संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ से सौ दो सौ कदमों की दूरी पर हमें साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ मगरमचà¥à¤› का दरà¥à¤¶à¤¨ करने का मौका मिल गया। तार की जाली के पीछे का घर गौरी का था। गौरी इस पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ केंदà¥à¤° (Crocodile Reproduction Centre) की पहली पीढ़ी से तालà¥à¤²à¥à¤• रखती है। 1975 में इस पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ केंदà¥à¤° में लाठगठअंडों को कृतà¥à¤°à¤¿à¤® ढंग से निषेचित कर इसका जनà¥à¤® हà¥à¤† था। दरअसल इसी साल (1975) यूà¤à¤¨à¤¡à¥€à¤ªà¥€ के विशेषजà¥à¤ž डॉ à¤à¤š आर बसà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¡ (Dr. H.R.Bustard) ने यहाठनमकीन पाने वाले मगरमचà¥à¤› की लà¥à¤ªà¥à¤¤ होती पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ को पालो और छोड़ो (Rear and Release) कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के तहत बचाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया। करीब बारह साल की अवधि तक चले इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के दौरान मगरमचà¥à¤›à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ यहाठ96 से बढ़कर 1300 के ऊपर हो गई।
तो बात हो रही थी गौरी की। गौरी का ये नामाकरण उसके हलà¥à¤•े रंग की वज़ह से हà¥à¤† है। गौरी के परिवार को शà¥à¤°à¥ करने के लिठउसके बाड़े में दो बार नर मगरमचà¥à¤›à¥‹à¤‚ को छोड़ा गया। पर गौरी को उनका साथ कà¤à¥€ नहीं रास आया। साथियों के साथ कई बार उसकी जम कर लड़ाई हà¥à¤ˆà¥¤ à¤à¤¸à¥‡ ही à¤à¤• यà¥à¤¦à¥à¤§ में उसे अपनी दायीं आà¤à¤– गà¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€ पड़ी। तब से वो अपने इस बाड़े में अकेली रहती है।
सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ से मगरमचà¥à¤› सà¥à¤¸à¥à¤¤ जीव होते हैं। गौरी को नजदीक से देखने के लिठहम उसके बाड़े के अंदर गà¤à¥¤ गौरी को पानी से बाहर निकालने के लिठà¤à¤• जीवित केकड़ा पानी के बाहर फेंका गया। कà¥à¤› ही देर में गौरी ने हमारी आà¤à¤–ों के सामने उस केकड़े का काम तमाम कर दिया और फिर à¤à¤• गहरी शांति उसके चेहरे पर छा गई।
à¤à¥‹à¤œà¤¨ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने के बाद की शांति जैसे यहाठकà¥à¤› हà¥à¤† ही ना हो..
सच पूछिठतो बाड़े के अंदर खड़े होकर ये सब देखना मेरे लिठपूरी यातà¥à¤°à¤¾ का सबसे à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ दृशà¥à¤¯ था।
गौरी को उसी हालत में छोड़कर हम मगरमचà¥à¤› के शावकों को देखने आगे बढ़ गà¤à¥¤ कीचड़ में लोटते ये शावक किसी à¤à¥€ तरह से à¤à¥‹à¤²à¥‡ नहीं लग रहे थे इसलिठजब हमारे गाइड ने इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हाथ से उठा कर देखने की पेशकश की तो हम सब à¤à¤•बारगी सकपका गà¤à¥¤
