यामà¥à¤¯à¥‡ सदडà¥à¤—े नगरेतिरमà¥à¤¯à¥‡ विà¤à¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¾à¤— विविधैशà¥à¤š à¤à¥‹à¤—िः , सदà¥à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤®à¥‡à¤•म शà¥à¤°à¥€ नागनाथं शरणं पà¥à¤°à¤ªà¤¦à¥à¤¯à¥‡.
(दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¥à¤œà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤¨à¥à¤—सà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤®, कोटिरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¸à¤‚हिता, शिवमहापà¥à¤°à¤¾à¤£)
नांदेड में हजà¥à¤° साहिब सचखंड गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ के पावन दरà¥à¤¶à¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ अब हमारी यातà¥à¤°à¤¾ का अगला गंतवà¥à¤¯ था शà¥à¤°à¥€ औंढा नागनाथ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग दरà¥à¤¶à¤¨.
नांदेड में रणजीतसिंह यातà¥à¤°à¥€ निवास से लगà¤à¤— 10 बजे चेक आउट करने के बाद औंढा के लिठबस पकड़ने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से हम नांदेड के बस सà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ड पर पहà¥à¤à¤š गà¤, वहां जाकर पता चला की औंढा के लिठडाइरेकà¥à¤Ÿ कोई बस उपलबà¥à¤§ नहीं थी अतः हम बसमथ के लिठबस में सवार हो गठऔर बसमथ से बस बदलकर लगà¤à¤— साà¥à¥‡ 12 बजे औंढा नागनाथ पहà¥à¤à¤š गà¤. अब अपनी कहानी को यहाठविराम देकर आपको सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से परिचित करता हूà¤.
शà¥à¤°à¥€ औंढा नागनाथ – à¤à¤• परिचय:
औंढा नागनाथ, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के मराठवाड़ा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हिंगोली जिले के औंढा नामक तालà¥à¤•े (तहसील) में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है, तथा यहाठपर à¤à¤• अति पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ तथा सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° मंदिर में à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ के बारह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गों में से à¤à¤• (सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤- दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¥à¤œà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤¨à¥à¤—à¥à¤¸à¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤‚, कोटिरà¥à¤¦à¥à¤°à¤¸à¤‚हिता, शà¥à¤°à¥€ शिव महापà¥à¤°à¤¾à¤£ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ २९) आठवें कà¥à¤°à¤® के जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग ” नागेशं दारà¥à¤•ावने” सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं, और इसी वजह से इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का महातà¥à¤®à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ धरà¥à¤® गà¥à¤°à¤‚थों तथा पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ मिलता है.
नागेशà¥à¤µà¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में मतà¤à¥‡à¤¦:
शिव महापà¥à¤°à¤¾à¤£ के दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¥à¤œà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤¨à¥à¤—à¥à¤¸à¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤‚ में उलà¥à¤²à¥‡à¤–ित बारह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गों में से कà¥à¤› की à¤à¥Œà¤—ोलिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बारे में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के मत अलग अलग हैं. कारण यह है की सà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤° (शà¥à¤²à¥‹à¤•) में इन जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गों की à¤à¥Œà¤—ोलिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ असà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है अतः लोग अपने अपने तरीके से वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ करते हैं तथा अरà¥à¤¥ निकालते हैं, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ विवादित दो जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग हैं, à¤à¤• है नागेशà¥à¤µà¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग जिसके बारे में कà¥à¤› लोगों का मत है की यह गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•ा के समीप है वहीठअनà¥à¤¯ लोगों का मत है की यह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के मराठवाड़ा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के औंढा नमक गाà¤à¤µ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ नागनाथ मंदिर में है.
ठीक इसी पà¥à¤°à¤•ार शà¥à¤°à¥€ वैदà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग के बारे में à¤à¥€ मतà¤à¥‡à¤¦ है, कà¥à¤› लोगों का मानना है की यह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग à¤à¤¾à¤°à¤–ंड राजà¥à¤¯ में जेसीडीह के करीब देवघर कसबे में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है, वहीठअनà¥à¤¯ लोग मानते हैं की यह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के बीड  जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ परली वैजनाथ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है.
