इस यातà¥à¤°à¤¾ मे सबसे अचà¥à¤›à¥€ नींद रà¥à¤®à¥à¤¤à¥à¤¸à¥‡ मे आई थी। रात को सोने से पहले खूब मौज-मसà¥à¤¤à¥€ जो की थी। आज सà¥à¤¬à¤¹ हम लोग 6 बजे उठे थे। चाय पीने के बाद और दà¥à¤•ानदार का हिसाब-किताब करके हम गाड़ी मे जा बैठे। तà¤à¥€ बगल वाली दà¥à¤•ान से à¤à¤• आदमी à¤à¤¾à¤—ते हà¥à¤ आया। उसने कहा की अगर आप लोगों को आपतà¥à¤¤à¤¿ न हो तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ मोरे पà¥à¤²à¥‡à¤¨à¥à¤¸ (Moree Plains) तक ले चलो। हमे कà¥à¤¯à¤¾ आपतà¥à¤¤à¤¿ होनी थी उलà¥à¤Ÿà¤¾ गाड़ी के अंदर जितने जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग उतनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गरà¥à¤®à¥€à¥¤ वो अपने सामान के साथ पिछली वाली सीट मे बैठगया। हमने पà¥à¤›à¤¾ à¤à¤¾à¤ˆ मोरे पà¥à¤²à¥‡à¤¨à¥à¤¸ (more plains) जैसी जगह मे उतर कर कà¥à¤¯à¤¾ करोगे। वहां पर तो कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है। पता चला की वो à¤à¤• गाइड है और कà¥à¤› फिरंगी लोगों को टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग पर ले जाने वाला है। ओह अब समठमे आया की सामान मे लकड़ी के डंडे नहीं बलà¥à¤•ि टà¥à¤°à¥‡à¤•िंग सà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥à¤¸ है। चलो देर से आठपर दà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ आà¤à¥¤ गाइड को मोरे पà¥à¤²à¥‡à¤¨à¥à¤¸ पर उतार कर हम लोग “तागà¥à¤²à¤‚गला ला” की ओर बà¥à¤¨à¥‡ लगे। आज “तागà¥à¤²à¤‚गला ला” पर हलà¥à¤•ी बरà¥à¤« की चादर सी बिछ लगी थी। वहाठपर बहà¥à¤¤ तेज़ हवा चल रही थी। हरी बरà¥à¤« को देख कर इतना खà¥à¤¶ और उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ हो गया कि टी-शरà¥à¤Ÿ (T-Shirt) मे ही फोटो खिचाने लगा।
यहाठसे आगे चल कर हमे पैंग पर रà¥à¤•ना था। ये वही मनहूस जगह है जहाठपर हम लोग पूरी रात सो नहीं पाठथे। यहाठपर रà¥à¤•ने का मन तो नहीं था पर राहà¥à¤² का मोबाइल खो जाने की वजह से फिर इस जगह के दरà¥à¤¶à¤¨ करने पड़े। हम लोग टेंट के अंदर गठऔर आंटी हमे देख कर मà¥à¤¸à¥à¤•रा उठी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मोबाइल संà¤à¤¾à¤² के रखा हà¥à¤† था ये सोच कर की शायद अगर हम इसी रासà¥à¤¤à¥‡ से वापस आठतो हमे मोबाइल मिल जाà¤à¤—ा। उनका ये सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µ देख कर मन पिघल सा गया था। मोबाइल मिल जाने की वजह से राहà¥à¤² बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ था। हम सब à¤à¥€ खà¥à¤¶ थे कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि मोबाइल की वजह से हमे इसी रासà¥à¤¤à¥‡ से वापस जाना पड़ रहा था अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ हम तो कारगिल होते हà¥à¤ जाने वाले थे। अगर मोबाइल नहीं मिलता तो बहà¥à¤¤ निराशा होती। आंटी को दिल से धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ देकर हम आगे की ओर चल दिà¤à¥¤
