आज हमे “पैंगोंग” जाना था। बीते दिन “नà¥à¤¬à¥à¤°à¤¾ वैली” मे काफी मसà¥à¤¤à¥€ करी थी। थोड़ी थकान होने की वजह से आज हम सà¥à¤¬à¤¹ के 06:00 बजे उठे थे। किसी नमे à¤à¥€ गरà¥à¤® पानी से सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने की हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं थी। सबने नितà¥à¤¯ काम निपटा कर हाथ-मà¥à¤¹ धोà¤, दनà¥à¤¤ मंजन किया और तैयार होकर गाड़ी मे जा बैठे। मà¥à¤à¥‡ तो अà¤à¥€ से à¤à¥‚ख लग रही थी लेकिन मे अà¤à¥€ चà¥à¤ª ही रहा। आज à¤à¥€ हमे पूरा दिन लगने वाला था। लेह से “पैंगोंग” का राउंड टà¥à¤°à¤¿à¤ª करीब 350km है। हम लेह-मनाली हाईवे पर निकल पड़े। कारू तक सड़क à¤à¤• दम मसà¥à¤¤ थी। यहीं से हम दाà¤à¤ हाथ मà¥à¤¡ गà¤à¥¤ कà¥à¤› दूर चलने के बाद “शकà¥à¤¤à¤¿” नाम का à¤à¤• गाà¤à¤µ आया। आज सूरà¥à¤¯ देव ने अà¤à¥€ तक दरà¥à¤¶à¤¨ नहीं दिठथे। मौसम के हाल-समाचार ठीक नहीं लग रहे थे। हम लोग को ये डर था की कहीं रासà¥à¤¤à¥‡ से वापस ना लौटना पड़े। और आगे बà¥à¤¨à¥‡ पर बारिश के कà¥à¤› छीटें à¤à¥€ पड़ने लगी। सोच लिया था की अगर बारिश तेज़ हà¥à¤ˆ तो गाड़ी को वापस घà¥à¤®à¤¾ लिया जायेगा। कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि “चांग ला” जाने के लिठचà¥à¤¾à¤ˆ à¤à¤• दम कड़ी है और पता चला था की रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ टूटा हà¥à¤† है। तेज़ बारिश मे आगे बà¥à¤¨à¥‡ मे कोई समà¤à¤¦à¤°à¥€ नहीं थी। लेकिन किसà¥à¤®à¤¤ हमारे साथ थी और बारिश थम गयी। आगे सड़क के हाल बहà¥à¤¤ ही बà¥à¤°à¥‡ थे। जैसे मनाली से रोहतांग जाते वक़à¥à¤¤ कीचड़ की सड़क थी यहाठपर ठीक वैसे ही पतà¥à¤¥à¤° की सड़क थी। बà¥à¤°à¥€ तरह à¤à¤Ÿà¤•े लग रहे थे। जैसे-जैसे हम चà¥à¤¤à¥‡ जा रहे थे मेरी हालत पतली होती जा रही थी। मà¥à¤à¥‡ सर दरà¥à¤¦ शà¥à¤°à¥‚ हो गया था और उलà¥à¤Ÿà¥€ करने का मन कर रहा था। मैं समठगया था ये कम ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ होने की वजह से हो रहा था पर मैं कर à¤à¥€ सकता था। मैं à¤à¤—वान से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर रहा था की जलà¥à¤¦à¥€ से “चांग ला” आठताकि हम फिर से नीचे उतरने लगें। मैंने हाथों मे दसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‡ पहने और सर नीचे करके इंतज़ार करने लगा। जब तबीयत खराब हो तो इंतज़ार लंबा हो जाता है ठीक à¤à¤¸à¤¾ ही मेरे साथ हà¥à¤† था। आखिर हम लोग “चांग ला” पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤
