इस शà¥à¤°à¤‚खला के पिछले à¤à¤¾à¤— में मैंने आपको जानकारी दी थी की किस तरह से हम महेशà¥à¤µà¤° में अहिलà¥à¤¯à¤¾ घाट पर कà¥à¤› देर रूककर नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ में बोटिंग के लिठगठतथा जलसà¥à¤¤à¤° अधिक होने के कारण नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ के बीच टापू पर बने सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° शिव मंदिर में दरà¥à¤¶à¤¨ नहीं कर पाà¤. नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ माठका रौदà¥à¤° रूप देखा था उस दिन हमने, माठनरà¥à¤®à¤¦à¤¾ की बड़ी बड़ी लहरों की वजह से हमारी नाव बà¥à¤°à¥€ तरह से हिचकोले खा रही थी तथा हमें डर लग रहा था लेकिन नाव चालक ने हमें आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ दिया की हमें सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ किनारे तक ले जाने की उसकी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है और फिर हम सारी चिंता, डर छोड़कर बोटिंग का आनंद लेने लगे. पिछले à¤à¤¾à¤— में मैंने माठनरà¥à¤®à¤¦à¤¾ का परिचय देने का à¤à¥€ à¤à¤• छोटा सा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया था………………..अब आगे.
किले में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶Â से पहले (ऊपर दिखाई देता राज राजेशà¥à¤µà¤° मंदिर का शिखर)
किले का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° - कोई टूट फà¥à¤Ÿ नहीं, कोई कà¥à¤·à¤°à¤£ नहीं आज à¤à¥€ बिलकà¥à¤² नया दिखाई देता है.
कहते हैं की देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई ने अपने à¤à¤•मातà¥à¤° पà¥à¤¤à¥à¤° मालिराव को उनके ख़राब आचरण से परेशान होकर हाथियों के पैरों में कà¥à¤šà¤²à¤µà¤¾ दिया था – इसी जन शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ को दरà¥à¤¶à¤¾ रहा यह शिलà¥à¤ª
पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨Â राज राजेशà¥à¤µà¤° मंदिर जिसमें देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई नितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¥€à¤¨ पूजा करती थीं.
किले के अनà¥à¤¦à¤° सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ तथा नकà¥à¤•ाशी
राज राजेशà¥à¤µà¤° मंदिर तथा दायें हाथ पर रेवा सोसाइटी की और जानेवाली सीढियाà¤
राज राजेशà¥à¤µà¤° मंदिर के बाद किले में और अनà¥à¤¦à¤° जाने पर रेवा सोसाइटी (महेशà¥à¤µà¤°à¥€ साड़ी के हसà¥à¤¤à¤¶à¤¿à¤²à¥à¤ª के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ तथा विपणन के लिठजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° संसà¥à¤¥à¤¾) का ऑफिस तथा थोड़े अनà¥à¤¦à¤° की ओर à¤à¤• कारà¥à¤¯ शाला सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जहाठमहेशà¥à¤µà¤°à¥€ हसà¥à¤¤à¤¶à¤¿à¤²à¥à¤ª में पारंगत महिलाà¤à¤‚ रेवा सोसाइटी के अधीन महेशà¥à¤µà¤°à¥€ साड़ियों तथा कपडे का हाथ करघों (हैणà¥à¤¡ लूमà¥à¤¸) की सहायता से निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करती हैं. उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है की यहाठपर निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ महेशà¥à¤µà¤°à¥€ साड़ियाठदेशà¤à¤° में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ हैं.
