यदि आप केवल à¤à¤• तीरà¥à¤¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥€ के तौर पर मथà¥à¤°à¤¾-वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ की यातà¥à¤°à¤¾ पर जाते हैं तो बात अलग है, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ अगर आप हमारे जैसे यायावर परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• हैं, जो अपने काम–धंधे या नौकरी में से कà¥à¤› समय निकाल कर कहीं घूमने के लिठनिकलता है, तो उसका à¤à¤•मातà¥à¤° उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ रहता है, कि किस पà¥à¤°à¤•ार. वो अपने समय का उचित पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन कर के, कम समय में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जगहों पर घूम सके! इसी लकà¥à¤·à¥à¤¯ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤, हमने अपनी मथà¥à¤°à¤¾-वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ वाली यातà¥à¤°à¤¾ में आगरा को à¤à¥€ समà¥à¤®à¤²à¤¿à¤¤ कर लिया| कà¥à¤¯à¥‚ंकि मथà¥à¤°à¤¾ और आगरा à¤à¤• ही हाईवे पर हैं और मथà¥à¤°à¤¾ से आगरा की कà¥à¤² दूरी à¤à¥€ लगà¤à¤— 65 किमी की ही है, अतः वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤•ता का तकाजा à¤à¥€ यही है, कि यदि आप मथà¥à¤°à¤¾ केवल धारà¥à¤®à¤¿à¤• उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से ही नहीं जा रहे हों और आपका इरादा छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€à¤¯à¥‹à¤‚ का अधिक से अधिक सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करने का हो, तो आप इसी यातà¥à¤°à¤¾ में आगरा को à¤à¥€ जोड़ सकते हैं, जैसा की हमने किया |
मथà¥à¤°à¤¾ के अपने होटल से, अल-सà¥à¤¬à¤¹ ही नहा-धोकर हम सबने होटल से बाहर आकर उसी दà¥à¤•ान से उनà¥à¤¹à¥€ कचोडीयो का रसावादन किया, कà¥à¤› मीठा खाने के शोकीनों ने उसी के बगल में ‘शंकर मिषà¥à¤ ान’ वाले से मीठे पर हाथ आजमाया, जिनके सà¥à¤µà¤¾à¤¦ का अनà¥à¤à¤µ मैं अपनी पिछली पोसà¥à¤Ÿ ‘à¤à¤• जिंदादिल शहर : मथà¥à¤°à¤¾â€ में पहले ही कर चà¥à¤•ा हूठ| आप जानते ही हैं कि, हम शहरी लोगों की à¤à¤• और नियामत है चाय! और यदि वो ना मिले तो आप खà¥à¤¦ को तो बेचैन पाà¤à¤‚गे ही, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ वरà¥à¤— को अकà¥à¤¸à¤° कहते हà¥à¤ सà¥à¤¨à¥‡à¤‚गे कि, “सर में बहà¥à¤¤ तेज दरà¥à¤¦ है, कहीं ढंग की चाय ना मिलने की वजह से !†कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि, अकà¥à¤¸à¤° ही, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने हाथ की बनी चाय के अलावा कहीं और की बनी चाय पसंद नही आती और यकीन मानिठयदि आपके साथ à¤à¤¸à¤¾ हो तो समठलीजिये कि खतरे की घंटी बज चà¥à¤•ीं है और अब आपके बनाये हà¥à¤ सारे पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® का कबाड़ा होने ही वाला है | आखिर सौ सà¥à¤¨à¤¾à¤° की à¤à¤• लोहार की, तो à¤à¤¸à¥‡ में अपने अनà¥à¤à¤µ से हमने उड़ती चिड़िया के पर गिनना सीख लिया है | सो हमने पहले से ही à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ चाय की दà¥à¤•ान का पता लगा लिया था जो अपने काम में सिदà¥à¤§-हसà¥à¤¤ था |और फिर ‘पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· को पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ की आवशà¥à¤¯à¤•ता नही’ को चरितारà¥à¤¥ करते हà¥à¤ ‘अरोड़ा चाय वाले’ ने छोटे-छोटे कà¥à¤²à¥à¤¹à¤¡à¤¼ में जो चाय पिलाई तो उसका सà¥à¤µà¤¾à¤¦ आज à¤à¥€ हमारी जीठपर है |
बहरहाल, सà¥à¤¬à¤¹ के इस नाशà¥à¤¤à¥‡ से निपट कर हमने आगरा वाले हाईवे का रà¥à¤– किया, राह में पड़ने वाले à¤à¤• ओवरबà¥à¤°à¤¿à¤œ से उस समय à¤à¤• मालगाड़ी गà¥à¤œà¤° रही थी | कार के अंदर से ही हमने उसका फोटो लिया, कà¥à¤¯à¥‚ंकि सड़क की à¤à¥€à¤¡à¤¼-à¤à¤¾à¤¡à¤¼ ना तो आपको रà¥à¤•ने देती है और ना ही जेठके महीने में गाड़ी के अंदर बैठे लोग आपको खिड़की का शीशा गिराने देते हैं |
