पà¥à¤²à¤¾à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• सà¥à¤¬à¤¹ 5 बजे मोबाइल का अलारà¥à¤® बजते ही हम लोग à¤à¤•-à¤à¤• करके उठते गठऔर बारी-बारी से फà¥à¤°à¥‡à¤¶ होकर तैयार हो गà¤à¥¤ दà¥à¤•ानदार का हिसाब बीती रात मे ही कर दिया था इसलिठबिना टेंशन किठहम लोग अपनी गाड़ी की और चल दिà¤à¥¤ बहà¥à¤¤ कड़ाके की ठंड थी बाहर निकलने के कà¥à¤› देर बाद ही हाथों की उंगलियों मे दरà¥à¤¦ होने लगा था। गाड़ी à¤à¥€ ठंडी पड़ी थी इसलिठगाड़ी का इंजन सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ करके कà¥à¤› देर के लिठछोड़ दिया। इतनी सà¥à¤¬à¤¹ उठने के दो कारण थे:-
1 – बरà¥à¤«à¥€à¤²à¥‡ पहाड़ों पर सूरà¥à¤¯ उदय की पहली किरण का पड़ना और वो जलवा कैद करना।
2 – चोपता से नॉà¤à¤¡à¤¾ पहà¥à¤à¤šà¤¨à¤¾, कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि अगले दिन ऑफिस जाना था।
मैंने घड़ी मे टाइम देखा तो 05:50 हो रहे थे और अà¤à¥€ à¤à¥€ घà¥à¤ª अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ था। सूरà¥à¤¯ उदय होने मे अà¤à¥€ काफी टाइम था। इंतज़ार किया गया 06:15 हो गठथे। हम लोगों ने सलाह की और घर की और गाड़ी दौड़ा दी। 06:30 हो गठथे अब जाकर अà¤à¤§à¥‡à¤°à¤¾ छटने लगा राहà¥à¤² ने à¤à¤•ा-à¤à¤• गाड़ी रोक दी और बोला की उजाला होने लगा है वहीं पर रूककर कà¥à¤› फोटो ले लेंगे। लेकिन अà¤à¥€ à¤à¥€ सूरज निकलने मे समय था। थोड़ी देर के बाद फिर उसे कीड़ा काटा और बोल की वापस चोपता चलते हैं जब तक सूरज निकलेगा हम लोग चोपता पहà¥à¤à¤š जाà¤à¤à¤—े। हम लोग 11 km चले आये थे और अब राहà¥à¤² वापस जाने की बात कर रहा था। मैं और गौरव तो बिलकà¥à¤² à¤à¥€ इसके पकà¥à¤· मे नहीं थे। राहà¥à¤² और हà¥à¤œà¤¼à¥‡à¤«à¤¾ à¤à¤• साथ थे। मामला अà¤à¥€ 50:50 का चल रहा था। तà¤à¥€ गौरव ने पलटी मारी और मैच का सà¥à¤•ोर 3:1 का हो गया। राहà¥à¤² की टीम जीत गई और मैं हार गया। हम लोग फिर से चोपता की और चल दिà¤à¥¤ कहीं सूरà¥à¤¯ उदय न हो जाठराहà¥à¤² ने गाड़ी दौड़ा दी थी और हम लोग 06:42 तक वापस चोपता पहà¥à¤à¤š गठथे। करीब पाà¤à¤š मिनट के बाद ही दूर सूरज की पहली किरण नज़र आई पर हमे à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ शॉट नहीं मिल पा रहा था। कà¥à¤› देर और इंतज़ार करने के बाद हम लोगों को तसà¥à¤¸à¤²à¥€ हो पाई थी।
जैसे की मैंने आपको बताया था की चोपता जंगलात कà¥à¤·à¤¤à¥à¤° है और यहाठजंगली जानवरों का खतरा à¤à¥€ हो सकता है। इसका पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ नीचे लगी फोटो मे आप सà¥à¤µà¤¯à¤‚ देख सकते है। कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ की गरà¥à¤¦à¤¨ पर धातू का सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ कवच डाला हà¥à¤† है। ते कवच कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ को तेंदà¥à¤ से बचाने के लिठहै। पहाडों के कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ à¤à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ नसà¥à¤² के होते है निडर और खà¥à¤‚कार। यहाठके सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोग इनको अपने पशà¥à¤“ं