मैंने बिना रà¥à¤•े चलने की सलाह दे डाली जो की सबने ठà¥à¤•रा दी, à¤à¤¸à¤¾ समà¤à¥‹ की कोई राह चलता कà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ आपके पास आ रहा हो और आप उसे खींच के लात दे मारो कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ हो हालत मेरी à¤à¥€ हà¥à¤ˆ थी। इसमें बाकी लोगों का दोष नहीं था मैंने किसी को नहीं बताया था की मà¥à¤ पर कà¥à¤¯à¤¾ बीत रही है। “चांग ला” की ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ 17380 फीट (5360 मीटर) है।
धà¥à¤ª ना होने की वजह से यहाठपर ज़बरदसà¥à¤¤ ठंड लग रही थी। मà¥à¤à¥‡ छोड़ कर सब नीचे उतर गà¤à¥¤ मेरी तो पहले से ही लगी पड़ी थी और गरम सीट को छोड़ कर बाहर ठंड मे जाने का मेरा कोई विचार नहीं था। तà¤à¥€ हरी ने कहा की चाय बनवा ली है और यहीं पर कà¥à¤› खा à¤à¥€ लेते हैं। मैंने मन मे सोचा यहाठतो पतà¥à¤¥à¤° ही मिलेंगे खाने को। मरा हà¥à¤† मन लेकर मैं हरी के साथ चल दिया। अरे वाह कà¥à¤¯à¤¾ बात है यहाठतो मà¥à¤«à¥à¤¤ का à¤à¤• डिसपेंसरी थी, “चांग ला” बाबा का मंदिर और à¤à¤• रेसà¥à¤¤à¥à¤°à¥Œà¤‚त था। गाड़ी से बाहर निकल कर अचà¥à¤›à¤¾ लगा और हरी के साथ मैं रेसà¥à¤¤à¥à¤°à¥Œà¤‚त मे घà¥à¤¸ गया। यहाठà¤à¤• बोरà¥à¤¡ पर लिखा था “1st Highest Cafeteria in the world”.
मेरे बाहर उतरते ही यहाठपर सà¥à¤¨à¥‹ फॉल शà¥à¤°à¥‚ हो गई। ये देख कर मैंने सबको बोला देख लो यहाठपर रà¥à¤•ते नहीं तो सà¥à¤¨à¥‹-फॉल से बच जाते। मà¥à¤à¥‡ तो अपनी पड़ी थी बाकि सब तो मजे कर रहे थे।
चाय तैयार हो गई साथ मे बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ à¤à¥€ मंगवा लिया। बà¥à¤à¥‡ हà¥à¤ मन से मैंने à¤à¥€ à¤à¤• बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ उठा लिया। फिर à¤à¤• फेन और बà¥à¤°à¥‡à¤¡ à¤à¥€ खा ली। कà¥à¤› देर आग à¤à¥€ सेक ली। अब कà¥à¤› अचà¥à¤›à¤¾ सा महसूस होने लगा था। जैसे की “पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£ वाधवा जी” ने दूध मे शिलाजीत मिला कर पिला दिया हो। रासà¥à¤¤à¥‡ के लिठकà¥à¤› चॉकलेट à¤à¥€ खरीद लिà¤à¥¤ अब मेरे तेवर बदल चà¥à¤•े थे। अंकल से गाड़ी की चाबी लेकर मैं सारथी बन बैठा था। समठमे आ गया था की सà¥à¤¬à¤¹ से à¤à¥‚ख लगने की वजह से पेट मे गैस बन गई थी इसी वजह से बेचैनी हो गयी थी। अब तो मानो चिड़िया के पंख लग गठहो और वो सात समà¥à¤‚दर पार उड़ने को तैयार हो।
यहाठसे अब हम “पैंगोंग” की और निकल पड़े। पेट à¤à¤° जाने के बाद मैं “शकà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨” बन गया था। अंकल à¤à¥€ अपने शयन-ककà¥à¤· मे चले गठथे। और हरी अब सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¨à¥à¤œà¥‰à¤¯ करने लगा था। रासà¥à¤¤à¤¾ अà¤à¥€ à¤à¥€ कचà¥à¤šà¤¾ था पर पहले से काफी बेहतर था। हम नीचे उतर रहे थे। तà¤à¥€ देखा की आगे सड़क बंद है। गाड़ी को किनारे लगाया पता चला की सड़क पर आगे चारकोल लगाया जा रहा है। 