खैर, हमें इस विवाद की और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ न देकर जिस जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर हम आसानी से पहà¥à¤à¤š सकें वहीठसचà¥à¤šà¥€ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ करके संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ होना चाहिà¤.
शà¥à¤°à¥€ नागनाथ मंदिर शिलà¥à¤ª:
शà¥à¤°à¥€ नागनाथ मंदिर का शिलà¥à¤ª बड़ा अनोखा तथा विषà¥à¤®à¤¯à¤•ारी है, मंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯ महाà¤à¤¾à¤°à¤¤à¤•ालीन माना जाता है. पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ से बना यह विशाल मंदिर हेमाड़पंथी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¤à¥à¤¯ कला में निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ है तथा करीब 60000 वरà¥à¤—फà¥à¤Ÿ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में फैला है.मंदिर की चारों दीवारें काफी मजबूती से बनाई गई हैं तथा इसके गलियारे à¤à¥€ बहà¥à¤¤ विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ हैं. सà¤à¤¾ मंडप आठखमà¥à¤à¥‹à¤‚ पर आधारित है तथा इसका आकार गोल है.
मंदिर का सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š शिखर, वानर सेना का कोलाहल
यहाठमहादेव के सामने नंदी नहीं है तथा मà¥à¤–à¥à¤¯ मंदिर के सामने अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर नंदिकेशà¥à¤µà¤° जी का मंदिर अलग से बनाया गया है.
मà¥à¤–à¥à¤¯ मंदिर के चारों ओर बारह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚गों के छोटे मंदिर à¤à¥€ बने हà¥à¤ हैं. मंदिर की दीवारों पर पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ को तराश कर की गई सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° नकà¥à¤•ाशी देखने लायक है, तथा दीवारों पर कई देवी देवताओं की मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ उकेरी गई हैं. शिलाखंडों से निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ इन मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को देखने से मन पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो जाता है. मंदिर की दिवार के à¤à¤• कोने पर बने à¤à¤• शिलà¥à¤ª में à¤à¤—वानॠशिव रूठी हà¥à¤ˆ पारà¥à¤µà¤¤à¥€ जी को मना रहे हैं, यह दà¥à¤°à¤¶à¥à¤¯ देखकर लोग दांतों तले उà¤à¤—लियाठदबा लेते हैं, पतà¥à¤¥à¤° से बनी मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के चेहरों पर कलाकार ने जो à¤à¤¾à¤µ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ किये हैं, लाजवाब हैं.
मंदिर के पारà¥à¤¶à¥à¤µ में, विषà¥à¤£à¥ जी की मूरà¥à¤¤à¤¿
अनà¥à¤¯Â महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हिनà¥à¤¦à¥‚ मंदिरों की तरह इस मंदिर पर à¤à¥€Â धरà¥à¤®à¤¾à¤‚ध औरंगजेब की कà¥à¤¦à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ पड़ी तथा उसने मंदिर का उपरी आधा à¤à¤¾à¤— धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ कर दिया था, लेकिन अचानक हज़ारों की संखà¥à¤¯à¤¾Â में कहीं से à¤à¥à¤°à¤®à¤° (à¤à¥Œà¤°à¥‡à¤‚) आ गठतथा औरंगजेब के सैनिकों पर टूट पड़े, अंततः औरंगजेब को अपनी सेना समेत वापस लौटना पड़ा (यह और कà¥à¤› नहीं à¤à¤—वानॠका चमतà¥à¤•ार ही था).
बाद में इंदौर की महारानी पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¶à¥à¤²à¥‹à¤•ा देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆÂ होलकर जो की सà¥à¤µà¤¯à¤‚ शिव की बहà¥à¤¤ बड़ी à¤à¤•à¥à¤¤ थी ने इस मंदिर का उपरी टà¥à¤Ÿà¤¾Â हà¥à¤†Â हिसà¥à¤¸à¤¾Â पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¤Â करवा कर मंदिर का जीरà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤°Â करवाया, अतः उनकी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿Â में मंदिर परिसर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ से पहले ही मातà¥à¤¶à¥à¤°à¥€Â अहिलà¥à¤¯à¤¾Â बाई होलकर की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾Â विराजमान है.
