नवरातà¥à¤°à¤¿ का नौवा दिन, दिनांक 8 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2014, रातà¥à¤°à¤¿ के आठबाज रहे हैं और मैं नई दिलà¥à¤²à¥€ रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के पà¥à¤²à¥…टफॉरà¥à¤® नंबर 14 पर खड़ा होकर अपनी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ जमà¥à¤®à¥‚ राजधानी à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ का बेसबà¥à¤°à¥€ से इंतेज़ार कर रहा हूà¤. पहली बार किसी परिवारिक सदसà¥à¤¯ के साथ ना जाकर मैं अकेले ही निकल पड़ा हूठघर से माता वैषà¥à¤£à¥‹ देवी जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करने हेतॠजिसका सारा शà¥à¤°à¥‡à¤¯ मेरी जननी (माता) के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ की गयी हौसलफजाई और जगत जननी माता वैषà¥à¤£à¥‹ देवी जी के बà¥à¤²à¤¾à¤µà¥‡ को जाता है. अकà¥à¤¸à¤° हम लोग अकेले होने की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ मे चà¥à¤ª-चà¥à¤ª से रह जाते है और अपने आस-पास घटित हो रही घटनाओ से रूबरू नही हो पाते, किंतॠयहाठतो आलम कà¥à¤› और ही था और मेरा मन जमà¥à¤®à¥‚ पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ और आगे की यातà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकरने की और था जिसका मà¥à¤à¥‡ पिछले सोलह वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से इंतजार था. जी हां मितà¥à¤°à¥‹, आप सà¤à¥€ को जानकरॠआशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ होगा की तकरीबन सोलह-सतà¥à¤°à¤¹ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ पूरà¥à¤µ मे अपने परिवार और à¤à¤• परिवारिक मितà¥à¤° के साथ माता वैषà¥à¤£à¥‹ देवी के दरà¥à¤¶à¤¨ हेतॠगया था, जिसके उपरांत दूसरी बार जाने का ना तो कà¤à¥€ कोई अवसर मिला और ना ही कà¤à¥€ माता जी का बà¥à¤²à¤¾à¤µà¤¾ ही आया. किंतॠआज तो मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की किसà¥à¤®à¤¤ पर गरà¥à¤µ कर रहा था की आख़िरकार परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने समय के साथ करवट बदल ही ली और मà¥à¤à¥‡ अवसर मिल रहा है माता के दरà¥à¤¶à¤¨ का. अà¤à¥€ मैं अपने विचारो के संसार मे खोया हà¥à¤† ही था की अचानक से लोगो मे कौतूहल बढ़ने लगा और मैने देखा की सामने से मेरी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ दौड़ी चली आ रही है मà¥à¤à¥‡ मेरे गंतवà¥à¤¯ तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ हेतà¥. बस फिर कà¥à¤¯à¤¾ था मैने à¤à¤Ÿ से मोबाइल निकाला और अपनी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ को कैमरे मैं क़ैद कर लिया.
