हà¥à¤† कà¥à¤› यूठकी à¤à¤• घरेलॠसपà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¾à¤‚त की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ थी परनà¥à¤¤à¥ किसी ने सच ही कहा है की यातà¥à¤°à¤¾ कà¤à¥€ à¤à¥€ हो सकती है सो ऑफिस में शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• नेक खà¥à¤¯à¤¾à¤² आया | पतà¥à¤¨à¥€ जी दिलà¥à¤²à¥€ से अहमदाबाद अकेले आ रही थी उनकी टà¥à¤°à¥‡à¤¨ रविवार की सà¥à¤¬à¤¹ चलकर रात में अहमदाबाद पहà¥à¤šà¤¨à¥‡ वाली थी | मैंने सोचा कà¥à¤¯à¥‚ठन चलकर आगवानी की जाये अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ कà¥à¤› सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहले ही उनको à¤à¤• सरपà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤œ दिया जाये और साथ में आगे की यातà¥à¤°à¤¾ पूरी हो | खयाल तो नेक था परनà¥à¤¤à¥ आगे गूगल पर उंगलियाठघूमी और रासà¥à¤¤à¥‡ के सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के आस पास की देखने योगà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की खोज शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ | à¤à¤• घंटे के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤• उतà¥à¤¤à¤® पà¥à¤²à¤¾à¤¨ सामने था | पà¥à¤²à¤¾à¤¨ कà¥à¤› यूठथा की रविवार की सà¥à¤¬à¤¹ में à¤à¤• बजे साबरमती सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से रणकपà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ ली जाये जो सà¥à¤¬à¤¹ में फालना सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤‚चाती है और वहां से मातà¥à¤° चालीस किलोमीटर की दूरी और à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ रणकपà¥à¤° जैन मंदिर है | मैंने तय किया दिन à¤à¤° मंदिर पà¥à¤°à¤¾à¤‚गन में बिताया जाये और काफी दिन से लंबित सलमान रà¥à¤¶à¥à¤¦à¥€ की मिडनाईट चिलà¥à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤¨ का लà¥à¤¤à¥à¥ž लिया जाये और शाम में पांच बजे फालना सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से पतà¥à¤¨à¥€ जी के साथ हो लिया जाये | योजना के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• टà¥à¤°à¥‡à¤¨ की टिकट ले ली गई (आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• रूप से वे खाली à¤à¥€ थी) |
दिन : शनिवार, दिनांक : 04 September, 2015
शाम में आठबजे सà¥à¤µà¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¤ à¤à¥‹à¤œà¤¨ (जो हमेशा की तरह दाल चावल ही था) का आनंद उठाने के बाद मैं नौ बजे आशà¥à¤°à¤® रोड पर अमृता पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤® और इमरोज़ के पà¥à¤°à¥‡à¤® जीवन पर आधारित à¤à¤• नाटà¥à¤¯ मंचन के बाद मैं लगà¤à¤— 11 बजे खाली हà¥à¤† | सड़क पर काफी चहल पहल देखकर याद आया की आज जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ है (अकेले रहने वाले के लिठतà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° का मतलब केवल और केवल à¤à¤• छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ ही होती है) | छोटे छोटे बचà¥à¤šà¥‡ कृषà¥à¤£ की वेश à¤à¥‚षा में आ जा रहे थे | बचà¥à¤šà¥‡ तो सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ से ही उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ थे पर उनके माता पिता जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ दिख रहे थे | मैंने à¤à¤• जगह खड़े होकर बाल कृषà¥à¤£à¥‹ के अनगिनत रूपों का अवलोकन किया या सच कहें तो उनके ममà¥à¤®à¥€ की मेहनत का जायजा लिया | चूà¤à¤•ि à¤à¤• बजे की टà¥à¤°à¥‡à¤¨ मà¥à¤à¥‡ इसके लिठसमय देती थी सो समय काफी था और घर पर जाया जा सकता था परनà¥à¤¤à¥ जाने की इचà¥à¤›à¤¾ न थी | कà¥à¤› देर इधर उधर करने के बाद मैं सीधा साबरमती सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पंहà¥à¤šà¤¾ | सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर गिने चà¥à¤¨à¥‡ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ थे | आधा रेलवे के करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ और आधा रणकपà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ के यातà¥à¤°à¥€ |
सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® नंबर दो पर मैं रणकपà¥à¤° à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ का इंतज़ार कर रहा था जो समय से आधा घंट ही लेट थी (थैंक गॉड) | मेरे साथ कà¥à¤² 10 सहयातà¥à¤°à¥€ रहे होंगे जिसमे से à¤à¤• 4-5 सà¥à¤Ÿà¥‚डेंटà¥à¤¸ का गà¥à¤°à¥à¤ª था | मैं अकेला बैठसोच ही रहा था की किसी से कà¥à¤› वारà¥à¤¤à¤¾ वगैरह शà¥à¤°à¥‚ की जाये तो समय पास हो पर सामने के जीआरपी रूम के खà¥à¤²à¥‡ दरवाजे से à¤à¤• पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वाले दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• पतले दà¥à¤¬à¤²à¥‡ यà¥à¤µà¤• को पीटने की à¤à¤²à¤• मिली | अब किसी को टà¥à¤°à¥‡à¤¨ की फ़िकà¥à¤° नहीं रही और सà¤à¥€ लोग à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¤‚गल बनाकर दृशà¥à¤¯ को देखने की कोशिश करने लगे | जैसा की मà¥à¤à¥‡ आशा थी सà¥à¤Ÿà¥‚डेंटà¥à¤¸ का गà¥à¤°à¥à¤ª सà¥à¤ªà¤° à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤µ हो गया और बाकी यातà¥à¤°à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की à¤à¤°à¥à¤¤à¥à¤¸à¤¨à¤¾ होने लगी | फिर अचानक à¤à¤• सà¥à¤Ÿà¥‚डेंट मोबाइल निकाल के वीडियो बनाने लगा और सà¤à¥€ तय कर रहे थे की इसे फेसबà¥à¤• और watsapp पर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की घिनौनी करतूत के रूप में वायरल कर दिया जाà¤à¤—ा | सारा माजरा चल ही रहा था की उधर से à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® दो पर आता हà¥à¤† दिखाई दिया | उसके आते ही दो चार लोगो ने थोड़े थोड़े समय अंतर पर अलग अलग पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ पूछे पर सबका मतलब था की विसà¥à¤¤à¤¾à¤° पूरà¥à¤µà¤• जानना चाहते थे की “आखिर माजरा कà¥à¤¯à¤¾ है ?†सà¤à¥€ उस अनजान वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की तरफ इस तरह देख रहे थे मानो वो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤• और सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का पैगाम लाया हो | वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ने à¤à¤• ही पंकà¥à¤¤à¤¿ में उतà¥à¤¤à¤° देते हà¥à¤ कहा जैसे कà¥à¤› हà¥à¤† ही न हो “अरे किसी को छेड़ रहा था तो पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने पकड़ा है |†à¤à¥€à¥œ को उतà¥à¤¤à¤° मिल गया था और सबके सà¥à¤µà¤° तà¥à¤°à¤‚त बदल गये | किसी ने कहा “इसी लायक है†कोई बोला “अगर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ नहीं होता तो कà¥à¤¯à¤¾ होता |†à¤à¤• महाशय जो पहले पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की काफी मिटटी पलीद कर चà¥à¤•े थे बोले की “पà¥à¤²à¤¿à¤¸ कà¤à¥€ कà¤à¥€ ठीक काम करती है†| मैंने सोचा इतनी रात में इसे छेड़ने के लिठकौन मिल गया तो उतà¥à¤¤à¤° à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ मिला की जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ है और लोग सड़क पर टहल रहे हैं | इसी बीच टà¥à¤°à¥‡à¤¨ आ गई और मैं अपने मिडिल बरà¥à¤¥ पर जाकर सो गया | मिडिल बरà¥à¤¥ लोगों जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पसंद नहीं आती पर मà¥à¤à¥‡ यह पà¥à¤°à¤¿à¤¯ है कà¥à¤¯à¥‹à¤•ि इससे आ लेटे हà¥à¤ बाहर देख सकते हैं और हवा का आनंद à¤à¥€ ले सकते हैं | दृशà¥à¤¯ और अचà¥à¤›à¤¾ हो जाता है जब बाहर चादनी रात हो और खिड़की के बाहर का चाà¤à¤¦ अपने साथ ही चलता हो |
