मेरी पिछली पोसà¥à¤Ÿ में मैंने आपको अवगत कराया था औरंगाबाद तथा आसपास के दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ से, और आइये अब मैं आपको लिठचलता हूठऔरंगाबाद के ही समीप सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°Â जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग मंदिर तथा à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ की पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ गà¥à¤«à¤¾à¤“ं के दरà¥à¤¶à¤¨ कराने के लिà¤.
अगले दिन सà¥à¤¬à¤¹ जलà¥à¤¦à¥€ उठकर नहा धोकर हम निकल पड़े घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°Â जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के लिà¤. समय था सà¥à¤¬à¤¹ के लगà¤à¤— आठबजे का, ठणà¥à¤¡ का मौसम था, और जनवरी माह की यह à¤à¤• ठंडी सà¥à¤¬à¤¹Â थी.
औरंगाबाद से घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° का सफ़र और वह कंपा देने वाली सरà¥à¤¦à¥€:
हमने घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° तथा à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ जाने तथा दरà¥à¤¶à¤¨ करके वापस आने के लिठ200 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ में à¤à¤• ऑटो रिकà¥à¤¶à¤¾ तय कर लिया. जब हम होटल से निकले तो उस समय शहर के सघन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°Â में होने की वजह से ठणà¥à¤¡ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महसूस नहीं हो रही थी अतः हमने ठणà¥à¤¡ से बचाव के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ साधन à¤à¥€ साथ नहीं रखे थे. कà¥à¤› देर औरंगाबाद की सड़कों पर घà¥à¤®à¤¨à¥‡ के बाद जैसे ही हमारा तिपहिया वाहन शहर की सीमा से बाहर निकला तो ठणà¥à¤¡ ने अपना असली रूप दिखाना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया. आपलोग जानते ही हैं की ऑटो महाशय पिछवाड़े को छोड़कर सामानà¥à¤¯à¤¤à¤¯à¤¾ तिन ओर से खà¥à¤²à¥‡ ही होते हैं, कंपा देनेवाली सरà¥à¤¦ हवाà¤à¤‚ मानो हमारा इमà¥à¤¤à¥‡à¤¹à¤¾à¤¨ ले रही थीं, लेकिन हम à¤à¥€ कहाठहार मानने वाले थे हमने à¤à¥€ सरà¥à¤¦à¥€ का डट कर सामना किया और ठिठà¥à¤°à¤¤à¥‡ सिकà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥‡ वानर मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ में अपने हाथों को सिने से चिपकाये अपनी मंजिल के आने का इंतज़ार करते रहे.
इतनी अधिक ठणà¥à¤¡ थी की बरबस ही मà¥à¤à¥‡ मà¥à¤‚शी पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤‚द की कहानी “पूस की रात” याद आ गई. कैसे à¤à¤• à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• सरà¥à¤¦ रात में कहानी का नायक अपने कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ के सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में थोड़ी सी गरà¥à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लालच में अपने खेत को आग में सà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾ होते हà¥à¤ देखता रहता है. खैर सरà¥à¤¦à¥€ से मà¥à¤•ाबला करते हà¥à¤ अंततः हम अपनी मंजिल तक पहà¥à¤à¤š ही गà¤.
शà¥à¤°à¥€ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°Â जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग मंदिर: à¤à¤• परिचय –
घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° या घà¥à¤¶à¥à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ शिव मंदिर है तथा हिनà¥à¤¦à¥‚ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शिव के बारह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गों में से à¤à¤• है. रà¥à¤¦à¥à¤°à¤•ोटीसंहिता, शिव महापà¥à¤°à¤¾à¤£ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गसà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग बारहवें तथा अंतिम कà¥à¤°à¤® पर आता है. यह मंदिर महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के औरंगाबाद शहर के समीप दौलताबाद से 11 किलोमीटर की दà¥à¤°à¥€ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ विशà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ गà¥à¤«à¤¾à¤“ं से à¤à¤•दम लगा हà¥à¤† तथा वेलà¥à¤° नामक गाà¤à¤µ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है.
