पà¥à¤°à¥€ से चिलका à¤à¥€à¤² का जो सिरा सबसे नजदीक पड़ता है उसका नाम सतपाड़ा (Satpada) है और ये पà¥à¤°à¥€ से करीब ५० किमी दूरी पर है। सतपाड़ा पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ में अपनी गाड़ी में बमà¥à¤¶à¥à¤•िल सवा घंटे लगते हैं। हाà¤, सामानà¥à¤¯ बस से यही दूरी तय करनें में à¤à¤• घंटा तक जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लग सकता है। सफ़र का आधा हिसà¥à¤¸à¤¾ पतली सड़क पर गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ और कसà¥à¤¬à¥‹à¤‚ के कचà¥à¤šà¥‡ पकà¥à¤•े घरों , खेत खलिहानों को देखते गà¥à¤œà¤°à¤¤à¤¾ है। सतपाड़ा से करीब २० किमी पहले से रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€à¤² के पारà¥à¤¶à¥à¤µ जल के समानांतर चलता जाता है।
सतपाड़ा से नौकाà¤à¤ बंगाल की खाड़ी के मà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¥‡ तक जाती हैं जो कि वहाठसे करीब छः किमी की दूरी पर है। कहते हैं à¤à¤• ज़माने में चिलका के इसी हिसà¥à¤¸à¥‡ से सà¥à¤¦à¥‚र पूरà¥à¤µ तक वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° होता था। à¤à¤¸à¥‡ तो चिलका की विशाल à¤à¥€à¤² में बोटिंग करने का अनà¥à¤à¤µ अपने आप में बेहद सà¥à¤•ून देने वाला है पर चिलका का सौà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ तब और à¤à¥€ खिल उठता है जब तेज सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में इसके विशिषà¥à¤Ÿ अतिथि इसकी दूर-दूर तक फैली हलà¥à¤•ी हरी चादर पर पनाह लेने के लिठआते हैं।
जी हाà¤, मैं उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ साइबेरियन कà¥à¤°à¥‡à¤¨ (Siberian Crane), फà¥à¤²à¥‡à¤®à¤¿à¤‚गो (Flemingo) की बात कर रहा हूठजो रूस और मधà¥à¤¯ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ की बरà¥à¤«à¥€à¤²à¥€ सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से बचने के लिठदिसंबर से मारà¥à¤š तक अपना डेरा डालते हैं। उस वकà¥à¤¤ सारी à¤à¥€à¤² सफेद सी परत लिये दिखती है। यहाठके सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ निवासी इन पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बारे में बड़ी रोचक कथा सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हैं।
कहा जाता है कि पहली बार जब बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ फौजों ने इस रासà¥à¤¤à¥‡ से उड़ीसा की मà¥à¤–à¥à¤¯à¤à¥‚मि पर हमला बोलने की सोची तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ऊà¤à¤šà¥‡-ऊà¤à¤šà¥‡ सफेद वरà¥à¤¦à¥€ पहने सैनिकों की कतार दिखाई पड़ी और वो घबरा कर वापस चले आà¤à¥¤ ये सफेद नकाबपोश और कोई नहीं ये दूर से आने वाले पकà¥à¤·à¥€(Migratory Birds) ही थे।:)
खैर हम ये दृशà¥à¤¯ देखने से वंचित रह गठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि नवंबर के महिने में à¤à¥€à¤² में इन पंछियों ने आना शà¥à¤°à¥ ही किया था। फिर à¤à¥€ दूरदराज में इनकी à¤à¤²à¤• मिलती रही।
नाव के पारà¥à¤¶à¥à¤µ में जो सफेद हलà¥à¤•ी लकीर देख रहें हैं आप, वे पकà¥à¤·à¥€ ही हैं:)।
सतपाड़ा से सी-माउथ (Sea Mouth) यानि समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ मà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¥‡ के रासà¥à¤¤à¥‡ में दोनों ओर नारियल के à¤à¥à¤‚डों के बीच बसे छोटे-छोटे गाà¤à¤µ नज़र आ रहे थे। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नृतà¥à¤¯à¤¾à¤‚गना सोनल मान सिंह (Sonal Man Singh) इसी मिटà¥à¤Ÿà¥€ की उपज हैं। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° गाà¤à¤µ मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ के हैं।
परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों को इस यातà¥à¤°à¤¾ में डॉलफिन के दरà¥à¤¶à¤¨ कराने की बात कही जाती है। पर इससे आप वैसी डॉलफिन ना समठलीजिà¤à¤—ा जिसके करतबों का मà¥à¤œà¤¼à¤¾à¤¹à¤°à¤¾ आप अकà¥à¤¸à¤° टीवी के परà¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर विदेशी फà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ में देखते आठहैं। चिलका की डॉलफिन (Dolphin) पालतू ना होकर पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक हैं और मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बिछाठजालों के आस पास मछलियों का शिकार करने के लिठउछलती रहती हैं।
अब ये नज़ारा जब हमें देखने को मिला और दो-दो कैमरों से इनकी तसवीरें लेने की पà¥à¤°à¤œà¤¼à¥‹à¤° कोशिश की। पर इनकी छलाà¤à¤— में सेकेंड के कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¥‡ में ही ये सतह के ऊपरी हिसà¥à¤¸à¥‡ पर दिखती हैं और उसी समय आपको कैमरे का टà¥à¤°à¤¿à¤—र दबाना होता है। और कà¥à¤¯à¤¾ आप यकीन करेंगे की हमारे समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ पंदà¥à¤°à¤¹ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• में ये डॉलफिन क़ैद की जा सकी, वो à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ जिसमें सामने वाले को बताना पड़े कि ये डॉलफिन है।:)
समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ मà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¥‡ पर हम करीब à¤à¤• घंटे रà¥à¤•े। समà¥à¤¦à¥à¤° और à¤à¥€à¤² के बीच रेत का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ फैला हà¥à¤† है। बारिश के समय चिलका à¤à¥€à¤² जब अपने अधिकतम विसà¥à¤¤à¤¾à¤° पर होती है तब ये देश के सबसे बड़े मीठे पानी की à¤à¥€à¤² बन जाती है जबकि बाकी समय में समà¥à¤¦à¥à¤° की ओर से आता जल इसे नमकीन बना देते हैं।
चिलका में पाया जाने वाला à¤à¥€à¤‚गा बड़ा ही सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ होता है। अब ये मैं अपने नहीं बलà¥à¤•ि अपने सहयातà¥à¤°à¥€ के अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ से बता रहा हूठजिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वापस लौटते समय दिन के à¤à¥‹à¤œà¤¨ में इसका à¤à¤°à¤ªà¥‚र आनंद लिया। वैसे तो अगर समय हो तो चिलका में à¤à¤• रात गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ से यहाठके रमणीक सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ और सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ का दृशà¥à¤¯ देखा जा सकता है पर हमें शाम को जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर के दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¥€ करने थे इसलिठसूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ के पहले हम पà¥à¤°à¥€ लौट आà¤à¥¤