शिरडी में बाबा के दरà¥à¤¶à¤¨ पाकर सà¥à¤‚दर सपनों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में बाबा के दà¥à¤µà¤¾à¤° पर घटी घटनाओ का संसà¥à¤®à¤°à¤£ करते हà¥à¤ कब सà¥à¤¬à¤¹ हो गयी पता नहीं चला । मेरी शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जी ने बताया ६ बज रहे हैं जप करके चलो चाहा कैंटीन चल के चाय पी जाठमैंने कहा चलो, और जैसे ही बाहर आये समां देख के मन à¤à¤° आया , पà¥à¤°à¤•ृति के सà¥à¤‚दर पà¥à¤·à¥à¤ªà¥‹ के बीच ठंडी हवाà¤à¤‚ चल रही थी और कितने à¤à¤•à¥à¤¤ गण चाय की पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¥€ के साथ गोषà¥à¤Ÿà¤¿ में बैठके अपने संसà¥à¤®à¤°à¤£ सà¥à¤¨à¤¾ रहे थे।
हमने à¤à¥€ à¤à¤• चाय और à¤à¤• कॉफ़ी ली और पूरे कामà¥à¤ªà¥à¤²à¥‡à¤•à¥à¤¸ का à¤à¤• चकà¥à¤•र लगाया फिर जैसे ही अपने बà¥à¤²à¥‰à¤• की तरफ आने लगे हमारी नज़र à¤à¤• लाइन पर पड़ी जाके पूछा तो पता चला की नासà¥à¤¤à¥‡ की लाइन है , तो हम à¤à¥€ लग पड़े लाइन में ।
साई संसथान की और से नाशà¥à¤¤à¤¾ 5 रà¥à¤ªà¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पैकेट के तौर पर उपलबà¥à¤§ करवाया जाता है और यह बà¥à¤°à¥‡à¤•फासà¥à¤Ÿ Kiosk पारà¥à¤•िंग गेट काउंटर की तरफ से सà¥à¤¬à¤¹ 7.30 से 9.30 तक खà¥à¤²à¤¤à¥€ है जहाठयह वितरण किया जाता है, पर लाइन आपकी सà¥à¤¬à¤¹ 6.30 बजे से ही लग जाती है , असà¥à¤¤à¥ नासà¥à¤¤à¥‡ में ६ पूरी à¤à¤• सूखी सà¥à¤ªà¥à¤°à¥‹à¤‰à¤Ÿà¤¡ दाल या मटर की सबà¥à¤œà¥€ और बरà¥à¤«à¥€ होती है, जो की à¤à¤• जने के लिठकाफी होती है ।
नासà¥à¤¤à¤¾ पैकेटà¥à¤¸ लेने के बाद हम कमरे में आये और सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾à¤¦à¤¿ करके नासà¥à¤¤à¤¾ किया और फिर शनि धाम शिंगणापà¥à¤° के लिठनिकल पड़े , चूंकि हमारे साथ हमारे कजिन à¤à¤¾à¤ˆ और उसकी वाइफ à¤à¥€ आये थे दूसरी टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ से तो हमने à¤à¤• गाड़ी कर ली १४००/- रूपठमें , वैसे आपको बताना चाहूंगा गेट के बहार ही सà¥à¤¬à¤¹ ४ बजे से शिंगणापà¥à¤° जाने के टà¥à¤°à¥‡à¤µà¤² और टैकà¥à¤¸à¥€ वालों की कतार लग जाती है, रेट जो है अगर आप शेयर करके गाड़ी लेना चाहोगे तो महिंदà¥à¤°à¤¾ कमांडर जीप में 120/- में आना जाना होता है, और ऑटो वाला २५०/- पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के हिसाब से चारà¥à¤œ करते है , टेमà¥à¤ªà¥‹ टà¥à¤°à¥ˆà¤µà¤²à¤° १००/- पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ लेते है और गाड़ी बà¥à¤• करने के चारà¥à¤œ नॉन à¤à¤¸à¥€ ११००-१२०० होता है और AC का फिकà¥à¤¸à¥à¤¡ १४००-१५०० रूपठ।
हम ठीक 8 : 30 बजे दरà¥à¤¶à¤¨ के निकल गà¤, हमारी गाड़ी शिरडी की धरा को चीरती हà¥à¤ˆ सà¥à¤¦à¥‚र गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹ की और जाने लगी, जहाठपà¥à¤¯à¤¾à¤œà¤¼ की हरी फसल, बिलकà¥à¤² परिकथायों वाली सà¥à¤‚दर हरी राजकà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की तरह खड़ी इठलाती हà¥à¤ˆ लग रही थी तो कहीं छोटे हरे पौधों में लाल लाल अनार अपनी पहचान का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ करा रहे थे , तो कहीं पर साà¤à¤ªà¥‹à¤‚ की तरह à¤à¥‚मती बेलें अंगूर की खेती की अहमियत पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ कर रही थी, यह महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° की खेती थी जो अनार अंगूर और पà¥à¤¯à¤¾à¤œà¤¼ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र है नाशिक से पास होने के कारन पà¥à¤¯à¤¾à¤œà¤¼ की खेती अमनून ३०% खेती का हिसà¥à¤¸à¤¾ है शिरडी आदि जगहों पर। शिरडी से शिंगणापà¥à¤° 65 किमी की दà¥à¤°à¥€ पर है और डेढ़ घंटे का सफर रहता है ।
Way to Shanidhaam