इस मंदिर का जीरà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤° सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® 16 वीं शताबà¥à¤¦à¥€ में वेरà¥à¤² के ही मालोजी राजे à¤à¥‹à¤‚सले (छतà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शिवाजी महाराज के दादा) के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तथा पà¥à¤¨à¤ƒ 18 वीं शताबà¥à¤¦à¥€ में इंदौर की महारानी पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¶à¥à¤²à¥‹à¤•ा देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ होलकर के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ करवाया गया था जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वाराणसी के काशी विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर तथा गया के विषà¥à¤£à¥à¤ªà¤¦ मंदिर तथा अनà¥à¤¯ कई मंदिरों का जीरà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤° करवाया था.
पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤‚थों में इसे कà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° के नाम से à¤à¥€ संदरà¥à¤à¤¿à¤¤ किया गया है. इस मंदिर को इसके चितà¥à¤¤à¤¾à¤•रà¥à¤·à¤• शिलà¥à¤ª के लिठà¤à¥€ जाना जाता है. यदि कà¥à¤°à¤®Â की बात करें तो हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के लिà¤Â घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग की यातà¥à¤°à¤¾ का मतलब होता है बारह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग यातà¥à¤°à¤¾ का समापन. घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° दरà¥à¤¶à¤¨ के बाद दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग यातà¥à¤°à¤¾ को पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के लिठशà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ काठमांडू, (नेपाल) सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पशà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤¥ के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठजाते हैं.
घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ गà¥à¤«à¤¾à¤“ं से मातà¥à¤° 500 मीटर की दà¥à¤°à¥€ पर तथा औरंगाबाद से 30 किलोमीटर की दà¥à¤°à¥€ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. औरंगाबाद से घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° का 45 मिनट का सफ़र यादगार होता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह रासà¥à¤¤à¤¾ नयनाà¤à¤¿à¤°à¤¾à¤® सहà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥à¤°à¥€ परà¥à¤µà¤¤ के सामानांतर दौलताबाद, खà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ और à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ गà¥à¤«à¤¾à¤“ं से होकर जाता है.
शà¥à¤°à¥€ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर के सामने विराजमान नंदी जी
कहाठठहरें:
यदि आप औरंगाबाद में ठहरना चाहते हैं तो यहाठपर 300 रà¥. से लेकर 2500 रà¥. की रेंज में ढेर सारे होटल उपलबà¥à¤§ हैं. यदि आप घà¥à¤°à¤¾à¤¶à¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° में रà¥à¤•ना चाहते हैं तो घà¥à¤°à¤¾à¤¶à¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित यातà¥à¤°à¥€ निवास में ठहर सकते हैं, यहाठà¤à¤• कमरे का किराया 200 रà¥. तथा हाल का किराया 500 रà¥. है. घà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर तथा à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ गà¥à¤«à¤¾à¤“ं के समीप दो पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ होटलà¥à¤¸ à¤à¥€ हैं जिंक किराया 800 से 2000 के बीच है.
घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर शिलà¥à¤ª:
घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर बड़ा ही सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° मंदिर है तथा इसके चारों ओर का वातावरण à¤à¥€ रमणीय है. यह मंदिर पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥‚ शिलà¥à¤ªà¤•ला का à¤à¤• बेजोड़ नमूना है. इस मंदिर में तिन दà¥à¤µà¤¾à¤° हैं à¤à¤• महादà¥à¤µà¤¾à¤° तथा दो पकà¥à¤·à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°. मंदिर पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ से पहले शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ कà¥à¤› देर कोकिला मंदिर में रà¥à¤•ते हैं, यहाठमाता के हाथ ऊपर की ओर उठे हà¥à¤ हैं जो à¤à¤—वान शिव को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं के आगमन की सà¥à¤šà¤¨à¤¾ देते पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होते हैं.
गरà¥à¤à¤—ृह के ठीक सामने à¤à¤• विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ सà¤à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ है, सà¤à¤¾ मंडप मजबूत पाषाण सà¥à¤¤à¤‚à¤à¥‹à¤‚ पर आधारित है इन सà¥à¤¤à¤‚à¤à¥‹à¤‚ पर सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° नकà¥à¤•ाशी की हà¥à¤ˆ है जो मंदिर की सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¤à¤¾ को दà¥à¤µà¤¿à¤—à¥à¤£à¤¿à¤¤ करती है. सà¤à¤¾à¤®à¤‚ड़प में पाषाण की ही नंदी जी की मूरà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जो की जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग के ठीक सामने है.