आज हमारा कोई पà¥à¤²à¤¾à¤¨ नहीं था कोशिश सिरà¥à¤« ये थी की जितना हो सके उतनी दूरी तेय करनी थी। अगर रोहतांग पार कर लेते तो मनाली मे रात बिताते पर à¤à¤¸à¤¾ नहीं हà¥à¤†à¥¤ आज मौसम बहà¥à¤¤ छà¥à¤ªà¤¨-छà¥à¤ªà¤¾à¤ˆ खेल रहा था। कà¤à¥€ धà¥à¤ª, कà¤à¥€ कोहरा, कà¤à¥€ बारिश की बूà¤à¤¦à¥‡à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था की हमे डराने की कोशिश हो रही हो। रासà¥à¤¤à¥‡ के किनारे बरà¥à¤« à¤à¥€ जमी हà¥à¤ˆ थी। इस वक़à¥à¤¤ गाड़ी मैं चला रहा था। इस बार कहीं न कहीं मेरे अंदर डर था। सड़क गीली थी इसलिठमैं गाड़ी धीरे चला रहा था। कोहरा बà¥à¤¨à¥‡ लगा था और काले बादल मंडराने लगे थे। राहà¥à¤² ने कहा की आगे पकà¥à¤•ा बारिश हो रही होगी। à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था कि गाड़ी बादलों मे दौड़ रही है। à¤à¤•ा-à¤à¤• बादल गरजने लगे और साथ ही मेरे अंदर का डर à¤à¥€ बà¥à¤¨à¥‡ लगा। देखते ही देखते जोरों से बरà¥à¥žà¤¬à¤¾à¤°à¥€ होने लगी। हरी पागल सा हो गया था। मैंने गाड़ी की सारी लाइट जला दी और साथ मे पारà¥à¤•िंग इंडिकेटर à¤à¥€ चालू कर दिà¤à¥¤ आज कई घंटो हो चले थे पर कà¥à¤› गिनी चà¥à¤¨à¥€ गाड़ियाठही नज़र आई थी। यही सोच कर बीच सड़क मे ही गाड़ी रोक दी कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि सà¥à¤¨à¥‹ फॉल देख कर हरी बावला हो चला था। हरी साउथ का रहने वाला था पहली बार तो पहाड़ो मे आया था और ऊपर से सà¥à¤¨à¥‹ फॉल का Live Telecast देख कर अपना नियंतà¥à¤°à¤£ खो बैठा था।
इतना उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ कि खà¥à¤¦ ही अपने ऊपर बरà¥à¥ž के टà¥à¤•ड़े डाल लिà¤à¥¤
यहाठसे आगे निकलने के बाद हमे साफ़ मौसम के दरà¥à¤¶à¤¨ नहीं हà¥à¤à¥¤ कहीं पर धà¥à¤‚ध तो कहीं पर बारिश। शाम के चार बजे तक हम केलोंग (Keylong) पहà¥à¤à¤š गठथे। पर ये तेय हो गया था कि हम आज रोहतांग पार नहीं कर सकते थे। बारिश के कारण पहाड़ों से छोटे-मोटे पतà¥à¤¥à¤° सरक कर सड़क पर आ गठथे। बड़ी ही सावधानी से चलना पड़ रहा था। तà¤à¥€ आगे टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• जाम मिल गया। कà¥à¤› पैदल चालकों से पता चला की माल से लदी हà¥à¤ˆ जीप गडà¥à¤¡à¥‡ मे फà¤à¤¸ गयी है उसको निकालने का काम चल रहा है पर थोडा टाइम लगेगा। मैंने तà¥à¤°à¤‚त गाड़ी का इंजन बंद कर दिया। कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि इस टà¥à¤°à¤¿à¤ª मे गाड़ी के साथ दो घटनाà¤à¤ हमारे साथ à¤à¥€ हो चà¥à¤•ी थी। à¤à¤• बार अंकल का Dare Devil वाला सà¥à¤Ÿà¤‚ट और दूसरी बार मेरे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ Over Confident होकर गाड़ी का à¤à¤• टायर रेत मे फà¤à¤¸à¤¾ डालना और इसके ऊपर से अंकल की कोशिश करने के बाद चारों टायर का रेत मे धà¤à¤¸ जाना। अंकल की इस कोशिश को अब आप सोने-पर-सà¥à¤¹à¤¾à¤—ा कह लो या शेर-के-ऊपर-सवा-शेर। करीब आधे घंटे के बाद जाम खà¥à¤² गया।
केलोंग से टांडी, सिसà¥à¤¸à¥‚ होते हà¥à¤ हम कोखà¥à¤¸à¤° (Kokhsar) पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ गाड़ी को à¤à¤• टेंट के बाहर खड़ा करके हम लोग सबसे पहले फà¥à¤°à¥‡à¤¶ हà¥à¤à¥¤ इसी टेंट मे रात गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ के लिठचार बिसà¥à¤¤à¤° ले लिà¤à¥¤ रम (Rum) के साथ अंडा à¤à¥à¤°à¥à¤œà¥€ का आनंद लिया गया। टेंट के अंदर लगे dish tv पर à¤à¤• पिकà¥à¤šà¤° देखी, अà¤à¥€ नाम याद नहीं आ रहा है। उसके बाद मटन और चांवल खा कर बिसà¥à¤¤à¤° की और चल दिà¤à¥¤ आदत के मज़बूर अंकल आज à¤à¥€ गाड़ी के अंदर ही सोà¤à¥¤ सही माने तो इन बिसà¥à¤¤à¤° से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आराम देह तो गाड़ी की सीट ही हैं।
