नव वरà¥à¤· पे तो कही à¤à¥€ जाना बहà¥à¤¤ खरà¥à¤šà¥€à¤²à¤¾ काम होता है उसमे à¤à¥€ गोवा जाने का तो सामानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सोचता ही नही..
यॠतो टà¥à¤°à¥ˆà¤•िंग के सिलसिले में कई बार गोवा जाना हà¥à¤† à¤à¤µà¤‚ हर बार सोचता था की कà¤à¥€ नव वरà¥à¤· पे परिवार को ले के वहा का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करू, अंतत:2015 में मौका आया जब पà¥à¤¨: यूथ हॉसà¥à¤Ÿà¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित फॅमिली कैमà¥à¤ªà¤¿à¤‚ग में à¤à¤¾à¤— लेने निकले, विशेष आनंद इसलिठकी पूरा ससà¥à¤°à¤¾à¤² पकà¥à¤· à¤à¥€ इस यातà¥à¤°à¤¾ में शामिल हो गया और इस कारण सà¤à¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ थे.
तैयारी
नव वरà¥à¤· पर कही जाना हो तो टà¥à¤°à¥‡à¤¨ बà¥à¤•िंग à¤à¤• बड़ी बाधा के रूप में सामने आता है | खैर ठीक 4 महीने पहले टिकट खिड़की से 12 टिकट सà¥à¤²à¥€à¤ªà¤° कà¥à¤²à¤¾à¤¸ में लिठताकि सबको सीटà¥à¤¸ उपलबà¥à¤§ हो सके (à¤à¤¸à¥€ में 12 à¤à¤•साथ लगà¤à¤— असंà¤à¤µ था) उसके पूरà¥à¤µ यूथ हॉसà¥à¤Ÿà¤² में 6 परिवारों के 6 टेंट आरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करा लिठथे लगà¤à¤— 5000/- में 5दिन 4राते (2 लोगो के जिसमे रहना दोनों वकà¥à¤¤ चाय नाशà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ लंच वॠडिनर शामिल होता है)
सब बà¥à¤•िंग करने के बाद उतà¥à¤•ंठा à¤à¤µà¤‚ उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र लमà¥à¤¬à¤¾ इंतज़ार यातà¥à¤°à¤¾ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ का.
टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में हम लोग
पहला दिन
ठसाठस à¤à¤°à¥€ गोवा à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ में 29/30 दिसमà¥à¤¬à¤° (रात 1 बजे) अपनी सीटà¥à¤¸ पे बैठे हà¥à¤ अनारकà¥à¤·à¤¿à¤¤ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हटाकर अपने लिठजगह बनाना à¤à¤• दà¥à¤·à¥à¤•र कारà¥à¤¯ था, रात 2 बजे सब सेटल होके सो गये.
वासà¥à¤•ो सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर
अगला पूरा दिन और रात सफ़र करते हà¥à¤ 31 की सà¥à¤¬à¤¹ वासà¥à¤•ो सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤šà¥‡,चारो तरफ à¤à¥€à¤¡à¤¼ गहमा गहमी के बीच à¤à¤• टाटा विंगर 13 सीटर में सवार होके पणजी में कमà¥à¤ªà¤¾à¤² सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कैंप साईट पहà¥à¤š के अपने अपने टेंट अलोटमेंट कराया.
मेरा टेंट
नाशà¥à¤¤à¤¾ आदि करके पास ही पैदल मीरामार बीच पहà¥à¤š के 2 घंटे समà¥à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° के पानी में खूब खेले और लंच के बाद अपनी टाटा में बैठकर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ बीचेस (अंजà¥à¤¨à¤¾ अगà¥à¤µà¤¾à¤¡à¤¾ वागातोर ) में à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करते हà¥à¤ सायं 7 बजे कैंप लौटे. वहा देखा तो नव वरà¥à¤· की तैयारिया जोरो पर थी, डिनर के बाद कैंप फायर में 12 बजे तक खूब नाच गाना हà¥à¤† और ठीक 12 बजे आयोजको दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ फायर बलून छोड़ने का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤†.
