बहà¥à¤¤ दिन हà¥à¤ किनà¥à¤¤à¥ कहीं घूमना फिरना नहीं हो पा रहा था, आखिर होता à¤à¥€ कैसे कà¥à¤¯à¥‚ंकि हमारी पांच माह की बेटी ने हमे पूरà¥à¤£ रूप से वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ जो कर रखा था और उसके ऊपर दिलà¥à¤²à¥€ की सरà¥à¤¦à¥€à¥¤ खैर दिलà¥à¤²à¥€ की सरà¥à¤¦à¥€ मारà¥à¤š माह के मधà¥à¤¯ आते-आते अपने अंतिम चरण तक पहà¥à¤à¤š चà¥à¤•ी थी और अब यह लगने लगा था की शायद हमे अब कहीं छोटी मोटी टà¥à¤°à¤¿à¤ª कर लेनी चाहिà¤à¥¤ लेकिन हमारा सबसे पहला संशय अपनी बेटी को लेकर था जो की केवल पांच माह की थी और हमे कोई पूरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤®à¤¾à¤¨ नहीं था की कà¥à¤¯à¤¾ इतने छोटे बचà¥à¤šà¥‡ के साथ कहीं पहाड़ों का सफर किया जा सकता है अथवा नही? अपने इस संशय को जब हमने अपने डॉकà¥à¤Ÿà¤° के समकà¥à¤· रखा तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पूरी गरà¥à¤®à¤œà¥‹à¤¶à¥€ के साथ हमें यह à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ दिलाया की आप आराम से बचà¥à¤šà¥‡ के साथ छह-सात घंटे की यातà¥à¤°à¤¾ कर सकते है बशरà¥à¤¤à¥‡ आपके पास कà¥à¤› जरà¥à¤°à¥€ दवाइयों की उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ हो। डॉकà¥à¤Ÿà¤° से यातà¥à¤°à¤¾ की हरी à¤à¤‚डी मिलते ही अब तो यह कनà¥à¤«à¤°à¥à¤® हो गया था की हम अगले तीन-चार दिनों के लिठकहीं घूमने जायेंगे ही किनà¥à¤¤à¥ किधर जाना है यह अà¤à¥€ तय करना बाकी था। अंततः सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤à¤¿ से सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम, लैंसडौन और तारकेशà¥à¤µà¤° धाम को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•ता दी गयी और दिनांक 15.03.2023 को हमने (मैं, मेरी पतà¥à¤¨à¥€ और बेटी समृदà¥à¤§à¤¿) अपनी विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ कार “सà¥à¤µà¤¿à¤«à¥à¤Ÿ” जो की अà¤à¥€ तीन माह पूरà¥à¤µ ही ली थी से अपनी यातà¥à¤°à¤¾ का शà¥à¤°à¥€ गणेश किया।
घूमने जाने का उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ इतना अधिक था की हमे रात à¤à¤° नींद नहीं आयी और जैसे तैसे हमने अपनी रात को बिताया, फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ साà¥à¥‡ चार बजे ही हम अपनी तैयारियों में लग गठऔर सब कà¥à¤› कर लेने के बाद उपरोकà¥à¤¤ तिथि को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ आठबजे हमने दिलà¥à¤²à¥€ से चलना शà¥à¤°à¥‚ किया। यातà¥à¤°à¤¾ मारà¥à¤— के लिठसरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® हम बारापà¥à¤²à¤¾ से होते हà¥à¤ दिलà¥à¤²à¥€ मेरठà¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤µà¥‡ तक पहà¥à¤‚चे और उसके बाद मेरठके तंग रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से होकर बिजनौर, नजीबाबाद, कीरतपà¥à¤° आदि होते हà¥à¤ सीधा पहà¥à¤‚चे कोटदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ इस पूरे सफर में हमे साà¥à¥‡ छह घंटे का समय लगा और अपना पहला पड़ाव हमने कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° में रखा। कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° à¤à¤• छोटा सा शहर है जिसका बाजार काफी लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। यहाठआपको हर पà¥à¤°à¤•ार का जरà¥à¤°à¤¤ का सामान आसानी से मिल जाता है और रहने के लिठठीक-ठाक होटल à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ हैं। चूà¤à¤•ि हमे सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम में दरà¥à¤¶à¤¨ करने थे इसलिठपहले कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° में रà¥à¤•ना हमे सही लगा ताकि अगले दिन सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾à¤¦à¤¿ से निवृत होकर हम पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल में पà¥à¤°à¤à¥ के दरà¥à¤¶à¤¨ कर सके।