मंदिर का उपरी आधा à¤à¤¾à¤— जो की औरंगजेब ने धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ कर दिया था तथा बाद में देवी अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई ने बनवाया, सफ़ेद रंग से पà¥à¤¤à¤¾à¤ˆ किया हà¥à¤† है, तथा मंदिर का आधा निचला हिसà¥à¤¸à¤¾ जो की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ है अà¤à¥€ à¤à¥€Â काला ही है, यानी उस हिसà¥à¤¸à¥‡Â पर पà¥à¤¤à¤¾à¤ˆ नहीं की जाती.
शà¥à¤°à¥€ नागनाथ मंदिर का अनोखा गरà¥à¤à¤—ृह:
इस मंदिर की à¤à¤• विशेषता है की यहाठगरà¥à¤ गृह सà¤à¤¾ मंडप के सामानांतर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ न होकर, सà¤à¤¾ मंडप के निचे सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ गà¥à¤«à¤¾ नà¥à¤®à¤¾ तलघर में है, मैंने इस तरह का मंदिर इससे पहले कà¤à¥€ नहीं देखा, सà¤à¤¾ मंडप के à¤à¤• कोने में चौकोर आकार का à¤à¤• दà¥à¤µà¤¾à¤° है तथा इस दà¥à¤µà¤¾à¤° से सीढियाठलगी हैं जो की निचे तलघर में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ गरà¥à¤à¤—ृह तक जाती हैं, रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ इतना छोटा है की à¤à¤• बार में à¤à¤• ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तलघर में जा या आ सकता है.
अनà¥à¤¦à¤° गरà¥à¤ गृह à¤à¥€ बहà¥à¤¤ छोटा है तथा à¤à¤•साथ केवल आठया दस लोग ही पूजा कर सकते हैं, उंचाई à¤à¥€ इतनी कम है की वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ खड़ा नहीं हो सकता सिरà¥à¤« à¤à¥à¤• कर या बैठकर ही रहा जा सकता है, जबकि मंदिर बहà¥à¤¤ विशाल है, तलघर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ गà¥à¤«à¤¾ नà¥à¤®à¤¾Â गरà¥à¤ गृह के ठीक ऊपर वाली मंजिल पर बहà¥à¤¤ जगह है जहाठसà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤œà¤¨à¤• गरà¥à¤à¤—ृह आसानी से बनाया जा सकता था, फिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ इतनी छोटी सी जगह पर जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया जहाठठीक से खड़ा à¤à¥€ नहीं रहा जा सकता, मेरी समठसे बाहर था, मà¥à¤à¥‡ तो यह मंदिर बड़ा ही रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ लगा. अनà¥à¤¦à¤° गरà¥à¤à¤—ृह में मधà¥à¤¯à¤® आकार का जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ है, जो की चांदी के आवरण से ढंका रहता है तथा समय समय पर अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के लिठआवरण को हटाया जाता है.
यहाठपर गरà¥à¤à¤—ृह में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को सीधे जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग पर पूजन तथा अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ है. यह जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग रेत से निरà¥à¤®à¤¿à¤¤Â है, à¤à¤•à¥à¤¤Â गण अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के दौरान अपने हाथों से रेत को महसूस कर सकते है.
