à¤à¤¾à¤°à¤¤ पूरे विशà¥à¤µ में ‘तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का देश’ नाम से विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ है. à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश में हर ऋतॠके अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, हर विचार-à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ à¤à¤µà¤‚ समाज के हर वरà¥à¤— के लिठतà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है. देश में मनाये जाने वाले विविध उतà¥à¤¸à¤µ à¤à¤µà¤‚ तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° हमारे समाज के हर वरà¥à¤— हर जाति-समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के अनेक लोगों को à¤à¤• साथ हरà¥à¤· और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ से परिपूरà¥à¤£ करके à¤à¤• सूतà¥à¤° में संगठित करने का कारà¥à¤¯ करते हैं. हमारे तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° ही हमारी संसà¥à¤•ृति, परंपरा, इतिहास à¤à¤µà¤‚ सामजिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤—ाढ़ता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ देश को संगठिन करने में विशेष योगदान करते हैं.
अलग-अलग सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर अनेक पà¥à¤°à¤•ार के तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हैं जैसे पंजाब में लोहड़ी à¤à¤µà¤‚ बैसाखी, वेसà¥à¤Ÿ बंगाल में दà¥à¤°à¥à¤—ापूजा, असम का बिहॠउतà¥à¤¸à¤µ, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° का गणेश चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के ओणम, पोंगल इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° अपने सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के नाम के साथ पूरे देश à¤à¤° में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हैं. सामूहिक रूप से विशाल जनसमूह दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मनाये जाने वाले कà¥à¤› तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° तो अपने देश में ही नहीं बलà¥à¤•ि समूचे विशà¥à¤µà¤à¤° में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हैं. इन तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के साथ ही उससे समà¥à¤¬à¤‚धित सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ विशेष à¤à¥€ तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° के साथ जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ होने से विशà¥à¤µà¤à¤° में सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हो जाते हैं.
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अनेक तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में रंगों के परà¥à¤µ होली का अपना विशेष महतà¥à¤¤à¥à¤µ है बचà¥à¤šà¥‡-बà¥à¤¡à¥à¤¢à¥‡, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥à¤· सà¤à¥€ इस परà¥à¤µ को उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹, उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ à¤à¤µà¤‚ हरà¥à¤· के साथ मनाते हैं. होली का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• दरà¥à¤¶à¤¨ बà¥à¤°à¤œ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में किया जा सकता है. वसंत पंचमी से ही बà¥à¤°à¤œ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में होली का वातावरण बन जाता है. होली से आठदिन पूरà¥à¤µ यानि होलाषà¥à¤Ÿà¤• पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होते ही पूरा बà¥à¤°à¤œ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° होली के रंग में पूरà¥à¤£ रूप से रंग जाता है. ननà¥à¤¦ गाà¤à¤µ कि होली, मथà¥à¤°à¤¾ की होली, वृंदावन की होली, बरसाना की लठमार होली आदि अलग-अलग दिवसों पर अलग-अलग सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर होली का आयोजन बड़े धूम-धाम से किया जाता है. बरसाना की लठमार होली विशà¥à¤µà¤à¤° में अपने अलग सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª के कारण पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है. देश-विदेश से इस आयोजन को देखने के लिठलाखों कि संखà¥à¤¯à¤¾ में लोग बरसाना में à¤à¤•तà¥à¤°à¤¿à¤¤ होते हैं.
वैसे तो बà¥à¤°à¤œ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के मथà¥à¤°à¤¾ – वृंदावन – गोवरà¥à¤§à¤¨ आदि सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर अनेक बार जाने का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ मिला परनà¥à¤¤à¥ होली के समय में इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करने के लिठइस बार अपनी घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी की दिशा बà¥à¤°à¤œ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की ओर करने का विचार मन में आया और तैयारी होने लगी होली के रंग में रंगे बà¥à¤°à¤œ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के दरà¥à¤¶à¤¨ की. शनिवार 8 मारà¥à¤š, 2014 को ऑफिस के बाद शाम को दिलà¥à¤²à¥€ से टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मथà¥à¤°à¤¾ पहà¥à¤à¤š कर अपने ससà¥à¤°à¤¾à¤² पकà¥à¤· के बà¥à¤† जी-फूफा जी के मथà¥à¤°à¤¾ जंकà¥à¤¶à¤¨ से कà¥à¤› कदमों की दूरी पर रेलवे बंगलो में पहà¥à¤à¤š कर परिजनों से मेल मिलाप के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® किया.
अगले दिन रविवार 9 मारà¥à¤š, 2014 को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ नितà¥à¤¯à¤•रà¥à¤® से निवृतà¥à¤¤ होकर मथà¥à¤°à¤¾ वृंदावन के दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के à¤à¥à¤°à¤®à¤£ की तैयारी करने लगे.