महेशà¥à¤µà¤°à¥€ साड़ियाठ-Â
देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई की राजधानी बनने के बाद महेशà¥à¤µà¤° ने विकास के कई अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ देखे. à¤à¤• छोटे से गाà¤à¤µ से इंदौर सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ की राजधानी बनने के बाद अब महेशà¥à¤µà¤° को बड़ी तेजी से विकसित किया जा रहा था. सामाजिक, धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• तथा सांसà¥à¤•ृतिक विकास के साथ ही साथ देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई ने अपनी राजधानी को औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक रूप से समृदà¥à¤§ करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से अपने यहाठवसà¥à¤¤à¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकरने की योजना बनाई. उस समय पà¥à¤°à¥‡ देश में वसà¥à¤¤à¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ तथा हथकरघा में हैदराबादी बà¥à¤¨à¤•रों का कोई जवाब नहीं था. अतः देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई ने हैदराबाद के बà¥à¤¨à¤•रों को अपने यहाठमहेशà¥à¤µà¤° में आकर बसने के लिठआमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया तथा अपना बà¥à¤¨à¤•री का पà¥à¤¶à¥à¤¤à¥ˆà¤¨à¥€ कारà¥à¤¯ यहीं महेशà¥à¤µà¤° में रहकर करने के आगà¥à¤°à¤¹ किया. अंततः देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से हैदराबाद से कà¥à¤› बà¥à¤¨à¤•र महेशà¥à¤µà¤° आकर बस गठतथा यहीं अपना कपडा बà¥à¤¨à¤¨à¥‡ का कारà¥à¤¯ करने लगे. इन बà¥à¤¨à¤•रों के हाथ में जैसे जादू था, वे इतना सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° कपडा बà¥à¤¨à¤¤à¥‡ थे की लोग दांतों तले  ऊà¤à¤—ली दबा लेते थे.
रेवा सोसाइटी के अनà¥à¤¦à¤° परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों के लिठपà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ निषेध हैं लेकिन जाली की खिडकियों से महिलाओं को महेशà¥à¤µà¤°à¥€ साड़ियाठबà¥à¤¨à¤¤à¥‡ देखा जा सकता है. बड़ी ही अदà¥à¤à¥à¤¤ कला है यह, महिलायें अपने काम में इतनी माहिर हैं की उनका यह हसà¥à¤¤ कौशल देखते ही बनता है, कà¥à¤› देर इस दà¥à¤°à¤¶à¥à¤¯ को अपलक निहारने के बाद हम लोग सीढियों पर आगे की ओर बढे.
किले के अनà¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ के बाद राज राजेशà¥à¤µà¤° मंदिर à¤à¤µà¤‚ रेवा सोसाइटी के बाद आता है à¤à¤• बड़ा हॉल जहाठà¤à¤• ओर देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई का राजदरबार है तथा उनकी राजगदà¥à¤¦à¥€ है जिसपर उनकी सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ रखी गई है, यह दà¥à¤°à¤¶à¥à¤¯ इतना सजीव लगता है की à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है की देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई सचमà¥à¤š अपनी राजगदà¥à¤¦à¥€ पर बैठकर आज à¤à¥€ महेशà¥à¤µà¤° का शासन चला रही हैं. आज à¤à¥€ यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सजीव राजदरबार की तरह लगता है.
हॉल में दूसरी ओर होलकर राजवंश के शासकों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उपयोग में लाये गठअसà¥à¤¤à¥à¤° शसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की à¤à¤• छोटी सी पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ लगी है यहीं पर à¤à¤• सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° सी पालकी à¤à¥€ रखी है जिसमें बैठकर देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई नगर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ के लिठजाती थीं. इन सब चीजों को देखने से à¤à¤¸à¤¾ लगता है जैसे हम सचमà¥à¤š ढाई सौ साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ के शासन काल में विचरण कर रहे हैं. किले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• छोटे से मंदिर से आज à¤à¥€ दशहरे के उतà¥à¤¸à¤µ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की जाती है जैसे वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ पहले यहाठहोलकर शासनकाल में हà¥à¤† करता था. किले से ढलवां रासà¥à¤¤à¥‡ से निचे जाते ही शहर बसा हà¥à¤† है.
देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई का दरबार तथा राज गदà¥à¤¦à¥€
देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई का दरबार तथा राज गदà¥à¤¦à¥€………..यहीं उनकी असली बैठक थी
देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई की पालकी जिसमें बैठकर वे नगर à¤à¥à¤°à¤®à¤£ के लिठजाया करती थीं
महेशà¥à¤µà¤° के मंदिर दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ हैं. हर मंदिर के छजà¥à¤œà¥‡, अहाते में सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° नकà¥à¤•ाशी की गई है. कालेशà¥à¤µà¤°, राजराजेशà¥à¤µà¤°, विटà¥à¤ लशà¥à¤µà¤° और अहिलà¥à¤¯à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर विशेष रूप से दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ हैं.
देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ का सजीव राजदरबार तथा राजगदà¥à¤¦à¥€ के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के बाद हम आगे बढे, अगला दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤² है देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ का पूजासà¥à¤¥à¤² जहाठपर अनेकों धातॠके तथा पतà¥à¤¥à¤° के अलग अलग आकार के शिवलिंग, कई सारे देवी देवताओं की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚, और à¤à¤• सोने का बड़ा सा à¤à¥à¤²à¤¾ जो यहाठका मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ है जिसपर à¤à¤—वानॠकृषà¥à¤£ को बैठाकर मां अहिलà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥à¤²à¤¾ दिया करती थीं. इन सारी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤“ं तथा शिवलिंगों को à¤à¤• ककà¥à¤· में संगृहीत करके रखा गया है, इस ककà¥à¤· में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ निषेध है तथा इस छोटे ककà¥à¤· के लिठà¤à¤• सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾Â गारà¥à¤¡ हमेशा तैनात रहता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहाà¤Â कई मूलà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ धातà¥à¤“ं की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤à¤‚ रखी गई हैं.
पूजा घर – इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई पूजा किया करती थीं.
अब तक मैंने आपको अपनी इंदौर की कà¥à¤› पोसà¥à¤Ÿà¥à¤¸ तथा महेशà¥à¤µà¤° की इस सिरीज़ में देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई के बारे में बहà¥à¤¤ कà¥à¤› जानकारी दी. इतनी महान शासिका, इंदौर राजà¥à¤¯ की महारानी, परम तथा समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ शिव à¤à¤•à¥à¤¤ आदि………इतना कà¥à¤› जानने के बाद थोड़ी सी उतà¥à¤¸à¥à¤•ता होती है उनके निजी जीवन को महसूस करने की….वे कहाठतथा किस तरह रहती होंगी? उनका घर कैसा होगा? उनकी रोज़मरà¥à¤°à¤¾ की इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² की वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ कैसी होंगी? आइये आपकी इस गà¥à¤¤à¥à¤¥à¥€ को à¤à¥€ हल करती हूà¤. मैंने अपनी पिछली पोसà¥à¤Ÿ में बताया था की कà¥à¤› सालों के बाद अपनी राजधानी इंदौर से महेशà¥à¤µà¤° में शिफà¥à¤Ÿ करने के बाद देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई अपने अंत तक महेशà¥à¤µà¤° में ही रहीं तथा महेशà¥à¤µà¤° किले के सबसे उपरी हिसà¥à¤¸à¥‡ में उनका अपना निजी निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ था.
देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई के पूजा घर से कà¥à¤› कदमों की दà¥à¤°à¥€ पर ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है à¤à¤• लकड़ी का दà¥à¤µà¤¾à¤° जिसके अनà¥à¤¦à¤° है à¤à¤• आलिशान महल जो कà¤à¥€ होलकर राजवंश के शासकों का निजी आवास हà¥à¤† करता था लेकिन आजकल इस महल को à¤à¤• हेरिटेज होटल का रूप दे दिया गया है और इस होटल में à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ तीन सितारा होटल के समककà¥à¤· सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ उपलबà¥à¤§ हैं. लगà¤à¤— छः हज़ार से सात हज़ार पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¥€à¤¨ के हिसाब से à¤à¥à¤—तान करके यहाठरहा जा सकता है. इस होटल का नाम है – होटल अहिलà¥à¤¯à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ, होटल की वेबसाईट देखने के लिठआप यहाठकà¥à¤²à¤¿à¤• कर सकते हैं  http://www.ahilyafort.com/ . यह होटल इस किले की सबसे उपरी इमारत पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है, और इस होटल के मालिक हैं पà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¸ रिचरà¥à¤¡ होलकर तथा वे ही इस होटल की देख रेख तथा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन का काम देखते हैं.
किले की सबसे उपरी मंजिल पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होटल अहिलà¥à¤¯à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ जो कà¤à¥€ देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई का निजी निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हà¥à¤† करता था - इस निजी आवास को आजकल होलकर राजवंश के वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ वारिस पà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¸ रिचरà¥à¤¡ होलकर ने à¤à¤• हेरिटेज होटल में तबà¥à¤¦à¥€à¤² कर दिया है तथा वे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥€ यहीं रहते हैं.