मथà¥à¤°à¤¾ से बाहर निकलते समय समय पà¥à¤² से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ मालगाड़ी के डिबà¥à¤¬à¥‡
आगरा की तरफ जाने वाली हाईवे की सड़क ठीक-ठाक है | मथà¥à¤°à¤¾ से महज 11 किमी की दूरी पर इंडियन आयल की तेल रिफाईनरी है , जिसकी चिमनी से निकलती हà¥à¤ आग की लपटें आपको आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करती हैं | मथà¥à¤°à¤¾ और आस-पास के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को इसकी वजह से काफी रोज़गार के साधन उपलबà¥à¤¦ हà¥à¤ है, परंतॠइस रिफाईनरी से निकलने वाले धà¥à¤‚ठऔर विषाकà¥à¤¤ गैसों की वजह से आगरा के ताजमहल की तबियत काफी नासाज़ हो गयी थी, जिसकी वजह से माननीय सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤®à¤•ोरà¥à¤Ÿ को कà¥à¤› गाइड लाइनà¥à¤¸ बनानी पड़ी मगर अब सब ठीक है, गाड़ी के अंदर से उतारी गई इसकी à¤à¤• à¤à¤²à¤• |
चलती कार से तेल रिफाईनरी की चिमनी से निकलती आग और धà¥à¤‚ठका लिया गया फोटो, खास आपके लिà¤
आगरा के रासà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• टोल-टैकà¥à¤¸ à¤à¥€ है जिस पर आपको फिर à¤à¤• बार 85 रूपये की परà¥à¤šà¥€ कटवानी पडती है, अपने ही देश में. à¤à¤• ही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ में, बिना सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं वाले रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ जब बार-बार टोल à¤à¤°à¤¨à¤¾ पड़े तो चà¥à¤à¥‡à¤—ा ही | मगर जब ओखली में सर दिया तो मूसलों से कà¥à¤¯à¤¾ डरना, और हमारा कारवाठरासà¥à¤¤à¥‡ की इन छोटी-मोटी रà¥à¤•ावटों से पार पाते हà¥à¤ अपनी मंजिल की ओर बड़ता जाता है |
सड़कों पर à¤à¥€à¤¡à¤¼ बढ़ने लगी है | बाहर, दिन का तापमान बढ़ना शà¥à¤°à¥‚ हो चà¥à¤•ा है, और अंदर गाड़ी का! परिवार के साथ जाने वालों में कार के सà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹ में चलने वाले गानों के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ पर अकà¥à¤¸à¤° बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ पà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤°à¥€ नोक-à¤à¥‹à¤‚क होती रहती है, और हम लोग à¤à¥€ इस सनातन हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ को निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ में बिलकà¥à¤² à¤à¥€ पीछे नही ! यहाठबचà¥à¤šà¥‡ नये गाने सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ चाहते हैं…yo yo Honey Singh!!!, वहीं हम लोग à¤à¥‚ले-बिसरे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ फ़िलà¥à¤®à¥€ गीत ! कोई पीछे हटने को तैयार नही … आखिर मांडवाली कर-कर के काम चलता है, यानी कà¤à¥€ à¤à¤• गà¥à¤°à¥à¤ª की पसंद के तो कà¤à¥€ दूसरे के | आखिर आप आगरा में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर ही जाते हैं और जब आप à¤à¥€à¤¡à¤¼-à¤à¤¾à¤¡à¤¼ वाले सिकनà¥à¤¦à¤°à¤¾ से गà¥à¤œà¤° रहे होते है, तो आपके बायीं और अकबर का मकबरा पड़ता है| अचानक ही हम सब चाहने लगते हैं कि ताजमहल देखने से पहले, कà¥à¤¯à¥‚ठना इसे à¤à¥€ à¤à¤• नजर à¤à¤° देख लिया जाये | सिकनà¥à¤¦à¤°à¤¾, ताजमहल से 16 किमी की दूरी पर, तथा आगरा शहर से 10 किमी की दूरी पर, शहर के बाहरी à¤à¤¾à¤— मे पड़ता है | अपने मकबरे का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ सà¥à¤µà¤¯à¤® अकबर ने ही अपने जीवन-काल में शà¥à¤°à¥‚ करवाया था, परंतॠइसे पूरा, अकबर की मौत के बाद उसके पà¥à¤¤à¥à¤° जहांगीर ने 1613 में करवाया | हमें बताया