यह मेरा पहला यातà¥à¤°à¤¾-वृतानà¥à¤¤ है, इसलिठसमठनहीं पा रहा हूठकि कहाठसे शà¥à¤°à¥‚ करू? à¤à¤• घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ के लिठघà¥à¤®à¤¨à¤¾ आसान है लेकिन उसके अनà¥à¤à¤µ को शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में बà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करना सचमà¥à¤š मà¥à¤¶à¥à¤•िल काम है. खैर, समà¥à¤¦à¥à¤° मà¥à¤à¥‡ हमेशा से अपने पास खींचता है. इसलिठमैं और मेरे कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ साथी पिछले फ़रवरी-मारà¥à¤š को à¤à¤• और समà¥à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤Ÿ को निकल लिà¤. कोलकाता और उसके आस-पास रहने वाले बकखाली को à¤à¤²à¥€-à¤à¤¾à¤‚ति जानते होंगे या à¤à¤• बार तो जरूर गये होंगे. बकखाली सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤µà¤¨ डेलà¥à¤Ÿà¤¾ का à¤à¤• छोटा-सा हिसà¥à¤¸à¤¾ है जो पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल के 24-परगना जिले में अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. यह बहà¥à¤¤ छोटे-छोटे दà¥à¤µà¥€à¤ªà¥‹à¤‚ से मिलकर बना है जो सà¥à¤‚दरवन का ही अंग है. बकखाली लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ है यहाठके समà¥à¤¦à¥à¤°-तट के कारण जो 7 किमी तक फैला है. यह पैदल चलने वालो के लिठà¤à¤• आदरà¥à¤¶ तट है, यहाठतक कि इस पर साइकिल चलाने का à¤à¥€ आनंद लिया जा सकता है.
हालाà¤à¤•ि कोलकाता से बकखाली आप बस या टà¥à¤°à¥‡à¤¨ दोनों के जरिये पहà¥à¤à¤š सकते है. बकखाली से सबसे नजदीकी रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ नामखाना है. नामखाना से फिर वैन या बस के जरिये बकखाली के समà¥à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤Ÿ या होटल तक जा सकते है. पर हमलोगों ने गाड़ी बदलने की à¤à¤‚à¤à¤Ÿ से बचने के लिठबस से ही जाना तय किया. 28 फ़रवरी की सà¥à¤¬à¤¹ 7 बजे हमारी बस धरà¥à¤®à¤¤à¤²à¥à¤²à¤¾ के बस अडà¥à¤¡à¥‡ से खà¥à¤²à¥€. बस NH-117 सड़क पर दौड़ रही थी. हमलोग अलिपà¥à¤° चिड़ियाखाना, डायमंड हारबर, काकदà¥à¤µà¥€à¤ª होते हà¥à¤ नामखाना पहà¥à¤‚चे. नामखाना पहà¥à¤‚चकर हमारी यातà¥à¤°à¤¾ को à¤à¤• लंबा विराम लग गया. असल में नामखाना और बकखाली अलग-अलग दà¥à¤µà¥€à¤ª है जिनको à¤à¤• छोटी लेकिन गहरी खाड़ी अलग करती है. यह खाड़ी à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ जलमारà¥à¤— है जिसपर à¤à¤¾à¤°à¤¤ और बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ के छोटे-बड़े नाव और फेरी गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ है. इसमें से कà¥à¤›-कà¥à¤› नावों की ऊंचाई इतनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होती है कि इस खाड़ी पर पà¥à¤² बनाना पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤—िक नहीं है. इसलिठबस, टà¥à¤°à¤• और अनà¥à¤¯ वाहनों को à¤à¤• खà¥à¤²à¥€ वेसल ढोकर इस किनारे से उस किनारे को ले जाती है. इसी वेसल के आने में देर के कारण लगà¤à¤— घनà¥à¤Ÿà¥‡ à¤à¤° हमलोग फेरीघाट पर रà¥à¤•े. पहली बार सफ़र करने वालो के लिठयह à¤à¤• रोमांचकार अनà¥à¤à¤µ है. खाड़ी पार करने के à¤à¤• घनà¥à¤Ÿà¥‡ के अनà¥à¤¦à¤° हम होटल पहà¥à¤à¤š चà¥à¤•े थे.
बकखाली में ढेरों होटल, रिसोरà¥à¤Ÿ और लॉज है, जो यहाठआनेवाले सैलानियों की संखà¥à¤¯à¤¾ के हिसाब से कà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लगती है. हाà¤, समà¥à¤¦à¥à¤°-तट के सामने वाले होटलों में à¤à¥€à¥œ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मिलती है. बकखाली का मौसम गरà¥à¤® है. यहाठआने का सबसे अचà¥à¤›à¤¾ समय नवमà¥à¤¬à¤° से मारà¥à¤š के बीच होता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस वक़à¥à¤¤ गरà¥à¤®à¥€ कम रहती है और à¤à¥€à¥œ à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होती है. होटल में खाना खाने के बाद हमलोगों ने थोड़ी देर आराम किया और लगà¤à¤— 4 बजे समà¥à¤¦à¥à¤°-तट पहà¥à¤‚चे. तट पर पहले से काफी चहल-पहल थी. बकखाली के समà¥à¤¦à¥à¤°-तट से सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ और सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ देखना दोनों ही समान मनोरम अनà¥à¤à¤µ देता है. यहाठका समà¥à¤¦à¥à¤°-तट काफ़ी शांत और फैला हà¥à¤† है. हमलोग तट के किनारे-किनारे काफी दूर तक चले आà¤. शाम की ठणà¥à¤¡à¥€ हवा, साफ़ आसमान, शांत वातावरण के बीच-बीच में आती लहरों की आवाज, इतना काफी है आपको à¤à¤• अलग जगत में ले जाने के लिà¤. अगर आप अपनी वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ और बोरियत à¤à¤°à¥€ ज़िनà¥à¤¦à¤—ी से कà¥à¤› दिनों की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ लेना चाहते है तो यह à¤à¤•दम आदरà¥à¤¶ जगह है.