तलघर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ गरà¥à¤à¤—ृह का अति संकरा पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤°
गरà¥à¤à¤—ृह के इस अदà¥à¤à¥à¤¤ निरà¥à¤®à¤¾à¤£, तथा बहà¥à¤¤Â संकरा होने तथा जगह बहà¥à¤¤ कम होने की वजह से कई बार वृदà¥à¤§Â à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ तथा बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिà¤Â गरà¥à¤à¤—ृह में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶Â  जोखिम à¤à¤°à¤¾ हो सकता है. फरà¥à¤¶ हर समय गीली होने तथा पà¥à¤°à¤•ाश की कमी की वजह से फिसलने का à¤à¥€Â डर होता है, लेकिन यह à¤à¥€Â सच है की à¤à¤—वानà¥Â के दरà¥à¤¶à¤¨Â मà¥à¤¶à¥à¤•िलों तथा जोखिमों से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ के बाद ही होते हैं.
वैसे à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾Â के लिà¤Â मंदिर पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨Â ने पà¥à¤–à¥à¤¤à¤¾Â इंतज़ाम किये हà¥à¤Â हैं, जगह जगह पर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾Â की दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¿Â से सिकà¥à¤¯à¥‹à¤°à¤¿à¤Ÿà¥€Â गारà¥à¤¡à¥à¤¸Â तैनात रहते है. गरà¥à¤à¤—ृह वातानà¥à¤•ूलित है जो की à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को गरà¥à¤®à¥€Â में शीतलता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨Â करता है.
मंदिर समय सारणी:
सामानà¥à¤¯ दिनों में नागनाथ मंदिर के दà¥à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¬à¤¹ 4 बजे खà¥à¤²à¤¤à¥‡ हैं तथा रातà¥à¤°à¤¿ 9 बजे बंद हो जाते हैं, लेकिन विशेष दिनों तथा उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ के दौरान समय बढ़ा दिया जाता है. शà¥à¤°à¥‚ के à¤à¤• घंटे में मंदिर के पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ पूजन अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करते हैं तथा इस दौरान à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को गरà¥à¤à¤—ृह में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नहीं दिया जाता.  12 से 12 :30 के बिच महानैवेदà¥à¤¯Â तथा आरती होती है. शाम 4 से 4 :30  के बिच शà¥à¤°à¥€à¤¸à¥à¤¨à¤¾à¤¨Â à¤à¤µà¤‚ पूजा होती है इस दौरान à¤à¥€Â  à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को गरà¥à¤à¤—ृह में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नहीं दिया जाता. 8 :30 से 9 :00 के बिच शयन आरती होती है.
परिसर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• अनà¥à¤¯ मंदिर में सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° शिवलिंग.
मंदिर के पणà¥à¤¡à¥‡ पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€:
यहाठके पणà¥à¤¡à¥‡ पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€ बड़े सहयोगी सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ के हैं तथा à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की हरसंà¤à¤µ मदद करते है. पूजा अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• à¤à¥€ बड़े विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ रूप से अचà¥à¤›à¥€ तरह से करवाते है. बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ की à¤à¥€ मांग नहीं करते हैं, 151 से 251 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ के बिच पंचामृत सहित रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया जा सकता है. हमने जिन पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी से अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करवाया था उनका मृदॠवà¥à¤¯à¤µà¥à¤¹à¤¾à¤° तथा सहयोग à¤à¤µà¤‚ मन पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ कर देने वाला अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• हमारी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में सदा केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ रहेगा. अपने साथी घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾Â के लिà¤Â मैं उनका मोबाइल नंबर यहाà¤Â देना चाहूà¤à¤—ा - पं. दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤Â जी - 09420576066 .
ठहरने  की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾:
औंढा, हिंगोली जिले में à¤à¤• छोटा सा क़सà¥à¤¬à¤¾ है, जो की हिंगोली शहर से लगà¤à¤— 30 किलोमीटर की दà¥à¤°à¥€ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. पà¥à¤°à¥‡Â गाà¤à¤µÂ की अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤¾Â तीरà¥à¤¥Â यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर ही निरà¥à¤à¤°Â है. मंदिर की बढती लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾Â के बावजूद à¤à¥€ यहाà¤Â ठहरने के लिठसरà¥à¤µÂ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤Â आवास की कमी है. मंदिर पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾Â निरà¥à¤®à¤¿à¤¤Â यातà¥à¤°à¥€Â निवास उपलबà¥à¤§Â है, लेकिन नà¥à¤¯à¥‚नतम सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं के साथ. वैसे मंदिर पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ यहाठयातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® के लिठà¤à¤• सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾Â यà¥à¤•à¥à¤¤Â धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾Â बनाने के लिà¤Â पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤Â है.
