à¤®à¤‚जिला मकान और नेशनल हाई वे अब गतà¥à¤¤à¥‡ के मॉडल जैसे दिखाई देने लगे थे जो आरà¥à¤•िटेकà¥à¤Ÿ लोग अपने ऑफिस में सजा कर रखते हैं। कà¥à¤› ही मिनट में ये मकान गायब हो गये और उसकी जगह खेत – खलिहान आ गये और फिर जलà¥à¤¦à¥€ ही उनकी जगह उजाड़ – बंजर धरती ने ले ली! मà¥à¤à¥‡ इस बात का सखà¥à¤¤ अफसोस हो रहा था कि जहाज और ऊंचाई पर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं जा रहा है। जिस ऊंचाई पर हम थे, वहां से धरती अà¤à¥€ à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ नज़र आ रही थी जैसी दस-बारह मंजिला à¤à¤µà¤¨ की छत से नज़र आती है। मà¥à¤à¥‡ लगा कि पायलट से पता करूं कि और ऊपर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं जा रहे पर दीदी ने कहा कि इतने कम पैसों के टिकट में इतनी ही ऊपर तक ले जाते हैं!
तà¤à¥€ उदà¥â€Œà¤˜à¥‹à¤·à¤£à¤¾ हà¥à¤ˆ कि जयपà¥à¤° में उतर रहे हैं और यहां पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ मिनट रà¥à¤•ेंगे पर बाहर जाना मना है। हद तो तब हो गई जब जयपà¥à¤° में हमारे वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के à¤.सी. और लाइटà¥à¤¸ à¤à¥€ बनà¥à¤¦ कर दी गईं! à¤à¤¯à¤°à¤¹à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤¸ à¤à¥€ जो कà¥à¤› खाने पीने की चीज़े दे रही थी वह सब खरीदना ही था – फà¥à¤°à¥€ में कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं था। बाद में, à¤à¤¯à¤° डैकà¥à¤•न के सी.ई.ओ. का à¤à¤• साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार पढ़ा जो हवाई जहाज में उपलबà¥à¤§ à¤à¤• मैगज़ीन में पà¥à¤°à¤•ाशित हà¥à¤† था। उसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤¨ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ समà¤à¤¾à¤ˆ थी। उनका कहना था कि अगर à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤¨ टिकट का मूलà¥à¤¯ बहà¥à¤¤ कम करके निःशà¥à¤²à¥à¤• खान-पान की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ हटा देती है तो यातà¥à¤°à¥€ इसे बहà¥à¤¤ पसनà¥à¤¦ करेंगे। आखिर à¤à¤• डेढ़ घंटे की यातà¥à¤°à¤¾ में खाना खाने की आवशà¥à¤¯à¤•ता किसे होती है? à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤¨ को हवाई जहाज में खाना – नाशà¥à¤¤à¤¾ – डà¥à¤°à¤¿à¤‚कà¥à¤¸ आदि सरà¥à¤µ करना बहà¥à¤¤ महंगा पड़ता है और इसलिये इसका à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤°à¤•म मूलà¥à¤¯ और ढेर सारा मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¤¾ टिकट में ही जोड़ दिया जाता है। यदि à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤‚स “निःशà¥à¤²à¥à¤•†खान-पान सेवा बनà¥à¤¦ कर दें तो यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को टिकट मूलà¥à¤¯ में बहà¥à¤¤ राहत दे सकते हैं।  बात तो पते की कही गई थी पर उस सी.ई.ओ. ने अपने साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार के दौरान ये नहीं बताया था कि रासà¥à¤¤à¥‡ में पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ मिनट के लिये वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ जयपà¥à¤° à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर खड़ा करें तो à¤.सी. और लाइट ऑफ करके à¤à¥€ पैसे बचाये जा सकते हैं।