सà¥à¤¬à¤¹ छ बजे के आस पास मैं फालना सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤‚चा और सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ के बाहर आते ही रणकपà¥à¤° की ओर जाने वाली राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ परिवहन निगम की बस की विंडो सीट पर बैठगया | थोड़े ही देर में बस चल दी और आधे घंटे के अनà¥à¤¦à¤° मैं रणकपà¥à¤° जैन मंदिर के ठीक सामने था | मंदिर में अनà¥à¤¦à¤° जाते ही à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी जिसने मंदिर से मेरे मिलन समय को और बà¥à¤¾ दिया | मातà¥à¤° तीस रूपये में अनलिमिटेड बà¥à¤°à¥‡à¤•फासà¥à¤Ÿ का à¤à¥‹à¤— लगाया जा सकता था | मैंने लंच की तरह बà¥à¤°à¥‡à¤•फासà¥à¤Ÿ किया और तृपà¥à¤¤ मन (और तृपà¥à¤¤ धन) से मंदिर की ओर बà¥à¤¾ |
मंदिर के अनà¥à¤¦à¤° मोबाइल और कैमरा वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ थे इसलिठअनà¥à¤¦à¤° की कोई पिकà¥à¤šà¤° उपलबà¥à¤§ नही है | मैं अपने वरà¥à¤£à¤¨ से कोशिश करूà¤à¤—ा की à¤à¤• रफ़ आईडिया दिया जा सके | यह मंदिर चौमासा मंदिर है | चौमासा से तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ है की चारों ओर से पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° का होना | मंदिर के चारों पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ पर हाथी की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ है और अनà¥à¤¦à¤° जाने पर मधà¥à¤¯ में जैन à¤à¤—वन की मूरà¥à¤¤à¤¿ है | मधà¥à¤¯ मूरà¥à¤¤à¤¿ के चारों ओर अनà¥à¤¯ जैन तीरà¥à¤¥à¤‚करों की मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हैं तथा मंदिर के चारों किनारे ढेर सरे विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जैन गà¥à¤°à¥à¤“ं à¤à¤µà¤‚ मतावलमà¥à¤¬à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की छोटी छोटी मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हैं |
इस मंदिर में चारों ओर पिलर है | पूछने पर पता चला की कà¥à¤² 1444 पिलर हैं | मंदिर के ऊपर जाने का रासà¥à¤¤à¤¾ आम वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठनहीं है उस पर केवल पूजारà¥à¤¥ पंडित जैसे लोगों का अधिकार है |
सूरà¥à¤¯ मंदिर से अरावली की पहाड़ियों का दृशà¥à¤¯
रणकपà¥à¤° मंदिर का समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ निरिकà¥à¤·à¤£ और अवलोकन सà¥à¤¬à¤¹ नौ बजे तक पूरा हो गया | अब à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ जगह की तलाश करनी थी जहाठपर बैठकर किताब पà¥à¤¾ जा सके | दोपहर के à¤à¥‹à¤œà¤¨ की चिंता नहीं थी कà¥à¤¯à¥‚ंकि à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में लंच का पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¥€ था जिसके बारे में मैंने पहले ही पता कर लिया था | à¤à¤• सिकà¥à¤¯à¥‚रिटी गारà¥à¤¡ से बात करने पर पता चला की पास में कà¥à¤®à¥à¤à¤²à¤—ॠका किला à¤à¥€ है | मेरे मोबाइल का 2G इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ अपने पहले की सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से à¤à¥€ कम सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से काम कर रहा था | अà¤à¥€ नौ बजे थे और मेरे पास शाम 5 बजे तक का समय था | अचानक मà¥à¤à¥‡ ये समय जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लगने लगा और कà¥à¤®à¥à¤à¤²à¤—ॠजाने के लिठमन मचलने लगा | आस पास जो à¤à¥€ मिला मैंने कà¥à¤®à¥à¤à¤²à¤—ॠकी जानकारी à¤à¤•तà¥à¤° की और लगà¤à¤— सà¤à¥€ ने बोला 5 बजे तक आ à¤à¥€ सकते हो पर अपना देख लो à¤à¤¾à¤ˆ | खैर à¤à¤• बार फिर मिडनाईट चिलà¥à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤¨ का à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ नही खà¥à¤²à¤¾ और मैं सायरा जाने वाली बस पकड़ने के लिठमंदिर के बाहर गेट पर खड़ा था | 10 मिनट में बस आ गई और किसी तरह मà¥à¤à¥‡ बैठने की जगह à¤à¥€ मिल गई |