की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ करने के लिठà¤à¥€ पलते है। à¤à¤• अकेला तंदà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ à¤à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ तेंदà¥à¤ को लोहे के चने चबवा सकता है, लेकिन तेंदà¥à¤† तो शिकारी है मौका मिलते ही गरà¥à¤¦à¤¨ दबोच लेता है इसीलिठकà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ की गरà¥à¤¦à¤¨ को कवच देकर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ किया हà¥à¤† है।
कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ की गरà¥à¤¦à¤¨ पर धातू का सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ कवच।
कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ की फोटो खींच कर हम लोग चोपता से निकल पड़े। मैंने मजाक करते हà¥à¤† कहा “नॉà¤à¤¡à¤¾ मे अब कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ दीखते ही कहाठहैं ये दà¥à¤°à¥à¤²à¤ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¥€ हो गयी है” सही किया जो वापस चोपता आये और इस कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ की फोटो खींच ली, अब घर जाकर इसको फà¥à¤°à¥‡à¤® करके दीवार पर लगा देना और नीचे लिख देना “ये कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ मà¥à¤à¥‡ चोपता मे दिखा।
करीब बीस मिनट चलने के बाद हमने गाड़ी à¤à¤• पà¥à¤² के पास रोक दी। यहाठपर कà¥à¤› देर हम पà¥à¤² के पास बैठगठसà¥à¤¬à¤¹ की हवा à¤à¤• दम फà¥à¤°à¥‡à¤¶ दी। फà¥à¤°à¥‡à¤¶ हवा खाकर हमारा फेफड़ा गरà¥à¤µ से चौड़ा हो गया। यहाठपर à¤à¥€ राहà¥à¤² ने कैमरा निकाल लिया और फोटो सेशन करने लगा।
लोहे के पà¥à¤² पर चारों का फोटो (L-R) गौरव, हà¥à¤œà¤¼à¥‡à¤«à¤¾, अनूप और राहà¥à¤²à¥¤
अब तक बहà¥à¤¤ मसà¥à¤¤à¥€-बजी हो चà¥à¤•ी थी घर वापस पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ मे देरी हो रही थी। हम लोगों ने अब बिना रà¥à¤•े चलने का फैसला किया। सà¥à¤¬à¤¹ के 09:54 और हम तिलबारा पर नाशà¥à¤¤à¤¾ करने के लिठफिर से रà¥à¤• गà¤à¥¤ हम लोग होटल के अंदर गठबिलà¥à¤•à¥à¤² सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤¾ छाया हà¥à¤† था। हम लोग नवमà¥à¤¬à¤° के महीने मे यातà¥à¤°à¤¾ कर रहे थे इस समय सà¤à¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯ तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के कपाट बंद रहते हैं कà¥à¤› à¤à¥€ टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• नहीं होता। होटल वाले ने सोचा à¤à¥€ नहीं होगा की कोई नाशà¥à¤¤à¤¾ करने आ धमकेगा। खेर मैं ज़ोर से चिलà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ “à¤à¤¾à¤ˆ कोई है?” no response. à¤à¤• बार फिर से “कोई है?” This time got the response “हाठजी” पर कोई नज़र नहीं आया। हम लोग कà¥à¤°à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर बैठगà¤à¥¤ à¤à¤• बाà¤à¤¦à¤¾ आया “हाठजी” हमने पà¥à¤›à¤¾ नाशà¥à¤¤à¤¾ मिलेगा? “हाठजी मिलेगा पर टाइम लगेगा” हमने फिर पà¥à¤›à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ मिलेगा? “आलू के पराà¤à¤ े बना दूà¤à¤—ा, पर आलू उबालने पड़ेंगे” wow very good. à¤à¥‚ख तो जम कर लग रही थी तो हमने कह दिया ठीक है à¤à¤¾à¤ˆ आलू उबाल लो हम लोग बाहर ही हैं जैसे ही पराà¤à¤ े बन जाठबà¥à¤²à¤¾ लेना।