मंदिर के अरà¥à¤§à¤‰à¤‚चाई के लाल पतà¥à¤¥à¤° पर दशावतार के दà¥à¤°à¤¶à¥à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¥€ तथा अनà¥à¤¯ अनेक देवी देवताओं की मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ खà¥à¤¦à¤µà¤¾à¤ˆ गई हैं. 24 पतà¥à¤¥à¤° के खमà¥à¤à¥‹à¤‚ पर सà¤à¤¾à¤®à¤‚ड़प बनाया गया है. पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ पर अति उतà¥à¤¤à¤® नकà¥à¤•ाशी उकेरी गई है. मंडप के मधà¥à¤¯ में कछà¥à¤† है और दिवार की कमान पर गणेशजी की मूरà¥à¤¤à¤¿ है.
शà¥à¤°à¥€ जयराम à¤à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ नाम के गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥€Â à¤à¤•à¥à¤¤ ने मंदिर को सोने का पता लगाया हà¥à¤† तामà¥à¤° कलश à¤à¥‡à¤‚ट किया है जो मंदिर की शोà¤à¤¾ को चार चाà¤à¤¦ लगाता पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है.
शà¥à¤°à¥€ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर के सामने सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शिवलिंग.
गरà¥à¤à¤—ृह:
घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर का गरà¥à¤à¤—ृह अपेकà¥à¤·à¤¾à¤•ृत बड़ा है (17X17 फिट) जो की शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को पूजन अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करने के लिठपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जगह पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है. गरà¥à¤à¤—ृह के अनà¥à¤¦à¤° ही à¤à¤• बड़े आकार  का शिवलिंग (जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग) सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है, जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग पूरà¥à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤®à¥à¤–ी है जो की अपने आप में विशिषà¥à¤Ÿ है. सà¤à¤¾ मंड़प की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में गरà¥à¤à¤—ृह का सà¥à¤¤à¤°Â थोडा निचे है. गरà¥à¤à¤—ृह की चौखट पर और मंदिर में अनà¥à¤¯ जगहों पर फà¥à¤² पतà¥à¤¤à¥‡, पशॠपकà¥à¤·à¥€ और मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की अनेक à¤à¤¾à¤µ मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤“ं का शिलà¥à¤ªà¤¾à¤‚कन किया गया है.
à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹ के लिठनियम:
यहाठपर मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ से पहले जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग के दरà¥à¤¶à¤¨ करने के लिठपà¥à¤°à¥à¤· à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को अपने शरीर से शरà¥à¤Ÿ (कमीज) à¤à¤µà¤‚ बनियान तथा बेलà¥à¤Ÿ उतरना पड़ता है. वैसे दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मंदिरों में यह पà¥à¤°à¤¥ बहà¥à¤§à¤¾ देखने को मिलती है लेकिन उतà¥à¤¤à¤° तथा मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मंदिरों में यदा कदा ही दषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—ोचर होती है. इस परंपरा के पीछे कà¥à¤¯à¤¾ कारण है कोई नहीं जानता.
मंदिर समय सारणी:
मंदिर रोज सà¥à¤¬à¤¹ 5 :30 को खà¥à¤²à¤¤à¤¾ है तथा रात 9 :30 को बंद होता है. शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ के पावन महीने में मंदिर सà¥à¤¬à¤¹ 3 बजे से रात 11 बजे तक खà¥à¤²à¤¾ रहता है. मà¥à¤–à¥à¤¯ तà¥à¤°à¤¿à¤•ाल पूजा तथा आरती सà¥à¤¬à¤¹ 6 बजे तथा रात 8 बजे होती है. महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ के अवसर पर à¤à¤—वानॠशिव की पालकी को समीपसà¥à¤¥ शिवालय तीरà¥à¤¥ कà¥à¤‚ड तक ले जाया जाता है.
