खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ | बचपन से इतिहास की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों मे पढ़ा था । à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जहाठमूरà¥à¤¤à¤¿à¤•ला के बेजोड़ नमूने à¤à¤•तà¥à¤°à¤¿à¤¤ हैं । पढ़ कर लगता था की न जाने कैसा होगा लेकिन जाने की तमनà¥à¤¨à¤¾ बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¬à¤² थी । खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ की कहानियों और तसवीरों ने दिल मे जगह बना ली थी ।
फरवरी 2020 मे शादी की सालगिरह पर जब पतिदेव ने कहा कि इस बार ऑफिस से छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ लेना मà¥à¤®à¤•िन नहीं तो मेरा सीधा सवाल था “à¤à¤• दिन à¤à¥€ नहीं ?†अब पतिदेव निरà¥à¤¤à¥à¤¤à¤° हो गठऔर पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® बन गया मेरे सपने के सच होने का । जब पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® बनाता है तो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रेल , मेरा पसंदीदा परिवहन का साधन , साथ अवशà¥à¤¯ देता है ।
वह दिन à¤à¥€ आ गया जब हम शनिवार रात को टà¥à¤°à¥‡à¤¨ पकड़ने के लिठनिजामà¥à¤¦à¥€à¤¨ रेलà¥à¤µà¥‡ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ निजामà¥à¤¦à¥€à¤¨ रेलà¥à¤µà¥‡ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से संपरà¥à¤• कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति रात को 8:10 बजे चलती है। सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर à¤à¤¸à¤¾ लगा , जैसे सारे दिलà¥à¤²à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥€ आज इसी सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ इतनी à¤à¥€à¤¡à¤¼ कि कà¥à¤¯à¤¾ बताà¤à¤‚। à¤à¤• महोदय फोन पर बात कर रहे थे कि उनà¥à¤¹à¥‡ खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ की टà¥à¤°à¥‡à¤¨ नहीं मिल रही। हम à¤à¥€ सजग हो गठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जहां टà¥à¤°à¥‡à¤¨ आने वाली थी वहाठà¤à¤• और टà¥à¤°à¥‡à¤¨ आ चà¥à¤•ी थी जो कि माणिकपà¥à¤° जाने वाली थी। तब इंटरनेट का सहारा लिया गया और समाज मे आया कि इस टà¥à¤°à¥‡à¤¨ के कà¥à¤› कोच माणिकपà¥à¤° जाà¤à¤à¤—े और कà¥à¤› खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹à¥¤
टà¥à¤°à¥‡à¤¨ की सà¥à¤–द यातà¥à¤°à¤¾ के बाद सà¥à¤¬à¤¹ हम खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ पहà¥à¤à¤š गठ। सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ से बाहर निकाल कर होटल के लिठटॅकà¥à¤¸à¥€ ली । रासà¥à¤¤à¥‡ मे चालक महोदय से 2 दिन का खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ दरà¥à¤¶à¤¨ बà¥à¤• हो गया । तय यह हà¥à¤¯à¤¾ कि थोड़ा आराम कर के नाशà¥à¤¤à¥‡ के बाद आज लोकल दरà¥à¤¶à¤¨ किया जाà¤à¤—ा ।
खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ के मंदिर 3 à¤à¤¾à¤—ों मे बंटे है : दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ à¤à¤¾à¤—, पूरà¥à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤— और पशà¥à¤šà¤®à¥€ à¤à¤¾à¤—। हमने इसी कà¥à¤°à¤® मे जाने का निशà¥à¤šà¤¯ किया । दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ à¤à¤¾à¤— मे शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की चतà¥à¤°à¥à¤à¥à¤œ मंदिर से । इस मंदिर मे मूरà¥à¤¤à¤¿ का ऊपरी à¤à¤¾à¤— à¤à¤—वान शिव का है, मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— विषà¥à¤£à¥ जी का और नीचे का à¤à¤¾à¤— शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ का । बीजमंडल और धौलदेव मंदिर à¤à¥€ बहà¥à¤¤ खूबसूरत है । पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मंदिर के आगे के à¤à¤¾à¤— को मंडप कहते है , फिर गरà¥à¤à¤—à¥à¤°à¤¹ है। सब मंदिरो का पà¥à¤°à¤¦à¤•à¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ मारà¥à¤— अतà¥à¤¯à¤‚त सà¥à¤‚दर है। पà¥à¤°à¤¦à¤•à¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ मारà¥à¤— के दीवारों पर मूरà¥à¤¤à¤¿à¤•ला के बेजोड़ नमूने है । कहीं शà¥à¤ विवाह की तसà¥à¤µà¥€à¤° है जिसमे बारात मे हाथी , घोड़े और पालकी है और कहीं सैनिक यà¥à¤¦à¥à¤§ के लिठजा रहे है।