चलिठअब आपको वह कहानी सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हैं जिसके चलते शिंगणापà¥à¤° गांव में शनि देव की इतनी महिमा बढ़ गई। कहते हैं à¤à¤• बार इस गांव में काफी बाढ़ आ गई, पानी इतना बढ़ गया कि सब डूबने लगा। लोगों का कहना है कि उस à¤à¤¯à¤‚कर बाढ़ के दौरान कोई दैवीय ताकत पानी में बह रही थी। जब पानी का सà¥à¤¤à¤° कà¥à¤› कम हà¥à¤† तो à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ने पेड़ की à¤à¤¾à¤¡à¤¼ पर à¤à¤• बड़ा सा पतà¥à¤¥à¤° देखा। à¤à¤¸à¤¾ अजीबोगरीब पतà¥à¤¥à¤° उसने आज तक नहीं देखा था, तो लालचवश उसने उस पतà¥à¤¥à¤° को बीचे उतारा और उसे तोड़ने के लिठजैसे ही उसमें कोई नà¥à¤•ीली वसà¥à¤¤à¥ मारी उस पतà¥à¤¥à¤° में से खून बहने लगा। यह देखकर वह वहां से à¤à¤¾à¤— खड़ा हà¥à¤† और गांव वापस लौटकर उसने सब लोगों को यह बात बताई।सà¤à¥€ दोबारा उस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पहà¥à¤‚चे जहां वह पतà¥à¤¥à¤° रखा था, सà¤à¥€ उसे देख à¤à¥Œà¤šà¤•à¥à¤•े रह गà¤à¥¤ लेकिन उनकी समठमें यह नहीं आ रहा था कि आखिरकार इस चमतà¥à¤•ारी पतà¥à¤¥à¤° का कà¥à¤¯à¤¾ करें।
इसलिठअंतत: उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गांव वापस लौटकर अगले दिन फिर आने का फैसला किया।सी रात गांव के à¤à¤• शखà¥à¤¸ के सपने में à¤à¤—वान शनि आठऔर बोले ‘मैं शनि देव हूं, जो पतà¥à¤¥à¤° तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ आज मिला उसे अपने गांव में लाओ और मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करो’। अगली सà¥à¤¬à¤¹ होते ही उस शखà¥à¤¸ ने गांव वालों को सारी बात बताई, जिसके बाद सà¤à¥€ उस पतà¥à¤¥à¤° को उठाने के लिठवापस उसी जगह लौटे।बहà¥à¤¤ से लोगों ने पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया, किंतॠवह पतà¥à¤¥à¤° अपनी जगह से à¤à¤• इंच à¤à¥€ ना हिला। काफी देर तक कोशिश करने के बाद गांव वालों ने यह विचार बनाया कि वापस लौट चलते हैं और कल पतà¥à¤¥à¤° को उठाने के à¤à¤• नठतरीके के साथ आà¤à¤‚गे।उस रात फिर से शनि देव उस शखà¥à¤¸ के सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ में आठऔर उसे यह बता गठकि वह पतà¥à¤¥à¤° कैसे उठाया जा सकता है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि ‘मैं उस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से तà¤à¥€ हिलूंगा जब मà¥à¤à¥‡ उठाने वाले लोग सगे मामा-à¤à¤¾à¤‚जा के रिशà¥à¤¤à¥‡ के होंगे’। तà¤à¥€ से यह मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि इस मंदिर में यदि मामा-à¤à¤¾à¤‚जा दरà¥à¤¶à¤¨ करने जाà¤à¤‚ तो अधिक फायदा होता है।इसके बाद पतà¥à¤¥à¤° को उठाकर à¤à¤• बड़े से मैदान में सूरà¥à¤¯ की रोशनी के तले सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया।यहां जाने वाले आसà¥à¤¥à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ लोग केसरी रंग के वसà¥à¤¤à¥à¤° पहनकर ही जाते हैं। कहते हैं मंदिर में कथित तौर पर कोई पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ नहीं है, à¤à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करके शनि देव जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करके सीधा मंदिर से बाहर निकल जाते हैं। रोज़ाना शनि देव जी की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ मूरत पर सरसों के तेल से अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया जाता है। मंदिर में आने वाले à¤à¤•à¥à¤¤ अपनी इचà¥à¤›à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° यहां तेल का चढ़ावा à¤à¥€ देते हैं।
