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Shri Gajanan Maharaj Shegaon / शेगांव- श्री गजानन महाराज दर्शन भाग – 3 ( आनंद सागर उद्यान तथा ध्यान केंद्र दर्शन)

इस श्रंखला के पहले भाग में मैंने आपको परिचित कराया था महान संत श्री गजानन महाराज तथा उनके अत्यंत सुन्दर मंदिर से |
आइये अब मैं आपको लेकर चलता हूँ श्री गजानन महाराज संस्थान द्वारा निर्मित तथा संरक्षित आनंद सागर उद्यान की ओर जो विशालता सुन्दरता तथा आध्यात्मिकता का एक बेजोड़ संगम है|

मंदिर से दर्शन करके लौटने के बाद हम सबने खाना खाया तथा कुछ देर आराम करने के उद्देश्य से भक्त निवास स्थित अपने कमरे में आ गए|
कुछ देर के विश्राम के बाद हम तैयार थे आनंद सागर उद्यान को निहारने के लिए| संस्थान से दर्शनार्थियों को आनंद सागर ले जाने के लिए संस्थान की एक बस हमेशा उपलब्ध रहती है| आनंद सागर जाने के लिए तैयार खड़ी बस में हम भी सवार हो गए तथा करीब दस मिनट में हम आनंद सागर में पहुँच गए|

आनंद सागर का नाम सर्वथा उपयूक्त है, ये सचमुच आनंद का सागर है | श्री गजानन महाराज के दर्शन करने के लिए आये उनके अनुयायी तथा भक्त स्वाभाविक रूप से इच्छुक होते है की वे यहाँ कुछ दिन रुके तथा संस्थान की धार्मिक, संस्कृतिक तथा शैक्षणिक गतिविधियों में हिस्सा लें, भक्तों की इस इच्छा को केंद्र में रखते हुए संस्थान ने उनके बचे हुए समय में उन्हें प्रकृति तथा अध्यात्म से जोड़ने के लिए एक उद्यान का विकास किया जिसे आनंद सागर नाम दिया गया और आज आनंद सागर का नाम देश के कुछ चुनिन्दा उद्यानों में शुमार है |

आनंद सागर को शेगांव में 325 एकड़ के भू-भाग पर विकसित किया गया है, देश के इस भाग में यह उद्यान सबसे ख़ूबसूरत जगहों में से एक है| आनंद सागर, शेगांव कस्बे से 4 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है तथा रिक्शा द्वारा 10 मिनट में यहाँ पहुंचा जा सकता है | इस उद्यान को पूरी तरह से देखने के लिए तथा यहाँ स्थापित क्रीडा तथा मनोरंजन के साधनों जैसे कई प्रकार के झूले, फिसल पट्टियाँ, खिलौना रेल गाड़ी आदि का आनंद उठाने के लिए कम से कम 6 घंटे का समय लगता है | उद्यान में प्रवेश करने के लिए निर्धारित शुल्क है 25 रु. लेकिन उद्यान की सुन्दरता के आगे यह राशी नगण्य है |

आनंद सागर का भव्य प्रवेश द्वार

ख़ूबसूरत आनंद सागर

आनंद सागर में वेदांत

प्रवेश द्वार अन्दर की ओर से

आनंद सागर प्रवेश द्वार

आनंद सागर

आनंद सागर दिशा निर्देश

आनंद सागर में स्थित गजानन महाराज की प्रतिमा

मत्स्य कन्या (The Mermaid)

उद्यान आकार में इतना विशाल है की इसमें भ्रमण करते हुए दर्शनार्थियों का थकना स्वाभाविक है अतः संस्थान प्रशासन ने यात्रियों के विश्राम के लिए प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर कुटियाएँ बनायीं है जिसमें दर्शनार्थी जितनी देर चाहे विश्राम कर सकते हैं | संस्थान के द्वारा विश्राम करने के लिए चटाइयां तथा तकिये निःशुल्क प्रदान किये जाते हैं |


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विश्राम के लिए कुटीर

नीलकमल

एक अन्य द्रश्य

बाल क्रीडा

थोड़ी थोड़ी सी दुरी पर प्रसाधन तथा अल्पाहार एवं भोजन की व्यवस्था इस उद्यान की विशेषता है | उद्यान परिसर में भगवान् शिव का एक बहुत ही सुन्दर मंदिर है | इस मंदिर की परिधि में अति विशाल आकार के नंदी की एक जैसी 4 मूर्तियाँ तथा 4 विशाल आकार के दीप शोभायमान हैं |

आनंद सागर में शिवालय

विशालकाय नंदी प्रतिमा

शिवालय परिसर में स्थित विशाल दीप

उद्यान का एक मनोहारी द्रश्य

उद्यान का एक अन्य मनोहारी द्रश्य

उद्यान में स्थित कुटीर

कृत्रिम मोर

एक मनोहारी द्रश्य

कृत्रिम मानवाकृति

कृत्रिम मानवाकृति

कुछ देर विश्राम

बाल क्रीडा

एक द्रश्य

मौज मस्ती

खिलौना रेलगाड़ी

आनंद सागर तालाब में तैरती एक कलात्मक प्रतिमा

उद्यान के बीचो बिच एक जलाशय स्थित है जो की 55 एकड़ की भूमि पर फैला है | जलाशय के ह्रदय में स्थित है एक कृत्रिम द्वीप जो की कन्याकुमारी स्थित स्वामी विवेकानंद केंद्र की प्रतिकृति है | टापू पर एक हॉल है जिसे ध्यान केंद्र कहा जाता है, यहीं पर स्वामी विवेकानंद तथा स्वामी रामकृष्ण परमहंस की आदमकद मूर्तियाँ भी स्थापित की गयीं हैं |