जयपà¥à¤° से आगे बढ़े तो लगà¤à¤— आधा घंटे में हम उदयपà¥à¤° à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर जा पहà¥à¤‚चे! बाहर निकले तो देखा कि वहां कोई बस नहीं थी जो हमें टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² तक लेकर जाये।  छोटे से à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर, जिस पर à¤à¤• ही हवाई पटà¥à¤Ÿà¥€ नज़र आ रही थी, हमारा वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² के लगà¤à¤— सामने ही आकर रà¥à¤•ा था तो बस का करना à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ था? हम लोग उतर कर टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² में गये, अपना सामान कहां मिलेगा इसका पता किया। conveyor belt पर सबके अटैची – बैग टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² के किसी कमरे में से निकल कर आ रहे थे। जब हमारे वाले अटैची-बैग बाहर निकले तो टà¥à¤°à¥‰à¤²à¥€ पर लाद कर बाहर आये। टैकà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से मोल à¤à¤¾à¤µ शà¥à¤°à¥ किया और अनà¥à¤¤à¤¤à¤ƒ जब देखा कि सब à¤à¤• ही रेट बोल रहे हैं तो लगा कि मोलà¤à¤¾à¤µ करना अनावशà¥à¤¯à¤• ही है। हमने अब सिरà¥à¤« यह देखना था कि कौन सी टैकà¥à¤¸à¥€ अचà¥à¤›à¥€ है, साफ – सà¥à¤¥à¤°à¥€ और नयी लग रही है, कौन सा वाहन चालक बीड़ी – सिगरेट – पान – बीड़ी से दूर है। दो-à¤à¤• बार मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¥‡ टैकà¥à¤¸à¥€ चालक टकराये हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सहारनपà¥à¤° से दिलà¥à¤²à¥€ के बीच में लगà¤à¤— 250 बार अपनी साइड का दरवाज़ा खोल कर पीक थूकी होगी। à¤à¤¸à¥‡ डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤°à¥‹à¤‚ को तो कार निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ कंपनी से खास तौर पर कह कर हैवी डà¥à¤¯à¥‚टी दरवाज़ा लगवाना पड़ता होगा। जब मà¥à¤‚ह में पान या गà¥à¤Ÿà¤•ा à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† हो तो à¤à¤¸à¥‡ आदमी की बातचीत समà¤à¤¨à¥‡ के लिये à¤à¥€ विशेष पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना पड़ता है।
हमने काफी सारे डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° और कारों का सूकà¥à¤·à¥à¤® निरीकà¥à¤·à¤£ – परीकà¥à¤·à¤£ करके अनà¥à¤¤à¤¤à¤ƒ हसीन नाम के à¤à¤• टैकà¥à¤¸à¥€ चालक के हाथों में पांच दिन के लिये अपनी नैया सौंप दी।  उसने पूछा कि कौन से होटल चलूं? मेरे तीनों सहयातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने मेरी ओर पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤µà¤¾à¤šà¤• निगाहों से देखा तो मैने बोल दिया कि पिछोला लेक के आस – पास ठहरेंगे । फोन पर आमेट हवेली वालों से बात हà¥à¤ˆ है, पर अà¤à¥€ पकà¥à¤•ा नहीं किया है। पहले वहीं चलते हैं। वहां बात बनेगी तो ठीक वरना आस-पास में और कोई और होटल देख लेंगे पर चाहिये हमें पिछोला के तट पर ही! डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° बोला, “आपकी पसनà¥à¤¦ à¤à¤•दम अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥‹à¤‚ वाली है। वह à¤à¥€ आते हैं तो हवेलियों में ही ठहरना चाहते हैं।
उदयपà¥à¤° à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ से शहर लगà¤à¤— 25 किलोमीटर है।  हम लोग आपस में बातें करने लगे कि à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ शहर से इतनी दूर बनाने की कà¥à¤¯à¤¾ जरूरत थी, शहर में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं बनाया? पर इसका उतà¥à¤¤à¤° डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° की ओर से आया – “बात तो आपकी सही है पर अधिकारियों ने सोचा होगा कि à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ और हवाई पटà¥à¤Ÿà¥€ आस-पास ही रहें तो जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उचित रहेगा!† हसीन की ये हाज़िर जवाबी देख कर मà¥à¤à¥‡ समठआ गया कि पांच दिन अचà¥à¤›à¥‡ कट जायेंगे इस डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° के साथ!