à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¥€ है कि जो à¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤ मंदिर के à¤à¥€à¤¤à¤° जाठवह केवल सामने ही देखता हà¥à¤† जाà¤à¥¤ उसे पीछे से कोई à¤à¥€ आवाज़ लगाठतो मà¥à¤¡à¤¼à¤•र देखना नहीं है। शनि देव को माथा टेक कर सीधा-सीधा बाहर आ जाना है, यदि पीछे मà¥à¤¡à¤¼à¤•र देखा तो बà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ होता है।
हम कà¥à¤› देर बाद बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड पहà¥à¤šà¥‡ और वहां से १० मिन की पद यातà¥à¤°à¤¾ के बाद मंदिर के दà¥à¤µà¤¾à¤° के देवसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पंहà¥à¤šà¥‡ आपको बताना चाहूंगा की बस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ड से ही लोग आपको तेल चढ़ाने के लिठकहेंगे पर यह आपकी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ है की आप वह से ले या आगे से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि देवसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के सामने à¤à¤• तेल पूजन की दà¥à¤•ान है और आप वहाठसे à¤à¥€ ले सकते हैं।हमने वहां से अपनी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पूजन तेल सामगà¥à¤°à¥€ ली और लाइन में लग गठ।
सà¥à¤¬à¤¹ जाने से ये फायदा है की आपको दरà¥à¤¶à¤¨ जलà¥à¤¦à¥€ हो जायेंगे जैसे की हमें १५ मिनट लगे और हम बाबा के सामने पहà¥à¤à¤š गठ, शनि महाराज को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® कर तेल चढ़ा हम मंदिर कामà¥à¤ªà¥à¤²à¥‡à¤•à¥à¤¸ में थोड़ी देर सà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‡ बैठे और देखा कई à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ अपने कà¥à¤²à¥‡à¤¶ काटने के लिठयजà¥à¤žà¤†à¤¦à¤¿ कर रहे थे, शिंगणापà¥à¤° संसथान दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शनिदेव जी के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के तौर पे पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦à¥€ पेड़ा मिलता है जो टोकन काउंटर से ख़रीदा जा सकता है, उसी कामà¥à¤ªà¥à¤²à¥‡à¤•à¥à¤¸ में à¤à¤• परमानेंट रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ शिविर à¤à¥€ है जहाठअगर आपकी इचà¥à¤›à¤¾ हो तो आप रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ कर सकते है ।
दरà¥à¤¶à¤¨ पूजन के बाद हमने देखा की देवसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की तरफ से रहने के लिठवà¥à¤¯à¤¬à¤¸à¥à¤¥à¤¾ है जो की साई आशà¥à¤°à¤® की तरह ही है । यहाठà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦à¤¾à¤²à¤¯ की सà¥à¤‚दर वà¥à¤¯à¤¬à¤¸à¥à¤¥à¤¾ है जो की टोकन लेने पर आपको उपलबà¥à¤§ होती है ।
Devasthan Entrance
Jai Baba shanidev
hundi
चूंकि तब ११ बजे थे सो हमने पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का निरà¥à¤£à¤¯ छोड़ दिया और वापस शिरडी की और निकल पड़े । रसà¥à¤¤à¥‡ में
कही जगह पर à¤à¤• बैल और कोहलू देखे ,कà¥à¤› à¤à¥‚ले लगे हà¥à¤ थे ऊपर लिखा था “रसवंती सेंटर” मतलब गनà¥à¤¨à¥‡ का जूस , यह शिरडी से शिंगणापà¥à¤° के रासà¥à¤¤à¥‡ में हर १ मील पे मिलेंगे ,और यहाठबैलों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोहलू को घà¥à¤®à¤¾ कर गनà¥à¤¨à¥‡ का रस निकाला जाता है , मेरी छोटी बिटिया तो à¤à¥‚लने में मगन हो गयी हम सà¤à¥€ ने à¤à¤• à¤à¤• गिलास जूस पिया आपसे अनà¥à¤°à¥‹à¤§ है जब à¤à¥€ आप इस रूट पे जाठतो अबशà¥à¤¯ à¤à¤• बार रसवंती à¤à¤‚डारों में गनà¥à¤¨à¥‡ का जूस अबशà¥à¤¯ पियें ।
Rasvanti Picture
Rasvanti-1
Rasvanti
आगे की यातà¥à¤°à¤¾ हमने १ बजे तक पूरी की और डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° जी को बोल दिया था की हमें सीधा पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦à¤¾à¤²à¤¯ में ही उतारें, हमने टोकन लेके पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया , पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ में आज रोटी, चावल, सलाद, दाल, कड़ी , आलू बैंगन की सबà¥à¤œà¤¼à¥€, अचार दही और हलवा थे ।
