इस महिने आपको ले चलते हैं à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ जगह जो उड़ीसा के परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ मानचितà¥à¤° में तो नज़र आती है पर देश के अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— के लोग शायद ही इसके बारे में जानते हों। ये जगह है उड़ीसा के उतà¥à¤¤à¤° पूरà¥à¤µà¥€ तटीय इलाके के करीब सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ (Bhiterkanika National Park)।
मेरी ये यातà¥à¤°à¤¾ पिछली दà¥à¤°à¥à¤—ा पूजा और दशहरा की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की है। मैं तब उस वकà¥à¤¤ à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गया था। वहीं से à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका जाने का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बना। हमारा कà¥à¤¨à¤¬à¤¾ करीब सवा दस बजे à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° से निकला। हमें à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° से कटक होते हà¥à¤ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ की ओर निकलना था। à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° और फिर कटक की सड़à¥à¤•ों पर दà¥à¤°à¥à¤—ापूजा की गहमागहमी थी पर हाल ही में आई बाढ़ ने माहौल अपेकà¥à¤·à¤¾à¤•ृत फीका अवशà¥à¤¯ कर दिया था।
à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका उड़िया के दो शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ से मिलकर बना है। à¤à¤¿à¤¤à¤° यानि अंदरà¥à¤¨à¥€ और कनिका यानि बेहद रमणीक। केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ (Kendrapada) जिले में अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ ये राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ अपनी दो विशेषताओं के लिठविशेष रूप से जाना जाता है। à¤à¤• तो सà¥à¤‚दरवन के बाद ये देश के सबसे बड़े मैनगà¥à¤°à¥‹à¤µ के जंगलों को समेटे हà¥à¤ है और दूसरी ये कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में नमकीन पानी में रहने वाले मगरमचà¥à¤›à¥‹à¤‚ की सबसे बड़ी आबादी यहीं निवास करती है।
à¤à¥à¤µà¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° से केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ करीब 75 किमी दूरी पर है अगर आप कटक से जगतपà¥à¤° वाले राजà¥à¤¯ राजमारà¥à¤— से जाà¤à¤à¥¤ पर हमने केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ जाने का थोड़ा लंबा रासà¥à¤¤à¤¾ लिया। कटक से चंडीखोल होते हà¥à¤ हमने पारादीप (Paradip) की ओर जाने वाले राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤— ५ (NH- 5) की राह पकड़ ली। चार लेनों की चौड़ाई वाले इस राजमारà¥à¤— पर आप अपनी गाड़ी बिना किसी तनाव के सरपट à¤à¤—ा सकते हैं।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤— के दोनों ओर के दृशà¥à¤¯ बिलà¥à¤•à¥à¤² विपरीत पà¥à¤°à¤•ृति के थे। à¤à¤• ओर तो धान की लहलहाती फसल दिखाई दे रही थी…
तो दूसरी ओर दो महिने पहले आई बाढ़ की वज़ह से उजड़ी फसलों का मंज़र दिख रहा था।
हम लोग तो बारह बजे के करीब केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ पहà¥à¤à¤š गठपर हमारे समूह के ही à¤à¤• और सदसà¥à¤¯ जो दूसरे रासà¥à¤¤à¥‡ से हमें केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ में मिलने वाले थे, सिंगल लेन रोड और à¤à¥€à¤¡à¤¼ à¤à¤¾à¤¡à¤¼ की वज़ह से जलà¥à¤¦à¥€ पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ की बजाठदेर से पहà¥à¤à¤šà¥‡à¥¤ लिहाज़ा दिन का à¤à¥‹à¤œà¤¨ और थोड़ा विशà¥à¤°à¤¾à¤® करने के बाद हमें केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ से निकलते निकलते सवा दो बज गà¤à¥¤
हमारा अगला पड़ाव राजनगर (Rajnagar) था जो कि à¤à¤¿à¤¤à¤°à¤•निका जाने का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤° है। केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¡à¤¼à¤¾ और राजनगर के बीच की दूरी करीब 70 किमी है। इन दोनों के बीच पतामà¥à¤¨à¥à¤¦à¤ˆ (Patamundai) का छोटा सा कसà¥à¤¬à¤¾ आता है। ये पूरी सड़क à¤à¤• लेन वाली है और फिर तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° की गहमागहमी अलग से थी इसलिठचाहकर à¤à¥€ अपने गंतवà¥à¤¯ तक जलà¥à¤¦à¥€ नहीं पहà¥à¤à¤šà¤¾ जा सकता था। हर पाà¤à¤š छः गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ को पार करते ही à¤à¤• मेला नज़र आ जाता था। गाà¤à¤µ के मेलों की रौनक कà¥à¤› और ही होती है… थोड़ी सी जगह में तरह तरह की वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ बेचते फà¥à¤Ÿà¤•र विकà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤¾ और रंग बिरंगी पोशाकों में उमड़ा जन समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ जो शायद à¤à¤• साल से इन मेलों की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ में हो।
राà¤à¤šà¥€ और कटक की दà¥à¤°à¥à¤—ापूजा से अलग जगह जगह दà¥à¤°à¥à¤—ा के आलावा शिव पारà¥à¤µà¤¤à¥€, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की à¤à¥€ मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ मंडप में सजी दिखाई पड़ीं। बाद में पता चला कि इस इलाके का ये सबसे बड़ा तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° है और इसे यहाठगजलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पूजा (Gajlakshmi Puja) कहा जाता है।
राजनगर से आगे हमें गà¥à¤ªà¥à¤¤à¥€ तक जाना था जहाठसे रोड का रासà¥à¤¤à¤¾ खतà¥à¤® होता है और पानी का सफ़र शà¥à¤°à¥ होता है। हरे à¤à¤°à¥‡ धान के खेत अब à¤à¥€ दिखाई दे रहे थे। गà¥à¤ªà¥à¤¤à¥€ के ठीक पहले कà¥à¤› किमी मछà¥à¤†à¤°à¥‹à¤‚ के गाà¤à¤µ के बीच से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ पड़ा। वहीं à¤à¤• à¤à¥‹à¤ªà¤¡à¤¼à¥€ में सौर उरà¥à¤œà¤¾ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करती ये à¤à¥‹à¤ªà¤¡à¤¼à¥€ à¤à¥€ दिखाई दी तो देख कर सà¥à¤–द संतोष हà¥à¤† कि इन à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ इलाकों पर à¤à¥€ सरकार की नज़र है।
ठीक वार बजे हम गà¥à¤ªà¥à¤¤à¥€ के चेक पोसà¥à¤Ÿ पर थे। और ये साइनबोरà¥à¤¡ हमारा चेक पोसà¥à¤Ÿ पर सà¥à¤µà¤¾à¤—त कर रहा था
अगले दो घंटे का सफ़र डेलà¥à¤Ÿà¤¾à¤ˆ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की कà¤à¥€ संकरी तो कà¤à¥€ चौड़ी जलधाराओं के बीच बीता। अगली पोसà¥à¤Ÿ पर आपको मिलवाà¤à¤à¤—े पानी और जंगल में रहने वाले कà¥à¤› बाशिंदों से और साथ ही देखना ना à¤à¥‚लिà¤à¤—ा à¤à¤• दृशà¥à¤¯ जो हमारे इस सफ़र का सबसे बेहतरीन सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¹ रहा।