30 मिनट के बाद हमे आगे जाने दिया गया। अगला मोड लेते ही रोड-रोलर खड़ा था चारकोल बिछाने वाली मशीन और कà¥à¤› लेबर लोग थे। सड़क बिलकà¥à¤² नयी थी और गाड़ी चलने के कारण नयी सड़क पर बिछे हà¥à¤ कंकड़ लगातार टकरा रहे थे जिससे काफी शोर मच रहा था। अब हम बिना रà¥à¤•े आगे बॠरहे थे। बीच मे 1-2 गाà¤à¤µ आठपर वहां à¤à¥€ आरà¥à¤®à¥€ की मौजूद थी। अब सड़क à¤à¤• दम मसà¥à¤¤ थी मकà¥à¤–न जैसी। सड़क के दोनों और आरà¥à¤®à¥€ की छावनी बनी हà¥à¤ˆ थी। यहाठपर à¤à¥€ à¤à¤• जगह परमिट चेक हà¥à¤† था। पहाड़ पर कचà¥à¤šà¥‡ रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर आरà¥à¤®à¥€ के टà¥à¤°à¤• दौड़ रहे थे। à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था की उन रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर सिरà¥à¤« आरà¥à¤®à¥€ ही जा सकती थी। पहाड़ों पर कौन जाने कहाà¤-कहाठपोसà¥à¤Ÿ बना रखी हों। हम लोग तो सिरà¥à¤« कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ ही कर सकते हैं और असलियत तो हमारी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ से à¤à¥€ बाहर है।
इस पà¥à¤² को पर करने के बाद सड़क और संकरी हो गई थी। गाड़ी बड़ी ही सावधानी से चलानी पड़ रही थी। कई बार तो सामने से आने वाली गाड़ी को देख गाड़ी रोकनी पड़ी। पहाड़ों मे डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ करते वक़à¥à¤¤ हमेशा ऊपर चà¥à¤¤à¥€ हà¥à¤ˆ गाड़ी को साइड देनी होती है। इसी बात का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखते हà¥à¤ हम लोग आगे बॠरहे थे। हमें “पैंगोंग” के पहले दरà¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤à¥¤ लेकिन अà¤à¥€ कोई à¤à¥€ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ नहीं हà¥à¤†à¥¤ यहाठसे कà¥à¤› जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नज़र à¤à¥€ नहीं आ रहा था। à¤à¤• सदारहण सी à¤à¥€à¤² ही दिख रही थी। नीचे फ़ोटो मे दिख रहे साइन बोरà¥à¤¡ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• हमे 1 km और आगे जाना था। वो कहावत है ना “अब दिलà¥à¤²à¥€ दूर नहीं थी”। हम सबने कहा लो जी आज “पैंगोंग ” à¤à¥€ पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤
फ़ोटो मे साइन बोरà¥à¤¡ के पीछे से “पैनà¥à¤—ोंग†की हलà¥à¤•ी सी à¤à¤²à¤•।
पà¥à¤²à¤¾à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• वो जगह ज़रूर देखनी थी जहाठपर “3 idiot” की शूटिंग हà¥à¤ˆ थी। कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि फिलà¥à¤® मे तो “पैंगोंग” बहà¥à¤¤ ही शानदार लगी थी। पहाड़ों के बीच मे बिलकà¥à¤² नीले रंग जैसी।