कीचड़ में लोटना इन शावकों को खूब पसंद है।
हमारी à¤à¤¿à¤à¤• को देखते हà¥à¤ वहाठके à¤à¤• करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ ने à¤à¤• शावक को हाथ से उठाया और हम सब ने बारी बारी उसे छू à¤à¤° लिया।
à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका में हमारा आखिरी पड़ाव था इकाकà¥à¤²à¤¾ (Ekakula Sea Beach) का समà¥à¤¦à¥à¤° तट। सà¥à¤¬à¤¹ करीब साढ़े दस बजे हम डांगमाल से मोटरबोट के ज़रिठइकाकà¥à¤²à¤¾ की ओर बढ़ गà¤à¥¤ धूप तेज थी इसलिठनौका के ऊपरी सिरे पर बैठना उतना पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤•र नहीं रह गया था। आकाश में हलà¥à¤•े हलà¥à¤•े बादल थे । उनमें से कोई बड़ा बादल जब हमारी नौका के पास आता तो हम ऊपर चले जाते और बादल की छाà¤à¤µ के नीचे मंद मंद बहती बयार का आनंद लेते। पर à¤à¤¸à¥‡ सà¥à¤–द अंतराल पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ कà¥à¤› मिनटों में खतà¥à¤® हो जाते और हमें वापस नौका के अंदर लौट आना पड़ता।
करीब डेढ़ घंटे सफ़र तय करने के बाद हम समà¥à¤¦à¥à¤° के बिलà¥à¤•à¥à¤² सामने आ चà¥à¤•े थे। पर इकाकà¥à¤²à¤¾ के तट तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठछोटी नौका की जरूरत होती है कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि कम गहरे पानी में मोटरबोट तो चलने से रही। इकाकà¥à¤²à¤¾ तट से डेढ किमी दूर आकर हमारी मोटरबोट रà¥à¤• गई। पर छोटी नौका के आने में à¤à¤• घंटे का विलंब हो गया ।
इकाकà¥à¤²à¤¾ के पहले शà¥à¤°à¥ हो जाते हैं मैनगà¥à¤°à¥‹à¤µ के ये जंगल...
छोटी नौका से की गई यातà¥à¤°à¤¾ कम रोमांचकारी नहीं रही। वैसे à¤à¥€ पानी के बहाव को हाथ से छूते हà¥à¤ महसूस करना हो तो इससे बढ़िया विकलà¥à¤ª कोई दूसरा नहीं। वो तो नाविकों की समà¤à¤¦à¤¾à¤°à¥€ थी नहीं तो हम सब तो पूरे पानी में ही गोता लगा लेते। बड़ी नौका से छोटी नौका में उतरते समय धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं रहा और à¤à¤¾à¤°à¥€ लोग à¤à¤• किनारे जा बैठे। नौका को ये बरà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤¤ नहीं हà¥à¤† और उसने बाà¤à¤¯à¥€ ओर बीस डिगà¥à¤°à¥€ का टिलà¥à¤Ÿ कà¥à¤¯à¤¾ लिया हम लोगों को लगा कि गठपानी में। पर नाव खेने वालों ने ततà¥à¤ªà¤°à¤¤à¤¾ से अपना सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बदलकर नाव को संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ किया और हमारी जान में जान आई।
इकाकà¥à¤²à¤¾ के समà¥à¤¦à¥à¤° तट के दूसरी तरफ मैनगà¥à¤°à¥‹à¤µ के जंगल हैं। पर डांगमाल के विपरीत यहाठइनकी सघनता कम है और ये अपेकà¥à¤·à¤¾à¤•ृत और हरे à¤à¤°à¥‡ दिखते हैं।
वैसे ये तो बताइठपेड़ों के तने में बने इन गोल छिदà¥à¤°à¥‹à¤‚ में कौन रहता होगा?