ध्यान केंद्र में पूरी तरह से शांत माहौल तैयार किया जाता है | यहाँ पर कक्षा 7 से छोटे बच्चों का प्रवेश वर्जित है तथा दर्शनार्थियों को भी मौन रहने के लिए बार बार निर्देशित किया जाता है | ध्यान केंद्र में बैठकर शांतिपूर्वक भक्तगण अपने अपने इष्ट देव का ध्यान कर सकते हैं |

ध्यान केंद्र सूचना

ध्यान केंद्र का विहंगम द्रश्य

ध्यान केंद्र नजदीक से

ध्यान केंद्र में स्थित विवेकानंद प्रतिमा

आनंद सागर स्थित द्वीप का एक विहंगम द्रश्य

आनंद सागर में स्थित विभिन्न अकार के कलशों से निर्मित गणेश प्रतिमा

आनंद सागर में करीब ६ घंटे बिताने के बाद तथा थक कर चूर हो जाने के बाद हमने पुनः अपना रुख भक्त निवास की ओर किया, भक्त निवास पहुँच कर वापसी की तैयारी के उद्देश्य से अपने बैग पैक किये तथा निचे संस्थान परिसर में आकर भोजन ग्रहण करने के बाद ऑटो में सवार होकर हम शेगांव के बस स्टैंड की और चल पड़े | हमारी वापसी की ट्रेन अकोला से थी अतः हम अकोला के लिए जाने वाली बस में बैठ गए और रात करीब नौ बजे अकोला के रेलवे स्टेशन पहुँच गए, और वहां से ट्रेन में सवार होकर महू के लिए निकल पड़े, अगले दिन दोपहर 1 बजे महू पहुँच कर वहां से अपनी कार लेकर शाम तक अपने घर पहुँच गए | और इस तरह इस अविस्मरनीय यात्रा का शुभ समापन हुआ|

अकोला से महू की ओर वापसी

घर की ओर

तो ये थी शेगांव तथा आनंद सागर की एक यादगार यात्रा. अब मैं आपको संतोषजनक शेगांव यात्रा के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहता हूँ, जो इस प्रकार है :

1. शेगांव दर्शन के लिए ट्रेन ही सबसे उपयुक्त साधन है. रेलवे तथा बस स्टैंड से संस्थान तक आने के लिए संस्थान की निःशुल्क बसें, साईकिल रिक्शा, ऑटो या तांगे २४ घंटे उपलब्ध रहते हैं, फिर भी अगर इनमें से कुछ भी न मिले तो आप पैदल ही संस्थान के भक्त निवास तक आ सकते हैं. संस्थान की बसें पूर्णतः निशुल्क हैं, साईकिल रिक्शा या तांगे का किराया १० से १२ रु. तथा ऑटो रिक्शा का शुल्क २० रु. है|

2. शेगांव की यात्रा की योजना बनाते समय गुरुवार तथा रविवार को छोड़ देना चाहिए क्योंकि यहाँ गुरुवार तथा रविवार को बहुत भीड़ रहती है, तथा सुकून से दर्शन नहीं हो पाते हैं|

3. भक्त निवास के मुख्य द्वार के बाहर की ओर कुछ लोग आपको निजी होटल्स में ठहरने के लिए बरगला सकते हैं, लेकिन उनके झांसे में नहीं आना चाहिए क्योंकि संस्थान के भक्त निवासों में हर बजट के हिसाब से सर्वसुविधायुक्त कमरे उपलब्ध है तथा ये मेरा दावा है की शेगांव में कोई भी प्राइवेट होटल, संस्थान जैसी सुविधाएँ तथा स्वच्छता इतने कम मूल्य पर नहीं दे सकता|

4. संस्थान में किसी भी पुजारी को पैसे न दें, उन्हें संस्थान से तनख्वाह मिलती है|

5. समाधी मंदिर के दर्शन के बाद श्री राम मंदिर तथा हनुमान मंदिर एवं ध्यान गृह आदि में भी जाएँ तथा दर्शन लाभ उठायें|

6. 10.30 से 1.00 बजे के बिच मंदिर परिसर में हाथियों के दर्शन किये जा सकते हैं|

7. आनंद सागर का संपूर्ण आनंद उठाने के लिए 5 से 6 घंटे का समय आरक्षित रखें|

आशा है ये जानकारी संत गजानन महाराज के दर्शनों की इच्छा रखने वाले घुमक्कड़ साथियों के लिए उपयोगी साबित होगी|

फिर मिलते हैं ऐसी ही किसी यात्रा के बाद |

Shri Gajanan Maharaj Shegaon / शेगांव- श्री गजानन महाराज दर्शन भाग – 3 ( आनंद सागर उद्यान तथा ध्यान केंद्र दर्शन) was last modified: September 11th, 2022 by Mukesh Bhalse
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