यहाठपर हमसे पहले और à¤à¥€ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• मौजूद थे। यहाठपर टैकà¥à¤¸à¥€ मे सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महिंदà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤•ारà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹ चल रही थी। कà¥à¤› लोग मोटरसाइकिल से à¤à¥€ आठहà¥à¤ थे। “पैंगोंग” का पहला फ़ोटो हमने इन मोटरसाइकिल के साथ ही लिया। नीचे लगा हà¥à¤† फ़ोटो राहà¥à¤² ने अपने SLR कैमरे से लिया है।
यहाठपर 2-3 खाने पीने की दà¥à¤•ाने थी। फिर से जोरों की à¤à¥‚ख लग रही थी। गाड़ी को पारà¥à¤•िंग मे लगा कर हम सब टेंट के अंदर जा बैठे। खाने का अचà¥à¤›à¤¾ इंतज़ाम था। बà¥à¤°à¥‡à¤¡-बटर से लेकर दाल-चावल सब मिल रहा था। अंकल ने अपनी आदत के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• आलू के परांठे और दही मंगवा ली। हम सबने à¤à¥€ अंकल की देखा-देखी कर परांठे ही मंगवा लिà¤à¥¤ दो पानी की बोतल और सबने कà¥à¤› ना कà¥à¤› ठंडा पिया। आज सà¥à¤¬à¤¹ से पानी नहीं पिया था इसीलिठशायद शरीर तरल पदारà¥à¤¥ की माà¤à¤— कर रहा था। ऊपर से परांठे à¤à¥€ पेल दिठथे। कà¥à¤› देर धूप मे बैठकर à¤à¥€à¤² को निहारते रहे। बार-बार पानी का रंग बदल रहा था। पहाड़ों की परछाई और नीले आसमान के होने की वजह से पानी का रंग गहरे नीले रंग जैसा था।
à¤à¥€à¤² का पानी बहà¥à¤¤ ही ठंडा और नमकीन था (salt water lake). आज का दिन हà¥à¤¨à¥à¤¡à¤° जैसा न हो इसीलिठà¤à¤• बैग मे अंडरवियर रख लिठथे। पर मैं इतना पागल नहीं था की इस ठंडे पानी मे चला जाता। तà¤à¥€ देखा की à¤à¤• गाड़ी यहाठसे à¤à¥€ आगे जा रही है और इसमें कà¥à¤› लोकल सवारी बैठी है। टूरिसà¥à¤Ÿ लोग तो सब यहीं पर मजे कर रहे थे। लेकिन हम सब यहाठसे और आगे चल दिà¤à¥¤ यहाठसे करीब 6-7 km बाद spangmik नाम की जगह है। सीधे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ मे कहूं तो वो à¤à¤• गाà¤à¤µ है जो की इसी à¤à¥€à¤² के पास बसा हà¥à¤† है। हम वहां तो नहीं गठपर काफी आगे निकल गठथे। यहाठपर हमारे अलावा कोई à¤à¥€ नहीं था। बिलकà¥à¤² शांति थी। मैं गाड़ी को à¤à¥€à¤² के किनारे ले जाना चाहता था। à¤à¤¸à¤¾ करने के लिठहम पथरीला रासà¥à¤¤à¤¾ छोड़ कर रेत पर चलने लगे। तà¤à¥€ डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° साइड का अगला टायर रेत मे धस गया। इस बात को नज़र-अंदाज करके मैंने पहला गियर डाल कर à¤à¤•à¥à¤¸à¥€à¤²à¥‡à¤Ÿà¤° दबा दिया। जो की मेरी बहà¥à¤¤ बड़ी गलती थी। à¤à¤¸à¤¾ करने से टायर रेत मे करीब आधा फà¥à¤Ÿ नीचे धस गया। अब हमारे सà¥à¤ªà¤°à¤®à¥ˆà¤¨ की बारी थी। अंकल बोले तू नीचे उतर तेरे बस की बात नहीं है मैं निकालता हूठइसको à¤à¤• à¤à¤Ÿà¤•े मे। अंकल ने पहले बैक गियर डाला कà¥à¤› नहीं हà¥à¤†à¥¤ फिर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मेरी तरह पहला गियर डाला