अगली सà¥à¤¬à¤¹ हम लोग आराम से उठे। मैं राहà¥à¤² और हरी चंदà¥à¤°à¤¾ नदी के पास फà¥à¤°à¥‡à¤¶ होने चले गà¤à¥¤ वहीठपर दनà¥à¤¤-मंजन और हाथ-मà¥à¤¹ à¤à¥€ धो डाले थे। पिछली रात का हिसाब रात मे ही कर डाला था। चाय-बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ खाकर हम यहाठसे निकल पड़े। अब हम रोहतांग की और चà¥à¤¾à¤ˆ कर रहे थे। आज अचà¥à¤›à¥€ धà¥à¤ª निकली हà¥à¤ˆ थी। सà¥à¤¬à¤¹ के नज़ारे बहà¥à¤¤ मनमोहक थे। à¤à¤¸à¥‡ नज़रों का सà¥à¤µà¤¾à¤¦ बिना चखे आगे बà¥à¤¨à¥‡ का मन नहीं किया और गाड़ी को à¤à¤• बार फिर से रोक दिया।
यहाठसे बिना रà¥à¤•े हम करीब 11 बजे मनाली पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ मेन मारà¥à¤•िट मे ही à¤à¥‹à¤œà¤¨ कर लिया और फिर से हम चल दिà¤à¥¤ आज हम मणिकरण जाने वाले थे। मणिकरण मे à¤à¤• गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ है और उसी के पीछे à¤à¤• शिव मंदिर à¤à¥€ है। मनाली से मणिकरण करीब 80 km की दूरी पर है। कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ के पास सेब की मंडी दिखी गाड़ी रोक कर दो पेटी सेब खरीद लिà¤à¥¤ à¤à¤• पेटी लाल सेब और दूजी हरे वाले गोलà¥à¤¡à¤¨ सेब। 30 – 40 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ किलो के हिसाब से सेब बिक रहा था। इसके विपरीत दिलà¥à¤²à¥€/नॉà¤à¤¡à¤¾ मे तो आग लगी हà¥à¤ˆ थी, मेरा मतलब 80 – 110 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ किलो। कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ से आगे à¤à¥à¤¨à¥à¤Ÿà¤° के बाद हमने गाड़ी दाà¤à¤ और मणिकरण जाने वाले रासà¥à¤¤à¥‡ की और मोड़ ली। यहाठसे सड़क की चौड़ाई थोड़ी कम हो गयी थी और थोडा टूटा-फूटा à¤à¥€ था। मणिकरण से 2-3 km पहले à¤à¤• कसोल (kasol) नाम की जगह आती है यहाठपर बहà¥à¤¤ फिरंगी लोग रहने आते हैं या यूठकहा जाये की छà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤ मानाने आते हैं। यह जगह मिनी इजराइल (mini israel) के नाम से à¤à¥€ मशहूर है। ये लोग यहाठमौज-मसà¥à¤¤à¥€ करने आते है। मेरा कà¤à¥€ विचार बनेगा तो इस जगह 2-3 दिन ज़रूर ठहरूà¤à¤—ा। इस जगह को पार करने के बाद हम दोपहर के 2:30 बजे मणिकरण गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ पहà¥à¤à¤š गठथे।
मेरे पास गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ का à¤à¤• ही फोटो है, वो à¤à¥€ साइड से लिया हà¥à¤† है। सामने से लिया हà¥à¤† फोटो राहà¥à¤², हरी या मनोज के पास जरूर होगा पर उन लोगों से माà¤à¤—ने मे इस पोसà¥à¤Ÿ की छपाई मे विलमà¥à¤¬ न हो जाठइसलिठसाइड से लिया हà¥à¤† फोटो ही लगा दिया है। इसके लिठमाफ़ी चाहता हूà¤à¥¤
यहाठपर पारवती नदी बहती है और पà¥à¤°à¤•िरà¥à¤¤à¤¿à¤• गरà¥à¤® पानी के सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है। इनà¥à¤¹à¥€ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ के पानी को गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ के à¤à¤• कà¥à¤‚ड इकà¥à¤•ठा किया हà¥à¤† है। हम दरà¥à¤¶à¤¨ करने से पहले गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ मे बने टॉयलेट मे फà¥à¤°à¥‡à¤¶ हà¥à¤à¥¤ इसके बाद गरà¥à¤® पानी के कà¥à¤‚द मे जाकर नहाà¤à¥¤ नाहने के बाद सारी थकान मिट गयी थी और हम फिर से बिलकà¥à¤² hot & young फील कर रहे थे। :-)
इसके बाद हमने गà¥à¤°à¥‚दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ मे दरà¥à¤¶à¤¨ किठऔर वहीठलंगर खाया। इसके बाद कà¥à¤› देर सेवा मे बरà¥à¤¤à¤¨ धोà¤à¥¤ सेवा देकर बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगा।