आमेट हवेली के आसपास हसीन ने कहा कि वह हमारी पसनà¥à¤¦ को समà¤à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¤• होटल और दिखायेगा जो उससे ससà¥à¤¤à¤¾ है और हमारे टेसà¥à¤Ÿ का है। अगर अचà¥à¤›à¤¾ लगे तो ठीक वरना आमेट à¤à¥€ बगल में ही है। “डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° होटल से कमीशन बनाना चाह रहा है†यह आशंका हमें थी अतः अनिचà¥à¤›à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• हम टैकà¥à¤¸à¥€ से उतरे और वंडर वà¥à¤¯à¥‚ नाम से à¤à¤• चार मंजिला होटल में घà¥à¤¸à¥‡à¥¤ पर आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯! डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° हमारे साथ होटल के अंदर नहीं आया। होटल के पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤• महोदय को लेक साइड के कमरे दिखाने के लिये कहा तो वह हमें पà¥à¤°à¤¥à¤® तल पर ले गये और à¤à¤• कमरे का दà¥à¤µà¤¾à¤° खोला। कमरे को देखते ही मेरा तो दिल तà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ ही उस पर आ गया। “Love at first sight!†वाला मामला हो गया था।  à¤à¤• दम साफ – सà¥à¤¥à¤°à¤¾, चकाचक, बड़े सà¥à¤°à¥à¤šà¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤£ अंदाज़ में सजाया हà¥à¤†à¥¤Â जो चीज़ मैं किसी à¤à¥€ हाल में छोड़ने के लिये तैयार नहीं था, वह थी उस कमरे में à¤à¥€à¤² के ऊपर बनी हà¥à¤ˆ à¤à¤• बालकनी जिसमें दो गाव-तकिये (गोल वाले लंबे तकिये) और बीच में à¤à¤• चौकी सजा कर छोड़ी गई थी। वहां बैठकर खिड़की में से पिछोला à¤à¥€à¤², सामने उस पार घाट, जगदीश मंदिर, सिटी पैलेस वगैरा सब नज़र आ रहे थे। बालकनी इतनी बड़ी थी कि वहां सोया à¤à¥€ जा सकता था।  मैने à¤à¤¾à¤ˆà¤¸à¤¾à¤¹à¤¬ को इशारा कर दिया कि होटल à¤à¥€ यही चाहिये और कमरा à¤à¥€ हम ये ही लेंगे। इसके बाद à¤à¤• कमरा उनके लिये à¤à¥€ देखा गया जो हमारे कमरे के सामने ही था और हमारे कमरे से दोगà¥à¤¨à¤¾ बड़ा था। à¤à¤¾à¤ˆ साहब ने कहा कि मैं दोनों में से कोई सा à¤à¥€ कमरा पसनà¥à¤¦ कर लूं पर मैने तो पहले ही मन बना लिया था अतः बड़ा कमरा उनके लिये पसनà¥à¤¦ कर लिया गया। होटल के किराये को लेकर होटल मैनेजर से आधा घंटा सौदेबाजी होती रही अंततः 1200 और 1600 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की दर से बात पकà¥à¤•ी हो गई। ये रेट कारà¥à¤¡ में दिये गये रेट से आधे थे। हमने यह à¤à¥€ बता दिया कि कल सà¥à¤¬à¤¹ हम माउंट आबू जायेंगे और परसों शाम तक लौट कर आयेंगे और लौट कर à¤à¥€ हमें ये ही कमरे चाहियें। मैनेजर ने कहा कि आप 28 मारà¥à¤š को यहां पहà¥à¤‚चे हैं अतः हम आपको ऑफ-सीज़न डिसà¥à¤•ाउंट दे पा रहे हैं। अगर आप 1 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को आते तो सीज़न वाले रेट लगते।
टैकà¥à¤¸à¥€ से सामान मंगवा कर कमरों में सजा लिया गया । दोनों कमरों के बाहर बड़े कलातà¥à¤®à¤• ढंग से बरामदे को सजाया गया था। वहीं कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ मेज़ पर हम बैठगये और चाय का आरà¥à¤¡à¤° दे दिया।  होटल मैनेजर ने बताया था कि पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ शाही हवेली को परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ करके ही इसे होटल का रूप दे दिया गया है। कमरे में बाथरूम आदि के सदियों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ डिज़ाइन के दरवाज़ों को देख कर हमें लग रहा था कि शायद यह होटल à¤à¥€ हैरिटेज साइट ही है।
हसीन ने हमारे लिये अगला कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® तय किया था – सहेलियों की बाड़ी और फिर आमेट हवेली में “ओपन टैरेस डिनर!† शाम को छः बजे हम पà¥à¤¨à¤ƒ टैकà¥à¤¸à¥€ में आ बैठे और सहेलियों की बाड़ी देखने निकले।