सच बताओं तो मà¥à¤à¥‡ अरावली की पहाड़ियों से इतनी उमà¥à¤®à¥€à¤¦ नहीं थी लेकिन रासà¥à¤¤à¥‡ में काफी गà¥à¤°à¥€à¤¨à¤°à¥€ थी | मैं खिड़की से बाहर ही देखे जा रहा था | घà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¦à¤¾à¤° रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से होती हà¥à¤ˆ बस आगे बढती जा रही थी बीच बीच में गोंव के कà¥à¤› घर दिख जाते थे जहाठà¤à¤• दो लोग उतरते थे और à¤à¤• दो लोग चà¥à¤¤à¥‡ थे | राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ संसà¥à¤•ृति की à¤à¤²à¤• पूरी बस में दिखाई दे रही थी | कà¥à¤› पà¥à¤°à¥à¤· तरह तरह की मैली कà¥à¤šà¤²à¥€ पगड़ी लगाये बैठे थे तो औरतों ने ढेर सारे गहने पहन रखे थे | शायद ससà¥à¤•ृति गांवों में ही बची है शहर तो सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ हो गये है | परनà¥à¤¤à¥ इस ससà¥à¤•ृति सरंकà¥à¤·à¤£ की à¤à¤¾à¤°à¥€ कीमत गाà¤à¤µ वालों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही चà¥à¤•ीई जाती है | अब ये ससà¥à¤•ृति सरंकà¥à¤·à¤£ जान à¤à¥‚à¤à¤•र किया जा रहा है या सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ सिटी और à¤à¤¾à¤°à¤¤ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के अपने कारà¥à¤¯ में पीछे छूट जा रहा है; ये तो विशेषगà¥à¤¯ ही बता सकते हैं |
सायरा से बस बदलकर कà¥à¤®à¥à¤à¤²à¤—ॠके लिठपà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ बस मिली | जिला उदयपà¥à¤° की सीमा के अनà¥à¤¦à¤° दौड़ती हà¥à¤ˆ बस और ऊंचाई पर चॠरही थी | बस परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤°à¥€ थी; à¤à¤• सà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª पर बस में दो लड़कियां चà¥à¥€ | लड़कियों ने राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€ संसà¥à¤•ृति के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° गहने पहन रखे थे और देखने से 19-20 साल की थी | चेहरे पर धà¥à¤² का पाउडर लगा था पर उमà¥à¤° का तेज हावी था | दोनों बस के गेट के पास रखे टायर पर बैठगई | थोड़ी ही देर में मेरे दिमाग में बाल विवाह और सरà¥à¤µ शिकà¥à¤·à¤¾ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ की कई तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ घूम गई | मैंने बगल के सहयातà¥à¤°à¥€ से बाल विवाह के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर दà¥à¤ƒà¤– वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ कहा की खेलने की उमà¥à¤° में शादियाठहो जा रही है उसने बोला गरीबी कà¥à¤› à¤à¥€ करा सकती है | इतनी कम उमà¥à¤° में गृहसà¥à¤¥à¥€ के उलà¤à¤¨à¥‹à¤‚ से à¤à¥‚à¤à¤¨à¤¾ कितना मà¥à¤¶à¥à¤•िल होता होगा | इनà¥à¤¹à¥€ विचारों में उलà¤à¤¾ कà¥à¤®à¥à¤à¤²à¤—ॠकिला पंहà¥à¤šà¤¾ | समय 11:30 हो चà¥à¤•े थे | मà¥à¤à¥‡ रासà¥à¤¤à¥‡ पर छोड़ बस आगे निकल गई | पूछने पर पता चला वहां से कà¥à¤®à¥à¤à¤²à¤—ॠका दà¥à¤µà¤¾à¤° 3km था मैंने पैदल जाने का ही निशà¥à¤šà¤¯ किया कà¥à¤¯à¥‚ंकि 3km के 200 मà¥à¤à¥‡ मंजूर नहीं थे और रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ चल के जाने लायक था (ये मà¥à¤à¥‡ ये बाद में पता चला) |
रासà¥à¤¤à¥‡ में मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• तलवार जैसे फल वाला पेड़ मिला | मैंने कूद कर उसे पकड़ने की कोशिश की पर बार बार थोड़ी थोड़ी दूरी से चूक गया | कà¥à¤› आगे जाने पर किले की दीवारें दिखने लगी और चलने का जोश बà¥à¤¤à¤¾ गया |
जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग अपनी रिज़रà¥à¤µ गाडी से ही आ जा रहे थे | मेरे जैसे à¤à¤•à¥à¤•े दà¥à¤•à¥à¤•े लोग की गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ नंबर की गाडी अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ पद चाल कर रहे थे | रासà¥à¤¤à¥‡ से किले का मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— (सबसे उचà¥à¤šà¤¤à¤® à¤à¤¾à¤—) का लिया गया चितà¥à¤° को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से देख लीजिये आगे मैंने ऊपर के मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— से नीचे के इस रासà¥à¤¤à¥‡ का पिकà¥à¤šà¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है |
