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श्री जटेश्वरमहादेव मंदिर भाग १

Black suitcase with ribbon

पायलट द्वारा घोषणा थी ” बाहर का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस  है, प्लीज़ अपने सेल फ़ोन बंद कर दें ……..” यह केथी पेसेफिक की हांगकांग से दिल्ली वाया बैंकॉक की उड़ान थी. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे दिल्ली पर विमान धीरे धीरे नीचे आ गया था और यह जमीन को छूने के बाद तेजी से चल रहा था . धीरे धीरे गति कम हु़ई और लोगों ने अपने सेल फोन शुरू कर दिए और सब व्यस्त थे. यह विमान 300 लोगों को दिल्ली ले कर आया था. कुछ मिनटों के बाद दरवाजे खोल दिए और लोग बाहर जाने शुरू हो गए .मुझे कोई जल्दी नहीं थी और मैं थोड़ा इंतजार के बाद अपना बैग ले कर बाहर की और चल पड़ा . विमान के गेट पर विमान परिचारिका पेशेवर मुस्कान के साथ दरवाजे पर खड़ी थी. मेंने असली मुस्कान के साथ धन्यवाद कहा और बाहर निकल आया. यह कनाडा से भारत तक यात्रा, लंबी थका देने वाली फ्लाईट थी। 24 घंटे हवाई जहाज में  उड़ान और 10 घंटे वैंकूवर और हांगकांग के हवाई अड्डे के लाउंज में गुज़ारने के बाद थका हुआ था. कनाडा में हर कोई दिल्ली के नए हवाई अड्डा टर्मिनल 3 के बारे में बात कर रहा था। अब मैं वहाँ खड़ा था। यह बहुत लंबा है. लेकिन अगर आप वहाँ चलना नहीं चाहते हैं तो ऑटोमैटिक walkways बने हुए हैं उन पर खड़े हो कर आप जा सकते हैं. पर स्पीड थोड़ी कम होने के कारण पेदल चलना ज्यादा अच्छा लगता है. कुछ दूरी पर पर शौचालय बने हुए थे. अंदर जा कर देखा तो काफी हाई स्टैण्डर्ड था. बिल्कुल साफ़ . पर लगभग खाली, लोग घर जाने कि जल्दी में थे. कौन जहां पर टाइम खराब करे. एक लंबी सैर के बाद मैं आव्रजन काउंटर पर था। बहुत बड़ी भीड़। लेकिन इतने सारे काउंटर और लोगों की लाइन. मैं 15 काउंटर चलने के बाद एक काउंटर पर लाइन में लग जाता हूँ.  नम्बर आने पर क्लर्क साहिब को हैलो कहने के बाद पासपोर्ट दे देता हूँ. अब वह फार्म के बारे में कहते है. यह मेने विमान में ही भर लिया था. पासपोर्ट नम्बर , फ्लाईट नम्बर तारीख …… साहिब फॉर्म ले कर कंप्यूटर में फीड करने लगते है. पर उनके चेहेरे पर कोई भाव नही था. 10 मिनट बाद पासपोर्ट पर स्टाम्प लगा देते है. और फॉर्म भी वापस कर देते हैं. इसी फॉर्म पर भरा होता है आप के पास कितनी कीमत का क्या सामान है.