सब à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ को नव वरà¥à¤· की बधाइयां दे रहे थे खूब उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ उमंग का वातावरण था सारा गोवा आतिशबाजी की रौशनी और आवाजो से चमक रहा था. आसमान में सैकड़ो की संखà¥à¤¯à¤¾ में बलून उड़ रहे थे दूर दूर तक à¤à¤• ही नज़ारा था और लग रहा था मानो तारे ज़मीन पे उतर आये हो,सब कà¥à¤› बेहद रोमांचक था और हम सà¤à¥€ 12 लोग अपने उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ को छà¥à¤ªà¤¾ नही पा रहे थे, अंतत:2 बजे सारा कैंप नींद के आगोश में था नठसाल का पहला सूरज देखने की इचà¥à¤›à¤¾ लिà¤.
नव वरà¥à¤· पर फायर बलून उड़ाते हà¥à¤
दूसरा दिन (1 जन 2016)
इस दिन आयोजक सà¤à¥€ कैमà¥à¤ªà¤°à¥à¤¸ को दिन à¤à¤° के लिठकिसी बीच का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ कराने ले जाते है,ये à¤à¥€ पैकेज में शामिल है..हमे मडगाव सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कोलà¥à¤µà¤¾ बीच ले जाना तय हà¥à¤† था, सà¤à¥€ लगà¤à¤— 30 परिवार 2 बसों में à¤à¤°à¤•र रवाना हà¥à¤ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤• घंटे की यातà¥à¤°à¤¾ के बाद पणजी से कोलà¥à¤µà¤¾ पहà¥à¤šà¥‡,सबके पास अपने अपने पैकà¥à¤¡ लंच थे सो à¤à¥‹à¤œà¤¨ की चिंता नही थी,यहाठहम सà¤à¥€ ने à¤à¤°à¤ªà¥‚र वाटर सà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ का आनंद लिया…पैरासेलिंग ,वाटर सà¥à¤•ूटर, बनाना राइड आदि.
पूरा दिन समà¥à¤¦à¥à¤° में बिता कर शाम 5 बजे कैंप पहà¥à¤šà¥‡ और थके हà¥à¤ सब डिनर और कैंप फायर के बाद सो गये
तीसरा दिन (2 जन 2016)
आज से सà¤à¥€ अपने अपने अनà¥à¤¸à¤¾à¤° घà¥à¤®à¤¨à¥‡ को मà¥à¤•à¥à¤¤ थे अत:हमने निरà¥à¤£à¤¯ लिया की बीचेस के अलावा गोवा की à¤à¤• अतà¥à¤¯à¤‚त सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° जगह “दूध सागर वाटर फालà¥à¤¸” जाया जाये , अत: जलà¥à¤¦à¥€ से तैयार होकर नाशà¥à¤¤à¤¾ कर अपने अपने लंच पैक कर के हम अपनी विंगर में सवार होके पणजी से कोलेम (लगà¤à¤— 65 किमी) रवाना हà¥à¤ वहा से दूध सागर वाले चालक ही अपनी गाड़ी में ले जाते है अत: उनकी यूनियन से गाडी और लाइफ जेकेटà¥à¤¸ लेकर 2 अलग अलग टवेरा में हम 12 लोग दूध सागर रवाना हà¥à¤ जो वहा से 10 किमी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है |
ये बता दू की गाडी का कूपन आदि लेने के लिठलाइन में à¤à¤• घंटे से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वक़à¥à¤¤ लग गया था और यदि आप 8 से 9 तक पहà¥à¤š सके तो कम à¤à¥€à¤¡à¤¼ होगी..,खैर, बेहद ऊà¤à¤šà¥‡ नीचे और उबड़ खाबड़ रासà¥à¤¤à¥‡ से होते हà¥à¤ फॉल से 1किमी पहले ही उतार दिठगये ये कह कर की आगे जाम है,पहाड़ी रासà¥à¤¤à¥‡ पर पैदल चलके जाना हमारे कà¥à¤› वरिषà¥à¤ साथियों के लिठमà¥à¤¶à¥à¤•िल था किनà¥à¤¤à¥ पहà¥à¤š ही गये और वहा की खूबसूरती देख के यातà¥à¤°à¤¾ की थकान मिट गयी…ऊपर रेलवे टà¥à¤°à¥‡à¤• पर निकलती टà¥à¤°à¥‡à¤¨ उसके नीचे से गिरता तेज़ ठंडा पानी और नीचे बन गयी छोटी सी à¤à¥€à¤²..लगता था देखते ही रहे…कब तक खà¥à¤¦ पे काबू रखते जबकि अनेक लोग à¤à¥€à¤² में जलकà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¾ से आनंदित हो रहे थे..तà¥à¤°à¤‚त लाइफ जैकेट पहने हम सà¤à¥€ पà¥à¤°à¥à¤· वॠमहिलाये पानी में उतर गये..थकने या डूबने का खतरा नही था तो सब निशà¥à¤šà¤¿à¤‚तता से पानी में पड़े रहे…