मंदिर पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन:
शà¥à¤°à¥€ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर का पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन शà¥à¤°à¥€ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर देवसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया जाता है. सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯Â पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤› गणमानà¥à¤¯ नागरिक इस टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के कमिटी मेमà¥à¤¬à¤°à¥à¤¸ हैं.
पूजन अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤•:
मंदिर पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन समिति के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिठकई तरह के पूजन अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है. साधारण अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤•, रूदà¥à¤° अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤•, लघॠरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• आदि रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ 250 से लेकर 500 तक में करवाया जा सकता है. à¤à¤•à¥à¤¤ गण तय शà¥à¤²à¥à¤• टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के ऑफिस में जमा करवा कर उसी दिन या अगले दिन अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करवा सकते हैं. यहाठपर à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को गरà¥à¤à¤—ृह में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करके जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग पर सीधे अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• / पूजन की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ है.
ये तो थी à¤à¤• संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ जानकारी शà¥à¤°à¥€ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर के बारे में अब हम वापस लौटते हैं हमारी घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी की ओर, सà¥à¤¬à¤¹ नौ बजे के लगà¤à¤— हम मंदिर के समीप पहà¥à¤à¤š गà¤. मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते ही मंदिर का शिलà¥à¤ª देखकर हम मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ हो गà¤, पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शिवमंदिरों की बात ही कà¥à¤› और होती है.
मंदिर का सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° शिलà¥à¤ª, आस पास का शिवमय माहौल, परिसर में मà¥à¤–à¥à¤¯ मंदिर के अलावा अनà¥à¤¯ छोटे बड़े मंदिर, मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के समीप सजी छोटी छोटी पूजन सामगà¥à¤°à¥€ की दà¥à¤•ानें, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ महिलाओं तथा बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के हाथ में बेचने के लिठबिलà¥à¤µ पतà¥à¤°, आंकड़े के फूल आदि सबकà¥à¤› à¤à¤• सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ की तरह लग रहा था, à¤à¤• शिवà¤à¤•à¥à¤¤ को आतà¥à¤®à¤¾ की ताजगी और कà¥à¤¯à¤¾ चाहिà¤?
खैर, जैसा की साथी घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ जानते ही हैं की शिव मंदिर में पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के बाद हमारा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ होता है शिव जी का अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करना अतः हमने à¤à¥€ à¤à¤• पंडित जी से रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के लिठ250 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ में बात कर ली. उन पंडित जी का नाम मà¥à¤à¥‡ अà¤à¥€ à¤à¥€ याद है – पंडित सà¥à¤§à¤¾à¤•र वैदà¥à¤¯.
विदेशी महिला की शिवà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ – à¤à¤• घटना जो हमारे मानसपटल पर हमेशा के लिठअंकित हो गई:
दरà¥à¤¶à¤¨ तथा अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के लिठतय किये गठपंडित जी के साथ गरà¥à¤à¤—ृह में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने के लिठमंदिर के नियमों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मà¥à¤à¥‡ अपने शरीर के उपरी à¤à¤¾à¤— के वसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ (शरà¥à¤Ÿ तथा बनियान) को मंदिर के बाहर ही उतार कर रखना था अतः मैंने अपने कपडे बाहर ही रख दिठऔर मंदिर के गरà¥à¤à¤—ृह में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया.
अनà¥à¤¦à¤° गरà¥à¤à¤—ृह में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की अचà¥à¤›à¥€ खासी à¤à¥€à¤¡à¤¼ थी, वहां पर à¤à¤• विदेशी दमà¥à¤ªà¤¤à¤¿ (पति पतà¥à¤¨à¥€) à¤à¥€ मौजूद थे, गरà¥à¤à¤—ृह में पूजन अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के दौरान हम कà¥à¤¯à¤¾ देखते हैं की वह विदेशी महिला जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग को सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ करने के लिठà¤à¥à¤•ी और अचानक ही जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग से लिपट गयी और रोने लगी, उस विदेशी महिला का चेहरा तथा आà¤à¤–ें à¤à¤•दम लाल हो गठथे और उसकी आà¤à¤–ों से लगातार आंसू बह रहे थे. मंदिर के पणà¥à¤¡à¥‡ पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ उसे वहां से हटाने की कोशिश में लगे थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसकी वजह से बाकी à¤à¤•à¥à¤¤ अपनी पूजा अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• नहीं कर पा रहे थे. पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ तथा अनà¥à¤¯ महिलाà¤à¤‚ उसकी बाहें पकड़ कर उसे खींचकर जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग से अलग करने में लगे थे लेकिन उसने à¤à¥€ अपनी पूरी ताकत लगा दी थी की कोई उसे à¤à¤—वानॠसे अलग न करे, पà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के सारे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ निषà¥à¤«à¤² हो रहे थे. उस विदेशी महिला का पति à¤à¥€ उसे छà¥à¥œà¤¾à¤¨à¥‡ के सारे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर चूका था लेकिन वह à¤à¥€ बड़ी ढीठनिकली किसी के हिलाने से नहीं हिली, हम सब गरà¥à¤à¤—ृह में खड़े à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का यह अदà¥à¤à¥à¤¤ मंजर देख रहे थे.