टà¥à¤°à¥‡à¤¨ के à¤à¥€à¤¤à¤° का माहौल तोड़ा शोर-शराबे वाला था और सà¤à¥€ लोग बातों मे मशगूल थे. मà¥à¤à¥‡ जब कà¥à¤› और ना सूà¤à¤¾ तो अपनी इस तृतीया शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ के वातानà¥à¤•ूलित डिबà¥à¤¬à¥‡ मे मà¥à¤«à¤¼à¥à¤¤ उपलबà¥à¤§ होने वाली पतà¥à¤°à¤¿à¤•ाओ जो के ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° रेल विà¤à¤¾à¤— से ही संबंधित होती है को पढ़ते हà¥à¤ ही टाइम पास करना उचित समà¤à¤¾. धीरे-धीरे सूप, डिनर और फिर आइसà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤® का दौर चला जिनका मूलà¥à¤¯ आपकी टिकट मे ही समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ रहता है किंतॠमेरी à¤à¥‚ख-पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ तो कटरा पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर ही मिटà¥à¤¨à¥‡ वालीी थी. खैर देखते ही देखते रातà¥à¤°à¤¿ के दस बाज गये और मैं बेमन से सोंने के लिठलेट गया किंतॠनिदà¥à¤°à¤¾ तो जैसे मà¥à¤à¤¸à¥‡ कोसो दूर थी और चाह कर à¤à¥€ मैं रात à¤à¤° सो नही पाया. थोड़े-2 समय के अंतराल मे बार-2 अपनी घड़ी देखता और फिर दोबारा आà¤à¤–े बंद करके सोने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करता. अंततः सà¥à¤¬à¤¹ चार बजे मैने उठकर बैठजाने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया, हालाà¤à¤•ि जमà¥à¤®à¥‚ पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ का समय पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 5:40 का था, किंतॠअब मैं ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देर तक लेटे रहने का ढोंग नही कर सकता था. कà¥à¤šà¥à¤› ही समय बीता था मà¥à¤à¥‡ बैठे हà¥à¤ की मेरे देखा-देखी अनà¥à¤¯ लोग à¤à¥€ उठकर अपनी सिटो पर बैठने लगे. शायद वह यह सोच कर जाग गये थे की यह लड़का तो शूज वगेरह पहन कर अपने सामान के साथ तैयार बैठा है, अतः हो सकता है जमà¥à¤®à¥‚ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ आने वाला हो और हम सब सोते ही रह जाà¤à¤.
शनै-२ घड़ी किी सà¥à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ ने 06:30 का समय दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ और हमारा बहà¥à¤ªà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ जमà¥à¤®à¥‚ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ अब हमारे समकà¥à¤· था. उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के समà¥à¤¦à¥à¤° की लहरें हृदय मे इस पà¥à¤°à¤•ार उपर-नीचे हो रही थी की मैं किसी हिरण की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ कà¥à¤²à¤¾à¤à¤šà¥‡ मारता हà¥à¤† सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से बाहर आया और कटरा जाने वालीी बस मैं बैठगया जिसके संचालक ने रà¥. 60 किराया लेते हà¥à¤ यह वादा किया की वो मातà¥à¤° दो घंटे मे मà¥à¤à¥‡ कटरा पहà¥à¤à¤šà¤¾ देगा. बस अपने निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ समय अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ 06:45 बजे जमà¥à¤®à¥‚ से चालीी और लगà¤à¤— à¤à¤• घंटे बाद दस मिनिट के लिठà¤à¤• टी सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² पर आकर रà¥à¤• गयी.
यहाठसे चलने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ हमारा अगला पड़ाव जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° पोलीस चेक पोसà¥à¤Ÿ था जहाठपर विशेषतः पà¥à¤°à¥à¤· यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के सामान की सघन तलाशी ली गयी.
खैर बस संचालक अपनीी ज़à¥à¤¬à¤¾à¤¨ का बहà¥à¤¤ ही पकà¥à¤•ा निकला और ठीक दो घंटे बाद 08:45 बजे मैं कटरा बस सà¥à¤Ÿà¥…ंड पर खड़ा अपने चारों तरफ फैली उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¥€à¤¡à¤¼ को निहार रहा था के à¤à¤•ाà¤à¤• मेरी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ निहारिका à¤à¤µà¤¨ की तरफ पड़ी जहाठमातà¥à¤° रॠ120 देकर आप माता के à¤à¤µà¤¨ के समीप सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मनोकामना à¤à¤µà¤¨ मे अपने सोने के लिठà¤à¤• बेड बà¥à¤• करवा सकते है जिसमे टायलेट-बाथरूम शेयरिंग बेसिस पर इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करना पड़ता है. मैने à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ और अकेले होने का फ़ायदा उठाया और à¤à¤Ÿ से अपने लिठà¤à¤• बेड बà¥à¤• करवा लिया जहाठपर मैं माता के दरà¥à¤¶à¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ आराम से रात गà¥à¤œà¤° सकता था.