किनारे तक तो पहà¥à¤à¤š गठपर अगली मà¥à¤¶à¥à¤•िल लकड़ी के बने पà¥à¤² तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ की थी। लो टाईड (low tide) होने की वज़ह से पà¥à¤² और पानी के सà¥à¤¤à¤° में काफी अंतर आ गया था। ख़ैर वो बाधा à¤à¥€ नाविकों की मदद से पार की गई।
वैधानिक चेतावनी : Low Tide में पà¥à¤² तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठसà¥à¤¥à¥‚लकाय शरीरवालों को à¤à¤¾à¤°à¥€ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पà¥à¤² पार करते ही इकाकà¥à¤²à¤¾ का फॉरेसà¥à¤Ÿ गेसà¥à¤Ÿ हाउस दिखता है। परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• या तो इसकी डारमेटà¥à¤°à¥€ में रà¥à¤• सकते हैं या बाहर बनाठगठटेंट में। हम à¤à¤• टेंट में अंदर घà¥à¤¸à¥‡ तो देखा कि अंदर दो सिंगल बेड और शौच की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है। सामने इकाकà¥à¤²à¤¾ का साफ सà¥à¥à¤¥à¤°à¤¾ और बेहद खूबसूरत समà¥à¤¦à¥à¤° तट हमारा सà¥à¤µà¤¾à¤—त कर रहा था। रेत की विशाल चादर को पहले à¤à¤¿à¤—ोने की होड़ में लहरें लगी हà¥à¤ˆ थी। हम पहले तो समà¥à¤¦à¥à¤° तट के समानांतर à¤à¥‹à¤ªà¤¡à¤¼à¥€à¤¨à¥à¤®à¤¾ शेड में जा बैठे और कà¥à¤› देर तक शांत मन से समà¥à¤¦à¥à¤° की लीलाओं को निहारते रहे।
इस सà¥à¤µà¤šà¥à¤› सà¥à¤‚दर तट पर आती इन लहरों को कितनी ही देर निहारो.. मन नहीं à¤à¤°à¤¤à¤¾.
नहाने का मन तो बहà¥à¤¤ हो रहा था पर दिन के दो बजे की धूप और वापस तà¥à¤°à¤‚त लौटने की बंदिश की वजह से हम समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ लहरों में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दूर आगे नहीं बढ़े। कहते हैं शाम के समय नदी के मà¥à¤¹à¤¾à¤¨à¥‡ से सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ देखने का आनंद ही कà¥à¤› और है। इकाकà¥à¤²à¤¾ के समà¥à¤¦à¥à¤° तट का फैलाव दूर दूर तक दिखता है। पहले यहाठसमà¥à¤¦à¥à¤° के किनारे काफी जंगल थे जो समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ कटाव के कारण अब कम हो गठहैं।
वैसे सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¬à¤¹ अगर आप इकाकà¥à¤²à¤¾ के तट से चहलक़दमी करना शà¥à¤°à¥ करें तो करीब à¤à¤• सवा घंटा के बाद वैसे ही à¤à¤• सà¥à¤‚दर समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ तट तक पहà¥à¤à¤š जाà¤à¤à¤—े। ये समà¥à¤¦à¥à¤° तट कोई और नहीं गाहिरमाथा का समà¥à¤¦à¥à¤° तट है जो कि विलà¥à¤ªà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ ओलाइव रिडले पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ के कछà¥à¤“ं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अंडा देने की à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– जगह है। कहते हैं कि इस पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ के कछà¥à¤ यहाठहजारों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से अंडे देते आ रहे हैं पर कà¥à¤› दशकों पहले ही इसके संरकà¥à¤·à¤£ में लगे लोगों की इस पर नज़र पड़ी। 1997 में गाहिरमाथा के इस इलाके को मेरीन वनà¥à¤¯ जीव शरण सà¥à¤¥à¤² का नाम दिया गया। इनके गाहिरमाथा में आगमन नवंबर से शà¥à¤°à¥ हो जाता है और तीन चार महिने चलता है। पर हमारे पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ तक ये पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥ नहीं हà¥à¤ˆ थी। वैसे गाहिरमाथा में कछà¥à¤“ं के अंडे देने की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ बड़ी दिलचसà¥à¤ª होती है। जानना चाहें तो यहाठदेखें।