अंततः कà¥à¤› देर के बाद वह सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही रोते हà¥à¤ खड़ी हà¥à¤ˆ और गरà¥à¤à¤—ृह से बाहर चली गयी. उस विदेशी महिला की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ देखकर हम सà¥à¤¤à¤¬à¥à¤§ रह गà¤, उसके बारे में जानने की इचà¥à¤›à¤¾ मन में लिठहम अपने पूजन अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के लिठपंडित जी के साथ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग के समीप बैठगà¤.
कà¥à¤› देर के बाद जब हमारा अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤† और हम à¤à¥€ बाहर आये तो वही विदेशी महिला अपने चेहरे पर मà¥à¤¸à¥à¤•ान लिठअपने पति के साथ हमने मंदिर के बाहर कड़ी दिखाई दे गई. उसके बारे में जानने के लिठहम पहले से ही लालायित थे अतः हम सब उस जोड़े के करीब पहà¥à¤à¤š गठऔर मैंने उनसे अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में बात करना शà¥à¤°à¥‚ की तथा उनके बारे में जानने की चेषà¥à¤Ÿà¤¾ जाहिर की, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बड़े ही पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• मेरे पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ का जवाब दिया और बताया की वे लोग इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड (यà¥. के.) के नागरिक हैं तथा शिव के à¤à¤•à¥à¤¤ हैं, उस महिला ने अपना मूल नाम बदल कर हिनà¥à¤¦à¥‚ नाम शिवामी रख लिया था तथा वे पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· à¤à¤—वानॠके दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठइंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड से घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर आते हैं. यह सब सà¥à¤¨à¤•र मैं तो अपने परिवार सहित उस महिला की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के आगे नतमसà¥à¤¤à¤• हो गया. फिर हमने अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ शिवामी के कà¥à¤› फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥à¤¸ à¤à¥€ लिà¤.
शà¥à¤°à¥€ घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर परिसर में शिवामी, शिवमॠऔर संसà¥à¤•ृति
à¤à¤—वानॠशिव के संतोषजनक दरà¥à¤¶à¤¨ तथा अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के बाद अब हमर अगला पड़ाव था विशà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ की गà¥à¤«à¤¾à¤“ं का अवलोकन करना जो की घà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° मंदिर से पैदल दà¥à¤°à¥€ (आधा किलोमीटर) पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है, है न फायदे का सौदा à¤à¤• तरफ à¤à¤—वानॠशिव का जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग और उसके इतने करीब विशà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• महतà¥à¤µ की गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚.
à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ की विशà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚:
घृषà¥à¤£à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग मंदिर से कà¥à¤› 500 मीटर की दà¥à¤°à¥€ पर à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ की गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं. इन गà¥à¤«à¤¾à¤“ं को यूनेसà¥à¤•ो विशà¥à¤µ विरासत सà¥à¤¥à¤² (Unesco World Heritage Site) का दरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है. वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ ये गà¥à¤«à¤¾ मंदिरों का à¤à¤• समूह है जिसमें हिनà¥à¤¦à¥‚, बौदà¥à¤§ और जैन धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ के मनà¥à¤¦à¤¿à¤° तथा मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं.