रासà¥à¤¤à¥‡ से किले का मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— का लिया गया चितà¥à¤°
थोड़ी समय की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद किले का मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° आ गया |
वैसे तो मैं कोई à¤à¥€ किला बिना गाइड के नहीं घूमता हूठपर इस किले में गाइड उपलबà¥à¤§ नहीं थे इसलिठमैंने अपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के आधार पर ही किले दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठअनà¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया | सà¥à¤Ÿà¥€à¤ª चà¥à¤¾à¤ˆ होने के कारण लोग हांफ रहे थे और बचà¥à¤šà¥‡ थे की दौड़े चलते चले जा रहे थे |
चà¥à¤¾à¤ˆ के रसà¥à¤¤à¥‡ में किनारे फूल लगाये गये थे | फूल तो काफी लगाये गये होंगे पर ASI के कà¥à¤› फूल अà¤à¥€ à¤à¥€ वहां थे | ये बहà¥à¤¤ ही खूबसूरत लग रहे थे |
किले में कà¥à¤› ख़ास देखने लायक नही था | सबसे अचà¥à¤›à¤¾ था अरावली का वà¥à¤¯à¥‚ जो मानसून के कारन अपने शबाब पर था | हर किले की तरह यहाठà¤à¥€ à¤à¤•तरफा पà¥à¤°à¥‡à¤® में पागल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने जगह जगह पर अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤° के किसà¥à¤¸à¥‡ को शबà¥à¤¦ दिया हà¥à¤† था | पता नहीं लोगों को अपने दिल की à¤à¥œà¤¾à¤¸ निकालने के लिठकोई और जगह कà¥à¤¯à¥‚ठनही मिलती | सब तो ठीक था कà¥à¤› लोग किले की तारीफ तो कर ही रहे थे साथ ही साथ पान मसाला की पीक से दीवालों को मजबूती के साथ साथ नà¥à¤¯ रंग दे रहे थे | इन सबसे निकलते हà¥à¤ मैं किले के à¤à¤• कमरे की खिड़की के पास बैठा जहाठसे बहà¥à¤¤ ही सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° और शीतल हवा आ रही थी नीचे का दृशà¥à¤¯ à¤à¥€ दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ था | मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ हà¥à¤† कà¥à¤› चंद जगहों में से à¤à¤• शांति की जगह यही है | मैं कà¥à¤› देर वही बैठा | अकेले चलने में सबसे बड़ी दिकà¥à¤•त होती है अपनी pic लेने की | किले के साथ सेलà¥à¤«à¥€ à¤à¥€ अचà¥à¤›à¥€ नही लगती | मैंने मौका देखकर à¤à¤• मोहतरमा से फोटो लेने के लिठबोला तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 5 सेकंड की वीडियो बना दी; जिसका à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ मà¥à¤à¥‡ थैंक यॠकहने के बाद हà¥à¤† | खैर फिर किसी से कहने की हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं हà¥à¤ˆ सो उसी वीडियो का सà¥à¤¨à¥ˆà¤ªà¤¶à¥‰à¤Ÿ यहाठहै |
यातà¥à¤°à¤¾ अंत की ओर बढती है किले के सबसे ऊपर पहà¥à¤šà¤•र मैंने उसी रसà¥à¤¤à¥‡ की फोटो ली जहाठसे चलकर मैं आया था और जिसका जिकà¥à¤° मैंने ऊपर किया है |
समय देखने पर पता चला à¤à¤• बज चà¥à¤•े हैं अब मà¥à¤à¥‡ लौटने की हड़बड़ी हà¥à¤ˆ और मैं जलà¥à¤¦à¥€ जलà¥à¤¦à¥€ उसी रासà¥à¤¤à¥‡ वापस आने लगा | मोबाइल नेटवरà¥à¤• अà¤à¥€ à¤à¥€ काम नहीं कर रहा था की टà¥à¤°à¥‡à¤¨ की करà¥à¤°à¥‡à¤‚ट सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿà¤¸ का पता लगाया जा सके | लौटते हà¥à¤ मैंने à¤à¤• गाइड को दूर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• गेट की तरफ इशारा कहते सà¥à¤¨à¤¾ की वह à¤à¤• फेक गेट है और आकà¥à¤°à¤®à¤£à¤•ारियों को à¤à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठबनाया गया था |