रेलवे बंगलो में घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी से पहले बचà¥à¤šà¥‡ मसà¥à¤¤à¥€ के मूड में.
रेलवे बंगलो में घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी से पहले बचà¥à¤šà¥‡ मसà¥à¤¤à¥€ के मूड में.
à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£à¤¾ की नगरी मथà¥à¤°à¤¾ में à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करने के लिठसरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ जनà¥à¤®à¤à¥‚मि के दरà¥à¤¶à¤¨ किये. शà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ जनà¥à¤®à¤à¥‚मि में कैमरा, मोबाइल व अनà¥à¤¯ इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• सामान ले जाना पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित है
शà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ जनà¥à¤® सà¥à¤¥à¤² के दरà¥à¤¶à¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ कà¥à¤› समय जनà¥à¤®à¤à¥‚मि पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¶à¤¨ व à¤à¥à¤°à¤®à¤£ की रूपरेखा अपने मन में तैयार की. दोपहर 12 बजे के बाद मथà¥à¤°à¤¾-वृंदावन के पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ मंदिर सांय 4 बजे तक दरà¥à¤¶à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठबंद कर दिठजाते हैं. समय अधिक होने के कारण मथà¥à¤°à¤¾ के अनà¥à¤¯ मंदिरों के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठशाम 4 बजे तक पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करनी पड़ती इसलिठमथà¥à¤°à¤¾ के अनà¥à¤¯ मंदिरों के दरà¥à¤¶à¤¨ का विचार छोड़ना पड़ा. बà¥à¤°à¤œà¤à¥‚मि छोटे-बड़े अनेक दरà¥à¤¶à¤¨à¥€à¤¯ धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ को अपने पटल पर संजोये हà¥à¤ है. यहाठपग-पग पर अनेक आकरà¥à¤·à¤• मंदिर, आशà¥à¤°à¤®, मठ, धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ आदि धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² हैं. सीमित समय में सà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¶à¤¨ कर पाना समà¥à¤à¤µ ही नहीं है इसलिठआगे के लिठकà¥à¤› मà¥à¤–à¥à¤¯ व पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के दरà¥à¤¶à¤¨ का ही कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¥à¤® बनाया.
मथà¥à¤°à¤¾ के बाद अब वृंदावन के रमणीय सà¥à¤¥à¤² की और पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया. वृंदावन का कण-कण à¤à¤—वन कृषà¥à¤£ की लीलाओं से ओत-पà¥à¤°à¥‹à¤¤ है इसी कारण वृंदावन को बृजकà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का हृदय à¤à¥€ कहा जाता है. वृंदावन पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के बाद à¤à¥€ अà¤à¥€ मंदिरों के खà¥à¤²à¤¨à¥‡ में बहà¥à¤¤ समय शेष था. समय का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करने के लिठवृंदावन के निधिवन का विचरण कर लेना उचित लगा.
वृंदावन के निधिवन का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ व निकास दà¥à¤µà¤¾à¤°.
वृंदावन का निधिवन अपने आप में अनेक रहसà¥à¤¯, रोमांच और धारà¥à¤®à¤¿à¤• किमà¥à¤µà¤¦à¤‚तियां संजोये हà¥à¤ है. वृंदावन के शà¥à¤°à¥€ बांके बिहारी जी के मंदिर में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ विगà¥à¤°à¤¹ (शà¥à¤°à¥€ बांके बिहारी जी की मूरà¥à¤¤à¥€) का पà¥à¤°à¤¾à¤•टà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤² है निधिवन. कहा जाता है कि निधिवन में à¤à¤—वन शà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ राधाजी के साथ आज à¤à¥€ रासलीला करते हैं. à¤à¤—वानॠके लीलाकाल के समय किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ का निधिवन में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ है. कहा जाता है कि दिन के समय निधिवन में वास करने वाले बनà¥à¤¦à¤°, पकà¥à¤·à¥€ और अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ यहाठतक कि चींटी आदि सूकà¥à¤·à¥à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ à¤à¥€ रासलीला काल में इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से कहीं अनà¥à¤¯à¤¤à¥à¤° चले जाते हैं.
वृंदावन के निधिवन की रज (मिटटी) में सराबोर बालदल.
वृंदावन के निधिवन में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिदास जी समाधी सà¥à¤¥à¤².