किंतॠसबसे पहले तो मà¥à¤à¥‡ कटरा मे ही खà¥à¤¦ के लिठà¤à¤• अलà¥à¤ªà¤¾à¤µà¤§à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® ककà¥à¤· किी आवशà¥à¤¯à¤•ता थी जहाठसे मैं नहा-धोकर व कपड़े बदल कर अपनी आगे की यातà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकर सकता था. पास ही à¤à¤• छोटी सी लॉज देखी और उसमे à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही छोटा सा कमरा रॠ300 के à¤à¥à¤—तान के बाद अलà¥à¤ªà¤¾à¤µà¤§à¤¿ हेतॠले लिया. सचमà¥à¤š बहà¥à¤¤ ही अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ है इस समाज मे. खैर कमरे मे पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ ही अपने बैग को दोबारा से वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ करने, चाय पीने और नहाने-धोने मे मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• घंटे का समय लग गया और नहा-धोकर, बालों मे कंघी, चेहरे पर लोशन, आà¤à¤–ों मे गॉगलà¥à¤¸, पैरों मे सà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿà¥à¤¸ शूस और जीनà¥à¤¸-टिशरà¥à¤Ÿ पहने मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को दरà¥à¤ªà¤£ के समकà¥à¤· खड़ा निहार रहा था. कंधों पर अपना बाग टाà¤à¤—कर मैं निकल गया होटल से बाहर और बगल मे ही यातà¥à¤°à¤¾ रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ परà¥à¤šà¥€ लेने हेतॠकाउंटर मे घà¥à¤¸ गया. यहाठà¤à¥€ केवल दस मिनिट का ही समय लगा जिसमे आपको यातà¥à¤°à¤¾ परà¥à¤šà¥€ देने से पूरà¥à¤µ आपका नाम, निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ और फोटो खींचने जैसे कारà¥à¤¯ करने के बाद उसे परà¥à¤šà¥€ मे ही बार कोड के रूप मे चसà¥à¤ªà¤¾ दिया जाता है. यह परà¥à¤šà¥€ अगले 06 घंटो के लिठवैध रहतीी है जिसमे आपको इस निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ समय तक बान गंगा को पार करना होता है. अब बारी थी बान गंगा तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठà¤à¤• ऑटो की जिसका किराया सà¤à¥€ à¤à¤²à¥‡-मानसो ने मà¥à¤à¥‡ अकेली सवारी होने के कारण रॠ100 बताया किंतॠà¤à¤• अनà¥à¤¯ ने केवल रॠ50 लेकर मà¥à¤à¥‡ बान गंगा तक पहà¥à¤à¤šà¤¾ दिया, शायद उसे à¤à¥€ वहाठकिसी कारà¥à¤¯ हेतॠजाना था. à¤à¤• बार फिर कहूà¤à¤—ा की समाज मे अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ बहà¥à¤¤ बढ़ रहा है.
बान गंगा पर ही माता जी की यातà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकरने हेतॠदरà¥à¤¶à¤¨à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जहाठसे आपकी परà¥à¤šà¥€ à¤à¥€ चेक की जाती है और आपके सामान को à¤à¤• सà¥à¤•ॅनर से गà¥à¤œà¤¼à¤¾à¤°à¤¾ जाता है, जैसा की सà¤à¥€ मेटà¥à¤°à¥‹ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर होता है. यहाठसे आपको घोड़ो और खचà¥à¤šà¤°à¥‹ का सामना à¤à¥€ करना पड़ता है जिनकी या तो आप सवारी कर सकते है अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ उनसे कदमताल करते हà¥à¤ माता के à¤à¤µà¤¨ तक पहà¥à¤à¤š सकते है. अब मैं ठहरा बांका नौजवान, अतः मैने उनसे कदमताल करते हà¥à¤ ही à¤à¤µà¤¨ तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¤¾ उचित समà¤à¤¾ और कंधे पर अचà¥à¤›à¥‡-ख़ासे वजन का बैग टाà¤à¤—कर अपनी चढ़ाई शà¥à¤°à¥‚ कर दी.
पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल के गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ बाज रहे थे और मैं अपनी यातà¥à¤°à¤¾ के पà¥à¤°à¤¥à¤® चरण पर था की तà¤à¥€ घर से फोन आया की मà¥à¤à¥‡ चढ़ने से पहले नाशà¥à¤¤à¤¾ कर लेना चाहिà¤, विचार उचित था और मैं à¤à¤• साफ-सà¥à¤¥à¤°à¥‡ से रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट मे घà¥à¤¸ गया. यहाठà¤à¤• आलू परानà¥à¤ ा, à¤à¤• गोà¤à¥€ परानà¥à¤ ा, डिबà¥à¤¬à¤¾ बंद अमूल नमकीन लसà¥à¤¸à¥€ हजम करने और रॠ55 का बिल à¤à¥à¤—तान करने के बाद अपनी यातà¥à¤°à¤¾ पर निकल पड़ा.
यातà¥à¤°à¤¾ की चढ़ाई और सà¥à¤°à¥à¤¯ की किरणे समय के साथ-2 बढ़ रही थी और यह बांका नौजवान पसीने मे तर-बतर किसी à¤à¥€à¤—ी बिलà¥à¤²à¥€ की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रहा था किंतॠशà¥à¤•à¥à¤° है पूरे मारà¥à¤— मे ही आपको पीने के लिठठंडा जल मà¥à¤«à¤¼à¥à¤¤ मिल जाता है जिसे पीकर आप मे à¤à¤• नया जोश और उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ à¤à¤°à¤¨à¥‡ लगता है. लगà¤à¤— डेढ़ घंटे निरंतर चलने के बाद मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• लंबी सी कतार दिखाई दी और पूछने पर पता चला की मैं अरà¥à¤§à¤•à¥à¤‚वारी तक पहà¥à¤à¤š चà¥à¤•ा हूठतथा यह कतार यहाठसे आगे बढ़ने से पूरà¥à¤µ तलाशी लेने हेतॠलगी हà¥à¤ˆ है. यहाठसामान के साथ-साथ यह à¤à¥€ जाà¤à¤šà¤¾ जाता है की कहीं आप अपने साथ कोई मादक पदारà¥à¤¥ जैसे की सिगरेट, बिडी या तंबाकू आदि तो लेकर à¤à¤µà¤¨ तक नही जा रहे हैं. इस कतार मे पौना घंटा बिताने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ मैं अरà¥à¤§à¤•à¥à¤‚वारी से आगे बढ़ा ही था की तà¤à¥€ à¤à¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ यà¥à¤µà¤• ने मेरा रासà¥à¤¤à¤¾ रोक कर मà¥à¤à¥‡ मारà¥à¤— बदलने और सà¥à¤°à¤‚ग वाला मारà¥à¤— लेने की नसीहत दी. जिस मारà¥à¤— पर मैं जाने वाला था वा à¤à¥ˆà¤°à¥‹à¤‚ घाटी से नीचे आने हेतॠथा तथा उसकी चढ़ाई अतà¥à¤¯à¤‚त ही खड़ी थी मैने à¤à¥€ उसकी बात मानकर अपने कदमो को बाà¤à¤ˆà¤¿ तरफ मोड़ लिया और सà¥à¤°à¤‚ग वाला रासà¥à¤¤à¤¾ पकड़ लिया. यह रासà¥à¤¤à¤¾ अरà¥à¤§à¤•à¥à¤‚वारी पर ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. चलते हà¥à¤ मà¥à¤à¥‡ यह जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो रहा था की उस यà¥à¤µà¤• की बात मान कर मैने ठीक ही किया और अब तो मेरी चलने की गति à¤à¥€ बढ़ चà¥à¤•ी थी. यह मारà¥à¤— ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° टीन की शेड से ढà¤à¤•ा हà¥à¤† है कà¥à¤¯à¥‚ंकी यहाठपहाड़ी से पतà¥à¤¥à¤° या तो खà¥à¤¦-ब-खà¥à¤¦ गिर जाते है या फिर बनà¥à¤¦à¤°à¥‹ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गिरा दिठजाते हैं. और इसके परिणाम सà¥à¤µà¤°à¥‚प गंà¤à¥€à¤° चोटे à¤à¥€ लग सकती है.