way to Kotdwar
खैर अगले दिन दिनांक 16.03.2023 को हमने अपने होटल सूरà¥à¤¯ पà¥à¤²à¤¾à¤œà¤¾ से चेकआउट किया और तय समय पर हमने सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम में जाकर दरà¥à¤¶à¤¨ किये। सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° से मातà¥à¤° à¤à¤• किलोमीटर की दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जहाठसे लैंसडौन का पहाड़ी सफर शà¥à¤°à¥‚ होता है। यह हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का बहà¥à¤¤ ही पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ मंदिर है जहाठशà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं का आना जाना हमेशा लगा ही रहता है। इस धाम की लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ का अंदाजा आप इस बात से à¤à¥€ लगा सकते हैं की यहाठà¤à¤‚डारा करवाने के लिठआपको अगले पांच-छह वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करनी पड़ती है तब कहीं जाकर आपको à¤à¤• तिथि मिलेगी जिस दिन आप à¤à¤‚डारा कर सकते है। यहाठआये दिन किसी न किसी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤‚डारे का आयोजन किया जाता है जिसके कारण सà¤à¥€ को पांच-छह वरà¥à¤· के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ ही à¤à¤‚डारा आयोजन की तिथि मिलती है। कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम हिंदà¥à¤“ं की आसà¥à¤¥à¤¾ का केंदà¥à¤° है। बजरंग बली जी के इस पौराणिक मंदिर का जिकà¥à¤° सà¥à¤•ंद पà¥à¤°à¤¾à¤£ में à¤à¥€ है। शà¥à¤°à¥€ सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ बाबा के दरà¥à¤¶à¤¨ को देश à¤à¤µà¤‚ विदेश से शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ यहां उमड़ते हैं और मंदिर में मतà¥à¤¥à¤¾ टेककर मनोकामना मांगते हैं। बाबा अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को कà¤à¥€ निराश नहीं करते। मà¥à¤°à¤¾à¤¦ पूरी होने के बाद शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ मंदिर में à¤à¤‚डारा कर à¤à¥‹à¤— लगाते हैं। शà¥à¤°à¥€ सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम की खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ देश ही नहीं, बलà¥à¤•ि विदेशों तक है। हर साल लाखों à¤à¤•à¥à¤¤ देश à¤à¤µà¤‚ विदेश से धाम पहà¥à¤‚चते हैं। शà¥à¤°à¥€ सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम गà¥à¤°à¥ गोरखनाथ जी की तपसà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¥à¤²à¥€ रही है। कहा जाता है कि हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी संजीवनी बूटी लेने के लिठइसी रासà¥à¤¤à¥‡ गठथे।