दà¥à¤§à¤¸à¤¾à¤—र फालà¥à¤¸
रंग बिरंगी मछलिया पैरो से बार बार टकरा रही थी..कà¥à¤² मिलाकर à¤à¤• अतà¥à¤¯à¤‚त खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ वातावरण निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ हो चूका था..कहते है न अचà¥à¤›à¤¾ समय जलà¥à¤¦à¥€ बीत जाता है à¤à¤¸à¥‡ ही 3 घंटे कब बीते पता तब चला जब गाडी वाले की चेतावनी याद आयी (वक़à¥à¤¤ पे नही आये तो खà¥à¤¦ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ करके आना पड़ेगा) मन मारके निकले खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ यादो को अपने कैमेरो में कैद करके.. वापसी रासà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ रेसà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥‡à¤‚ट में अपना लंच खाया और शाम को वापस पहà¥à¤šà¥‡ अपने तमà¥à¤¬à¥‚ में…दिन à¤à¤° ठनà¥à¤¡à¥‡ पानी में और यातà¥à¤°à¤¾ की थकान इतनी थी की सब जलà¥à¤¦à¥€ सो गये,इस तरह ये दिन à¤à¥€ ढेर सारी यादे दे गया.
चौथा दिन (3 जन 2016)
अपनी वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤à¤¤à¤¾ के चलते à¤à¤• परिवार कल रात की बस से à¤à¤¾à¤°à¥€ मन से मà¥à¤‚बई होते हà¥à¤ à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² रवाना हो गया था और अब हम 10 लोग रह गये थे,कही जाने की जलà¥à¤¦à¥€ नही थी अत:आराम से उठे नाशà¥à¤¤à¤¾ रोज़ की तरह तैयार था ही…
यहाठमैं ये अवशà¥à¤¯ बताना चाहूà¤à¤—ा की यूथ हॉसà¥à¤Ÿà¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित ये कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® इतना सà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ सà¥à¤¸à¤‚गठित à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ होता है की इसमें आप किसी तरह की कमी नहीं निकाल सकते..सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ नाशà¥à¤¤à¤¾ शà¥à¤¦à¥à¤§ शाकाहारी à¤à¥‹à¤œà¤¨…इतने नà¥à¤¯à¥‚न राशि में नव वरà¥à¤· को गोवा जैसी अतà¥à¤¯à¤‚त महà¤à¤—ी जगह पे आना साधारण मधà¥à¤¯ वरà¥à¤—ीय के लिठबहà¥à¤¤ मà¥à¤¶à¥à¤•िल के किनà¥à¤¤à¥ इस आयोजन में ये खरà¥à¤š नà¥à¤¯à¥‚न से à¤à¥€ नà¥à¤¯à¥‚नतम है..इसके लिठआयोजनकरà¥à¤¤à¤¾ यूथ हॉसà¥à¤Ÿà¤² वनà¥à¤¦à¤¨à¥€à¤¯ है जिसमे सà¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ वोलेंटियर होते है जो अपने कारà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤² से छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ ले के इस 20/25 दिन के आयोजन को सफल बनाते है.
शापोरा फोरà¥à¤Ÿ से गोवा के बीच
आज हम फिर बीचेस के साथ किले देखने निकले ..सबसे पहले हमने डॉलफिन देखने का पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® बनाया और अगà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¾ से बोट में बैठकर लगà¤à¤— 5 किमी अनà¥à¤¦à¤° समà¥à¤¦à¥à¤° में पहà¥à¤šà¥‡…कà¥à¤› डॉलफिन दिखी à¤à¥€..यहाठआपको बता दू की कà¤à¥€ जाठतो फोटो खीचने की कोशिश ना करे अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ ना डॉलफिन देख पाà¤à¤‚गे ना फोटो ले पाà¤à¤‚गे..