मैं माता जी के à¤à¤µà¤¨ तक दोपहर साढ़े तीन बजे पहà¥à¤à¤š गया था और यहाठपहà¥à¤à¤šà¤•र सबसे पहले मैने अपनी यातà¥à¤°à¤¾ परà¥à¤šà¥€ का सतà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ करवा लिया जिस पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ à¤à¤• समूह संखà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ अंकित कर दी, इस संखà¥à¤¯à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ही आप माता के दरà¥à¤¶à¤¨ कर सकते हैं. ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ मैने शà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¨ बोरà¥à¤¡ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ की दà¥à¤•ान से माता जी का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ खरीदा और मनोकामना à¤à¤µà¤¨ मे अपना बेड लेकर à¤à¤• बार फिर से अपना सामान वयà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ किया और नहा धोकर शाम पाà¤à¤š बजे माता के दरà¥à¤¶à¤¨ हेतॠकतार मे जाकर लग गया. à¤à¤• बात और बताना चाहूà¤à¤—ा की कतार मे लगने से पहले मैने अपने जूते, बॅग और मोबाइल आदि सामान मनोकामना à¤à¤µà¤¨ के ही à¤à¤• लॉकर मे जमा करवा दिया था और यह सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ बिलà¥à¤•à¥à¤² मà¥à¤«à¤¼à¥à¤¤ थी, हाठआपको à¤à¤• ताला ज़रूर खरीदने का कषà¥à¤Ÿ करना पड़ेगा. यहाठपर आपको जो बेड दिया जाता है वह डबल डेकर बस की तरह पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है तथा à¤à¤• बड़े से हाल मे à¤à¤¸à¥‡ बहà¥à¤¤ सारे बेड लगे होते हैं जिसमे बहà¥à¤¤ सारे परिवार माता के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ आकर सो जाते हैं या फिर दरà¥à¤¶à¤¨ हेतॠअपनी बरी का इंतेज़ार करते हैं. यहाठपर आपको उचित दाम पर खाने-पीने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ मिल जाती है.
लगà¤à¤— दो घंटो की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ के बाद अंततः वो समय आ ही गया जब मे माता जी किी पिंडियो के दरà¥à¤¶à¤¨ करने हेतॠपवितà¥à¤° गà¥à¤«à¤¾ मे पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर रहा था. गà¥à¤«à¤¾ की दीवारों से रिसà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¤† पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक जल जब आपके शरीर पर पड़ता है तो मानो अंतर-आतà¥à¤®à¤¾ तक को à¤à¥€à¤—ा डालता है और जिस सच की अनà¥à¤à¥à¤‰à¤¤à¤¿ होती है वह तो अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯à¤¾ है. धीरे-2 मैं माता किी पिंडियो तक à¤à¥€ पहà¥à¤à¤š गया जिनके दरà¥à¤¶à¤¨ करते ही नेतà¥à¤°à¥‹ मे सà¥à¤•à¥à¤‰à¤¨ और मन को आराम मिल जाता है. à¤à¤¸à¥€ अदà¤à¥à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿ का आचमन मातà¥à¤°à¤¾ ही कà¥à¤› पलों के लिठहमारे मन से ईरà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾, राग और दà¥à¤µà¥‡à¤· जैसे दोषो को समापà¥à¤¤ कर देता है और बदन à¤à¤• उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ पंछी की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ सà¥à¤– के खà¥à¤²à¥‡ आकाश मे हृदय रूपी पंख फैलाकर हर उस अनà¥à¤à¥‚ति का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करने लगता है जिसकी हमने कà¤à¥€ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नही की थी. मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥€ यह आà¤à¤¾à¤¸ हो रहा था की पवितà¥à¤° गà¥à¤«à¤¾ के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर मेरा चंचल चितà¥à¤¤ कहीं पीछे ही छूट चà¥à¤•ा है और निकास मारà¥à¤— तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡-2 वो अब काफ़ी शांत व गंà¤à¥€à¤° हो गया है, लगता है मानो कà¥à¤› पा लिया हो.