गया कि कà¤à¥€ इस मकबरे में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ के चार रासà¥à¤¤à¥‡ थे, मगर अब केवल à¤à¤• ही रासà¥à¤¤à¤¾ दरà¥à¤¶à¤•ों के लिठखà¥à¤²à¤¾ है | इस मकबरे को बाहर से देखते ही आप को ये मोहित कर लेता है जब आप पाते हैं कि इसकी दीवारों पर बहà¥à¤¤ ही कलापूरà¥à¤£ ढंग से, काफी सà¥à¤‚दर जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¤¿ पैटरà¥à¤¨ पर सà¥à¤‚दर डिज़ाइन उकेरे गठहैं | इस मकबरे के सामने ही पारà¥à¤•िंग की जगह है और हैरानी की बात है कि मकबरे और उसके आस-पास की जगह साफ़ सà¥à¤¥à¤°à¥€ à¤à¥€ है | अंदर पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते ही आपको इसके दरो-दीवारों पर अकबर के सरà¥à¤µ-धरà¥à¤®-समà¤à¤¾à¤µ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¥€ हो जाते हैं, जब इसकी दीवारों पर आपको हिंदà¥, बोदà¥à¤§, जैन, ईसाई आदि धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• संगमरमरों में उकेरे हà¥à¤ दिख जाते हैं, हालाकिं इस मकबरे की मà¥à¤–à¥à¤¯ आकृति मà¥à¤—ल शैली की ही है |
मकबरे के अंदर वह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जहाठसे बोली गई आपकी बात मकबरे के दà¥à¤¸à¤°à¥‡ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤‚च जाति है
मकबरे की दीवार में पतà¥à¤¥à¤° में उकेरा गया इसाई धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•
मकबरे की दीवार पर उकेरा गया सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤• का चिनà¥à¤¹
मकबरे का बाहरी दृशà¥à¤¯ , फोटो में शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी
लाल रंग के सैंड-सà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ पतà¥à¤¥à¤° से बना ये मकबरा काफी à¤à¤µà¥à¤¯ और सà¥à¤°à¥à¤šà¥€ पूरà¥à¤£ है, जो जà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¤¿ के truncated पिरामिड की आकृति में बना है, इसके चारों किनारों पर खड़ी मीनारें, बहà¥à¤à¥à¤œà¥€ आकार की हैं जो आपको दूर से देखने à¤à¤° से ही सà¥à¤‚दर दिखने लगती हैं, ये आपको उस दौर में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤¨ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कला के विकसित रूप का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ देती हैं | मà¥à¤—ल शैली के à¤à¤µà¤¨à¥‹à¤‚ की खासियत ये होती है की इनमे आपको मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤µà¤¨ तक पहà¥à¤‚चने के लिठà¤à¤• गलियारे, या उसे पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶-दà¥à¤µà¤¾à¤° à¤à¥€ कह सकते हैं, में से होकर गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ पड़ता है, इसके अलावा इसमें मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤µà¤¨ के आगे और पीछे की तरफ बगीचा तथा पानी की नहर जरूर दिख जाती है जो इसà¥à¤²à¤¾à¤® में ‘बहिशà¥à¤¤â€™ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• होता है | (बहिशà¥à¤¤ , muslim शिया समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ में जनà¥à¤¨à¤¤ का बगीचा माना जाता है|)| इसके पीछे की तरफ में आपको हिरण à¤à¥€ दिखते है, जिनमे काला हिरण(black buck}, सलमान खान की वजह से सबके आकरà¥à¤·à¤£ का केनà¥à¤¦à¥à¤° है |इस मकबरे का मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤µà¤¨ à¤à¤• चोकोर चबूतरे पर, वरà¥à¤—ाकार आकृति में बना है | पूरा मकबरा पांच तल का है, जिसके à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ तल पर सà¥à¤µà¤¯à¤® अकबर तथा उसकी अनà¥à¤¯ दो बेटियां वा नाती दफन हैं | पूरे à¤à¤µà¤¨ में कबà¥à¤°à¥‹à¤‚, और दीवारों के अतिरिकà¥à¤¤ इसकी छत पर की गयी नकà¥à¤•ाशी à¤à¥€ अदà¤à¥à¤¤ है | यहाà¤-तहाठसोने