हेनरी आइलैंड के अनà¥à¤¦à¤°, ईंटो के बना रासà¥à¤¤à¤¾

वाच टावर के ऊपर से सà¥à¤‚दरवन का मनोरम दृशà¥à¤¯
अगले दिन जलà¥à¤¦à¥€ सà¥à¤¬à¤¹ हमलोग आस-पास का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करने निकल पड़े. मोटर से चलनेवाला रिकà¥à¤¶à¤¾ यहाठयातायात का मà¥à¤–à¥à¤¯ साधन है जो आपको हेनरी आइलैंड, फà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤°à¤—नà¥à¤œ फ़िशिंग हारबर, फà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤°à¤—नà¥à¤œ समà¥à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤Ÿ वगैरह घà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ करती है. रिकà¥à¤¶à¤¾ कसà¥à¤¬à¥‹ और गांवों के अनà¥à¤¦à¤° से ले चलती है, जिससे हमलोगों को सà¥à¤‚दरवन के गांव में रहने वाले लोगो की ज़िनà¥à¤¦à¤—ी को करीब से देखने का मौका मिला. बसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पार करने के बाद हमलोग हेनरी आइलैंड के इलाके में पहà¥à¤‚चे. यहाठजाने के लिठईंट की सड़क है जो काफी संकरी है. इन सड़कों पर à¤à¤¾à¤°à¥€ वाहनों का आना मना है. सिरà¥à¤« छोटी कार और सरकारी विà¤à¤¾à¤— को छोड़कर, जो यहाठरहनेवाले जीव-जंतà¥à¤“ं के लिठजरूरी à¤à¥€ है. रिकà¥à¤¶à¤¾ से जाने के दौरान तरह-तरह के पकà¥à¤·à¥€, सांप आसानी से देखे जा सकते है.

मछली उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के लिठबने तालाब, हेनरी आइलैंड

सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¥€ पेड़, जिसके कारण इस जगह का नाम सà¥à¤‚दरवन पड़ा
हेनरी आइलैंड असल में पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल मतà¥à¤¸à¥à¤¯ पालन विà¤à¤¾à¤— का à¤à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ है जो लगà¤à¤— 100 à¤à¤•ड़ में फैला है. इस पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ में 52 छोटे-बड़े पोखर है जिनमे तरह-तरह के मछलियों का पालन होता है. आइलैंड के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¥€ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रहने के लिठसरकारी लॉज बने है. वाच-टावर (Watch-tower) के ऊपर से आस-पास में फैले मैनà¥à¤—à¥à¤°à¥‹à¤µ के जंगल को देखना अदà¥à¤à¥à¤¤ अनà¥à¤à¥‚ति देता है. मैनà¥à¤—à¥à¤°à¥‹à¤µ के वन से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ हà¥à¤ हमलोग हेनरी आइलैंड के समà¥à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤Ÿ तक गये. इस दौरान लकड़ी-बांस के बने छोटे से पà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ को पार करना हमेशा à¤à¤• सà¥à¤–द याद बना रहेगा. आइलैंड का तट निरà¥à¤œà¤¨ है, कà¥à¤› सैलानी ही इधर आते. हमारे रिकà¥à¤¶à¤¾ वाले ने बताया कि यह जगह अनगिनत पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का घर है. चांदनी रात में यहाठके तालाबो में पानी पीते हिरनों को à¤à¥€ देखा जा सकता है.