माता जी के दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‹ के उपरांत समीप ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिव गà¥à¤«à¤¾ मे à¤à¥€ मतà¥à¤¥à¤¾ टेकने और पवितà¥à¤° गà¥à¤«à¤¾ मे बहते अमृत जल का आचमन करने के बाद मैं बहà¥à¤¤ देर तक माता के à¤à¤µà¤¨ को निहारता ही रहा और इसकी सà¥à¤‚दरता à¤à¥€ देखते ही बनती थी, शायद नवरातà¥à¤°à¤¿ के उपलकà¥à¤·à¤¯ मे इसे विशेष रूप से सजाया गया था. यह वो पल थे जब मैने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को उस गूगे के समानà¥à¤¤à¤° पाया जो मीठे फल का आनंद तो ले सकता है किंतॠचाहकर à¤à¥€ उसका वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ नही कर सकता.
ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ मैने समीप ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सागर रतà¥à¤¨à¤¾ मे रातà¥à¤°à¤¿ का डिनà¥à¤¨à¤° करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¤• दूसरे ढाबे से सà¥à¤œà¥€ का हलवा लिया और à¤à¤• खà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जाकर माता के à¤à¤µà¤¨ की तरफ मà¥à¤– करके खड़ा हो उसे खाने लगा. यहाठयह ज़रूर बता देना चाहूà¤à¤—ा की मातà¥à¤° रॠ20 का यह हलवा कम से कम रॠ250 के à¤à¥‹à¤œà¤¨ से सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ था जो मैने सागर रतà¥à¤¨à¤¾ मे खाया था. इस वकà¥à¤¤ तक शाम पूरी तरह से घिर आई थी और तेज सरà¥à¤¦ हवाओं का दौर शà¥à¤°à¥‚ हो चà¥à¤•ा था. माता जी का à¤à¤µà¤¨ जग-मग रोशनी मे नहा रहा था और मेरा मन उन तेज हवाओं मे à¤à¥€ यहीं टीके रहने को आतà¥à¤° था और यहाठखड़े-2 मे जलà¥à¤¦à¥€ ही à¤à¤• डोना गरà¥à¤®à¤¾à¤—रà¥à¤® हलवा और à¤à¤• कप कॉफी हजम कर चà¥à¤•ा था.
नींद तो नही आ रही थी किंतॠअगले दिन à¤à¥ˆà¤°à¥‹à¤‚ घाटी जाने हेतॠजलदी उठना था अतः मैं यहाठसे सीधे अपने डबल देकर बेड पर गया और सो गया. सà¥à¤¬à¤¹ ठीक पाà¤à¤š बजे मेरी आà¤à¤– ख़à¥à¤² गयी और मैं à¤à¤Ÿ से वापिस उसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जाकर माता के à¤à¤µà¤¨ के दरà¥à¤¶à¤¨ करने चला गया जहाठसे रातà¥à¤°à¤¿ मे वापिस आने का मान ही नही हो रहा था. सरà¥à¤¦ हवाओं का दौर रातà¥à¤°à¤¿ के मà¥à¤•ाबले अब और à¤à¥€ ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बढ़ चà¥à¤•ा था अतः जलà¥à¤¦à¥€ से चाय पीकर मैं वापिस मनोकामना à¤à¤µà¤¨ आ गया और जलà¥à¤¦à¥€ से नहा धोकर अपना सामान पॅक किया और à¤à¥ˆà¤°à¥‹à¤‚ घाटी की तरफ पैदल ही चल दिया. यहाठकी चढ़ाई थोड़ा ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खड़ी है और उस पर à¤à¥€ तà¥à¤°à¥à¤°à¤¾ यह की अधिकांश मारà¥à¤— घोड़ो के अतिकà¥à¤°à¤®à¤£ की à¤à¥‡à¤¨à¥à¤Ÿ चढ़ा होता है. सीढियो के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पचà¥à¤šà¥€à¤¸ मिनिट मे हानफते हà¥à¤ मैं à¤à¥ˆà¤°à¥‹à¤‚ मंदिर पहà¥à¤à¤š गया किंतॠमेरी साà¤à¤¸à¥‡ अब पहाड़ी सरà¥à¤¦ हवाओं से à¤à¥€ अधिक तेज गति से चल रही थी. सà¥à¤¬à¤¹ के साढ़े सात बज रहे थे और यहाठपहà¥à¤à¤š कर पता चला की मंदिर तो साढ़े आठबजे खà¥à¤²à¤¨à¥‡ वाला है, शायद मंदिर मे बाबा की आरती चल रही थी. अतः मैने वहीं कतार मे लगे रहकर टाइम पास करना उचित समà¤à¤¾. ठीक साढ़े आठबजे मंदिर मे पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ मिली और पौने नौ बजे तक बाबा के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के बाद मैं बाहर आ गया. यहाठसे आपको दूर तक देखने पर बरà¥à¤« से ढà¤à¤•ी हिमालय की परà¥à¤µà¤¤ चोटियाठà¤à¥€ दिखाई देती है जिनकी फोटो मैने अपने कॅमरा से ली तो थी किंतॠकिनà¥à¤¹à¥€ कारणवश वो डेलीट हो गयी.
