अभी तक आपने अमृतसर के दो दिनों के बारे में पढ़ा। प्रोत्साहात्मक टिप्पणियों के अलावा कीमती सुझाव भी मिले जिनका ध्यान इस पोस्ट में रखने का पूरा प्रयत्न करूंगा।
अमृतसर से ट्रेन चली तो जालंधर, लुधिअना, मोरिंडा और मोहाली होती हुई कुछ 4.30 घंटे में चंडीगढ़ रात 10 बजे पहुंची। स्टेशन से निकल कर होटल टॉय के लिए ऑटो लिया और 20 मिनट में हम होटल पहुँच गए। वहां पता लगा कि हमारा रूम कॉम्प्लिमेंटरी अपग्रेड कर दिया गया है और हमें सुइट दिया गया।
यह होटल सेक्टर 34 की मार्किट में है और एक अच्छा बजट होटल है। रूम टैरिफ Rs. 3000 से 4000 तक है जिसमें ब्रेकफास्ट शामिल है। हमारा रूम बहुत ही बड़ा था। होटल मैन रोड पर होने के बावजूद रूम बिलकुल साउंड प्रूफ था। दिन भर के थके हम जल्दी जल्दी डिनर कर के सो गए। होटल का खाना काफी अच्छा है और प्रति सर्विंग में मात्रा भी काफी ज्यादा है।
Hotel Toy room
चंडीगढ़
अगले दिन का कार्यक्रम काफी रिलैक्स था तो हम लोग 8 बजे तक उठे। तैयार हो कर ब्रेकफास्ट करने पहुंचे और रेस्टोरेंट के बाहर टेरेस पर एक मेज पकड़ ली। अच्छे से ब्रेकफास्ट कर टैक्सी ड्राइवर को फ़ोन किया और 12 बजे आने के लिए बोला। फिर वापस रूम में आकर थोड़ा रिलैक्स हुए और दिन भर कर प्रोग्राम डिस्कस किया। 12 बजे चेकआउट कर सामान गाड़ी में डाला और सबसे पहले सेक्टर ३५ की मार्किट पहुंचे जो काफी पास थी। खरीदारी कुछ ख़ास करनी नहीं थी इसलिए थोड़ा बहुत टहले। फिर “Hot Millions” में लंच करने पहुंचे जो चंडीगढ़ के एक मशहूर रेस्टोरेंट चैन है। यहाँ का chinese veg sizzler और veg कबाब must try है। कुछ 500 rs लंच निपटा कर हम फिर से घूमने निकल पड़े। सबसे पहले रोज गार्डन, फिर रॉक गार्डन और एंड में सुकना झील पहुंचे।
Chinese sizzler – Hot Millions
इस पर भी बढ़िया ये रहा कि पूरा आसमान बादलों से ढका था और रुक रुक कर बारिश भी हो रही थी। इस से मौसम बहुत ही सुहावना हो गया था।
रोज गार्डन में कई तरह के गुलाब व अन्य प्रकार के फूल हैं और ये गार्डन इतना बड़ा है की पैदल पूरा घूमने में एक अच्छी खासी सैर हो जाती है। 1967 में चंडीगढ़ के पहले चीफ कमिश्नर द्वारा डेवेलप कराया गया ये गार्डन लगभग 30 एकड़ में फैला हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ लगभग 1500 प्रजातियों के कुछ 50000 पौधे हैं। इसके ठीक सामने शांति कुञ्ज गार्डन है जो रोज गार्डन जितना बड़ा तो नहीं है मगर बहुत ही सुन्दर है।
Rose Garden
Rose Garden
Rose Garden
रॉक गार्डन एक अद्भुत कृति है जहाँ waste चीजों से इतने सारी और बहुत ही सुन्दर आकृतिया बनी हुई हैँ . श्री नेक चंद जी द्वारा बनाया गया ये गार्डन ४० एकड़ में फैला हुआ है। यहां ज्यादा तर आकृतियां वेस्ट बोतल, प्लेट, सिरेमिक टाइल्स इत्यादि से बनी हैं। इसके अलावा यहां एक मानव निर्मित झरना भी है।
Rock Garden
Rock Garden
Rock Garden
सुखना झील तो चंडीगढ़ की सुंदरता को और भी बढ़ा देती है। झील के दूसरी तरफ दिखती शिवालिक पहाड़िया इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगाती हैं। यहाँ पहुँच कर हमने बेटे को टॉय ट्रैन में घुमाया। झील में बोटिंग का प्रोग्राम बना ही रहे थे कि झमाझम बारिश शुरू हो गयी। एक बार शुरू हुई तो फिर रुकने का नाम ही नहीं लिया। वहां घूमने आये सभी लोग शेड के नीचे ही खड़े रहे और उस मौसम का आनंद लेते रहे।
Toy Train
Sukhna Lake
कुछ देर रुकने में बाद हम लोग स्टेशन की तरफ चले क्यूंकि ट्रेन का समय होने वाला था। स्टेशन पहुँच औरटैक्सी वाले को किराया दे हम प्लेटफार्म पर पहुंचे।
कुछ देर में ट्रैन आई और हम अपने कोच में पहुंच गए। देखा तो हमारी सीट बिलकुल डोर के पास थी जिस से आने जाने वालों का डिस्टरबैन्स बना रहता है। लेकिन पूरे सफर में ऐसी दिक्कत नहीं हुई।
ये 3 दिन बहुत ही जल्दी कटे और ऐसा लगता रहा जैसे हम बहुत सारी जगहैं नहीं घूम पाये। लेकिन इन ३ दिनों को याद करने पर कुछ सबक जरूर मिले :
1 . परिवार और छोटे बच्चे के साथ बाहर जयिें तो कार्यक्रम बहुत रिलैक्स रखिएं।
2 . एक बार में 2 या 3 स्टेशन ही रखिएं।
3 . जितनी बुकिंग्स (ट्रैन, टैक्सी, होटल आदि) एडवांस हो जाये उतना अच्छा।
4 . बजट प्लानिंग बहुत जरूरी है। सौभाग्य से मेरी किसी भी यात्रा का बजट 10 – 15 % से ज्यादा नहीं बढ़ता है।
5 . और अंत में – मैं खुद काफी ट्रेवल करता हूँ (ज्यादातर ऑफिशल ) मगर परिवार के लिए साल में 1 या 2 ही प्रोग्राम बन पाते हैँ। इसलिए कोशिश करता हूँ इनका सफर, होटल आदि आरामदायक रहे ताकि हम सब लोग अच्छी यादों के साथ वापस जा पाएं।
इसके साथ ही, अगले सफर तक के लिए सभी को शुक्रिया और “फिर मिलेंगे”