शहर का मेला – सूरजकà¥à¤‚ड
मेले में à¤à¤‚टà¥à¤°à¥€ करते ही आपको अनायास ही दिलà¥à¤²à¥€ हाट का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ आता है, इस तरह का अधिकतर साजो सामान वहीठमिलता है। वैसे à¤à¤• बात और बताना चाहूंगा की इस मेले में यदि आप शà¥à¤°à¥‚आती दिनों में आà¤à¤‚गे तो सामान कà¥à¤› अधिक कीमत पर मिलता है लेकिन अगर आप अंतिम शेष 2-3 दिनों में आà¤à¤‚गे तो सामान की कीमत में अचà¥à¤›à¤¾ खासा फरà¥à¤• देखने को मिलेगा कà¥à¤¯à¥‚ंकि विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से आये हà¥à¤ विकà¥à¤°à¥‡à¤¤à¤¾ अपना सामान वापिस ले जाने के बदले सà¥à¤Ÿà¥‰à¤• कà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤° करने में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रूचि रखते हैं। घर के लिठयदि आप फरà¥à¤¨à¥€à¤šà¤°, चादर, वूडेन डेकोरेटिव आइटमà¥à¤¸ आदि लेने के मूड में हैं तो सावधानी पूरà¥à¤µà¤• मोलà¤à¤¾à¤µ करने के बाद आगे की सोच सकते हैं अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ जेब की सलामती के लिठमेरे जैसे अनारी तो कृपया दूर ही रहे। वैसे हमारा शॉपिंग वगैरह का विचार नहीं था, फिर à¤à¥€ à¤à¤• बेडशीट, वेसà¥à¤Ÿà¤•ोट, लेडीज सूट और टॉय सà¥à¤Ÿà¥‡à¤šà¥‚ जो की हम मधà¥à¤¯à¤®à¤µà¤°à¥à¤—ीय लोगों की जेब के अनà¥à¤•ूल थे, ले ही लिया। Â
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