बाबा की कृपा से उतà¥à¤¤à¤® पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का आनंद लिया और आशà¥à¤°à¤® पहà¥à¤à¤š के आराम के लिठसो गà¤, शाम को फिर लोकल जगह देखने के लिठनिकले वहां से मंदिर गठऔर फिर से दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤®à¥à¤–ी महावीर हनà¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ जी à¤à¤µà¤‚ चावड़ी और दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•ामाई देखने पहà¥à¤‚चे वहां से हम वैकà¥à¤¸ मà¥à¤¯à¥‚जियम गठजहाठपर १० रà¥à¤ªà¤ की टिकेट से हमने बाबा के जीवन की à¤à¤²à¤•ियां मोम की मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में देखि, यह मà¥à¤¯à¥‚जियम पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦à¤¾à¤²à¤¯ के ठीक साथ लगा है ।
हमारी टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ अगले दिन १२:३० बजे की थी ठीक ११ बजे हमने आशà¥à¤°à¤® से चेकआउट किया, पतà¥à¤¨à¥€ बोली जा रहे है à¤à¤• बार पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ पा के चलते हैं मैंने आशà¥à¤°à¤® के निशà¥à¤²à¥à¤• à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯ से पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ की परà¥à¤šà¥€ कटवाई और पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ पाने के बाद कोपरगाà¤à¤µ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ की और निकल पड़े ।
Prasadalay Bhojan
Prasadalay
Dakshinamukhi Hanumanji
आपको फिर बताना चाहूंगा की साई आशà¥à¤°à¤® में दरà¥à¤¶à¤¨ की बायोमेटà¥à¤°à¤¿à¤• सिसà¥à¤Ÿà¤® है जो में सà¥à¤¤à¤¿à¤¥ है और रिसेपà¥à¤¶à¤¨ से सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ मिल जाती है ताकि अगर आपने ऑनलाइन परà¥à¤šà¥€ नहीं ली तो आप आशà¥à¤°à¤® में ही बॉयोमीटà¥à¤°à¤¿à¤•à¥à¤¸ करवा के शाम या सà¥à¤¬à¤¹ की मंदिर पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ की परà¥à¤šà¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते हैं । इससे यह सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ मिलती है की आपको फिर मंदिर के गेट १ & २ के सामने लाइन से परà¥à¤šà¥€ लेने में जो समय लगेगा वह समय बच जायेगा और à¤à¤• बार पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦à¤¾à¤²à¤¯ से पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ ज़रूर पाà¤, यह à¤à¤• डिवाइन अनà¥à¤à¤µ होगा ।
जैसे की हर यातà¥à¤°à¤¾ में होता है की जाने के समय मन उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ होता है उससे à¤à¥€ दूना मन ख़राब होता वापसी के लिठपर जब आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ के रूप में बाबा आपके मन को à¤à¤° दें तो कà¥à¤·à¤£ à¤à¤° का दà¥à¤ƒà¤– यूठगायब हो जाता है। हम à¤à¥€ इंतज़ार करने लगे हमारी टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ की जैसी ही टà¥à¤°à¥ˆà¤¨ कोपरगाà¤à¤µ से छूटी मन à¤à¤¾à¤µ à¤à¤¿à¤µà¥‹à¤° हो गया पर नठउतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के साथ मन से आवाज़ आयी ” बाबा फिर बà¥à¤²à¤¾à¤à¤à¤—े ”
मेरी इस पोसà¥à¤Ÿ में कà¥à¤› à¤à¥‚लचूक हो गयी हो तोह आप सà¤à¥€ सीनियर à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨à¥‹ से कà¥à¤·à¤®à¤¾à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ हूठ। कृपा करके इसमें संसोधन बताà¤à¤‚ , आपके फीडबैक à¤à¤µà¤‚ बिचारो का उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¥€