समय अचà¥à¤›à¤¾ वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ हà¥à¤†, मंन पà¥à¤°à¤«à¥à¤²à¥à¤²à¤¿à¤¤ था, शरीर मे सà¥à¤«à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤° चà¥à¤•ी थी और अब मे वापिस कटरा की तरफ बढ़ रहा था. रासà¥à¤¤à¥‡ मे लंगूरों के परिवार से मà¥à¤²à¤¾à¤•ात हà¥à¤ˆ तो मैने उनà¥à¤¹à¥‡ à¤à¥€ मोबाइल मे क़ैद कर लिया साथ ही कà¥à¤›à¥‡à¤• अपनी सेलà¥à¤«à¥€ à¤à¥€ कà¥à¤²à¤¿à¤• की.
रासà¥à¤¤à¥‡ मे मैने कà¥à¤› डà¥à¤°à¤¾à¤‡-फà¥à¤°à¥‚ट à¤à¥€ खरीदे किंतॠघर पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर पता चला की मà¥à¤à¥‡ दिखाया कà¥à¤› और गया था और पॅक कà¥à¤› और ही किया गया है, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ यह सब चीज़े किसी अचà¥à¤›à¥€ और विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ दà¥à¤•ान से ही खरीदे जो की आपको कटरा मारà¥à¤•ेट मे मिल सकती है.
अपने सफ़र का आनंद लेते हà¥à¤ मैं वापिस कटरा पहà¥à¤à¤š गया और यहाठशेरे पंजाब रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट मे à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने व लसà¥à¤¸à¥€ का सà¥à¤µà¤¾à¤¦ चखने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ जमà¥à¤®à¥‚ जाने वाली बस मे जा कर बैठगया. à¤à¤• घंटे मे मैं जमà¥à¤®à¥‚ रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤à¤š गया किंतॠयह कà¥à¤¯à¤¾ अà¤à¥€ तो घड़ी मे चार ही बजे हैं और मेरी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ तो शाम सात चालीस की थी. जब कà¥à¤› ना सूà¤à¤¾ तो यहीं रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के फरà¥à¤¶ पर बैठकर मैने साढ़े टीन घंटे का समय आती-जाती दूसरी रेलगाड़ियो को देखते हà¥à¤ पास किया, और मेरे इस काम मे मेरा साथ दिया मेरी ही तरह अपनी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ का इंतेज़ार कर रहे अनà¥à¤¯ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने. सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ की चहल-पहल मे पता ही नही चला की कब समय तितली की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ à¤à¤•ाà¤à¤• उड़ गया और मेरी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ जमà¥à¤®à¥‚ राजधानी à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ आ गयी जिसमे सवार होकर मैने वापिस दिलà¥à¤²à¥€ की तरफ रà¥à¤–़ किया à¤à¤• अतà¥à¤¯à¤‚त ही सà¥à¤–द व अविसà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯ यातà¥à¤°à¤¾ संसà¥à¤®à¤°à¤£ के साथ जिसे आप सà¤à¥€ के साथ सांà¤à¤¾ करने का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ मà¥à¤à¥‡ हमारे पà¥à¤°à¤¿à¤¯ घà¥à¤®à¤•à¥à¤•र.काम के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो रहा है.