और कमाल हो गया। टायर अब पूरी तरह रेत मे धस गया गाड़ी की चसिस रेत पर टिक गई। हम लोग हà¤à¤¸-हà¤à¤¸ कर पागल हो गà¤à¥¤ इस बार तो अंकल à¤à¥€ हà¤à¤¸ पड़े। अंकल बोले कैसे नहीं निकलेगा à¤à¤• बार और टà¥à¤°à¤¾à¤ˆ करते हैं। बोले की जब मैं बोलूठतब à¤à¤• साथ पीछे से धकà¥à¤•ा लगाना। मà¥à¤à¥‡ पता था की कà¥à¤› नहीं होगा। हम लोगों की हà¤à¤¸à¥€ ही नहीं रà¥à¤• रही थी। अंकल ने जैसे ही बोला “लगाओ धकà¥à¤•ा” सब पेट पकड़ कर हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ लगे। इतनी हà¤à¤¸à¥€ आ रही थी की धकà¥à¤•ा लगाते वक़à¥à¤¤ ज़ोर ही नहीं लग रहा था। अब कà¥à¤¯à¤¾ करे ये सॊच कर हमने चारों टायर के आस-पास की रेत को हटाना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। मैंने à¤à¤• गाड़ी रà¥à¤•वाई वो बोला की खींचने के लिठउसके पास कोई रसà¥à¤¸à¥€ नहीं है। मैं हताश होकर वापस लौट आया। कà¥à¤› देर के बाद वहाठà¤à¤• Ford figo आई। हमे देख कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गाड़ी दूर ही रोक ली। पंजाब नंबर की गाड़ी थी। उसमे से तीन सरदारजी उतरे। हमारे ही हम-उमà¥à¤° के लग रहे थे। वो चल कर हमारे पास आठऔर चारों तरफ से गाड़ी को देखा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा रेत हटाकर टायर के आगे और पीछे छोटे-बड़े पतà¥à¤¥à¤° और घास ठूस दो। फिर हम धकà¥à¤•ा लगाà¤à¤à¤—े। मैंने कहा à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ धकà¥à¤•े से कà¥à¤› नहीं हो रहा है। वो बोले तà¥à¤® चार और हम तीन, अगर धकà¥à¤•े से नहीं निकलेगी तो हम सात बंदे हैं Xylo को उठा कर फैंक देंगे। उनकी बात सà¥à¤¨à¤•र जोश आ गया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जैसा बोला हमने वैसा ही किया। अंकल फिर से कॉकपिट मे जाकर बैठगà¤à¥¤ तीन लोगों ने पीछे से और बाकी चारों ने à¤à¤•-à¤à¤• दरवाजे के पिलर से धकà¥à¤•ा लगाया और गाड़ी à¤à¤• ही à¤à¤Ÿà¤•े मे बाहर आ गई। सही मे अगर सरदार लोग नहीं आते तो ना जाने हम लोगों का कà¥à¤¯à¤¾ होता। उन लोगों को दिल से धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ दिया। अंकल ने मैं गाड़ी को ठीक जगह पारà¥à¤• कर देता हूà¤à¥¤ पर मेरा दिल नहीं माना। मैंने कहा अंकल आप बाकी लोगों के साथ पैदल आओ मैं गाड़ी लगा दूà¤à¤—ा। अंकल तो à¤à¤• à¤à¤Ÿà¤•े मई गाड़ी निकलने वाले थे। पता लगता की फिर से रेत मे फà¤à¤¸à¤¾ दी। इस बार मैंने गाड़ी को धीरे-धीरे चलाई और à¤à¥€à¤² के किनारे खाड़ी कर दी। अब जाकर तसà¥à¤¸à¤²à¥€ हà¥à¤ˆ थी।
मà¥à¤à¥‡ और अंकल को छोड़ कर बाकी तीनों ने अपनी-अपनी बंदूकें निकाल कर गोली-बारी शà¥à¤°à¥‚ कर दी मेरा मतलब कैमरे निकाल कर फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ शà¥à¤°à¥‚ कर दी। ये जगह है ही इतनी सà¥à¤‚दर अगर मेरे पास à¤à¥€ कैमरा होता तो मैं à¤à¥€ यही करता। बहà¥à¤¤ देर तक ये लोग कà¥à¤²à¤¿à¤• करते रहे।