निधिवन में विचरने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ अà¤à¥€ à¤à¥€ मंदिरों के दà¥à¤µà¤¾à¤° खà¥à¤²à¤¨à¥‡ में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ समय था. वृंदावन में आकर वृंदावनी लसà¥à¤¸à¥€ का मजा अगर नहीं लिया तो वृंदावन का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ अधूरा ही है. à¤à¥‚ख à¤à¥€ लगी हà¥à¤ थी तो कà¥à¤› खाने-पीने के साथ वृंदावनी लसà¥à¤¸à¥€ का मज़ा उठाने का यही सही समय था. बाकि बचे समय को शà¥à¤°à¥€ यमà¥à¤¨à¤¾ जी का तट पर वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करने का विचार कर पग यमà¥à¤¨à¤¾ तट की ओर चल पड़े. शà¥à¤°à¥€ यमà¥à¤¨à¤¾à¤œà¥€ à¤à¤—वानॠशà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ की अनेक लीलाओं की साकà¥à¤·à¥€ है. शà¥à¤°à¥€ यमà¥à¤¨à¤¾à¤œà¥€ के तट पर बैठकर à¤à¤—वन की चीर-हरण, कालिया-दमन आदि अनेक लीलाओं के दृशà¥à¤¯ आà¤à¤–ों के सामने तैरने लगते हैं. शà¥à¤°à¥€ यमà¥à¤¨à¤¾ जी कि रेत में बचà¥à¤šà¥‡ कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¼à¤¾ करते हà¥à¤ गीले रेत में सराबोर होकर आनंद के खजाने को खोदने लगे. और धीरे-धीरे समय मंदिरों के दà¥à¤µà¤¾à¤° खà¥à¤²à¤¨à¥‡ का हो गया.
वृंदावन शà¥à¤°à¥€ यमà¥à¤¨à¤¾à¤œà¥€ के तट पर रेट और जल कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¼à¤¾ मगà¥à¤¨ बचà¥à¤šà¥‡.
सबसे पहले वृंदावन के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€ बांके बिहारी जी मंदिर के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठमंदिर दà¥à¤µà¤¾à¤° पर दà¥à¤µà¤¾à¤° खà¥à¤²à¤¨à¥‡ की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करने लगे. बांके बिहारी मंदिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ और पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मंदिरों में से à¤à¤• है। बांके बिहारी कृषà¥à¤£ का ही à¤à¤• रूप है जो इसमें पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया है। इसका निरà¥à¤®à¤¾à¤£ सन 1864 में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिदास ने करवाया था. वृंदावन में आने वाला पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दरà¥à¤¶à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ इस मंदिर में शà¥à¤°à¥€ बांके बिहारी जी के दरà¥à¤¶à¤¨ अवशà¥à¤¯ करके अपने यातà¥à¤°à¤¾ को सफल करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करता है.
वृंदावन शà¥à¤°à¥€ बांके बिहारी जी मंदिर का मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤°.
अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मंदिरों में कृषà¥à¤£ बलराम मंदिर (इसà¥à¤•ॉन टेमà¥à¤ªà¤²) जो कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ का मंदिर नाम से à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ है. ISCON के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤à¥à¤ªà¤¾à¤¦ जी के आदेशानà¥à¤¸à¤¾à¤° इस मंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ सन 1975 में करवाया गया. विशà¥à¤µà¤à¤° के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤¦ इसà¥à¤•ॉन मंदिरों में से à¤à¤• वृंदावन का ये à¤à¤• अतिपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मंदिर है. वरà¥à¤·à¤à¤° इस मंदिर में पूरे विशà¥à¤µ के कृषà¥à¤£-à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का यहाठआना-जाना लगा रहता है. मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते ही सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤à¥à¤ªà¤¾à¤¦ जी के महामंतà¥à¤° (हरे कृषà¥à¤£ हरे कृषà¥à¤£ कृषà¥à¤£ कृषà¥à¤£ हरे हरे. हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे) का मानसिक जाप सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हो जाता है. मंदिर में सतत चलने वाला महामंतà¥à¤° का संकीरà¥à¤¤à¤¨ आगंतà¥à¤•ों को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दरà¥à¤¶à¤¨ के साथ नरà¥à¤¤à¤¨ करने को विवश कर देता है.
वृंदावन शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ बलराम मंदिर (इसà¥à¤•ॉन टेमà¥à¤ªà¤²) का दृशà¥à¤¯ (साà¤à¤¾à¤° विकिपीडिया)
राधा वलà¥à¤²à¤ मंदिर, रंगजी मंदिर, शà¥à¤°à¥€ वैषà¥à¤£à¥‹ देवी मंदिर, पà¥à¤°à¥‡à¤® मंदिर अनà¥à¤¯ अनेक वृंदावन के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ आकरà¥à¤·à¤• मंदिर हैं. दिन à¤à¤° के à¤à¥à¤°à¤®à¤£ की थकान के बाद बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ अनà¥à¤¯ मंदिरों के दरà¥à¤¶à¤¨ का विचार तà¥à¤¯à¤¾à¤—ना पड़ा और रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® हेतॠवापिस मथà¥à¤°à¤¾ की ओर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किया.
(बरसाना नंदगाव कि यातà¥à¤°à¤¾ का विवरण आगामी लेख में)