Shri Siddhabali ke Darshan ke liye jate huye

Shri Siddhabali Dham ke Darshan ke Uprant
सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम में अचà¥à¤›à¥‡ से दरà¥à¤¶à¤¨ कर लेने के ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ अब हमने थोड़ा à¤à¤‚डारा चखने का मन बनाया, वैसे à¤à¥€ नाशà¥à¤¤à¤¾ तो कà¥à¤› किया नहीं था और लैंसडौन पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ में à¤à¥€ अà¤à¥€ काफी समय बाकि था। अतः हमने à¤à¤• थाली में कà¥à¤› पूरियां, सबà¥à¤œà¥€, हलवा और रायता लिया और à¤à¤• जगह पर खड़े होकर खाना शà¥à¤°à¥‚ किया किनà¥à¤¤à¥ अà¤à¥€ केवल à¤à¤• पूरी à¤à¥€ नहीं खायी थी की बनà¥à¤¦à¤° महाशय ने à¤à¤ªà¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾ मारकर हमारी सà¤à¥€ पूरियां उठा ली और पेड़ पर जाकर आराम से खाने लगे। इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में अब कà¥à¤¯à¤¾ किया जा सकता था इसलिठदोबारा à¤à¤‚डारा लेने जाने की अपेकà¥à¤·à¤¾ हमने लैंसडौन में जाकर लंच करने का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बनाया और सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करके अपनी आगे की यातà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ की।
कोटदà¥à¤µà¤¾à¤° से लैंसडौन तक का सफर काफी सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° और मनोरम था जिसकी वजह है वहां के चीड़ के शंकà¥à¤•ार वृकà¥à¤·à¥¤ यह वृकà¥à¤· देखने में अतà¥à¤¯à¤‚त मनोहारी लगते हैं और जब यह आपको पहाड़ों की ऊà¤à¤šà¥€-ऊà¤à¤šà¥€ चोटियों पर दिखे तो दृशà¥à¤¯ और à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नेतà¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤°à¤¾à¤® हो जाता है। लैंसडौन तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ को आपको घà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¦à¤¾à¤° पहाड़ियों से होकर गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ पड़ता है जिसका रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ बहà¥à¤¤ ही खूबसूरत है किनà¥à¤¤à¥ अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• घà¥à¤®à¤¾à¤µ होने के कारण आपको हमेशा सजग à¤à¥€ रहना पड़ता है कà¥à¤¯à¥‚ंकि रासà¥à¤¤à¤¾ पतला होने के साथ साथ चà¥à¤¾à¤ˆ वाला à¤à¥€ है। हालाà¤à¤•ि डरने वाली कोई बात नहीं है और आप 20-30 की गति से आराम से डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ कर सकते हो ताकि सफर में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ और सà¥à¤‚दरता दोनों साथ में बने रहे। लैंसडौन तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ में हमे तकरीबन पौने दो घंटे का समय लगा, यधपि हमारा होटल “पीकà¥à¤¸ à¤à¤‚ड पाइंस” लैंसडौन से छह किलोमीटर पहले ही था। इस होटल की विशेषता यह है की आप घूमने फिरने के बाद यहाठआराम से पहà¥à¤à¤š सकते हो जिसके लिठआपको जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दूरी à¤à¥€ तय नहीं करनी पड़ती। हमने à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ ही किया और होटल में चेक इन करने के बाद फà¥à¤°à¥‡à¤¶ होकर निकल गठलैंसडौन की तरफ, कà¥à¤¯à¥‚ंकि अà¤à¥€ दोपहर का लंच à¤à¥€ तो बाकी था जो की हमने लैंसडौन बाजार में ही करने का तय किया था।

Peaks & Pine Resort
रही बात होटल की तो यह हमे काफी साफ़ और सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° लगा, सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« à¤à¥€ बहà¥à¤¤ सौमà¥à¤¯ था और बालकनी से मिलने वाले वà¥à¤¯à¥‚ की तो बात ही कà¥à¤¯à¤¾ की जाà¤, à¤à¤¸à¤¾ लगता था मानो पूरी पà¥à¤°à¤•ृति हमारी बालकनी के ठीक नीचे ही आ गयी थी, खूबसूरत पहाड़, हरे à¤à¤°à¥‡ चीड़ के पेड़ और गहरी घाटी, उसके ऊपर हरदम चलती मंद-मंद बयार जो की सोने पर सà¥à¤¹à¤¾à¤—ा पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रही थी ।

View from Hotel Balcony
अपने होटल से हम लोग लैंसडौन के लिठचले और मातà¥à¤° पंदà¥à¤°à¤¹ मिनट में वहां पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ यहाठपर à¤à¤• छोटा सा बाजार है जिसमे à¤à¥€ आपको जरूरत का सारा सामान मिल जाता है । आरà¥à¤®à¥€ à¤à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ होने के नाते सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ और वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की कोई कमी नहीं है और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोग à¤à¥€ à¤à¤²à¥‡ मानस ही हैं। यहीं पर à¤à¤• गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ है जो बाहर से देखने में काफी सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है। रही बात खाने पीने की तो हमने मयूर रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट में लंच किया जो की ठीक ही था लेकिन इसके गरà¥à¤®à¤¾à¤—रà¥à¤® गà¥à¤²à¤¾à¤¬ जामà¥à¤¨ बेहद लाजवाब थे। या फिर यूठकहिये की सरà¥à¤¦à¥€ के मौसम में हलà¥à¤•ी हलà¥à¤•ी बारिश के बीच लंच के बाद गरà¥à¤®à¤¾à¤—रà¥à¤® गà¥à¤²à¤¾à¤¬ जामà¥à¤¨ ने समां ही बांध दिया था।