पूरà¥à¤µà¥€ समूह के मंदिरों मे मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤¾ जैन मंदिर है जिनमे à¤à¤—वान पारà¥à¤¶à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ , बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ मंदिर, आदिनाथ मंदिर, जावरी और वामन मंदिर है।
दीवारों पर उतà¥à¤•ीरà¥à¤£ मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ न जाने कितना कà¥à¤› कहती है जिसको शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ मे पिरोना संà¤à¤µ नहीं। à¤à¤—वान राम और सीता जी को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठसाथ मे छोटे से हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी बनाठहै जो à¤à¤—वान राम की उंगली पकड़े है। विषà¥à¤£à¥ जी को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठहाथ मे चकà¥à¤° है। à¤à¤• à¤à¤• मूरà¥à¤¤à¤¿ पर कितनी मेहनत की गयी होगी, कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कर पाना à¤à¥€ मà¥à¤¶à¥à¤•िल है ।
पूरà¥à¤µà¥€ और दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ à¤à¤¾à¤— देखने के बाद हमने खाना खाया और होटल मे थोड़ा आराम à¤à¥€ किया। शाम को हम लोग पशà¥à¤šà¤®à¥€ à¤à¤¾à¤— देखने के लिठनिकले। पशà¥à¤šà¤®à¥€ à¤à¤¾à¤— के देवालयों को à¤à¤• ही परिधि मे लाया गया है। पशà¥à¤šà¤®à¥€ समूह मे देवी मंडप, वाराह मंडप, लकà¥à¤·à¤®à¤£ मंदिर, कंधारीय महादेव और जगदमबी देवी मंदिर है। लकà¥à¤·à¤®à¤£ मंदिर और कंधारीय महादेव मंदिर खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ के सबसे बड़े मंदिरों मे से है। ऊंचाई लगà¤à¤— 30 मीटर है। दसवी शतIबà¥à¤¦à¥€ मे जब विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और तकनीक इतनी विकसित नहीं थी , उस वकà¥à¤¤ इतने ऊंचे à¤à¤µà¥à¤¯ विशाल मंदिरों का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किसी अजूबे से कम नहीं।
पà¥à¤°à¤¦à¤•à¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ मारà¥à¤— मे मानवीय à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ यह मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ अचंà¤à¤¿à¤¤ कर देती है। लगता है मानो à¤à¤• à¤à¤• हाव à¤à¤¾à¤µ को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ मे मूरà¥à¤¤à¤¿à¤•ारों ने अपनी जान लगा दी। नारियों के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ कलापों को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करके आते हà¥à¤¯à¤¾, शृंगार करते हà¥à¤¯à¥‡, दरà¥à¤ªà¤£ मे निहारते हà¥à¤¯à¥‡ , पोधों को पानी देते हà¥à¤¯à¥‡, पाà¤à¤µ से काà¤à¤Ÿà¤¾ निकलते हà¥à¤ ।
खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ की बात हो तो, यहाठकी à¤à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤• मूरà¥à¤¤à¤¿à¤“ की बात करना आवशà¥à¤¯à¤• है। मेरे विचार मे खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ के बारे मे यह पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ कर के बहà¥à¤¤ नाइंसाफी हो गयी इस जगह के साथ। 10% से à¤à¥€ कम मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ कामà¥à¤•ता को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ है लेकिन इस के कारण बहà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¯à¤Ÿà¤• शायद नहीं आ पाते हैं लेकिन वासà¥à¤¤à¤µ मे खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ इस से बहà¥à¤¤ परे है।
कहते हैं कि पहले खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ का पूरा इलाका जल से रा था और राजा नाव मे बैठकर इन देवालयों के दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठआते थे । बहà¥à¤¤ समय तक यह देवालय खजूर के बड़े बड़े जंगलों मे दबे रहे। इसीलिठइसका नाम खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ पड़ गया। à¤à¤• यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान à¤à¤• बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤•, टी.à¤à¤¸. बरà¥à¤Ÿ, ने इन मंदिरों को खोजा। यहाठबहà¥à¤¤ सी मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ खंडित à¤à¥€ है। कहा जाता है कि मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शासकों के समय मे इन मंदिरों को नषà¥à¤Ÿ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया , रख रखाव à¤à¥€ ठीक से नहीं हà¥à¤† और अब 85 मंदिरों मे से केवल 25 मंदिर ही बचे है। धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से देखने से यह बात ठीक ही मालूम होती है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अधिकतर मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के चेहरे पर पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° किया गया है। कà¥à¤› मंदिर बिजली गिरने से à¤à¥€ खंडित हà¥à¤¯à¥‡ है।