खाने के लिà¤Â ठीक ठाक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है, लेकिन पिने के पानी का सà¥à¤µà¤¾à¤¦Â थोडा सा अपà¥à¤°à¤¿à¤¯Â है, अतः यहाà¤Â मिनरल वाटर पिने की सलाह दी जाती है. छोटे छोटे रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚ हैं जो मराठी, पंजाबी तथा गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€Â à¤à¥‹à¤œà¤¨Â उपलबà¥à¤§Â करते हैं, लेकिन जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾Â अचà¥à¤›à¥‡Â खाने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦Â नहीं की जा सकती.
कैसे पहà¥à¤‚चें:
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥‚ तीरà¥à¤¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ की सही पहचान की तरà¥à¤œ पर औंढा नागनाथ की यातà¥à¤°à¤¾ थोड़ी दà¥à¤·à¥à¤•र ही है. बड़े शहरों से यहाठपहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठसीधी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ नहीं है. अपनी यातà¥à¤°à¤¾ को कà¥à¤› à¤à¤¾à¤—ों में बाà¤à¤Ÿ कर ही यहाठपहà¥à¤‚चा जा सकता है. हिंगोली तक पहà¥à¤‚चकर वहां से सीधे औंढा के लिठमहाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° राजà¥à¤¯ परिवहन की बस के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पहà¥à¤‚चा जा सकता है, या फिर नांदेड पहà¥à¤à¤š कर वहां से बसमथ और फिर बस बदल कर औंढा पहà¥à¤‚चा जा सकता है, या फिर हिंगोली या नांदेड से पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ जीप लेकर à¤à¥€ यहाठपहà¥à¤‚चा जा सकता है.
अपनी कहानी:
सà¥à¤¬à¤¹ से à¤à¥‚खे होने की वजह से साढ़े बारह बजे औंढा पहà¥à¤à¤š कर सबसे पहले हमने बस सà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤‚ में नाशà¥à¤¤à¤¾ किया, और उसके बाद हम चल दिठमंदिर की और दरà¥à¤¶à¤¨ के लिà¤. यहाठà¤à¤• बात बताना चाहूà¤à¤—ा की यहाठपर मंदिर बिलकà¥à¤² बस सà¥à¤Ÿà¥‰à¤ª के ठीक सामने ही है तथा बस से उतारते ही मंदिर परिसर दिखाई देता है, याने न किसी से पूछने की जरà¥à¤°à¤¤ और न ही ऑटो रिकà¥à¤¶à¤¾ ढूंढने की जेहमत.
मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ के बाद मंदिर को देखते ही माठà¤à¤¾à¤µ विà¤à¥‹à¤° हो गया, पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शिलà¥à¤ªà¤•ला का à¤à¤• नायाब नमूना, बड़ा सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° मंदिर था. कà¥à¤› ही देर में पंडित जी से अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के बारे में बात करके हम दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिà¤Â लाइन में लग गà¤. गरà¥à¤ गृह में पहà¥à¤à¤š कर à¤à¤—वानॠके समीप बैठकर करीब आधे घंटे तक रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• का आनंद उठा कर इशà¥à¤µà¤° को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ देते हà¥à¤ हम मंदिर से बहार आ गà¤.
इसी के साथ मैं अपनी यह पोसà¥à¤Ÿ यहीं समापà¥à¤¤ करता हूठइस वादे के साथ की हम जलà¥à¤¦ ही दरà¥à¤¶à¤¨ करेंगे à¤à¤• और जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग के अपनी पोसà¥à¤Ÿ के माधà¥à¤¯à¤® से. तब तक के लिअ……. ॠनमः शिवाय…………………………………………