पà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¸ रिचरà¥à¤¡ होलकर, इंदौर राजà¥à¤¯ के अंतिम शासक महाराजा यशवंतराव होलकर “दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯” के à¤à¤•मातà¥à¤° सà¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤°  हैं. दरअसल महाराजा यशवंत राव की दो महारानियाठथीं, à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯Â थीं महारानी संयोगिता राजे तथा दूसरी महारानी अमेरिका की थीं मारà¥à¤—रेट. महारानी संयोगिता राजे होलकर से महाराजा यशवंत राव की à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ है महारानी उषा राजे (वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ नाम उषा मलà¥à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤¾) जो की वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में मà¥à¤‚बई में अपने पति शà¥à¤°à¥€ सतीश मलà¥à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤¾ के साथ मà¥à¤‚बई में रहती हैं.
अमेरिकन महारानी से महाराजा यशवंत राव के à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤° हैं पà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¸ रिचरà¥à¤¡ होलकर जो पूरà¥à¤µÂ इंदौर राजà¥à¤¯ की राजधानी महेशà¥à¤µà¤° में ही अà¤à¥€ à¤à¥€ महेशà¥à¤µà¤° के किले में निवास करते हैं तथा होटल अहिलà¥à¤¯à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ का काम काज देखते हैं. रिचरà¥à¤¡ होलकर की पतà¥à¤¨à¥€ à¤à¥€ अमेरिका की हैं तथा उनके à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤¸ यशवंत तथा पà¥à¤°à¤¿à¤‚सेस सबरीना अमेरिका में ही रहते हैं.
किले के ऊपर जो सफ़ेद à¤à¤µà¤¨ दिखाई दे रहा हैं न, वही कल का देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ का निवास तथा आज का होटल अहिलà¥à¤¯à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ है.
होटल अहिलà¥à¤¯à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ की गैलरी जहां से नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ तथा इसके घाट सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ दिखाई देते हैं.
देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई का घर / होटल अहिलà¥à¤¯à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ अनà¥à¤¦à¤° से…
रिचरà¥à¤¡ के पिता तथा इंदौर राजà¥à¤¯ के अंतिम महाराजा – यशवंत राव होलकर “दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯”
विदेशी तथा अहिंदू माठके पà¥à¤¤à¥à¤° होने की वजह से रिचरà¥à¤¡ को इंदौर राजà¥à¤¯ का उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•ारी नहीं बनाया गया तथा उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ महाराजा होने का पद तथा उपाधियाठनहीं पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जा सकीं. वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में इंदौर राजà¥à¤¯ की उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•ारी महारानी हैं महारानी उषाराजे होलकर जिनके बारे में मैं पहले ही जानकारी दे चà¥à¤•ी हूà¤.
महेशà¥à¤µà¤° का हिनà¥à¤¦à¥€ फिलà¥à¤® इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ (बॉलीवà¥à¤¡) समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§:  Â
महेशà¥à¤µà¤° का हिनà¥à¤¦à¥€ फिलà¥à¤® इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ से बहà¥à¤¤ गहरा समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ है. महेशà¥à¤µà¤° के घाट तथा नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ तट की सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¤à¤¾ को अब तक कई बार बॉलीवà¥à¤¡ की फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में फिलà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ जा चूका है. यहाठपर कà¥à¤› तमिल फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की तथा गानों की शूटिंग à¤à¥€ हो चà¥à¤•ी है. सबसे पहले जिकà¥à¤° करना चाहूंगी सचिन तथा साधना सिंह अà¤à¤¿à¤¨à¥€à¤¤ फिलà¥à¤® “तà¥à¤²à¤¸à¥€” की. यह पूरी की पूरी फिलà¥à¤® महेशà¥à¤µà¤° के घाटों तथा आसपास के परिवेश में फिलà¥à¤®à¤¾à¤ˆ गई है तथा अपने समय की à¤à¤• हिट फिलà¥à¤® थी. फिलà¥à¤® अशोका में à¤à¥€ महेशà¥à¤µà¤° को फिलà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ गया है. १९६० की à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ पौराणिक फिलà¥à¤® महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ की शूटिंग à¤à¥€ यहीं हà¥à¤ˆ थी तथा इस फिलà¥à¤® में कई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों को à¤à¥€ अदाकारी का मौका दिया गया था. हेमा मालिनी निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ ज़ी टीवी के सीरियल à¤à¤¾à¤‚सी की रानी की शूटिंग à¤à¥€ महेशà¥à¤µà¤° में ही हà¥à¤ˆ थी और हेमा मालिनी अपने सीरियल के लिठयहाठसे ढेर सारी महेशà¥à¤µà¤°à¥€ साड़ियाठà¤à¥€ खरीद कर ले गई थीं. 1985 में बनी à¤à¤• और पौराणिक फिलà¥à¤® आदि शंकराचारà¥à¤¯ की à¤à¥€ पूरी शूटिंग यहीं संपनà¥à¤¨ हà¥à¤ˆ थी.