दà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ से पीछे की तरफ बाज़ार से होते होठहम अब शिव मंदिर जा पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ और मंदिर à¤à¤• दूसरे से बिलकà¥à¤² सटे हà¥à¤ हैं। यहाठपर अंदर से à¤à¤• दरवाज़ा है जो की वहाठके करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठहै। आम जनता के लिठनहीं। शिव मंदिर मे à¤à¥€ गरà¥à¤® पानी à¤à¤• छोटा सा कà¥à¤‚ड है जिसमे दाल और चाà¤à¤µà¤² उबल रहे थे। हमारे वहां पर पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ ही à¤à¤• सरदार जी आठऔर रसà¥à¤¸à¥€ खींचने लगे। हमने देखा कि उस रसà¥à¤¸à¥€ से दो बरà¥à¤¤à¤¨ लटके हà¥à¤ थे, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बरà¥à¤¤à¤¨ के मà¥à¤– से कपड़ा हटा कर देखा और चाà¤à¤µà¤² वाला à¤à¤—ोना लेकर चले गठऔर दाल वाला फिर से उबलने के लिठकà¥à¤‚ड मे डाल गà¤à¥¤ हमने सोचा सही है à¤à¤¾à¤ˆ गैस का तो खरà¥à¤šà¤¾ तो à¤à¤•दम बच गया।
मंदिर के दीवार पर मणिकरण का महातà¥à¤®à¤¯ लिखा हà¥à¤†à¥¤ सच कहूठतो मैंने आज तक इसको पà¥à¤¾ नहीं है। आप लोगों की जानकारी के इस फोटो को लगा रहा हूà¤à¥¤
मंदिर के दीवार पर शिव पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¥¤ धà¥à¤à¤ से अंदाजा लगा लो कि कà¥à¤‚ड का पानी कितना गरà¥à¤® है।
मंदिर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गन मे शिव जी के ननà¥à¤¦à¥€ बैल।
यहाठसे शाम के करीब 5 बजे हम चल दिठथे। हमारे पà¥à¤²à¤¾à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• सब जगह के दरà¥à¤¶à¤¨ हो गठथे, अब हमे सिरà¥à¤« घर वापस पहà¥à¤‚चना था। तेय हà¥à¤† की जब à¤à¥‚ख लगेगी और नींद आने लगेगी तà¤à¥€ गाड़ी रोक लेंगे। रात के 8:30 बजे हम सà¥à¤‚दर नगर जा पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ यहाठपर à¤à¤• होटल मे दो रूम ले लिà¤à¥¤ à¤à¤• बोतल खà¥à¤°à¤¾à¤• लेने के बाद डिनर किया और सो गà¤à¥¤
अगले दिन सà¥à¤¬à¤¹ 8:00 बजे घर की तरफ दौड़ पड़े। शाम 7 बजे राहà¥à¤² को घर छोड़ा और यहीं पर सबने अंकल का हिसाब-किताब à¤à¥€ दे दिया। वैसे तो अंकल के 2000/- पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ के हिसाब से 20000 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ बनता था लेकिन अंकल ने गाड़ी की इंजन पैकिंग की मरमà¥à¤®à¤¤ के लिठ2000 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤‚स ले लिया था, वो कट कर उनको 18000 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ पकड़ा दिया। वो बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ हà¥à¤à¥¤ अंकल ने आखिर मे कह डाला कि “आप लोगों की बदौलत मे à¤à¥€ लदà¥à¤¦à¤¾à¤– देख आया हूà¤à¥¤ अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ जिनà¥à¤¦à¤—ी मे कà¤à¥€ जाने का मौका नहीं मिलता”। राहà¥à¤² को अलविदा कर दिया। हम सब लोग थोडा इमोशनल हो गठथे। 10 दिन à¤à¤• साथ à¤à¤¸à¥‡ सफ़र पर रहने से और à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ पर बिना संदेह à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ करने से दिल के तार जà¥à¥œ ही जाते हैं। यहाठसे अंकल ने मà¥à¤à¥‡ घर छोड़ा। यहाठसे हरी और मनोज को वो दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ छोड़ने निकल पड़े। अगली सà¥à¤¬à¤¹ हरी और मनोज का कॉल आया की वो सकà¥à¤¶à¤² पहà¥à¤à¤š गठथे।
तो इसी रही हमारी 10 दिन की लदà¥à¤¦à¤¾à¤– यातà¥à¤°à¤¾…..आशा तो है की अगली लदà¥à¤¦à¤¾à¤– यातà¥à¤°à¤¾ मे इस सबसे हटकर असली लदà¥à¤¦à¤¾à¤– देखूà¤à¤—ा…..देखते हैं कब मौका मिलता है।