Inner Beauty of Lansdowne

Inner Beauty of Lansdowne
खैर लैंसडौन बाज़ार में लंच के बाद अब हमे जाना था à¤à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ ताल जो की पास में ही था लेकिन बारिश के कारण यह समठनहीं आ रहा था की हम वहां घूमेंगे कैसे? फिर à¤à¥€ हमने बिना कà¥à¤› सोचे समà¤à¥‡ अपनी गाड़ी à¤à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ ताल के लिठघà¥à¤®à¤¾ दी और पांच मिनट में पहà¥à¤à¤š गठअपनी मंजिल तक। बारिश हो रही थी इसलिठताल में बोटिंग करना संà¤à¤µ नहीं था अतः हमने केवल आस पास की सà¥à¤‚दरता को ही फ़ोन में रिकॉरà¥à¤¡ किया और थोड़ा समय यहाठबिताने के बाद वापिस अपने होटल पीकà¥à¤¸ à¤à¤‚ड पाइंस की तरफ चल दिठजहाठतक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ में हमे पंदà¥à¤°à¤¹-बीस मिनट का ही समय लगा ।

Glimpse of Bhulla Taal
अब कà¥à¤¯à¥‚ंकि शाम का वकà¥à¤¤ था और हमारे पास कहीं और जाने का कोई पà¥à¤²à¤¾à¤¨ à¤à¥€ नहीं था इसलिठसोचा की चलो समृदà¥à¤§à¤¿ को होटल के किडà¥à¤¸ à¤à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में ले चलते है ताकि यह वहां थोड़ा à¤à¤¨à¥à¤œà¥‰à¤¯ कर सके। यहाठअनगिनत टॉयज के बीच हम खà¥à¤¦ को à¤à¥€ à¤à¤• टॉय ही समठरहे थे इसलिठथोड़ी देर यहाठबिताने के बाद हम वापिस अपने रूम में आ गठऔर रातà¥à¤°à¤¿ का à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने के बाद आराम से सो गà¤à¥¤

Baby’s play time
अगले दिन दिनांक 17.03.2023 को हमारा पà¥à¤²à¤¾à¤¨ तारकेशà¥à¤µà¤° महादेव के दरà¥à¤¶à¤¨ करने जाने का था इसलिठबिना समय गंवाठहमने सà¥à¤¬à¤¹ का नाशà¥à¤¤à¤¾ अपने होटल में किया जिसका चारà¥à¤œà¥‡à¤œ हमारे रूम रेंट में ही शामिल था और दस बजे तक अपनी यातà¥à¤°à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया। लैंसडौन से तारकेशà¥à¤µà¤° महादेव तक का सफर à¤à¥€ लगà¤à¤— पौने दो घंटे का ही था और वैसे à¤à¥€ हम थोड़ा धीरे चल रहे थे कà¥à¤¯à¥‚ंकि पहाड़ों में तेज डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ के कारण उलटी होने के चांस बॠजाते हैं। हालाà¤à¤•ि सड़क थोड़ी संकरी थी किनà¥à¤¤à¥ दिकà¥à¤•त वाली कोई बात नहीं थी, बोलेरो मैकà¥à¤¸ और बस à¤à¥€ इनà¥à¤¹à¥€ रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से गà¥à¤œà¤° रहीं थी वो à¤à¥€ बिना किसी आपाधापी के। खैर हम लोग आराम से दोपहर बारह बजे तक तारकेशà¥à¤µà¤° धाम तक पहà¥à¤à¤š गठथे और यहीं पर हमने à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ यà¥à¤µà¤• से पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ खरीदा।

Tarkeshwary Mahadev Temple

Tarkeshwar Mahadev Temple Campus
ताड़केशà¥à¤µà¤° महादेव मंदिर बलूत और देवदार के वनों से घिरा हà¥à¤† है जो देखने में बहà¥à¤¤ मनोरम लगता है। यहां कई पानी के छोटे छोटे à¤à¤°à¤¨à¥‡ à¤à¥€ बहते हैं। यह मंदिर सिदà¥à¤§ पीठों में से à¤à¤• है। यहां आप किसी à¤à¥€ दिन सà¥à¤¬à¤¹ 8 बजे से 5 बजे तक दरà¥à¤¶à¤¨ कर सकते हैं। मंदिर परिसर में à¤à¤• कà¥à¤‚ड à¤à¥€ है। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि यह कà¥à¤‚ड सà¥à¤µà¤¯à¤‚ माता लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ ने खोदा था। इस कà¥à¤‚ड के पवितà¥à¤° जल का उपयोग शिवलिंग के जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के लिठहोता है। जनशà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यहां पर सरसों का तेल और शाल के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का लाना वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ है। पौराणिक कथाओं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, ताड़कासà¥à¤° नामक राकà¥à¤·à¤¸ ने à¤à¤—वान शिव से अमरता का वरदान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठइसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर तपसà¥à¤¯à¤¾ की थी। शिवजी से वरदान पाकर ताड़कासà¥à¤° अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ हो गया। परेशान होकर देवताओं और ऋषियों से à¤à¤—वान शिव से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की और ताड़कासà¥à¤° का अंत करने के लिठकहा। ताड़कसà¥à¤° का अंत केवल à¤à¤—वान शिव और माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ का पà¥à¤¤à¥à¤° कारà¥à¤¤à¤¿à¤•ेय कर सकते थे। à¤à¤—वान शिव के आदेश पर कारà¥à¤¤à¤¿à¤•ेय ताड़कासà¥à¤° से यà¥à¤¦à¥à¤§ करने पहà¥à¤‚च जाते हैं। अपना अंत नजदीक जानकर ताड़कासà¥à¤° à¤à¤—वान शिव से कà¥à¤·à¤®à¤¾ मांगता है। à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ असà¥à¤°à¤°à¤¾à¤œ ताड़कासà¥à¤° को कà¥à¤·à¤®à¤¾ कर देते हैं और वरदान देते हैं कि कलयà¥à¤— में इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मेरी पूजा तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ नाम से होगी इसलिठअसà¥à¤°à¤°à¤¾à¤œ ताड़कासà¥à¤° के नाम से यहां à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ ताड़केशà¥à¤µà¤° कहलाते हैं।