शायद ये सब फ़िलà¥à¤®à¥‡à¤‚ आपलोगों को याद होगी या नहीं मà¥à¤à¥‡ नहीं पता है लेकिन à¤à¤• बात दावे के साथ कह सकती हूठकी अà¤à¥€ 2011 में बनी धरà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° , सनी देओल और बोबी देओल की सà¥à¤ªà¤° हिट फिलà¥à¤® “यमला पगला दीवाना” की 50 मिनट की शूटिंग महेशà¥à¤µà¤° के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ जैसे बाज़ार चौक, राजवाडा, अहिलà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ छतरी, अहिलà¥à¤¯à¤¾ घाट तथा अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर संपनà¥à¤¨ की गई. यह महेशà¥à¤µà¤° का दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ ही रहा की फिलà¥à¤® की लगà¤à¤— आधी शूटिंग महेशà¥à¤µà¤° में हà¥à¤ˆ और करीब à¤à¤• महीने तक फिलà¥à¤® की पूरी टीम यहाठहोटल अहिलà¥à¤¯à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ में रà¥à¤•ी लेकिन फिलà¥à¤® में इस जगह को “वाराणसी” के रूप में दिखाया गया है. सच है हमेशा छोटा गरीब à¤à¤µà¤‚ मजबूर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही छला जाता है.
महेशà¥à¤µà¤° की इस जानकारी के बाद अब लौटती हूठअपनी घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी की ओर- महेशà¥à¤µà¤° के सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° घाट, नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ नदी, महेशà¥à¤µà¤° किला, किले के अनà¥à¤¦à¤° देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ के दरबार, होटल अहिलà¥à¤¯à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ तथा पूजा घर आदि देखने के बाद हम वापस किले के निचे उसी रासà¥à¤¤à¥‡ से उतर कर आ गठतथा कà¥à¤› ही देर में हम घाट पर थे.
नीरज जाट का ढाबा - विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं होता? खà¥à¤¦ ही पढ़ लीजिये
नीरज जाट के ढाबे पर देसी सà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤²Â में सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ खाने का आनंद
ढाबे पर सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ के बाद अब हमारा घर करीब 25-30 किलोमीटर और रह गया था और लगà¤à¤— आठबजे हम ख़à¥à¤¶à¥€ ख़à¥à¤¶à¥€ मन में महेशà¥à¤µà¤° की इस यादगार टà¥à¤°à¤¿à¤ª की ढेरों यादे संजोये अपने घर आ गà¤.
आइये अब मैं आपको महेशà¥à¤µà¤° परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के बारे में कà¥à¤› और जानकारी देने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करती हूà¤.
वायॠसेवा: महेशà¥à¤µà¤° के लिठनिकटतम हवाई अडà¥à¤¡à¤¾ इंदौर 91 किलोमीटर की दà¥à¤°à¥€ पर है तथा मà¥à¤‚बई, दिलà¥à¤²à¥€, à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² तथा गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° से सीधी विमान सेवा से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤† है.
रेल सेवा: महेशà¥à¤µà¤° के लिठबडवाह (39 किलोमीटर) निकटतम रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है. पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ रेलवे के बडवाह, खंडवा, इंदौर से à¤à¥€ यहाठतक पहà¥à¤‚चा जा सकता है.
सड़क मारà¥à¤—: बडवाह, खंडवा, इंदौर, धार और धामनोद से महेशà¥à¤µà¤° के लिठबस सेवा उपलबà¥à¤§ है.
जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से लेकर मारà¥à¤š तक का समय महेशà¥à¤µà¤° परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ के लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ है. ठहराने के लिठयहाठकई गेसà¥à¤Ÿ हाउस, रेसà¥à¤Ÿ हाउस तथा धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤à¤‚ हैं.
महेशà¥à¤µà¤° की तीन à¤à¤¾à¤—ों वाली इस शà¥à¤°à¤‚खला का अब समापन करती हूà¤. फिर मिलेंगे जलà¥à¤¦à¥€ ही किसी और टूर की ताज़ा कहानी के साथ तब तक के लिठबाय बाय………..