दिन का à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने के बाद हम लोग वापस चल पड़े। दिन की कड़ी धूप गायब हो चà¥à¤•ी थी और रिमà¤à¤¿à¤® रिमà¤à¤¿à¤® बारिश होने लगी थी। हलà¥à¤•ी फà¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡à¤‚ और ठंडी हवा के बीच à¤à¥€à¤—ने का आनंद à¤à¥€ हमने उठाया। आधे घंटे बाद आकाश से बादल छà¤à¤Ÿ चà¥à¤•े थे और गगन इंदà¥à¤°à¤§à¤¨à¥à¤·à¥€ आà¤à¤¾ से उदà¥à¤¦à¥€à¤ªà¥à¤¤ हो उठा था। à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था कि ये नज़ारा à¤à¤—वन ने मानो à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका के विदाई उपहारसà¥à¤µà¤°à¥‚प दिखाया हो। आप à¤à¥€ देखिठना…
पानी को चीरती नाव और आकाश की ये छटा.. आनंदम आनंदम
à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका को यूनेसà¥à¤•ो की वरà¥à¤²à¥à¤¡ हेरिटेज साइट में शà¥à¤®à¤¾à¤° करने का आगà¥à¤°à¤¹ किया है जिसकी सà¥à¤µà¥€à¤•ृत होने की पूरी उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है। अगर आप à¤à¥€à¤¡à¤¼ à¤à¤¾à¤¡à¤¼ से दूर मैनगà¥à¤°à¥‹à¤µ के जंगलों के बीच अपना समय बिताना चाहते हैं तो ये जगह आपके लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ है..
यातà¥à¤°à¤¾ संबंधित कà¥à¤› महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जानकारी
à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका में विदेश से पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठसबसे नजदीकी विमान अडà¥à¤¡à¤¾ à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° है जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पूरà¥à¤µà¥€ राजà¥à¤¯ उड़ीसा की राजधानी है और à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका के गà¥à¤ªà¥à¤¤à¥€ चेक पोसà¥à¤Ÿ से मातà¥à¤° १२० किमी दूरी पर है। दिलà¥à¤²à¥€ और कलकतà¥à¤¤à¤¾ से नियमित उड़ानें à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° के लिठहैं। सड़क मारà¥à¤— से à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° से à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ का रासà¥à¤¤à¤¾ इस शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला की पहली कड़ी में बता चà¥à¤•ा हूà¤à¥¤ वैसे देशी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° के आलावा इस जगह à¤à¤¦à¥à¤°à¤• के रासà¥à¤¤à¥‡ à¤à¥€ आते हैं।
इस पूरे इलाके को देखने के लिठदो रातें, तीन दिन का समय परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। इसमें से पहली रात डाà¤à¤—माल और दूसरी रात आप इकाकà¥à¤²à¤¾ में बने वन विà¤à¤¾à¤— के गेसà¥à¤Ÿ हाउस में बिता सकते हैं। अगर आप उड़ीसा पहली बार आ रहे हैं तो आप अपनी इस यातà¥à¤°à¤¾ में à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°, कोणारà¥à¤•, पà¥à¤°à¥€ और चिलका को शामिल कर सकते हैं।
निजी टूर आपरेटरों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संचालित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का विवरण आप यहाठदेख सकते हैं । इनके पैकेज में à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ से आपको रिसीव कर आपके घूमने, खाने और रहने और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में घà¥à¤¸à¤¨à¥‡ का परमिट की सारी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤ रहती हैं। इनकी दरों के लिठआप इनके जाल पृषà¥à¤ पर इनसे संपरà¥à¤• कर सकते हैं।
सरकारी वन विà¤à¤¾à¤— के गेसà¥à¤Ÿ हाउस के रेट व फोन नंबर यहाठउपलबà¥à¤§ हैं और इसके लिठराजनगर के वन विà¤à¤¾à¤— के डिविजनल फॉरेसà¥à¤Ÿ आफिसर से संपरà¥à¤• किया जा सकता है। यहाठके सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोग आम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ की तरह ही हैं। हिंदी व अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ बोल à¤à¤²à¥‡ ना पाà¤à¤ पर आसानी से समठलेते हैं।