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यात्रा: कभी ख़ुशी कभी ग़म

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औंढा में हमसे अपेक्षाकृत ज्यादा पैसे खर्च हो गए, और अंततः हमारी जेब पूरी तरह से खाली हो गई, लेकिन हमें पूरा विश्वास था की तहसील प्लेस है, इतना बड़ा तीर्थ स्थान है, रोजाना देश के कोने कोने से पर्यटक आते हैं एकाध ए.टी.एम. तो होगा ही….लेकिन जब हम बस स्टॉप पर आये और हमने ए.टी.एम. का पता किया तो हमारे होश फाख्ता हो गए पता चला की औंढा में एक भी ए.टी.एम. नहीं है, हमें औंढा से परली जाना था जो की लगभग साढ़े तीन घंटे का रास्ता था, हमारे पास सिर्फ दो सौ रुपये थे और बस का किराया था 300 रुपये लेकिन हम हिम्मत करके बस में बैठ गए क्योंकि फिर परली के लिए बस कुछ घंटों के बाद ही थी.

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