इस à¤à¥€à¤² मे बहà¥à¤¤ से पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ पकà¥à¤·à¥€ à¤à¥€ थे जो गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ मे यहाठआते हैं। कà¥à¤› à¤à¥€à¤² मे तैर रहे थे तो कà¥à¤› आसमान मे उड़ रहे थे।
राहà¥à¤² और हरी ने अपने कैमरे अंकल के पास छोड़ दिठऔर मेरे पास आकार बोले की चल सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करते हैं। मैंने कहा पहले पानी को छà¥à¤•र तो देखो। राहà¥à¤² ने छà¥à¤† और कहा ठीक है कोई बात नहीं। पहली बार ही ठंड लगेगी फिर कà¥à¤› नहीं होगा। हरी ने à¤à¥€ पानी छà¥à¤† और कहा “hey rahul it is really very cold. Bathing is not a good idea”. राहà¥à¤² ने हरी से कहा “let us try. We will come back if it is unbearable”. यह सà¥à¤¨à¤•र हम तैयार हो गया। और कà¥à¤¯à¥‚ठना होते आज तो बदलने के लिठअंडरवियर à¤à¥€ थे। मैंने अपने जूते, जैकेट निकल ली थी तब तक हरी और राहà¥à¤² पानी मे चले गठऔर चिलà¥à¤²à¤¾ पड़े। बोले सही मे बहà¥à¤¤ ठंडा है। मैं अपनी पैंट उतारने ही वाला था और इन दोनों को देख कर मैंने वापस चà¥à¤¾ ली। मà¥à¤à¥‡ देख कर राहà¥à¤² बोला अबे मज़ाक कर रहा हूठइतना ठंडा नहीं है। पर मà¥à¤à¥‡ हरी की हालत दिख रही थी ठंड के मारे उसने राहà¥à¤² को पकड़ा हà¥à¤† था। राहà¥à¤² मà¥à¤à¥‡ लेने के लिठबाहर आया तो मे दूर à¤à¤¾à¤— गया। कà¥à¤› देर के बाद मैंने à¤à¥€ हिमà¥à¤®à¤¤ करी और पानी मे दोनों पैर रखते ही वापस बाहर आगया। मैंने फिर से पानी मे जाने की हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं की।
यहाठपर करीब 2 घंटे बिताने के बाद हम वापस चल दिà¤à¥¤ लौटते वक़à¥à¤¤ à¤à¤• फौजी à¤à¤¾à¤ˆ ने हाथ दिया उसे à¤à¥€ लेह जाना था और गाड़ी मे जगह à¤à¥€ बहà¥à¤¤ थी तो हमने बिना संकोच कर उसको बिठा लिया। शाम के करीब 6 बजे हम वापस पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ आज लेह मे हमारा आखरी दिन था। कल दोपहर मे हमे घर के लिठवापस निकलना था। रूम मे पहà¥à¤à¤š कर थकान मिटाई गई और फिर लेह बाज़ार की ओर पैदल निकल पड़े। अंकल नहीं आà¤à¥¤ बहà¥à¤¤ दिन हो गठथे अचà¥à¤›à¤¾ खाना खाठसो à¤à¤• बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ से रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट मे दम-आलू और मटन रोगन जोश मंगवाया। डिनर के बाद सीधे रूम पर जाकर सो गà¤à¥¤ इतने दिनों मे आज पहली बार अलारà¥à¤® नहीं लगाया। कल सà¥à¤¬à¤¹ जलà¥à¤¦à¥€ उठने का कोई पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® नहीं था। हम कल लंच के बाद निकलने वाले थ…………..