लेकिन फिर à¤à¥€ इनकी à¤à¤µà¥à¤¯à¤¤à¤¾ देखते ही बनती है। à¤à¤²à¥‡ ही इनकी पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¿ ताजमहल जैसी नहीं है परंतॠअपनी शानदार मूरà¥à¤¤à¤¿à¤•ला और वासà¥à¤¤à¥à¤•ला के कारण यह किसी à¤à¥€ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• से कम नहीं ।
शाम को करीब 6 बजे नृतà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® होता है। यह कई जगह पर आयोजित किया जाता है । हमे चालक महोदय à¤à¤• जगह ले गà¤à¥¤ बà¥à¤‚देलखंड की खास नृतà¥à¤¯ शैली मे यहाठकी पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ मन मोह लेने वाली थी। नरà¥à¤¤à¤• और नरà¥à¤¤à¤•ियों की कà¥à¤² 5-7 पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हà¥à¤ˆ । कलाकारों की मंद मंद मà¥à¤¸à¥à¤•ान के साथ चेहरे पर मासूमियत मन जीत लेती है। यह पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ देख कर अपने à¤à¤¾à¤°à¤¤ पर , à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•ृति पर गरà¥à¤µ होता है। धनà¥à¤¯ है यह कलाकार जो इस संसà¥à¤•ृति को ज़िंदा रखे हà¥à¤¯à¥‡ है। अंतिम पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ मे मारà¥à¤¶à¤² आरà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया जिसमे à¤à¤• से à¤à¤• हैरान कर देने वाले करतब पेश किठगठ।
डांस शो के बाद हम लाइट और साउंड शो देखने गठजो कि पशà¥à¤šà¤®à¥€ à¤à¤¾à¤— के मंदिरों के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण मे आयोजित होता है। 6:30 से यह अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ मे और 7:30 बजे से हिनà¥à¤¦à¥€ मे होता है। नृतà¥à¤¯ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® देखने के कारण हमने हिनà¥à¤¦à¥€ वाला शो देखा। अमिताठबचà¥à¤šà¤¨ की आवाज़ मे रेकॉरà¥à¤¡ किया गया शो इन देवालयों के इतिहास के बारे मे बताता है। पà¥à¤°à¤•ाश की किरणों और साउंड इफैकà¥à¤Ÿ से बहà¥à¤¤ कà¥à¤› कहने का अचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है ।
इन देवालयों की यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान मन मे बहà¥à¤¤ से à¤à¤¾à¤µ आना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है। लेकिन मेरे मन मे जो à¤à¤¾à¤µ आया वो था वैरागà¥à¤¯ का à¤à¤¾à¤µ, जीवन के कà¥à¤·à¤£ à¤à¤‚गà¥à¤°, नशà¥à¤µà¤° होने का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸à¥¤ मूरà¥à¤¤à¤¿à¤•ार इन मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से यही तो कहना चाह रहे है। यह खà¥à¤¶à¥€- गमी , दà¥à¤–-सà¥à¤–, यह शृंगार-परिधान, यह मनोà¤à¤¾à¤µ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤¸à¥‡ ही अनà¥à¤à¤µ करता आ रहा है। यह चकà¥à¤° चलता आया है और चलता रहेगा, सिरà¥à¤« चेहरे बादल जाà¤à¤à¤—े।
खजà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥‹ जाने के बाद पता चला कि यह डेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¤¶à¤¨ वैडिंग के लिये बहà¥à¤¤ पसंद किया जाता है। जिस होटल मे हम लोग ठहरे थे वहाठपर à¤à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ से शादी के लिठलोग आठथे। उन महाशय से à¤à¥€ मà¥à¤²à¤¾à¤•़ात हà¥à¤¯à¥€ जिनसे निज़ामà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ रेलà¥à¤µà¥‡ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर हà¥à¤ˆ थी । वह à¤à¥€ शादी मे समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होने आठथे। पूरे रिज़ॉरà¥à¤Ÿ को दà¥à¤²à¥à¤¹à¤¨ कि तरह सजाया गया था। खाना खाने के बाद टहलते हà¥à¤ शादी की धूम का मज़ा लिया ।
रानेह फ़ॉलà¥à¤¸ और पांडव फ़ॉलà¥à¤¸ की यातà¥à¤°à¤¾ मेरी अगली पोसà¥à¤Ÿ मे ……..