Way to Tarkeshwar Mahadev Temple

Beautiful Roads
इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर बंदरों की अधिकता है जो पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ देखकर आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• तेवर à¤à¥€ अपना लेते है। तारकेशà¥à¤µà¤° महादेव के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के दौरान अचानक बारिश à¤à¥€ होने लगी थी और ऊपर से बंदरों का आतंक। कितने ही शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं के हाथ से मंदिर के अंदर घà¥à¤¸à¤•र बंदरों ने पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का थैला à¤à¥€ छीन लिया था जिसे देखकर महिलाà¤à¤‚ और बचà¥à¤šà¥‡ काफी à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ à¤à¥€ हो रहे थे। हमारे साथ à¤à¥€ कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ ही हà¥à¤† और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का थैला जो की शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी के पास था वो à¤à¤• बनà¥à¤¦à¤° महाशय की नज़रों में आ गया और उसने à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ छलांग मारी की शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी बेचारी जमीन पर और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का थैला बनà¥à¤¦à¤° सहित पेड़ पर। खैर जैसी पà¥à¤°à¤à¥ की इचà¥à¤›à¤¾à¥¤
आज के दिन और कोई योजना तो थी नहीं इसलिठतारकेशà¥à¤µà¤° धाम से हम सीधे अपने होटल पीकà¥à¤¸ à¤à¤‚ड पाइंस में लौट आये जहाठअपनी बेबी के साथ गारà¥à¤¡à¤¨ में कà¥à¤› फोटोज ली, होटल की तरफ से हमारे लिठआयोजित हाई-टी में शामिल हà¥à¤ और फिर शाम ढलते ढलते अपने रूम मे आकर थोड़ा आराम किया कà¥à¤¯à¥‚ंकि रात को अपना सामान à¤à¥€ पैक करना था वापिस दिलà¥à¤²à¥€ जाने के लिठऔर इस तरह से हम तीनो ने अपनी सिदà¥à¤§à¤¬à¤²à¥€ धाम और तारकेशà¥à¤µà¤° धाम की यातà¥à¤°à¤¾ को पूरà¥à¤£ किया। अगले दिन 18.03.2023 को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ नौ बजे हमने होटल में ही नाशà¥à¤¤à¤¾ करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ अपनी दिलà¥à¤²à¥€ यातà¥à¤°à¤¾ का शà¥à¤°à¥€ गणेश किया और बारिश वॠमेरठके जाम से जूà¤à¤¤à¥‡ हà¥à¤ शाम को साà¥à¥‡ छह बजे तक अपने निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में लौट आये, बहà¥à¤¤ सी मीठी यादों के साथ।
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड की ख़ूबसूरती में किसी शायर की जà¥à¤¬à¤¾à¤¨ में अरà¥à¤œ किया है की –
जरा ठहरो तो नजर à¤à¤° देखà¥,
ज़मीं पे चाà¤à¤¦ कहाठरोज-रोज उतरता है।
अगले यातà¥à¤°à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¤¾à¤‚त तक के लिठसà¤à¥€ घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सपà¥à¤°à¥‡à¤® नमसà¥à¤•ार
Read a blog post in Hindi for the first time. I quite enjoyed it. However, honestly, for many words like purvanuman, sanshay, etc., had to ask my mother the meaning
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