डोलà¥à¤«à¤¿à¤¨ देखने जाते समय
लौट के अगà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¾ फोरà¥à¤Ÿ देखते हà¥à¤ अगà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¾ बीच पहà¥à¤šà¥‡…फिलहाल किसी का समà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ का मूड नही था…अत: 12 बजते तक वागातोर पहà¥à¤šà¥‡…वहा à¤à¤• रेसà¥à¤¤à¤°à¤¾ में कà¥à¤› डà¥à¤°à¤¿à¤‚कà¥à¤¸ के साथ अपना लंच लिया और फिर उतर गये समà¥à¤¦à¥à¤° में…समà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ से कà¤à¥€ मन तो à¤à¤°à¥‡à¤—ा नही हम उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ का तो बाहर निकलना ही था..थोड़ी देर के आराम के बाद शापोरा फोरà¥à¤Ÿ पहà¥à¤šà¥‡..यहाठलगà¤à¤— 1 किमी पैदल चल के ऊà¤à¤šà¥‡ पहाड़ पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ था ये किला..(यहाठकी सà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¤à¥à¤¯ कला पà¥à¤°à¥à¤¤à¤—ालियो की निरà¥à¤®à¤¿à¤¤à¥€ है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 1964 तक गोवा दमण और दिऊ पर राज किया..) हम 10 में 6 लोगो ने ऊपर जाने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया…(गोवा में हिंदी फिलà¥à¤®à¥‹ की शूटिंग आम बात है जैसे दूध सागर फालà¥à¤¸ पे चेनà¥à¤¨à¤ˆ à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ या इस फोरà¥à¤Ÿ पे दिल चाहता है) धीरे धीरे ऊपर पहà¥à¤šà¥‡ और वहा से दूर दूर तक गोवा के बीचेस की सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¤à¤¾ देख मन मà¥à¤—à¥à¤§ हो गया,लगा की अगर यहाठसे गोवा नही देखा तो कà¥à¤¯à¤¾ देखा..
इसी तरह आज का दिन बीता और ये हमारी यातà¥à¤°à¤¾ को कà¥à¤› यादगार पल दे गया.
पांचवा और अंतिम दिन (4 जन 2016)
आज सà¤à¥€ को नाशà¥à¤¤à¥‡ के बाद 9 बजे तक अपने अपने टेंट की साफ़ सफाई करके उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आयोजन करà¥à¤¤à¤¾à¤“ं को सौपना थे…अचानक थोड़ी गहमा गहमी हà¥à¤ˆ कैंप में..और देखने गये तो कà¥à¤¯à¤¾ देखते है की हमारे माननीय रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ मनोहर परà¥à¤°à¥€à¤•र जी बिना किसी तामà¤à¤¾à¤® के या लावलशà¥à¤•र के कैंप में अकेले ही आ गये (ये गोवा के पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ रहे है)
रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ के साथ
कà¤à¥€ सोचा नही था की केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ पहà¥à¤š सकते है…लगà¤à¤— 2 घंटे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अनौपचारिक ढंग से हमारे साथ बिताये..हमारे साथ नाशà¥à¤¤à¤¾ किया …उनकी सादगी के बारे में पढ़ा सà¥à¤¨à¤¾ था किनà¥à¤¤à¥ देख के अचंà¤à¤¿à¤¤ था हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿…à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को नमन करने का मन करता है.
हमारा गà¥à¤°à¥à¤ª
हम सà¤à¥€ 12 à¤à¤• साथ à¤à¤• टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में आये थे किनà¥à¤¤à¥ वापसी सà¤à¥€ की अलग अलग थी…कोई सिलवासा से तो कोई à¤à¥€à¤²à¤µà¤¾à¤¡à¤¾ से आया था…पतà¥à¤¨à¥€ को बंगलौर अपनी बेटी के पास जाने के लिठडाबोलिम से फà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ लेनी थी तो मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पà¥à¤£à¥‡ अपने बेटे के यहाठजा रहा था…6 में से सिरà¥à¤« दो परिवार गोवा à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ से वापस à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² लौटे और इस तरह परिवार की पहली सामूहिक यातà¥à¤°à¤¾ की समापà¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ इस विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के साथ कि आगे à¤à¥€ साथ कही जायेंगे.