मैनà¥à¤—à¥à¤°à¥‹à¤µ के बीच बांस-लकड़ी से बना छोटा पà¥à¤²
हेनरी आइलैंड के बाद हमलोग फà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤°à¤—नà¥à¤œ रवाना हà¥à¤. यहाठसमà¥à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤Ÿ और फ़िशिंग हारबर है. इस जगह को à¤à¤• परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के रूप में खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ तब मिली जब बंगाल के लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट गवरà¥à¤¨à¤° सर à¤à¤‚डà¥à¤°à¥‚ फà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤° यहाठआà¤. उनà¥à¤¹à¥€ के नाम से इस जगह का नाम फà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤°à¤—नà¥à¤œ रखा गया. इस इलाके में पवन-चकà¥à¤•ियों की à¤à¤• लमà¥à¤¬à¥€ कतार देखी जा सकती है. फà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤°à¤—नà¥à¤œ का समà¥à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤Ÿ बिलà¥à¤•à¥à¤² वीरान है. तट पर सिरà¥à¤« कà¥à¤› मछà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ ही दिखे. लेकिन फ़िशिंग हारबर में काफी चहल-पहल रहती है. बड़ी-बड़ी मछली पकड़ने वाले जहाज, नाव यहाठआते है और यहाठसे समà¥à¤¦à¥à¤° में जाते है. यहाठसे परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• नौका à¤à¥€ चलती है जो लोगो को जमà¥à¤¬à¥‚दà¥à¤µà¥€à¤ª नामक पास के दà¥à¤µà¥€à¤ª की सैर कराती है. यह सैर ज़िनà¥à¤¦à¤—ी की कà¥à¤› बेहद रोमांचकार अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ में à¤à¤• है. जमà¥à¤¬à¥‚दà¥à¤µà¥€à¤ª à¤à¤• निरà¥à¤œà¤¨ जंगल से à¤à¤°à¤¾ à¤à¤• छोटा दà¥à¤µà¥€à¤ª है. पहले यहाठलोग उतरते और जंगल के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¥€ जाते थे, लेकिन अब यहाठकिसी के उतरने और अनà¥à¤¦à¤° जाने की मनाही है. हमारी नौका दà¥à¤µà¥€à¤ª के आस-पास चकà¥à¤•र लगा कर वापस फà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤°à¤—नà¥à¤œ फेरी घाट ले आई. रिकà¥à¤¶à¤¾ हमे वापस होटल छोड़ आई. शाम हो हमलोगों ने समà¥à¤¦à¥à¤° ने नहाने का लà¥à¤«à¥à¤¤ उठाया. अगली सà¥à¤¬à¤¹ कोलकाता लौट आया लेकिन जेहन में अà¤à¥€ à¤à¥€ बकखाली और उसका शानदार समà¥à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤Ÿ की याद ताज़ा है.

जलमारà¥à¤— की रखवाली के लिठहमेशा तैनात पà¥à¤²à¤¿à¤¸
Binod,
Let me grab the opportunity to comment first on your debut post on ghumakkar.com. It’s really interesting and engaging travelogue. Pictures are captivating and write up is impressive. From your name i can reckon that you are a bengali fellow, still you have written very pure, flawless and impressive Hindi which is really commendable.
Keep traveling and keep writing…..
Thanks,
Thanks for your encouraging comment on my debut article. You are right! I am a Bangali who loves Hindi.
Thanks a lot again.
Welcome aboard, Binod. It is a nice little interesting post with beautiful photos. Hope to read more of you at Ghumakkar.
Keep travelling and keep sharing
Thanks
Thanks Sir! I will post another travelogue of mine very soon.
प्रिय बिनोद जी
आपका पहला लेख पढ़ कर अच्छा लगा. काफी रोचक था.
जब भी कहीं घुमने का मन करे तो, यात्रा करिए तथा उसके बारे में लिखिए.
धन्यवाद.
उदय जी, मेरे पहले लेख को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद्
बहुत जल्द मैं एक नई यात्रा के साथ हाज़िर होऊंगा
Badhiya lekh aur sundar chalchitr !
शुक्रिया!!!
nice place
Thanks a lot!
Dear Binod,
At the outset, a hearty welcome! An extremely refreshing post with all important information yet keeping a reader incited & tempting to visit the place for much to discover.
A perfect travelogue with accurate length of summary equally supported with beautiful & meaningful photographs. Keep it up & keep posting more stories. It was a delight read after long, by a debut writer.
Keep traveling
Ajay
Dear Ajay Sir,
Your words are booster for a debut writer like me.
Thanks a lot for encouraging me. Traveling is my passion and now I have a platform to share my travel experience with others.
Thanks again!
Welcome aboard Binod.
A great debut. Not too far back, Santanu wrote about Sundarbans and I am hoping that he gets to read this and comment. Very lucidly explained with all the useful info. Please also share details of the hotels, prices etc