ड्यूटी फ्री शॉप ठीक सामने थी. में भी अंदर जाने का मोह ना छोड़ सका . खुशवंत सिंह ने कई बार अपने कालम में इसका वर्णन किया है. परफ्यूम , कपडे और सामान लोग जहाँ से खरीद सकते है. शो केस देखने शूरु किए . प्राइस ३० डालर एंड अप . १५00 रुपये से स्टार्ट . सेल्स गर्ल भारतीय लडकी. हिम्मत नहीं हुई कोई बात करने की. जब कुछ खरीदना नहीं तो क्यों उसका ओर अपना टाइम खराब करे. ख़ुद तो कभी ब्रांडेड कपडे पहनते नहीं और  इतना प्राइस.  शॉप से बाहर आ कर कोन्वेयोर बेल्ट के पास आ जाता हूँ कोन्वेयोर बेल्ट पर समान आना शुरू हो जाता है. दूर से ही अटेचि के हेङंल पर बंधा गुलाबी रिबन दिखने लगता है. मैंने अपने अटेचि के हेङंल पर गुलाबी रिबन बाँध रखा था. नहीं तो इस बेल्ट पर सभी अटेचि एक जैसे दीखते हैं. एक बार मिस करो तो फिर लम्बा इंतजार . केथी पेसेफिक फाईव स्टार एयर लाइन है. एकदम ठीक टाइम , गुड सर्विस और सामान का गुम न होना . धन्यवाद केथी पेसेफिक . यहाँ अपनी एयर इंडिया याद आती है. इतना ताम झाम होने के बाद भी सिंगापुर और हांगकांग एशिया के मेन जंक्सन हैं . एयर इंडिया के रेट कभी कभार ही कम होते है . केथी पेसेफिक जहाँ ३४ घंटे लगे एयर इंडिया २० घंटे में ले के आती है . पर किराया और सीट की काफी दिक्कत है. दूसरा स्ट्राइक पता नही कब पायलट बीमार….

अब अटेचि और बैग ट्रोली पर रख कर गेट की तरफ चलता हूँ . सामने कस्टम वाले साहेब को फॉर्म दे कर बाहर आ जाता हूँ. यह कस्टम वाले ही आम तोर पर सुर्खिओं में रहते हैं. फलां एक्टर से इतना जुरमाना वसूला . हमारे मेजबान लेने आये हुए थे . कार में बैठ कर सीधे फरीदाबाद उनके घर पहुँच गए . वहां दो दिन आराम से माल, झील वगेरा देखे . सारी थकान ख़तम हो चुकी थी . अब भोले बाबा के दर्शन के लिए जाना था .

Plane at HongKong airport

अटेचि और बैग ले कर फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पहुँचते हैं. मेजबान टिकेट लेने चले जाते हैं और में अटेचि और बैग ले कर प्लेटफोर्म # २ की और चलता हूँ. कुली को देखता हूँ पर पता चलता है यहाँ सिर्फ तीन कुली हैं . जो सिर्फ एक्सप्रेस ट्रेन के टाइम पर आते हैं . एक ऑटो वाला लड़का सामान ले जाने को त्यार. हाँ बोल देता तो ठीक , पर उससे पैसे पूछ बेठा. २०० रूपये . जब में गया था तो १०-२० का जमाना था अब यह ज्यादा लगे . दूसरा यह कौन कुली है सामान ले कर चला जाये वाह रे मन . एक एक अटेचि दोनों हाथ में ले कर पुल के उपर जाना शुरू किया . दुनिया का सब से मुश्किल काम . पत्नी और बच्चे याद आये जो कार में बिठा कर एअरपोर्ट छोड़ गए थे . अटेचि भी उन्होंने खुद जमा करवा दिए थे और बोअर्डिंग पास थमा कर चेकिंग एरिया में भेज दिया था . और काम वाले याद आये , जो हर समय सेफ्टी का पाठ सिखाते हैं, सीढ़ी पर हर समय थ्री पॉइंट कोन्टक्ट होना चाहिए . आप एक हाथ या पांव एक समय उठा सकते हैं . रेलिंग पर हाथ होने चाहिए अगर सामान है तो लिफ्ट का प्रयोग करो . कभी गलती की तो ताउम्र पूरे वर्ल्ड में आप उनकी साईट पर काम नहीं कर सकते . अब जहाँ दोनों हाथ में अटेचि और अगर गिरे. खेर किसी तरह से प्लेटफोर्म पर जाता हूँ. मेजबान भी टिकेट ले आते हैं. एक एक्सप्रेस गाड़ी दिल्ली जाने वाली रूकती है. पता लगता है यह काफी लेट है मेरा तो टिकेट लोकल ट्रेन का है . उसका समय है . पर मैं बोलता हूँ इतना ट्रेन में सफ़र किया है किसी ने टिकेट नहीं चेक किया इसी में बैठ जाते हैं . अपना ज्ञान बताया टीटी टिकेट बना देता है और मन में सोचा अगर पकडे जाते हैं तो जुरमाना भर देंगे पर मेजबान को लगा विदेशी बंदा है मुश्किल हो सकती है .

Express train at Faridabad station

खेर लोकल ट्रेन आ जाती है . दोनों अटेचि धकेल कर खुद भी सवार हो जाता हूँ . अंदर भीड़ काफी है. यह है किस्मत दो दिन पहले केथी पेसेफिक फाईव  स्टार एयर लाइन और आज लोकल ट्रेन . ट्रेन लोकल होने के कारण दरवाजा भी नहीं है. अब सामान दरवाजे में है और मैं भीड़ के साथ आगे चला जाता हूँ . मन में फिर डर दोनों अटेचि. कोई उतार कर ले जाये. ट्रेन से उतरते वक्त कोई ठोकर मार कर बाहर गिरा दे. ट्रेन कई स्टेशन पर रूकती है भीड़ बढ़ती जाती है. अगर यह अटेचि रस्ते में ना हो तो चार लोग आराम से खड़े हो सकते हैं. विमान में महिला भी अपना पर्स सीट के नीचे रखती हैं. विमान में रस्ते में अटेचि यह तो असंभव है, पर यह अपनी भारतीय रेल है दोनों अटेचि आप बीच रस्ते पर रखो कोई पुछने वाला नहीं है चार लोग अगर स्टेशन पर रह जाये कोई परवाह नहीं पर आपका सामान जाना चाहिए. और महिला बच्चे पुरुष सब खड़े हो कर जा रहे हैं, खूब खुश दिख रहे हैं और मैं १ घंटे के लिए हूँ और इतनी परेशानी. उन लोगों को नमन है जो रोज ट्रेन में यात्रा करते हैं और ख़ुशी से जिन्दगी जीते हैं.

New Delhi Railway Station behind local train

नई दिल्ली रेलवे प्लेटफ़ॉर्म आ जाता है . चेहरा ख़ुशी से खिल उठा . दोनों अटेचि दरवाजे के पास ही है, सिर्फ मन में चोर था जरा हाथ लगाया दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर . अब सबसे पहला काम कुली. कुली साहेब मिल गए. ट्रेन का नाम बताया. New Delhi – Una Janshatabdi/12057 वह कह रहे थे यह फलां जगह से आती है मुझे क्या मालूम मैं तो उन्हें बता रहा था कि यह ट्रेन ऊना नंगल जाती है

Photo not clear but like to show Kuli Raja at New Delhi

Janstabadi N Delhi to Una

पांडव काल का भोले बाबा का मंदिर जहाँ सब की मनोकामना पूरण होती हैं. अगर पाठक जानना चाहें तो मैं आप बीती बता सकता हूँ वोह क्या कामना थी जो भोले बाबा ने पूरण की. भोले बाबा के विराट दर्शन आपने श्रीखण्ड महादेव में जाट देवता संदीप जी की यात्रा में किये.श्री जटेश्वरमहादेव में भी प्राकृतिक शिवलिंग है.जहाँ पर उनका सरूप छोटा है और इसकी भी एक कथा है अगर आप की आज्ञा होगी तो उसका भी वर्णन किया जायेगा. बोलो शिव शंकर की जय

Jateshwar Mahadev Mandir

श्री जटेश्वरमहादेव मंदिर भाग १ was last modified: September 9th, 2024 by Surinder Sharma
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