à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ में कà¥à¤² 34 गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ हैं जिनमें से कà¥à¤°à¤®à¤¾à¤‚क 1 से 12 गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® की हैं, अगली 16 गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ हैं तथा कà¥à¤°à¤®à¤¾à¤‚क 30 से 34 गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ जैन धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करती हैं. ये गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ 500 -700 à¤.डी. में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤•ूट राजाओं ने बनवाई थीं.
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इन गà¥à¤«à¤¾à¤“ं का गहन अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ तथा à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करने के लिठयातà¥à¤°à¥€ को à¤à¤• पूरा दिन लगता है. यहाठपर सशà¥à¤²à¥à¤• गाइड à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ हैं. अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ अजंता की गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ यहाठसे 106 किलोमीटर की दà¥à¤°à¥€ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है.
गà¥à¤«à¤¾ नंबर 16 (कैलाशनाथ मंदिर):
गà¥à¤«à¤¾ नंबर 16 जिसे कैलाशनाथ या कैलाश à¤à¥€ कहते हैं, à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ गà¥à¤«à¤¾à¤“ं का à¤à¤• अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯, अतà¥à¤²à¥à¤¯, अदà¥à¤à¥à¤¤ केंदà¥à¤° बिंदॠहै. विशेषकर हिनà¥à¤¦à¥‚ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ में यह à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ का केंदà¥à¤° है. यह à¤à¤• बहà¥à¤®à¤‚जिला गà¥à¤«à¤¾ मंदिर है तथा à¤à¤—वानॠशिव के निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ कैलाश परà¥à¤µà¤¤ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करता है.
à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾ की इन सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° गà¥à¤«à¤¾à¤“ं के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ लौटते हà¥à¤ हमने खà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ तथा दौलताबाद आदि के दरà¥à¤¶à¤¨ किये जिनका वरà¥à¤£à¤¨ मैंने अपनी पिछली पोसà¥à¤Ÿ में किया है. और अंत में हम शाम तक औरंगाबाद सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अपने होटल पहà¥à¤à¤š गठतथा अगले दिन बस के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपने घर पहà¥à¤à¤š गà¤.
महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जानकारी:
1 . घà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° से अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की दूरियां इस पà¥à¤°à¤•ार हैं – औरंगाबाद 30 किलोमीटर, मà¥à¤‚बई 422 कि.मी. और वेरà¥à¤² केवल आधा किलोमीटर.
2 . नजदीकी रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ और हवाई अडà¥à¤¡à¤¾ औरंगाबाद है.
3 . घà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°, परली वैजनाथ औ औंढा नागनाथ यह तीनों जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° à¤à¤• ही मारà¥à¤— में होने के कारण à¤à¤• साथ ही इन तीनों कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥‹à¤‚ कि यातà¥à¤°à¤¾ कि जा सकती है.
४. औरंगाबाद बस सà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड से वेरà¥à¤² के लिà¤Â à¤à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤° में à¤à¤¸. टी. बसें उपलबà¥à¤§ हैं. औरंगाबाद में मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ बस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤• से वेरà¥à¤² टà¥à¤°à¤¿à¤ª (घà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°, à¤à¤²à¥‹à¤°à¤¾, दौलताबाद, खà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦, à¤à¤¦à¥à¤° मारà¥à¤¤à¥€, पैठन दरà¥à¤¶à¤¨ ) के लिठसà¥à¤¬à¤¹ 7 .30 बजे से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोने वाली बस कि सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ गाइड के साथ उपलबà¥à¤§ है जो कि शाम 5 .00 बजे वापस लौटती है.
5 . औरंगाबाद में ठहरने के लिठà¤à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ में गेसà¥à¤Ÿ हाउस, धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤à¤‚ और पांच सितारा होटलें उपलबà¥à¤§ हैं.
इस पोसà¥à¤Ÿ को अब मैं यहीं समापà¥à¤¤ करने की आगया चाहता हूठइस वादे के साथ की जलà¥à¤¦ ही फिर उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤Â होऊंगा अपनी अगली पोसà¥à¤Ÿ के साथ.
पाठकों की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं का बेसबà¥à¤°à¥€ से इंतज़ार रहेगा.