अब मेरे दिमाग में à¤à¤• ही बात दौड़ रही थी की पांच बजे तक वापस फालना सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤šà¤¨à¤¾ है और अगर नहीं पंहà¥à¤š पाया तो टà¥à¤°à¥‡à¤¨ छूट जाà¤à¤—ी और सरपà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤œ देने के चकà¥à¤•र में लेने के देने पड़ जायेंगे | मैं जलà¥à¤¦à¥€ जलà¥à¤¦à¥€ किले से बाहर आया और बस सà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª की ओर उसी रसà¥à¤¤à¥‡ से चल पड़ा | अब फोटो लेने की कोई सà¥à¤§ रही नहीं | दिमाग बस समय दूरी चाल के समीकरण सोलà¥à¤µ कर रहा था | रासà¥à¤¤à¤¾ काफी लमà¥à¤¬à¤¾ लग रहा था जाती सà¤à¥€ गाडियों से लिफà¥à¤Ÿ मांगी पर किसी ने दी नहीं| या तो सब फà¥à¤² थी या तो उसमे पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ा थे जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी तीसरे जीव का होना कतई मंजूर नही होना चाहिठ| लौटते वक़à¥à¤¤ वही पेड़ मिला जिसके फल पकड़ने के लिठमैं कई बार उछला था | पेड़ ने लैंडमारà¥à¤• का काम किया और मà¥à¤à¥‡ थोडा सà¥à¤•ून मिला | मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• सूखा हà¥à¤† वाटरशेड मिला | à¤à¤¸à¤¾ लगा की कà¤à¥€ यहाठपानी रहा होगा और ये à¤à¥€ सोचा की आज जहाठपानी है कल वहां à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही होगा |
बस सà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª पर इंतज़ार करते हà¥à¤ आधे घंटे बाद बस मिली | धड़कन अपने फà¥à¤² सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से धड़क रही थी | बार बार लग रहा था की पतà¥à¤¨à¥€ जी से कà¥à¤¯à¤¾ कहेंगे की सरपà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤œ देने पांच सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहले आने वाले थे और हà¥à¤† कà¥à¤› यूठकी उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रिसीव करने अपने सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर à¤à¥€ नहीं पहà¥à¤à¤š पाठ| मà¥à¤à¥‡ ये तो समठमें आ गया की आज तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सरपà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤œ होना निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ है चाहे फालना सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर या फिर साबरमती सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर | सायरा की बस में बैठे मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¥‡ खà¥à¤¯à¤¾à¤² आये हो न हो ये जगह सायरा बानो के नाम पर रखी गई हो | 4 बजे शायरा पहà¥à¤‚चे हो नेटवरà¥à¤• आ गया था और 2G सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से हमने चेक किया तो टà¥à¤°à¥‡à¤¨ केवल 15 मिनट ही लेट थी | नà¥à¤¯à¥‚टन का चौथा नियम “जब आप टाइम पर तो टà¥à¤°à¥‡à¤¨ लेट और जब आप लेट तो टà¥à¤°à¥‡à¤¨ टाइम पर होती है†यहाठपर à¤à¥€ लागू हो गया | इस सिधांत की सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾ इस बात पर है की इन दोनों केसेस को छोड़कर सिधà¥à¤§à¤¾à¤‚त की वैधता को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में ही रखा जाता है | सायरा पहà¥à¤à¤š कर मैंने फालना की रोडवेज की बस पकड़ी | बस कहीं à¤à¥€ कड़ी होती तो मैं उचककर देखने लगता की आखिर कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤† | अपनी à¤à¥à¤à¤²à¤¾à¤¹à¤Ÿ बगल वाले से जाहिर करता तो उसे लगता होगा की ये तो नारà¥à¤®à¤² है | आखिर में मैं पांच बजकर 35 मिनट पर फालना सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤‚चा तो यह अनाउंसमेंट हो रही थी की अहमदाबाद को जाने वाली बनारस अहमदाबाद टà¥à¤°à¥‡à¤¨ पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¥‰à¤°à¥à¤® नंबर à¤à¤• पर थोड़ी ही देर में आ रही है | यह सà¥à¤¨à¤•े दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ वो शांति मिली जो किले की खिड़की पर मिली थी | हवा नहीं चल रही थी फिर à¤à¥€ मैंने अपने अनà¥à¤¦à¤° शीतल हवा महसूस की |