का तथा अनà¥à¤¯ कीमती रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ और पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² हà¥à¤† है | अकबर की सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की कबà¥à¤° तो आलीशान है ही, उसकी बेटियों की कबà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर संगमरमर के पतà¥à¤¥à¤° पर उकेरी गयी आयतें, और बेल-बूटियाठकला का उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ नमूना है | पूरे मकबरे में कई जगहों पर छतरी का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² à¤à¥€ है, जो मà¥à¤—ल-कालीन इमारतों में कई जगहों पर दिखाई देती हैं, जिनमे से आगरा में फतेहपà¥à¤° सीकरी का नाम विशेष तौर पर उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है | इसमें कहीं कोई दो राय नही कि पूरा मकबरा अपने दोर की मà¥à¤—लिया शानों-शौकत की गवाही हर कदम पर देता है |
संगमरमर के à¤à¤• ही टà¥à¤•ड़े पर की गयी अदà¤à¥à¤¤ नकà¥à¤•ाशी
कबà¥à¤° के पतà¥à¤¥à¤° पर उकेरी गयी अरबी में लिखी आयतें
मà¥à¤—लों के बनवाठकà¥à¤› मकबरे तो वाकई इतने बà¥à¤²à¤‚द और आलीशान हैं कि आपको उनकी मौत से à¤à¥€ रशà¥à¤• हो जाता है | इस काल की जितनी à¤à¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯ इमारतें हैं, उनमे कà¥à¤› ना कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ जरूर है, जिस से आप उनकी à¤à¤µà¤¨-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कला के मà¥à¤°à¥€à¤¦ हो जाà¤à¤, इस मामले में ये मकबरा à¤à¥€ आपको à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ नायाब पल देता है, जब आप, (चितà¥à¤° में लाल घेरे वाले) पतà¥à¤¥à¤° पर खड़े होकर जो à¤à¥€ बोलते हैं, वो इस के हर हिसà¥à¤¸à¥‡ में सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ देता है यानी कि आज के दौर का Public Address System. और आप हैरान तो तब रह जाते हैं जब इस सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ से दो फà¥à¤Ÿ दायें–बाà¤à¤‚ या आगे-पीछे होने पर. आपकी आवाज केवल आप तक ही रह जाती है |
सदियों से, जो मौत इतनी डरावनी और à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ समà¤à¥€ जाती रही है कि कोई अपनी मरजी से उसके पास तक नही जाना चाहता, उसे याद तक नही करना चाहता, à¤à¤¸à¥‡ में उसकी यादगार को कायम रखने के लिठइतने à¤à¤µà¥à¤¯ और आलीशान मकबरों का निरà¥à¤®à¤¾à¤£, वाकई कमाल की बात है |
अकबर की बेटियों वा उसके नातियों की कबà¥à¤°à¥‡à¤‚
मिरà¥à¤œà¤¼à¤¾ ग़ालिब का à¤à¤• शेर इस मौके पर बेसाखà¥à¤¤à¤¾ ही याद आकर लबों पर à¤à¤• हलà¥à¤•ी सी मà¥à¤¸à¥à¤•ान बिखेर देता है –
“ मत पूछ, के कà¥à¤¯à¤¾ हाल है मेरा तेरे पीछे?, सोच के कà¥à¤¯à¤¾ रंग तेरा, मेरे आगे ! “
मिसà¥à¤¤à¥à¤° के पिरामिड और ये मकबरे, à¤à¤¸à¤¾ नही, कि मौत को कोई चà¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥€ देते हों या मौत पर इंसान की जीत का परचम फहराते हों, पर हाठइतना जरूर है कि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखने के बाद मौत इतनी à¤à¥€ बदसूरत नजर नही आती! बहरहाल सूरज अपना जलवा दिखाने को बेकरार हो रहा है, और घड़ी की सà¥à¤ˆà¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥€ सरपट à¤à¤¾à¤— रही हैं, à¤à¤¸à¥‡ में हम फैसला करते हैं कि हमें अपनी ऊरà¥à¤œà¤¾ ताजमहल के लिठà¤à¥€ बचा कर रखनी है | अत:, हम जलà¥à¤¦à¥€ से अकबर के मकबरे को अपनी यादों में समेट, मà¥à¤—लिया सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤ के à¤à¤• बेताज बादशाह को उसकी फराखदिली और पंथ-निरपेकà¥à¤·à¤¤à¤¾ के लिठउसे अपना आखिरी सलाम देते हà¥à¤, à¤à¤• और मकबरे, ताजमहल को देखने आगरा की और कूच कर देते हैं…..