तिलवारा मे “मोनिका होटल†यहीं पर नाशà¥à¤¤à¥‡ के लिठरà¥à¤•े थे।
होटल के गारà¥à¤¡à¤¨ मे पेड़ के लटके हà¥à¤ फ़ल।
हम लोग होटल से दूसरी और जाकर सड़क से नीचे नदी के पास चले गà¤à¥¤ ठनà¥à¤¡à¥‡ पानी से हाथ-मà¥à¤¹ धोकर मज़ा सा आ गया था। मà¥à¤à¥‡ याद नहीं आ रहा पर हम मे से किसी ने सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने की इचà¥à¤›à¤¾ जताई थी। वो जो à¤à¥€ था पागल था। बदन पर तो दो-दो जोड़े सà¥à¤µà¥‡à¤Ÿà¤° और ऊपर से जैकेट डाला हà¥à¤† था और पानी देख कर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने का मन हो चला था। à¤à¤—वान का शà¥à¤•à¥à¤° है की पागल ने पागल-पंती नहीं की। हम लोगों ने नदी के पास जाकर कà¥à¤› फ़ोटो लिà¤à¥¤ यहाठपर हमारा अचà¥à¤›à¤¾ टाइम पास हो रहा था। वरना होटल के अंदर नाशà¥à¤¤à¥‡ का इंतज़ार मे खली-पीली टाइम ही बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ होता।
नाशà¥à¤¤à¤¾ तैयार हो गया था। सबने आलू के दो-दो पराà¤à¤ े खाठऔर घर की और निकल लिà¤à¥¤ रासà¥à¤¤à¤¾ लगà¤à¤— साफ़ था टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• à¤à¥€ कम ही था लेकिन देवपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ से कà¥à¤› km पहले हम लोग à¤à¤• लंबे जाम मे जा फà¤à¤¸à¥‡à¥¤ मैं राहà¥à¤² और हà¥à¤œà¤¼à¥‡à¤«à¤¾ गाड़ी से निकल कर à¤à¤• पास की दà¥à¤•ान मे चाय-पानी लेने चल दिà¤à¥¤ गौरव गाड़ी के अंदर ही बैठकर धूप सेकता रहा। करीब आधे घंटे के बाद गाड़ियाठधीरे-धीरे सरकने लगी और हम लोग दà¥à¤•ान छोड़ कर अपनी गाड़ी की और दौड़ पड़े। जाम लगने का कà¥à¤¯à¤¾ कारण मालूम नहीं चल पाया था। खेर ससà¥à¤¤à¥‡ मे ही निपट गठथे वरना à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ हो सकता था कि कई घंटो तक फà¤à¤¸à¥‡ रहते।
यहाठसे अब हम लोग देवपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— पहà¥à¤à¤š गठथे। गाड़ी पर फिर से विराम लगा दिया था। मà¥à¤à¥‡ छोड़ कर बाकि लोगों को सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने की इचà¥à¤›à¤¾ हो रही थी। सड़क के किनारे गाड़ी पारà¥à¤• करने के बाद हम लोग पà¥à¤² पार करके गीता माता के मंदिर की और चल दिà¤à¥¤ à¤à¤¸ करने से दो काम हो गà¤à¥¤ à¤à¤• तो माता के दरà¥à¤¶à¤¨ और दूसरा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— मे सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥¤
à¤à¤• राह चलते सैलानी से इस टà¥à¤°à¤¿à¤ª का अंतिम गà¥à¤°à¥à¤ª फोटो खिंचवाया और करीब दोपहर के चार बजे रà¥à¤¡à¤¼à¤•ी मे à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने के बाद नॉन-सà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª घर की और दौड़ पड़े और रात के 11 बजे मे घर के अंदर था। जम कर सोया और सोमवार को सब लोग फिर से ऑफिस मे आ मिले। तो इस समापà¥à¤¤ हà¥à¤† हमारा वीकेंड टà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥¤